#रहस्यमई_महाभारत_कालीन_विमान

अफगानिस्तान में टाइम वेल में फंसा मिला महाभारत कालीन विमान

महाभारत कल्पना नहीं, एक हकीकत...

लंबे समय से रामायण, महाभारत काल को केवल एक काल्पनिक गाथा के रुप में माना जा रहा था। परंतु यह सत्य नहीं है। जो लोग इस काल को काल्पनिक मान रहे हैं, (1/12)
उन्हें अब यह स्वीकार करना होगा कि महाभारत और रामायण काल भारत का गौरवमयी इतिहास था। जिसे कोरी कल्पना मानना एक भूल थी। अफगानिस्तान की विशाल गुफा में टाइम वेल में 5000 साल पुरान महाभारत कालीन विमान के फंसे होने की पुष्टि हुई है। इस विमान के मिलने का खुलासा वायर्ड डॉट कॉम की (2/12)
एक रिपोर्ट में किया गया है।

अफगानिस्तान में सदियों पहले था आर्यों का राज...

मौजूदा अफगानिस्तानन में हिंदू कुश नाम का एक पहाड़ी क्षेत्र है। जिसके उस पार कजाकिस्तान, रूस और चीन देश हैं। ईसा के 700 साल पूर्व तक यहां पर आर्यों का साम्राज्य था। इसके उत्तरी क्षेत्र में गांधार (3/12)
महाजनपद था। जिसके बारे में महाभारत के अलावा कई अन्य ग्रंथों में उल्लेख मिलता है। अफगानिस्तान की सबसे बड़ी होटलों की श्रृंखला का नाम आर्याना था। इतना ही नहीं हवाई कंपनी भी आर्याना के नाम से जानी जाती थी। इस्लाम धर्म से पहले मौजूदा अफगानिस्तान को आर्याना, आर्यानुम्र वीजू, (4/12)
पख्तिया, खुरासान, पश्तूनख्वाह और रोह नामों से पुकारा जाता था। वहीं पारसी मत के प्रवर्तक जरथ्रुष्ट द्वारा रचित ग्रंथ जिंदावेस्ता में इस भूखंड को ऐरीन-वीजो या आर्यानुम्र वीजो कहा गया है। सबसे खास बात यह है कि मौजूदा अफगानिस्तान के गांवों में बच्चों के नाम कनिष्क, आर्यन, (5/12)
वेद हैं। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि यहां पर कभी आर्यों का राज था।

अफगानिस्तान की गुफा में मौजूद है 5000 साल पुराना विमान...

मौजूदा अफगानिस्तान में 5000 साल पुराने महाभारत कालीन एक विमान मिला है। यह विमान महाभारत काल का माना जा रहा है। इसका खुलासा वायर्ड डॉट कॉम (6/12)
की एक रिपोर्ट में किया गया है। अफगानिस्तान की एक प्राचीन गुफा में महाभारत काल का यह विमान टाइम वेल में फंसा हुआ है। इसी कारण यह आज तक सुरक्षित बना हुआ है। जो विमान मिला है, इसके आकार प्रकार का पूर्ण विवरण महाभारत व अन्य प्राचीन ग्रंथों में मौजूद है। वायर्ड डॉट कॉम की (7/12)
एक रिपोर्ट में किए गए खुलासे अनुसार प्राचीन भारत के पांच हजार वर्ष पुराने इस विमान को बाहर निकालने की सभी कोशिशें नकाम हो चुकी है। अमेरिका नेवी के आठ कमांडो इस विमान के पास पहुंचने में कामयाब भी हुए। परंतु टाइम वेल सक्रिय होने पर यह सभी गायब हो गए। अमेरिकी, रुस राष्ट्रपति (8/12)
सहित ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के राष्ट्राध्यक्षों के साथ मिलकर इस साइट का अतिगोपनीय दौरा भी किया जा चुका है।

क्या होता है टाइम वेल...

टाइम वेल इलेक्ट्रोमैग्नेटिक शॉकवेव्स से सुरक्षित क्षेत्र होता है। इस कारण इस क्षेत्र में मौजूद सामान सुरक्षित रहता है। यही कारण है कि (9/12)
इस विमान के पास जाने की चेष्टा करने वाला कोई भी व्यक्ति इसके प्रभाव के कारण गायब या अदृश्य हो जाता है।

विमान की क्या है खासियत...

रशियन फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विज की रिपोर्ट अनुसार इस 5000 साल पुराने विमान का जब इंजन शुरू होता है। जिसमें से बहुत तेज रोशनी ‍निकलती है। इस (10/12)
विमान के चार पहिए है। इसमें कई तरह के हथियार भी लगे हुए हैं। यह सभी हथियार प्रज्जवलन शील है। इन्हें किसी लक्ष्य पर केन्द्रित किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह टाइम वेल सर्पाकार है। इसके संपर्क में आते ही सभी जीवित प्राणियों का अस्तित्व समाप्त हो जाता है। इस (11/12)
सर्पाकार टाइम वेल की थ्योरी समझने के लिए वैज्ञानित प्रयासरत हैं। फिलहाल तक इस टाइम वेल का समाधान नहीं निकाला जा सका है।

#साभार
(12/12)
🙏🙏

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Feb 6
कोई नहीं है टक्कर में। मोदी की लोकप्रियता ने साबित किया, राहुल गांधी का नफरत का बाजार और मोहब्बत की दुकान खोलने का ढकोसला फेल हो गया।

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Feb 6
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(2/8)
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Feb 6
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क्या इस ब्रह्माण्ड का सचालन ही नहीं हो सकता। आज के ज़माने में स्त्री को केवल शरीर की भोग की वास्तु बना दिया है जबकि उसमे निहित असली ऊर्जा पुंज को भुला दिया गया है। जिनको कुण्डलिनी का नाम दिया गया है।

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Feb 5
क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर यह सेकुलर जगत अडानी से इतनी नफरत क्यों करता है?

इसका कारण बहुत जोरदार है।

भारत में उद्योगपतियों की एक संस्था है जिसका नाम है कनफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री यानी सीआईआई।

गुजरात दंगों के 2 साल के बाद जब देश में कांग्रेस सत्ता में थी तब (1/12)
दिल्ली में इस सीआईआई की बैठक हुई।

कनफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री ने जब अपना संविधान बनाया था तब उस संविधान में स्पष्ट लिखा है कि यह संस्था सिर्फ भारत के उद्योग जगत के लिए काम करेगी। इस संस्था के मंच पर कोई भी राजनीतिक गतिविधि नहीं होगी। कोई भी ऐसी गतिविधि नहीं होगी जो (2/12)
भारत के उद्योग जगत से अलग हो और जब से यह संस्था बनी तब से इस संस्था के मंच पर सिर्फ भारत के उद्योग जगत के समस्याएं चुनौतियां इत्यादि के बारे में चर्चा ही होती थी... यह संस्था भारत के उद्योग जगत के फायदे के लिए अपनी एक मांग बनाकर सरकार के सामने रखती थी।

फिर एक अमित मित्रा (3/12)
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