वैलेंटाइन डे की बधाई
बधाई उनको
जो प्रेम में पड़कर तोतले हुए
और उनको भी जो तोतले होने की कगार पर हैं।
वे जो सब छोडछाड़ कर सीमाओं पर गए
और हव्य हो गए अपने पर्स के गैलरी में अपनी प्रेमिका की तस्वीर लगाए लगाए
कुछ लाल पीले गुलाबों के साथ बधाई उनको भी।
थोड़ी सी बधाई उन गायों को भी
जो दुहकर छोड़ दी गईं
और जो कूड़े के ढेरों में मुंह मारने को संतप्त हैं।
बधाई उन सांड़ो को भी
गाय जिनकी माता है लेकिन जिन्हें
सिर्फ दूध पीना आता है।
बधाई उन समस्त जीव प्रजातियों को
जो बीते साल विलुप्त हुए
या इस साल विलुप्त होने वाले हैं।
बधाई उन बुजुर्गों को
जो वृद्धाश्रमों की शोभा हैं
और जिनके बच्चे पांच सितारा कंपनियों के स्टार
बधाई उस नव प्रसूता मां को
जो अपनी बच्ची को बेबी बैग में लादे
खाने की डिलीवरी करती है।
बधाई उस कलूटी स्त्री को जो भट्टे के लिए
ईंटे थापती है
सुखाती है
फिर चिमनी में लगाती है।
बधाई उस बाप को
जो रेलवे स्टेशन पर घूमती पगलेट औरत की कोख में बीजारोपण करके आया है
और दारू के नशे में नाली पर सो रहा है।
बधाई उस नवविवाहिता को
जो अपनी दीर्घ शंका को रोके
रात होने के इंतजार में बैठी है।
बधाई उस बेवा को
जिसके बोलने पर अब फूल नहीं आंसू झरते हैं।
बधाई उन डेंटेड पेंटेड कवियों कवयित्रियों को
जो वातानुकूलित कक्ष में बैठ
सर्दियों और गर्मियों पर
कविताएं और लेख लिखते हैं।
बधाई हर उस कटे हुए पेड़ के ठूंठ को
जिसमे हरे हरे कल्ले फिर से फूट आए हैं।
बधाई उस न्यायाधीश को
जिसने सात साला बच्चे को
ईशनिंदा के जुर्म में
मौत की सजा सुनाई है।
बधाई उन स्वयं सेवकों कर्मचारियों अधिकारियों को
जो तुर्की और सीरिया में
वेलेंटाइन वाले दिन भी फूलों की जगह
पत्थर हटाने में लगे हैं
ताकि जिंदगी की कोई आखिरी उम्मीद को भी
बचाया जा सके।
ख़बर ये है कि पूरा "अडानी गैंग" पिछले एक हफ़्ते से अबुधाबी में डेरा डाले बैठा है..अडानी गैंग "अबुधाबी इन्वेस्टमेंट ऑथोरिटी" (ADIA) और दूसरे 'अरबी शेख़ इंस्टिट्यूशन से 8000-10,000 करोड़ का इन्वेस्टमेंट मांग रहा है..
'अरबी अब तक पैसा लगाने तैयार नहीं है..'अरबियों को मुम्बई एयरपोर्ट, भारत के पोर्ट वग़ैरह पसन्द है..पर भारत के पोर्ट, एयरपोर्ट राष्ट्रीय सुरक्षा का मु'आमला है..अडानी को बचाने देश के पोर्ट, एयरपोर्ट कैसे बेचे जा सकते है?
अडानी मुसलमानों के पास क्यो गया? मोदी ने NRI को देश की ताक़त बताया था..अडानी को तो "हाऊडी अडानी" जैसा एक इवेंट करना था और मोदी उस इवेंट में बोलता : "अबकी बार अडानी सरकार"..
करीब 12 सौ करोड़ की लागत से दुर्गम घाटियों और पहाड़ियों की बीच 13-14 साल में बनाने वाली जम्मू से कटरा रेल लाइन का उद्घाटन प्रधानमंत्री बनाने के महज दो महीने बाद 4 जुलाई 2014 को करते हुए मोदीजी ने कहा...
-देश की पिछली सरकारों ने 70 साल में कुछ नहीं किया...
16 अगस्त 2014 को देश में ही निर्मित जंगी जहाज INS कोलकाता को राष्ट्र को समर्पित करते हुए मोदीजी दहाड़े...
-देश की पिछली सरकारों ने 70 साल में कुछ नहीं किया...
24 सितंबर 2014 को मंगलयान के मंगल पर पहुंचने पर एक बार फिर मोदी जी ने हुंकार भरी...
-देश की पिछली सरकारों ने 70 साल में कुछ नहीं किया...
भारतीय नौसेना के सबसे ताकतवर युद्धपोत आईएनएस कोच्चि को 29 सितम्बर 2015 को देश के हवाले करते हुए मोदीजी चिल्लाये....
-देश की पिछली सरकारों ने 70 साल में कुछ नहीं किया...
तोब्रुक गिर चुका है।
" पिछले पखवाडे मे सैनिक बदकिस्मतीयों ने युद्ध के हालात पूरी तरह से बदल दिये है।हमने पचास हजार से ज्यादा जवान खो दिये हैें रोमेल 400 मील आगे बढ चुका है। और अब वो नील नदी के उपजाउ डेल्टा की तरफ बढ रहा है। इन घटनाओ के नतीजे कितने घातक होंगे, कहा नही जा सकता"
ब्रिटिश पार्लियामेण्ट मे चर्चिल की आवाज गूंज रही है।
पिछले प्रधानमंत्री नेविल चेम्बरलेन, हिटलर को समझने और सम्हाल पाने मे गच्चा खा गए थे। पूरे वक्त चर्चिल पार्लियामेण्ट मे शरमिंदा करने वालों मे सबसे आगे थे। पहले से ही हिटलर के खिलाफ सैनिक अभियानों की वकालत करते रहे थे।
जब चेम्बरलेन ने इस्तीफा दिया, चर्चिल को जिम्मेदारी मिली, और वे आज, इसमे फेल चुके थे।
1942 की जून तक, युद्ध लड़ते प्रधानमंत्री चर्चिल को दो साल हो चुके थे। लंदन पर दिन रात बम गिर रहे थे। एम्पायर का जलवा खत्म होने को था। हिटलर यूरोप का मालिक हो चुका था,
ये सबसे बड़ा लॉस है।
हमारी सोसायटी में 5% लोग ही अर्थकर्म "चलाते" हैं। बाकी 95% महज उसे "चलाने में मददगार" होते हैं, इनकी नौकरी करते हैं।
जाने वाले 5% वो लोग हैं, जो वेल्थ क्रियेटर हैं। ध्यान दें, ये NRI पासपोर्ट वाले लोग नही है, ये वीजा लेकर पढ़ने-नौकरी के लिए जाने वाले
लोग भी नही है। ये नागरिकता "पूरी तरह छोड़ने" वाले लोग हैं।
ये वो हैं, जिन्होंने अन्यत्र सिटिजनशिप खरीदी है। सेटल्ड हैं, वेल ऑफ हैं, विदेशी नागरिकता खरीदने में सक्षम हैं। अर्थात, उस देश की इकॉनमी में हैवी इन्वेस्टमेन्ट का ऑफर देते हैं।
वहां सब्सटेंशियल वैल्यू की प्रॉपर्टी या बिजनेस खोलते हैं।
एक व्यक्ति अपने 10 करोड़ रुपये भी साथ लेकर गया, तो 2.25 लाख व्यक्ति से गुणा कर लें। सरकार के साल भर के बजट से ज्यादा है। लीगली लेकर गए। कोई सरकार, क़ानूम, भाषण, देशभक्ति इन्हें रोक नही सकता।
पिछले पाँच साल से नोयडा में जॉब करने के बावजूद कट्टर हिन्दू चैतू पंडी आज भी सिंगल है. सिंगल होने के अलावा उसकी दूसरी विशेषता यह है कि वह एक जागरुक हिंदू कट्टर है. पिछले तीन दिन से ही वह वाट्सएप पे लगातार यह संदेश पढ़ रहा था कि चौदह फरबरी को वैलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ
पूजन दिवस मनाना है.
खैर, आज वैलेंटाइन डे..माफ कीजिएगा आज मातृ-पितृ पूजन दिवस है !! सच्चा हिंदू चैतू सुबह सुबह नहा धो के अपनी कार से आगरा के लिए निकल गया जहाँ उसके माँ बाप रहते हैं. उसने सोचा कि आज मातृ-पितृ पूजन दिवस पे अपने मम्मी-पापा को सरप्राइज़ देगा. मगर यह क्या?
जैसे ही वह आगरा अपने मम्मी-पापा के घर पहुँचा उसको पता चला मम्मी पापा तो घर पे हैं ही नहीं. पिताजी को फोन करने पे मालूम हुआ कि वे भी सुबह सुबह अपने गाँव चले गए हैं जहाँ चैतू के दादा दादी रहते हैं. अंकित के पिताजी ने भी वाट्सएप पे वही मेसेज पढ़े थे