1) आँवले का सेवन - विटामिन सी व ई से भरपूर अनाज़ व फलों का सेवन करें, जैसे- आँवला, व अंकुरित अनाज.
2 ) तेल का प्रयोग कम करें - सभी सब्ज़ियों में तेल का प्रयोग नहीं के बराबर करें। यदि करना है तो राइस ब्रान, तिल का तेल या सोया तेल का प्रयोग करें।
3) खट्टे फल लें - सप्ताह में 3 से 4 बार रसदार खट्टे फल ज़रूर खाएँ ।
4) हल्दी का उपयोग लाभप्रद - हृदय रोगी को हल्दीवाला पानी पीना चाहिए। हल्दी हमारे रक्त को गाढ़ा होने से बचाती है, जिससे हार्ट अटैक व हृदय संबंधी अन्य रोगों की संभावना कम हो जाती है।
5) हींग का उपयोग करें - हींग का प्रयोग ज़रूर करें। यह गैस को मिटाता है। साथ ही छाती की धड़कन व दर्द को मिटाता है। इसे पानी में थोड़ा सा मिलाकर ले सकते हैं। उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में करता है।
6) सोया मिल्क का उपयोग - सोया मिल्क का प्रयोग भी हृदय के लिए लाभदायक है।
7) नमक का इस्तेमाल करें कम - हृदय रोगी या उच्च रक्तचापवालों को नमक का इस्तेमाल कम करना चाहिए। उसकी जगह पर सेंधा नमक का इस्तेमाल करें। सामान्य व्यक्ति भी पहले से ही इस नमक का प्रयोग करे तो हृदय रोग से बच सकता है।
8) सफेद प्याज़ है हृदय के लिए लाभकारी - प्याज़ के सेवन से वात, पित्त, क्षयरोग व हृदय की बीमारियों में फायदा होता है। हो सके तो सफेद प्याज़ का सेवन करें ।
9) अदरक है फायदेमेंद - अदरक का प्रयोग चटनी, सब्ज़ी में डालकर कर सकते हैं। खाने से पहले अदरक दो-तीन टुकड़े खाने से लाभ होगा। स्वस्थ हृदयवाले भी इसका प्रयोग करें।
10) अर्जुन का उपाय हृदय रोग से बचाय - अर्जुन की छाल का पाउडर या उससे बनी 2 गोलियाँ सुबह- शाम लेने से हृदय रोग में आराम मिलता है।
11) सूखे मेवे बचाय ह्रदय रोग से - रोज़ बादाम, अखरोट, अंजीर, तरबूज़, पीच, काले अंगूर, शकरकंद आदि लेने से कॉपर की मात्रा बढ़ती है, जो इस बीमारी को दूर करने में सहायता करती है।
12) हृदय ब्लॉकेज के लिए घरेलू नुस्खा - जिनके हृदय की नली में ब्लॉकेज है उन रोगियों को यह नुस्खा ज़रूर चाहिए। ⤵️
दालचीनी, काली मिर्च, तेजपत्ता, तरबूजे का बीज, मिश्री, अखरोट और अलसी इन सभी को 10-10 ग्राम लेकर उसका पाउडर बनाएँ। फिर इसकी 10 पुड़िया बना लें। रोज सुबह-शाम दो कप पानी में डालकर उबालें। पानी आधा रह जाए तब छानकर पी लें। इसे लेने के बाद 1 घंटे तक कुछ न लें।
13) तुलसी का सेवन हृदय रोग से बचाय - तुलसी के 4 से 5 पत्ते रोज सुबह खाएँ । यह दिल की बीमारी में फायदेमंद है।
14) छिलकेवाली दाल है उपयोगी - छिलकेवाली दालों का प्रयोग करें, फायदा होगा।
15) एलोवेरा का उपयोग - एलोवेरा के गुदे में हृदय रोगों को दूर करने की क्षमता है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में रखता है। सुबह-शाम 100-100 ग्राम गुदा खाने से कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम होती है।
16) पुदीना भी है फायदेमंद - पुदीने को किसी भी रूप में सेवन कर सकते हैं। इसके सेवन से हृदय की कमज़ोरी दूर होती है।
17) सोंठ पाउडर का उपाय - हृदय कमज़ोर हो गया है या धड़कन धीमी हो रही है तो सोंठ पाउडर गर्म पानी में डालकर उबालें। उसमें थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर सेवन करें।
18) हल्दीवाले चने भी है लाभदायक - हृदय रोग में खून में चरबी बढ़ती है तो भूने हुए हल्दीवाले चने खाएँ ।
19) हृदय रोगों से रक्षा करे गिलोय - हृदय संबंधी रोग में गिलोय का प्रयोग ज़रूर करें। इससे उच्च रक्तचाप नियंत्रण में रहता है। कोलेस्ट्रोल बराबर रहता है। खून की कमी दूर होती है व शुद्ध खून का निर्माण होता है।
20) उत्तम है छाछ का सेवन - भोजन के बाद छाछ व दही का प्रयोग करें।
21) अदरक का रस भी है गुणकारी - अदरक का रस निकालकर थोड़ा-थोड़ा पिएँ ।
☆ हृदय को मजबूत करने के लिए जूस का प्रयोग :
1. सप्ताह में 4-5 बार खट्टे फल जैसे - नारंगी, संतरा, किन्नू आदि का जूस लें। खट्टे जूस में विटामिन सी होता है, साथ ही बीटा कैरोटीन प्राप्त होता है।
2. नींबू का शरबत दिन में 2 बार लें।
3. गाजर का जूस भी ले सकते हैं।
4. 600 ग्राम अदरक+ 600 ग्राम नींबू + 600 ग्राम पके सेब + 600 ग्राम लहसुन लें। इन सबको पीस लें। धीमी आँच पर इन्हें उबालें। जब १ कप जूस कम हो और 3 कप रह जाए तब ठंडा होने पर 3 कप शहद मिलाकर काँच की बोतल में भरकर रखें। रोज़ सुबह-शाम 2 चम्मच लें। इसे लेने के बाद 1 घंटे तक पानी न पिएँ।
☆ कोलेस्ट्रोल कैसे कम करें ?
1. कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए लहसुन का प्रयोग करें।
2. अलसी या इसका तेल प्रयोग में लाएँ। इसमें ओमेगा 3 व ओमेगा 6 पूर्ण मात्र में होता है। इससे खराब कोलेस्ट्रोल कम होता है व अच्छा कोलेस्ट्रोल बनता है।
3. ओट्स का प्रयोग करें।
4. कढीपत्ते का सेवन करने से कोलेस्ट्रोल कम होता है।
5. हरे धनिए का या बीजों का सेवन करने से कोलेस्ट्रोल नियंत्रण में रहता है।
6. मेथी दाने भी कोलेस्ट्रोल को नियंत्रण में रखते हैं।
7. दालचीनी व लेंडी पिपली का पाउडर, लहसुन 2 से 3 कली, 1 कप पानी, 1 कप दूध लेकर आधा रहने तक उबालें। फिर इसे छानकर सुबह लें।
8. लहसुन चबा-चबाकर खाने से कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम होती है।
9. बीजवाले अंगूर का सेवन करें। अच्छे कोलेस्ट्रोल का निर्माण होता है।
10. पपीते का सेवन करने से कोलेस्ट्रोल जमा नहीं होता है।
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh
Bramhacharya is control over sense organ, which lead to pleasant mind & helpful to attain knowledge about Brahma e. Supreme GOD
If a person practices Brahmacharya for a period of 12 continuous years, a special Nadi (nerve power) called "Medha Nadi" is formed in one's brain, which leads to tremendous memory & concentration.
#Thread
Latin Name - Azadirachta indica
Family - Meliaceae
पर्याय - अरिष्ट, पिचुमरदा,पिचुमंदा, सर्वतिभद्र, हिंगुनिर्यासा, सुतिकटक, नेता, सुभद्रा, प्रभाद्र, सुतीक्त।
What Is Neem?
Call it “Holy Tree”, “Divine Tree”, “Nature's Drugstore”, “Life-Giving Tree”, or “Village Pharmacy”, the humble Neem has a strong foothold in the world of medicine and wellness.
रस - तिक्त, कषाय
वीर्य - प्रकृति में ठंडा
विपाक - कटु
गुण - लघु, रुक्ष
उत्त्पति स्थान - South and Southeast Asia
गर्भधारण के दौरान शुक्र और आर्तव के गुणों के आधार पर शरीर का प्रकार तय किया जाता है।
वात प्रकृति - वात शरीर प्रकार को निम्न गुणवत्ता वाली।
पित्त प्रकृति माना जाता है - पित्त शरीर प्रकार को मध्यम गुणवत्ता वाली
कफ प्रकृति - कफ शरीर प्रकार को अच्छी गुणवत्ता माना जाता है।
प्रकृति के प्रकार
• एक दोष - वात, पित्त कफ
• दोहरा दोष - वात-पित्त, पित्त-कफ, कफ-वात
• समाधातु - वात-पित्त-कफ- 33.33% प्रत्येक
#Thread
Tri = three, and bandha = lock or grip. Tri bandha is an advanced practice that is mostly included in pranayama or meditation.
बंध या न्यूरो-मस्कुलर लॉक मानव आहार में विटामिन की तरह होते हैं। वे ग्रंथियों पर दबाव डालकर शरीर में हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करते हैं।
हार्मोन्स के संतुलन का व्यक्ति की त्वचा पर तुरंत प्रभाव पड़ता है। आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त करने के लिए इन बंधों को अपनी पूरी तीव्रता के साथ अभ्यास करें।
१. अंगूठे से नाक के दाहिने छिद्र को दबाकर, बायें छिद्र से श्वास को धीरे- धीरे खींचने को पूरक प्राणायाम कहते हैं। इसे करते समय नाभिदेश में भगवान विष्णु का ध्यान करें ।
२. जब सांस खीचना रुक जाये तब अनामिका और कनिष्ठिका अंगुली से नाक के बायें छिद्र को भी दबा दें। यह कुम्भक प्राणायाम हुआ। इस समय हृदय में चतुर्मुख ब्रह्मा का ध्यान करें ।