#उरुग्वे एक ऐसा देश है,जिसमे औसतन हर एक आदमी के पास 4गायें हैं और पूरे विश्व में वो खेती के मामले में नम्बर वन की पोजीशन में है! सिर्फ 33लाख लोगों का देश है और 1करोड़ 20लाख गायें है!
हर एक #गाय के कान पर इलेक्ट्रॉनिक चिप लगा रखी है!जिससे कौन सी गाय कहाँ पर है, वो देखते रहते हैं👇
एक किसान मशीन के अन्दर बैठा फसल कटाई कर रहा है, तो दूसरा उसे स्क्रीन पर जोड़ता है कि फसल का डाटा क्या है..??
इकठ्ठा किये हुये डाटा के जरिए, #किसान प्रति वर्ग मीटर की पैदावार का स्वयं विश्लेषण करता हैं! 2005 में 33 लाख लोगों का देश, 90 लाख लोगों के लिए अनाज पैदा करता था और आज की
तारीख में 2 करोड़ 80 लाख लोगों के लिये अनाज पैदा करता है!
उरुग्वे के सफल प्रदर्शन के पीछे देश, किसानों और पशुपालकों का दशकों का अध्ययन शामिल है! पूरी खेती को देखने के लिए 500 कृषि इंजीनियर लगाए गए हैं और ये लोग ड्रोन और सैटेलाइट से किसानों पर नजर रखते हैं, कि खेती का वही तरीका
अपनाएँ जो निर्धारित है,यानि दूध, दही, घी औऱ मक्खन के साथ आबादी से कई गुना ज्यादा अनाज उत्पादन!
सब अनाज, दूध, दही, घी औऱ मक्खन आराम से निर्यात होते हैं और हर किसान लाखों में कमाता है! एक आदमी की कम से कम आय1,25,000/= महीने की है, यानि1,90,000डॉलर सालाना!
इस देश का राष्ट्रीय चिन्ह
#सूर्य व राष्ट्रीय प्रगति चिन्ह #गाय व #घोड़ा हैं! उरूग्वे में गाय की #हत्या पर तत्काल #फाँसी का #कानून है! धन्यवाद है, इस गौ-प्रेमी देश को!
मुख्य बात यह है कि ये सभी गो-धन #भारतीय हैं! जिसे वहाँ इण्डियन काउ के तौर पर जानते हैं!
" वंदे सुरभि धेनू मातरम्!
@राष्ट्र धर्म
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होली के उपलक्ष्य में कुछ अख़बारनवीस और बुद्धिजीवी आते होंगे ये बताने के लिए मुहम्मद शाह रंगीला होली खेलता था।पूप जी कहीं ये ना कह दे- होली में गुझिया का आविष्कार करने वाला अकबर था।होली का मुग़लों से केवल और केवल एक ही कनेक्शन है।
१६६५ में औरंगज़ेब ने अहमदाबाद👇
के फ़ौजदार को फ़रमान जारी किया जिसका मज़मून कुछ इस प्रकार था-
“ होली पर बाज़ार और मुहल्लों में होलिका दहन निषेध है। फ़ौजदार ये सुनिश्चित करे होली पर कोई फाग ना गाये- कोई डफ़ ना बजाए। जो कोई भी होलिका दहन का प्रयास करे- फ़ौजदार उसकी संपत्ति ज़ब्त कर ले। “
ऐसा ही फ़रमान दिवाली के
उपलक्ष्य में जारी हुआ था। इन फ़रमानों का नतीजा ये था होलिका दहन शहर क़स्बे से बाहर होने लगा था। मज़हबी स्थानों के आसपास रंग खेलना मौत को बुलावा देना था।
इसलिए यदि कोई भी होली से मुग़ल प्रेम दिखाए- ये याद रखें।
औरंगज़ेब जैसे लुटेरे ना जाने कितने आये और कितने गये- होली का
ऊँ नमः शिवाय
भगवान् परब्रह्म शिव
एक ओर महान् कृपालु हैं
तो दूसरी ओर संहारक भी हैं।
जो भगवान शिव को
अपनी आत्मा में स्थित मानकर निरन्तर ध्यान करते हैं उनको भगवान शिव की सायुज्य मुक्ति प्राप्त होती है और वह सदा भगवान शिव के समीप ही स्थित रहता है।
किन्तु जो मृत्यु के समीप पहुँचा👇
हुआ है तथा धनहानि व दरिद्र है वह भी यदि अभिमान वश कहता रहता है कि
मैं राजा हूँ।
मैं विद्वान हूँ।
मैं ज्ञानी व महापंडित हूँ।
ऐसे अभिमानी व्यक्ति का भगवान शिव संहार कर देते हैं।
इसके विपरीत जो
सम्पूर्ण ऐश्वर्यवान्ं है
वह भी यदि अपने को तुच्छ समझकर अभिमान रहित होकर
मैं शिव रूप हूँ।
मैं शिव हूँ।
ऐसा निरन्तर चिंतन करता रहता है तो वह शिवरूप ही हो जाता है।
मनुष्य
जैसा विचार करता है
वैसा ही हो जाता है।
अहंकारी व्यक्ति कभी ईश्वरत्व को प्राप्त नहीं हो सकता।
ऊँ नमः शिवाय🙏🙏🌹🌹
गुर पितु मातु महेस भवानी।
प्रनवउँ दीनबंधु दिन दानी॥
सेवक स्वामि सखा सिय पी के।
हित निरुपधि सब बिधि तुलसी के ||
शिव महापुराण में
भगवान् शिवजी को सदैव लोकोपकारी और हितकारी बताया गया है।
त्रिदेवों में भगवान् शिवजी को संहार का देवता भी माना गया है।
अन्य देवताओं की पूजा अर्चना की👇
तुलना में शिवोपासना को अत्यन्त सरल माना गया है।
अन्य देवताओं की भांति सुगंधित पुष्पमालाओं और मीठे पकवानों की आवश्यकता नहीं पड़ती।
शिवजी तो
स्वच्छ जल बिल्व पत्र कंटीले और न खायें जाने वाले पौधों के फल यथा-धूतरा आदि से ही प्रसन्न हो जाया करते हैं।
शिवजी को मनोरम वेशभूषा और
अलंकारों की आवश्यकता भी नहीं है।
भोलेनाथ तो
औघड़ बाबा हैं।
जटाजूट धारी।
गले में लिपटे नाग।
रुद्राक्ष की मालायें।
शरीर पर बाघम्बर।
चिता की भस्म लगायें।
हाथ में त्रिशूल पकड़े हुयें
वे सारे विश्व को अपनी पद्चाप तथा डमरू की कर्णभेदी ध्वनि से नचाते रहते हैं।
इसीलिये शिवजी को नटराज
,(((( लक्ष्य प्राप्ति की राह ))))
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एक किसान के घर एक दिन उसका कोई परिचित मिलने आया। उस समय वह घर पर नहीं था।
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उसकी पत्नी ने कहा: वह खेत पर गए हैं। मैं बच्चे को बुलाने के लिए भेजती हूं। तब तक आप इंतजार करें।
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कुछ ही देर में किसान खेत से अपने घर आ पहुंचा। उसके साथ-साथ उसका 👇
पालतू कुत्ता भी आया।
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कुत्ता जोरों से हांफ रहा था। उसकी यह हालत देख, मिलने आए व्यक्ति ने किसान से पूछा... क्या तुम्हारा खेत बहुत दूर है ?
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किसान ने कहा: नहीं, पास ही है। लेकिन आप ऐसा क्यों पूछ रहे हैं ?
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उस व्यक्ति ने कहा: मुझे यह देखकर आश्चर्य हो रहा है कि तुम और तुम्हारा
कुत्ता दोनों साथ-साथ आए...
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लेकिन तुम्हारे चेहरे पर रंच मात्र थकान नहीं जबकि कुत्ता बुरी तरह से हांफ रहा है।
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किसान ने कहा: मैं और कुत्ता एक ही रास्ते से घर आए हैं। मेरा खेत भी कोई खास दूर नहीं है। मैं थका नहीं हूं। मेरा कुत्ता थक गया है।
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इसका कारण यह है कि मैं सीधे रास्ते
जब घर का मुखिया शेर होता है तो घर के बाकी के सदस्यों का भी हौसला अपने आप बुलंद हो हो जाता है.
दुनिया भर में 80% से भी ज्यादा क्रूड ऑयल का परिवहन पश्चिमी देशों के स्वामित्व वाले पानी के जहाज कर रहे थे।
अमेरिका द्वारा रूस के क्रूड ऑयल के ऊपर प्राइस कैप लगाने के बाद इन सभी देशों👇
की शिपिंग कंपनियों ने रूस का क्रूड ऑयल का परिवहन करने के लिए मना कर दिया था। जिसके चलते रूस से भारत को क्रूड आयल खरीदने में बहुत दिक्कत आनी शुरू हो गई थी। ऐसे में पुराने और रिटायर हो चुके क्रूड आयल टैंकरों को रूस और भारत ने फिर से रिपेयर करके उनके द्वारा क्रूड आयल का रूस से भारत
के लिए इंपोर्ट शुरू किया। यहां मुख्य रूप से दो परेशानियां सामने आ रही थी। नंबर एक तो यह जहाज बहुत पुराने और रिटायर हो चुके थे अतः इनके रास्ते में क्षतिग्रस्त होने का और डूबने का खतरा बहुत ज्यादा था और दूसरा इन जहाजों द्वारा माल ढुलाई करते समय इनकी इंश्योरेंस जो कि ज्यादातर