#BhagavadGita

अध्याय: ०९, श्र्लोक: २७

यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत् ।
यत्तपस्यसि कौन्तेय तत्कुरुष्व मदर्पणम् ॥ Image
हे कुन्ती पुत्र! तू जो भी करता है, जो भी खाता है, पवित्र यज्ञाग्नि में जो आहुति डालता है, जो भी दान देता है, जो भी तपस्या करता है, यह सब मुझे अर्पित करते हुए कर।
यत्-जो कुछ; करोषि-करता है; यत्-जो भी; अश्नासि-खाता है; यत्-जो कुछ; जुहोषि-यज्ञ में अर्पित करना; ददासि-उपहार स्वरूप प्रदान करना; यत्-जो; यत्-जो भी; तपस्यसि-तप करता है; कौन्तेय-कुन्तीपुत्र, अर्जुन; तत्-वह सब; कुरूष्व-कर; मत्-मुझको; अप्रणम्-अर्पण के रूप में।
Chapter: 09, Verse: 27

yat karoṣhi yad aśhnāsi yaj juhoṣhi dadāsi yat
yat tapasyasi kaunteya tat kuruṣhva mad-arpaṇam
Whatever you do, whatever you eat, whatever you offer as oblation to the sacred fire, whatever you bestow as a gift and whatever austerities you perform, O son of Kunti, do them as an offering to Me.
yat—whatever; karoṣhi—you do; yat—whatever; aśhnāsi—you eat; yat—whatever; juhoṣhi—offer to the sacred fire; dadāsi—bestow as a gift; yat—whatever; yat—whatever; tapasyasi—austerities you perform; kaunteya—Arjun, the son of Kunti; tat—them; kuruṣhva—do;
mad arpaṇam—as an offering to Me

Bhagavad Gita: Chapter 9, Verse 27 (Shri Krishna uvach)

The name of this chapter is Rāja Vidyā Yog i.e. Yog through the King of Sciences.

Jai Shri Krishna ❤️🙏🏻🌸

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Mar 11
#Thread

Northern temples were destroyed by Islamic armies, we know that. But were Southern temples spared? Read.. Image
We all know Hindu temples in North India having faced destruction at the hands of Islamic armies. But not many know that Southern temples were also vandalised and looted during multiple Islamic invasions. Here are 5 southern temples that once faced the wrath of Islamic vandalism.
1. Sri Ranganathaswamy Temple, Srirangam, TN.

Considered to be the oldest amongst the 106 earthly Vaishnava Divya desams, it survived multiple Islamic invasions. The first came from Malik Kafur whose army plundered the treasury and, stole the riches. Image
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Mar 10
#BhagavadGita

अध्याय: ०९, श्र्लोक: २८

शुभाशुभफलैरेवं मोक्ष्यसे कर्मबन्धनैः ।
संन्यासयोगयुक्तात्मा विमुक्तो मामुपैष्यसि ॥ Image
इस प्रकार सभी कार्य मुझे समर्पित करते हुए तू शुभ और अशुभ फलों के बंधन से मुक्त रहेगा। इस वैराग्य द्वारा मन को मुझ में अनुरक्त कर तू मुक्त होकर मेरे पास आ पाएगा।
शुभ-अशुभ-फलैः-शुभ और अशुभ परिणाम; एवम्-इस प्रकार; मोक्ष्यसे-तू मुक्त हो जाएगा; कर्म-कर्म; बन्धनैः-बन्धन से; संन्यास-योग-स्वार्थ के त्याग से; युक्त-आत्मा-मन को मुझमें अनुरक्त करके; विमुक्तः-मुक्त होना; माम्-मुझे; उपैष्यसि–प्राप्त होगा।
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Dec 26, 2022
#BhagavadGita

अध्याय: ०७, श्र्लोक: २९

जरामरणमोक्षाय मामाश्रित्य यतन्ति ये ।
ते ब्रह्य तद्विदुः कृत्स्न्मध्यात्म कर्म चाखिलम् ॥
जो मेरी शरण ग्रहण करते हैं, वे बुढ़ापे और मृत्यु से छुटकारा पाने की चेष्टा करते हैं, वे ब्रह्म, अपनी आत्मा और समस्त कार्मिक गतिविधियों के क्षेत्र को जान जाते हैं।
जरा-वृद्धावस्था; मरण-और मृत्यु से; मोक्षाय–मुक्ति के लिए; माम्-मेरे; आश्रित्य–शरणागति में; यतन्ति-प्रयत्न करते हैं; ये-जो; ते-ऐसे व्यक्ति; ब्रह्म-ब्रह्म; तत्-उस; विदु-जान जाते हैं; कृत्स्नम्-सब कुछ; अध्यात्मम्-जीवात्मा; कर्म-कर्म; च-भी; अखिलम्-सम्पूर्ण।
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Dec 25, 2022
#BhagavadGita

अध्याय: ०७, श्र्लोक: २८

येषां त्वन्तगतं पापं जनानां पुण्यकर्मणाम् ।
ते द्वन्द्वमोहनिर्मुक्ता भजन्ते मां दृढव्रताः ॥
लेकिन पुण्य कर्मों में संलग्न रहने से जिन व्यक्तियों के पाप नष्ट हो जाते हैं, वे मोह के द्वन्द्वों से मुक्त हो जाते हैं। ऐसे लोग दृढ़ संकल्प के साथ मेरी पूजा करते हैं।
येषाम्-जिसका; तु–लेकिन; अन्त-गतम्-पूर्ण विनाश; पापम्-पाप; जनानाम्-जीवों का; पुण्य-पवित्र; कर्मणाम्-गतिविधियाँ; ते–वे; द्वन्द्व-द्विविधताएँ; मोह-मोह; निर्मुक्ताः-से मुक्त; भजन्ते-आराधना करना; माम्-मुझको; दृढ-व्रताः-दृढसंकल्प।
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Dec 24, 2022
#BhagavadGita

अध्याय: ०७, श्र्लोक: २७

इच्छाद्वेषसमुत्थेन द्वन्द्वमोहेन भारत ।
सर्वभूतानि सम्मोहं सर्गे यान्ति परन्तप ॥ Image
हे भरतवंशी! इच्छा तथा घृणा के द्वन्द मोह से उत्पन्न होते हैं। हे शत्रु विजेता! भौतिक जगत में समस्त जीव जन्म से इन्हीं से मोहग्रस्त होते हैं।
इच्छा-इच्छा; द्वेष-घृणा; समुत्थेन-उत्पन्न होने से; द्वन्द्व-द्वन्द्व से; मोहेन-मोह से; भारत-भरतवंशी, अर्जुन; सर्व-सभी; भूतानि-जीव; सम्मोहम्-मोह से; सर्गे–जन्म लेकर; यान्ति–जाते हैं; परन्तप-अर्जुन, शत्रुओं का विजेता।
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Nov 7, 2022
#Thread

Benefits of Kriya Yoga
It reduces blood pressure. Unlike in other medications, blood pressure values within the normal range are not affected. Only what goes above the normal range is brought within the normal range.
It cures depression of all kinds and increases self-confidence. The breathing exercise forming part of Kriya Yoga has a calming as well as a stimulating effect on the mind. Even during the first session, people reported highly encouraging results.
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