मीडिया reports के हवाले से कहा जा रहा है कि अडानी ग्रुप ने sovereign wealth fund से 3 बिलियन डॉलर ऋण लिया है जो आगे बढ़ कर 5 बिलियन तक भी जा सकता हैँ, खबर
आने के बाद अडानी ग्रुप ने इस तरह के किसी ऋण से इंकार किया है.
Now सबसे बड़ा सवाल यह है कि ये sovereign wealth fund है क्या चीज?? किसने बनाई कब बनाई क्यूं बनाई औऱ अडानी को कौनसे sovereign wealth fund ने पैसे दिए??
Sovereign wealth fund हरेक देश का अपना एक अलग विशेष fund होता है जिसे आपातकालीन स्थिति में use लिया जाता है. मतलब यह हुआ कि इस fund से कोई गारंटी या बांड यदि जारी होता है तो मतलब यह हुआ कि उस देश की सरकार यह जिम्मेदारी खुद पर लेती है उक्त गारंटी की.
मीडिया reports में कोई जिक्र नहीं है कि कौनसे देश के sovereign wealth fund से पैसे अडानी को दिए गए है!!
जाहिर है अडानी को यदि कोई देश अपने sovereign wealth fund से पैसे देगा तो सिवाय इंडिया के औऱ कोई क्यूं देगा??
पिछले दिनों अडानी ने जितने भी ऋण चुकाये है उनका सोर्स क्या था वो खोजने के लिए मैने RBI से rti द्वारा पूछा मेरा शक letter of comfort पर था जिसके विषय में rbi ने rti के जवाब में बताया कि letter of comfort कि सुविधा 2018 से ही बंद कर दी गई है अर्थात letter of comfort के जरिये
अडानी का कर्ज भारत सरकार ने नहीं चुकाया यह पॉइंट confirm हुआ.
रही बात sovereign wealth fund तो यहां से अवश्य अडानी का कर्ज चुकाने को भारत सरकार पैसे दे सकती है अपने यहां चन्द्रगुप्त जी ने एक sovereign wealth fund वर्ष 2015 में स्थापित किया हुआ है अब यहां से पैसे अडानी के
लिए गारंटी हेतु चुकाये गए है या नहीं यह अभी कन्फर्म नहीं है.
दूसरी संभावना यह भी है कि किसी मिडिल ईस्ट के मुस्लिम देश के sovereign wealth fund से अडानी का कर्ज चुकाया गया हो औऱ भाजपा संघ का सारा पैसा मिडिल ईस्ट में ही इन्वेस्ट रहता है यह मुझे संघ के ही एक पदाधिकारी ने बताया था.
दिलचस्प यह है कि चन्द्रगुप्त संघ के दूसरे प्रचारकों की तर्ज पर पल्ला नहीं झाड़ रहे है कदम कदम पर अडानी ग्रुप व बड़े अंबानी को सरकारी सहयोग से oligarch बनाए जाने की दिशा में लगातार अग्रसर है, गुरुकुल व वहां के चाणक्य बार बार चन्द्रगुप्त को टाइट करने की कोशिश में है
लेकिन चन्द्रगुप्त अपना समानंतर गुरुकुल खड़ा किए हुए लगातार संघर्ष रत है सरेंडर नहीं कर रहे है.
उधर जॉर्ज सोरोस वाला खेमा राहुल गांधी के पक्ष में जुटा हुआ है.
सीधी भाषा में यदि यह कहूं कि यूएस यूके व यूरोपिय देश चन्द्रगुप्त के खिलाफ है औऱ
अप्रत्याक्ष तौर पर राहुल गांधी बेनिफेसियरी है.
तो दूसरी तरफ रशिया चाइना इजराइल व मिडिल ईस्ट चन्द्रगुप्त के साथ है.
बिल्लू उर्फ़ बिल गेट्स फिलहाल चन्द्रगुप्त के साथ खड़ा है औऱ उसको अपना agenda चलाये जाने की सरकारी छूट यहां मिली हुई है
देखते है अबकि वो कौनसी नई स्कीम ले कर यहां आया हुआ है
Note...
हमारे यहां की सत्ता व सरकारें बाहरी विदेशी ताकते ही संचालित व नियंत्रित करती है, 2024 में जीत चाहे किसी भी खेमे की हो असली विजय किसी न किसी बाहरी ताकत की ही हुई होगी... एक बाहरी ताकत झटके से कत्ल
करेगी तो दूसरी ताकत हलाल से कत्ल करेगी... क़ीमत हम आम भारतीयों को ही चुकानी है
मेरे द्वारा लिखी किताब #जिओ_पॉलिटिक्स में जो बेसिक तथ्य पेश किया गया था वो अब खुले आम सामने है, हरेक कोई देख समझ सकता है कि कैसे बाहरी ताकते हमारे देश को अपनी मर्जी से नचा रही है,
हम आजाद मुल्क है लेकिन उतने ही आजाद है कि 15 अगस्त व 26 जनवरी सेलिब्रेट कर सके इससे अधिक आजाद नहीं है औऱ यह दुर्भाग्य है देश का
पहले समाचार होते थे, सादगी से होते थे..धीरे धीरे होते थे, अब ब्रेकिंग न्यूज़ का ज़माना है..तब रुकावट के लिए खेद होता था।अब किसी गड़बड़ी के लिए खेद नहीं होता बस देखिये और भूल जाइए
आइये मिलवाता हूं कुछ चुनिंदा न्यूज़ रीडर्स से--
सरला माहेश्वरी - टेलीविज़न का वो खुशरंग चेहरा, वो हसीं हस्ती जिनके जुदा अंदाज और बालों के अंदाज ने उन्हें बुलंदी तक पहुंचा दिया। उनकी सादगी , उनकी संजीदगी और उनका पहनावा लोगों को खूब भाता था। सीधे पल्ले की गुजराती साड़ी को पहनकर बालों को सादगी से सवारकर जब वो टीवी
स्क्रीन पर आती तो उनका चेहरा देखने वालों के दिलों दिमाग पर छा जाता।
शम्मी नारंग - घने मूंछों और रौबदार आवाज़ के मालिक और गम्भीर सी शख्सियत.. उनका एक अलग ही अंदाज़ रहा.. एक लाल रुमाल पॉकेट में होती थी और हल्की मुस्कान के साथ पेन को पॉकेट में रखकर समाचार का समापन करते थे ।
एक उद्योगपति अपनी नाव के पास बैठे एक मछुआरे को मछली पकड़ने के बजाय सिगरेट पीते हुए देखकर चौंक गया।
उद्योगपति ने पूछा तुम मछली क्यों नहीं पकड़ रहे हो?
मछुआरे ने कहा क्योंकि मैंने आज काफी मछलियाँ पकड़ी हैं।
उद्योगपति बोला तुम और अधिक मछलियां क्यों नहीं पकड़ना चाहते हो?
मछुआरे ने कहा मैं और मछलियों का क्या करूंगा?
उद्योगपति ने जवाब दिया तुम अधिक पैसा कमा सकते हो, तो तुम्हारे पास एक मोटर बोट होगी जिसके साथ तुम गहरे पानी में मछली पकड़ सकते हो। तुम्हारे पास नायलॉन जाल खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा होगा,और उससे अधिक मछली पकड़ोगे फिर अधिक पैसा कमाओगे।
इस पैसे की बदौलत जल्द ही तुम्हारे पास दो नावें होंगी। हो सकता है कि तुम्हारे पास जहाजों का एक निजी बेड़ा हो जाए तब तुम मेरी तरह अमीर बनोगे।
मछुआरे ने पूछा उसके बाद मैं आगे क्या करूंगा?
उद्योगपति ने बताया फिर तुम बैठ जाओगे और जिंदगी भर जीवन का आनंद लोगे।
प्यारे दोस्तों ,,
आज के बाद में अपने देश की संस्कृति और परंपराओं के अनुसार ही जीवन यापन करूंगा
आज के बाद में प्रण लेता हूं कि किसी भी विदेशी वस्तु का अपने जीवन में उपयोग नहीं करूंगा ।
सिर्फ अपने देश में निर्माण हुई वस्तुओं का ही प्रयोग करूंगा ।
अंग्रेजों , यहूदियों और मुगलों द्वारा बनाई किसी भी वस्तु को हाथ भी नहीं लगाऊंगा
आज ही मैंने अपने सारे विदेशी वस्त्र आंगन में रखकर जला दिए हैं ।
तथा दर्जी को खद्दर के ढीले पजामे और कमीज , लंगोट के साथ सीने का ऑर्डर दे दिया है ।
घर से कंप्यूटर , टीवी , फ्रिज , AC , माइक्रोवेव , मिक्सर ग्राइंडर , रेडियो सब चीजें बाहर कर दी हैं ।
गैस की जगह आंगन में ईंट और मिट्टी का चूल्हा बना लिया है ।
उपले और लकड़ियां भी ले आया हूं ।
इंग्लिश कमोड की जगह शौचालय में ईटों का पखाना बना लिया है ।
अडानी ने 7000 करोड़ का क़र्ज़ चुकाया : ये ख़बर अडानी के लिए अच्छी कम और ख़राब ज़्यादा है..
1. अडानी को शेयर बेच कर लगभग 15,000 करोड़ आए थे और उनमें से 7000 करोड़ का क़र्ज़ चुका दिया..पर क़र्ज़ नही मिला और जिसे क़र्ज़ चुकाया वो आइंदा क़र्ज़ नहीं देगा..
2. अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर के 1400 पर बेचे गए है..4000 के शेयर की "फेयर वैल्यू" 1400 तए हुई है..मार्केट में कोई भी शेयर अपनी "फेयर वैल्यू" पर नहीं बिकता..या तो "फेयर वैल्यू" से कम पर बिकता है या फिर ज़्यादा पर बिकता है.
3. अडानी को अब पैसे जुटाने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा शेयर ही बेचना पड़ेगा..1400 के नीचे शेयर बेच नही सकता और 1400 के ऊपर ख़रीदार नही मिलेंगे..
4. अडानी को क़र्ज़ चाहिए क्योंकि बिना क़र्ज़ इंफ्रास्ट्रक्चर का ब्यापार नही चल सकता..भारत के सरकारी बैंक और LIC के अलावा अडानी
होली है भई
16 मई 2024को जब मोदी जी तीसरी बार देश के प्रधान मंत्री की शपथ लेंगे तो 17 मई के बाद अखबारों में हेडलाइंस कुछ इस तरह की होगी -
- पाकिस्तान का भारत में विलय ।
- अमेरिका ने भारत को सबसे बड़ी शक्ति माना ।
- चीन ने भारत की कब्ज़ा की ज़मीन वापिस लौटाई ।
- विदेशो में पड़ा सारा काला धन देश वापिस आया ।
- देश में एक भी गरीब नहीं रहा, सरकार ने सबके खाते 15-15 लाख डाले ।
- सोनिया और राहुल देश छोड़ इटली भागे ।
-l Sunil Satyam को हिंदी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष की जबरन शपथ दिलाई गई ।
-श्री Harpal Kapoor को सांकृतिक विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद मिलने की चर्चाओं से स्थानीय भाजपा नेताओं में बेचैनी ।
-मोदी सरकार ने अमेरिका के राष्ट्रपति को वीजा देने से किया इनकार ।
राहुल गांधी ब्रिटिश पार्लियामेंट में क्या बोले जिसपर अम्बानी/अडानी की घटिया, भांड, दलाल, भारत विरोधी मीडिया को दर्द महसूस होने लगा है?
1. राहुल ने बोला : भारत का लोकतंत्र अमेरिका और यूरोप से 3 गुना बड़ा है..अगर भारत के लोकतंत्र को नुक़सान हुआ तो दुनियां में हर
लोकतंत्र को नुक़सान होगा..(ये भारत की बदनामी है?)
2. "वसुधैव कुटुम्बकम" जो भारतीय सभ्यता की "सेंट्रल थीम" है उसका मतलब लोकतंत्र ही है..वसुधैव कुटुम्बकम का नाम ले कर समाज मे नफ़रत फैलाना, माइनॉरिटी पर हमला करना लोकतंत्र की निशानी नहीं है..(ये भारत की बदनामी है?)
3. राहुल के लिए लंदन में एक "कम्युनिटी मीटिंग" रखी गई थी..पश्चिम लंदन के सबसे बड़े हॉल में 1000+ लोगों की बैठने की जगह है..हॉल पूरा भर्ती था और 300 लोगो को जगह की कमी के कारण लौटना पड़ा..