Constipation is defined as infrequent passage of hard stools, there may also be complaints of straining, sensation of incomplete evacuation and perianal or abdominal discomfort.
✯ Causes of Constipation :
• Irregular eating habits.
• Junk food, dry food.
• Low fluid intake.
• Suppression of natural urges.
• Lack of sleep at night.
• weakened digestion.
• Stress.
#Thread
Triphala is one of the most famous medicine in Ayurveda. 'Tri' means three, and 'Phala' means fruits.
✯ Benefits of Triphala
• Triphala is a Rasayan medicine.
• Its beneficial in skin diseases.
• Triphala is beneficial in obesity.
• It is an eye tonic & improves vision.
• Triphala is a good hair tonic.
• Triphala improves digestion & has a laxative effect.
✯ Uses of Triphala
• Triphala churna + warm water - Constipation
• Triphala + Ghrit + Honey at bed time improves vision
• Triphala + Honey - Reduces obesity.
Vasant Ritu or Spring, Known as - "King of seasons" #Thread
Spring season is marked by longer day time with more exposure to sunlight. Sunlight exposure leads to the release of hormone serotonin in the human body, leading to a better mood.
During the long darkness of winter months, the body naturally produces more melatonin. For people prone to seasonal affective disorder, all that melatonin triggers a winter depression.
1. पके अंगूर : पके अंगूर दस्त पर, शीतल, आंखों के लिए हितकारी, पुष्टिकारक, पाक या रस में मधुर, स्वर को उत्तम करने वाला, कसैला, मल तथा मूत्र को निकालने वाला, वीर्यवर्धक (धातु को बढ़ाने वाला), पौष्टिक, कफकारक और रुचिकारक है।
यह प्यास, बुखार, दमा, खांसी , वात, वातरक्त (रक्तदोष), कामला (पीलिया), मूत्रकृच्छ्र (पेशाब करने में कठिनाई होना), रक्तपित्त (खूनी पित्त), मोह, दाह (जलन), सूजन तथा डायबिटीज को नष्ट करने वाला है।
2. कच्चा अंगूर : कच्चे अंगूर गुणों में हीन, भारी, कफपित्त और रक्तपित्त नाशक है।
अपने भोजन से अधिकतम प्राण कैसे प्राप्त करें? "भोजन सही तरीके से लें"
उष्ण आहार (गर्म भोजन करें)
गर्म भोजन का सेवन अधिक स्वादिष्ट और आसानी से पचने वाला होता है। गर्म भोजन वात अनुलोमना (मल को तोड़कर नीचे की ओर ले जाना) और कफ षोषण (कफ दोष को कम करता है) को बढ़ावा देता है।
स्निग्धा आहार (अच्छे वसा युक्त भोजन लें)
स्निग्धा भोजन में बेहतर पाचन के लिए पाचन अग्नि को बढ़ाने की क्षमता होती है। इस प्रकार के भोजन से शक्ति बढ़ती है और शरीर का निर्माण होता है।
1. जोड़ों में दर्द : जोड़ों में दर्द अक्सर शरीर में गैस के बढ़ जाने के कारण होता है। कभी-कभी बलगम की प्रकृति भी अधिक बढ़ जाती है। खून में रोग भी पैदा हो जाता है। ऐसी दशा में धनिया का चूर्ण तथा सोंठ के चूर्ण को शहद के चूर्ण के साथ मिलाकर चटाना चाहिए।
2. दस्त व कब्ज : हरा धनिया, काला नमक, कालीमिर्च को मिलाकर चटनी बनाकर चाटने से लाभ मिलता है। यह चटनी सुपाच्य रहती है। उल्टी में धनिये को मिश्री के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है।