असली #इतिहास तो ये है कि 1950 में मोदी जी ने एक सुपर कंप्यूटर विकसित किया और उसी की मदद से दुनिया का पहला एक कोशिकीय जीव विकसित किया। उनकी अथक मेहनत से उन्होंने 2014 में एक-एक तिनके समेत पूरी दुनिया को डाउनलोड किया।
जब दुनिया के रचयिता वही हैं तो अलग से भारत की बात करना मूर्खता होगी। 2014 के पहले हिंदुस्तान समेत पूरी दुनिया की धरती पर सिर्फ पानी ही पानी था। इति सिद्धम!
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पंकज भाई लिखते हैं
अतीक के बेटे का एनकाउंटर और इस तरह के त्वरित न्याय पर मेरी एक पुरानी पोस्ट:-
चलिये टेस्ट किया जाए कि आपको एनकाउंटर वाला त्वरित न्याय (instant justice) पसन्द है या फिर एक ऐसी न्यायिक प्रकिया जिसमें कानून की कसौटी पर गवाहों,
साक्ष्यों और तथ्यों को परखने के बाद न्याय मिलना सुनिश्चित हो सके। थोड़ी देर के लिए गणित के विद्यार्थी बनकर कल्पना करते जाईये:-
1. आपके चचा जो हैं, वो गाँव की प्रधानी का चुनाव लड़ते हैं, विपक्षी जीतकर प्रधान बन जाता है, राजनीतिक पहुंच सत्ताधारी दलों के
नेता तक बना लेता है। गाँव में दो पार्टियों में फौजदारी हो जाती है, प्रधान जी के समर्थकों में से कुछ लोगों की हत्या हो जाती है, प्रधान जी राजनीतिक वर्चस्व के चलते आपके चचा को हत्या सहित अन्य मामलों में फंसा देते हैं, चचा गिरफ्तार होकर जा रहे हैं,
आधुनिक गुरुजी
एक दिन एक गुरूजी अपने विद्यालय से घर लौट रहे थे।
रास्ते में एक नदी पड़ती थी।
गुरुजी ज्योंही नदी पार करने के मूड में आए तो ना जाने उन्हें क्या सूझा कि वहीं किनारे एक पत्थर पर बैठकर अपने झोले में से पेन और कागज निकालकर अपने वेतन का हिसाब किताब करने लगे।
फिर अचानक….उनके हाथ से उनका पेन 🖊 फिसला और डुबुक ….पानी में डूब गया।
बेचारे गुरूजी परेशान। आज ही सुबह पूरे 10 रूपये में नया खरीदा था।
कातर दृष्टि से कभी इधर, कभी उधर देखते, पानी में उतरने का प्रयास करते, फिर डर कर कदम खींच लेते।
एकदम नया पेन था, छोड़कर जाना भी मुनासिब न था ।
अचानक…….पानी में एक तेज लहर उठी और साक्षात् जल देवता उनके सामने थे।
गुरूजी हक्के -बक्के रह गये औऱ उन्हें तुरंत कुल्हाड़ी वाली कहानी याद आ गई।
Ravindra Patwal लिखते हैं
आपको लग रहा होगा कि अडानी जी के शेयर तो फिर से चढ़ने लगे. आखिरकार जीतेगा तो...
चाहे जितनी भी कोशिश कर ले विपक्ष, तमाम फर्जी गतिविधियों का कच्चा चिट्ठा, कोयले के संयंत्रों में ओवर इनवॉइसिंग, शेल कंपनियों का सारा निवेश एक ही कंपनी में डालना दिखा दे,
लेकिन बाल न बांका कर सके जिसके साथ... हों.
लेकिन असली बात तो कुछ और ही निकल कर आ रही है. असल में अडानी जी के लिए धन कोई और नहीं आप ही जुटा रहे हैं.
एलआईसी में आपका बीमा तो होगा है. मेरा भी है. कह सकते हैं कि बुढापे के लिए वही एकमात्र आसरा है. पीएफ कभी रखा नहीं.
नौकरी जो कभी की भी तो छोड़ने के बाद ही उसे सफाचट कर डाला.
ले देकर यदि कुछ है तो एलआईसी.
क्योंकि एलआईसी का एक स्लोगन बड़ा सुकून देने वाला था. "जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी"
लेकिन नई जानकारी यह है कि एलआईसी ने अडानी में जो 35,000 करोड़ रूपये हमसे बिना पूछे
उलझता जा रहा है भटिंडा सैनिक छावनी मेन गोलीबारी का मामला । देश की सबसे अबड़ी फौजी छावनी, जो पाकिस्तान सीमा से महज डेढ़ सौ किलोमीटर दूर है, वहाँ हमला हुआ और चार जवान शहीद हो गए । इतने गंभीर मामले पर बहुत कुछ संदिग्ध और चिंताजनक है । एक तो चार जवानों की शहादत पर कोई सुराग
लगा नहीं और एक और जवान मारा गया । इस तरह बीते एक हफ्ते में यह वहाँ छठी संदिग्ध मौत है ।
पंजाब में बठिंडा सैन्य अड्डे पर बुधवार को हुई गोलीबारी की घटना के 12 घंटे बाद एक अन्य सैनिक की गोली लगने से मौत हो गई।मृतक का नाम गुरतेजस है और वह अभी 11 अप्रेल को ही छुट्टी से लौटा था ।
वह संतरी ड्यूटी पर था और उसके सिर पर गोली लगी है, गोली उसके ही सर्विस हथियार की है, केवल एक गोली और खोखा मिला है - अभी उसे आत्म हत्या या फिर गलती से चली गोली कहा जा रहा है लेकिन जिस जघ 12 घ्नते पहले आतंकवादी हमला आहुया हो, वहाँ संतरी दुति पर अकेले गार्ड की संभावना होती
उम्र छब्बीस की थी,जब ऋषिकेश स्थित साधु दयानंद जी के मठ में योगविद्या को ग्रहण किया।पहचानिये इस तपस्वी को जो आज हमारे प्रधानमंत्री हैं। एक दुर्लभ विडियो
अरे मैं बिल्कुल मानता हूं ये हमारे यशस्वी PM हैं....इन्होंने 1912 में BKS Iyengar नाम से अवतार ले कर 1938 में विडीओ रिकॉर्ड
करवाया था,जब देखा की विडीओ उस टाइम के इंस्टाग्राम फेसबुक और ट्विटर में वायरल हो गया है तब जा कर सुकून से दोबारा 17 सितंबर 1950 को अवतार लिया.!
यिन और यांग का अर्थ यह है कि ब्रह्मांड एक लौकिक द्वैत द्वारा नियंत्रित होता है। यिन आंतरिक स्त्रैण, स्थिर, अंधेरा और नकारात्मक उर्जा है। यांग को बाहरी ऊर्जा, मर्दाना, गर्म, उज्ज्वल और सकारात्मक के रूप में जाना जाता है।
यिन और यांग तत्व जोड़े में आते हैं जैसे कि चंद्रमा और सूर्य, स्त्री और पुरुष, काला और सफेद, ठंडा और गर्म, नेता तथा व्यापारी, पैसा और सत्ता, चोर और चौकीदार ।
इस फिलासफी को समझने वाले जानते हैं यिन और यांग स्थिर या परस्पर अनन्य शब्द नहीं हैं।
ये दिखने मे भले अलग स्वतंत्र और एक दूसरे के विरोधी प्रतीत होते हैं।लेकिन वे एक दूसरे के पूरक तथा सह-अस्तित्व में होते है,एक दूसरे पर निर्भर भी रहते हैं।
यिन-यांग वस्तुतः की प्रकृति दो घटकों के आपसी लेन देन की क्रिया को प्रदर्शित करते है दिन और रात का परिवर्तन ऐसा ही एक उदाहरण है