#NewsKiPathshala: साल 2000 में हुआ था अलग-अलग राज्यों में #SILO बनाने का टेंडर, 2005 में अडानी ग्रुप को मिला था भंडारण का ठेका Sushant Sinha की 'न्यूज़ की पाठशाला' में देखिए, 'क्या होता है #SILO #FarmLaws#SILO
#NewsKiPathshala: साल 2000 में हुआ था अलग-अलग राज्यों में #SILO बनाने का टेंडर, 2005 में अडानी ग्रुप को मिला था भंडारण का ठेका Sushant Sinha की 'न्यूज़ की पाठशाला' में देखिए, 'क्या होता है #SILO #FarmLaws#SILO
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1994 के आस पास की बात है अरविंद त्रिवेदी जी(रावण का अभिनय करने वाले)अयोध्या हनुमान गढ़ी पर संकट मोचन के दर्शन करने आए थे. उस समय रेवती बाबा प्रमुख पुजारी थे. वे अकड़ गये,अडिग हो गये की मै इनको किसी भी कीमत पर दर्शन नही करने दुँगा क्योंकि ये हनुमान जी को बार बार मरकट और श्री राम
2…को वन वन भटकता वनवासी कह कर संबोधित करता रहा है।
प्रशासन घुटनों पर बैठ गया था पर पुजारी जी झुके नहीं, त्रिवेदी जी को निराश वापस जाना पड़ा. उधर रावण का अभिनय करने पर त्रिवेदी जी एकदम शून्य शिथिल रहने लगे।
फिर इसके बाद त्रिवेदी जी ने अपने घर के कमरों और दीवारों पर दोहे और
3…चौपाइयों लिखवाए, घर के बाहर एक बड़ा सा बोर्ड लगवाया और उस पर लिखवाया "श्री राम दरबार"। तिस पर भी मन मे यह संताप रहने लगा कि मैंने बार बार प्रभु श्री राम को भले ही सीरियल में सही परन्तु अपमानजनक शब्द कहे हैं तो उन्होने हर साल रामायण का पाठ करवाना शुरू कर दिया इसके प्रायश्चित
मजहबी समुदाय के लोग असद के एनकाउंटर पर विलाप कर रहे है अबे एक बार कभी सोचना कि वह असद कितना बड़ा दरिंदा था
उमेश पाल तो गवाह थे लेकिन उनके साथ जो दो निर्दोष गनर मारे गए उनका क्या कसूर था ??मारे गए एक सिपाही राघवेंद्र सिंह की कहानी आपको रुला देगी राघवेंद्र सिंह के दादा भी पुलिस
में थे और एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए थे राघवेंद्र सिंह के पिताजी भी पुलिस में थे और उन्नाव में चुनावी ड्यूटी के दौरान बूथ कैप्चर करने वाले गुंडों से मुकाबला करते शहीद हुए थे राघवेंद्र पढ़ने में बहुत होशियार थे लेकिन पिता के शहीद होने के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधे पर
आई उन्हें अपनी दो बहनों की शादी करनी थी फिर उन्होंने मृतक आश्रित कोटे से पुलिस में नौकरी किया अपनी एक बहन की शादी की एक बहन की शादी अभी होनी थी और खुद राघवेंद्र की शादी इस घटना के 15 दिन के बाद होनी थी राघवेंद्र सिंह की छुट्टी मंजूर कर ली गई थी राघवेंद्र सिंह अपने विवाह के लिए 4
मजहबी समुदाय के लोग असद के एनकाउंटर पर विलाप कर रहे हैअबे एक बार कभी सोचना कि वह असद कितना बड़ा दरिंदा था
उमेश पाल तो गवाह थे लेकिन उनके साथ जो दो निर्दोष गनर मारे गए उनका क्या कसूर था ??मारे गए एक सिपाही राघवेंद्र सिंह की कहानी आपको रुला देगी राघवेंद्र सिंह के दादा भी पुलिस
में थे और एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए थे राघवेंद्र सिंह के पिताजी भी पुलिस में थे और उन्नाव में चुनावी ड्यूटी के दौरान बूथ कैप्चर करने वाले गुंडों से मुकाबला करते शहीद हुए थे राघवेंद्र पढ़ने में बहुत होशियार थे लेकिन पिता के शहीद होने के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधे पर
आई उन्हें अपनी दो बहनों की शादी करनी थी फिर उन्होंने मृतक आश्रित कोटे से पुलिस में नौकरी किया अपनी एक बहन की शादी की एक बहन की शादी अभी होनी थी और खुद राघवेंद्र की शादी इस घटना के 15 दिन के बाद होनी थी राघवेंद्र सिंह की छुट्टी मंजूर कर ली गई थी राघवेंद्र सिंह अपने विवाह के लिए 4
उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात एक और गनर संदीप निषाद की कहानी आपको रुला देगी संदीप निषाद दलित समुदाय से थे अपने परिवार में पहले शख्स थे जिन्हें सरकारी नौकरी मिली थी पिता मजदूरी करते थेआप देख सकते हैं घर बिल्कुल साधारण है संदीप निषाद अपने छोटे भाई को लखनऊ में पढ़ा रहे थे उनका सपना
था कि उनका छोटा भाई भी अच्छी नौकरी करें संदीप निषाद को असद ने बड़ी बेरहमी से मारा संदीप निषाद जब उमेश पाल को बचाने के लिए दौड़े तब असद गाड़ी से उतरकर संदीप निषाद को 4 गोलियां मारा 4 गोलियां लगने के बावजूद जब संदीप निषाद खड़े होकर अपना इंसास राइफल निकालने की कोशिश किये तभी गुड्डू
12 बीघे उपजाऊ जमीन छीना फिर पति को गायब करवा दिया फिर बेटे पर फायरिंग,फिर घर में घुसकर कई बार पीटाअतीक अहमद से 33 साल से लड़ रहीं जयश्री कुशवाहा को जानते हैं आप ??उनका नाम सूरजकली कुशवाहा उर्फ जयश्री है।उनकी उम्र 60 साल है।उनके पति सालों से गायब हैं।कानूनन कोई 10 साल से
ज्यादा गायब रहता है तब उसे फाइलों में मृत घोषित कर दिया जाता है जय श्री कुशवाहा के पति 15 साल से गायब है बेटे पर फायरिंग हो चुकी।खुद उन पर कई बार हमला हो चुका है।फिर भी वे 33 साल से उस माफिया अतीक अहमद से लड़ रहीं हैं जो कभी उत्तर प्रदेश में खौफ का पर्याय था।यूपी के प्रयागराज
में धूमनगंज इलाके के झलवा की रहने वाली जयश्री के पति बृजमोहन कुशवाहा के पास 12 बीघा से अधिक जमीन थी।इस पर बढ़िया खेती होती थी।परिवार का पालन-पोषण हो रहा था। लेकिन एक दिन अचानक सब कुछ बदल गया।जयश्री के पति गायब हो गए।जमीन पर अतीक का कब्जा हो गया।जयश्री कहती हैं किअतीक के अब्बू