मार्कंडेय जी के बारे में कहा जाता है कि जब मार्कंडेय ऋषि पैदा हुए थे तो उन्हें आयु दोष था। उनके पिता ऋषि मृकण्ड को ज्योतिषियों ने बताया कि बालक की आयु कम है। यह सुनकर मार्कंडेय के माता-पिता चिंतित हो गए।
इसके बाद ब्राह्मणों की सलाह पर मार्कंडेय के माता-पिता ने गंगा गोमती संगम तट पर बालू से शिव की मूर्ति बनाकर उपासना में लीन हो गये। जब मार्कण्डेय की उम्र पूरी होने पर यमराज उन्हें लेने आए तो अपने माता-पिता के साथ मार्कंडेय भी शिव जी की अराधना में लीन थे।
मार्कंडेय के प्राण लेने के लिए जैसे ही यमराज आगे बढ़े तभी भगवान शिव प्रकट हो गए। इसके बाद यमराज को अपने कदम पीछे बढ़ाने पड़े। भगवान शिव ने कहा कि मेरा भक्त मार्कंडेय सदैव अमर रहेगा और मुझसे पहले उसकी पूजा की जाएगी।
अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं
वन्दे महाकाल महासुरेशम॥
महादेव सदैव अपने भक्तो की रक्षा करते हैं व उन पर आने वाली समस्त विपत्तियों को हर लेते हैं। काल भी उनके आगे विवश हो जाता है।
8 Ashta Lakshmi: The eight divine forms of maa Mahalakshmi with mantras 🪷
@LostTemple7
Maa Mahalakshmi bestows specific types of wealth through eight unique forms, known collectively as Ashta Lakshmi.
1) Sri Adi Lakshmi :
Symbol of origination . She is seen with 4 arms, Lotus & white flag in her 2 hands, other 2 hands with Abhaya mudra & Varada mudra.