#हार्ट_अटैक
हमारे देश भारत में 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे.
उनका नाम था महाऋषि वागवट जी!
उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी
जिसका नाम है #अष्टांग_हृदयम
(Astang Hrudayam)
और इस पुस्तक में उन्होंने बीमारियों को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखें थे !
यह उनमें से ही एक सूत्र है!
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वागवट जी लिखते हैं कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है! मतलब दिल की नलियों मे Blockage होना शुरू हो रहा है !
तो इसका मतलब है कि रक्त (Blood) में,Acidity (अम्लता) बढ़ी हुई है !
अम्लता आप समझते हैं !
जिसको अँग्रेजी में कहते हैं Acidity
अम्लता दो तरह की होती है !
एक होती है पेट की
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अम्लता !
और एक होती है रक्त (Blood) की अम्लता !
आपके पेट में अम्लता जब बढ़ती है !तो आप कहेंगे
पेट में जलन सी हो रही है !
खट्टी खट्टी डकार आ रही हैं !
मुंह से पानी निकल रहा है !
और अगर ये अम्लता (Acidity)और बढ़ जाये !
तो Hyperacidity होगी !
और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब
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रक्त में आती है तो रक्त अम्लता (Blood Acidity) होती है !
और जब Blood में Acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त (Blood) दिल की नलियों में से निकल नहीं पाती ! और नलियों में Blockage कर देता है !
तभी Heart Attack होता है ! इसके बिना Heart Attack नहीं होता !
और ये आयुर्वेद का सबसे
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बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं !
क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है !
इलाज क्या है ??
वागवट जी लिखते हैं कि जब रक्त (Blood) में अम्लता (Acidity) बढ़ गई है !तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो क्षारीय हैं !
आप जानते हैं दो तरह की चीजें होती हैं ! #अम्लीय और #क्षारीय !
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#Acidic and #Alkaline
अब अम्ल और क्षार को मिला दो तो क्या होता है !.? #Neutral होता है सब जानते हैं !
तो वागवट जी लिखते हैं ! कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय (Alkaline) चीजें खाओ !
तो रक्त की अम्लता (Acidity) Neutral हो जाएगी !
और रक्त में अम्लता Neutral हो गई !
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तो Heart Attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं !
ये है सारी कहानी !
अब आप पूछेंगे कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जो क्षारीय हैं और हम खायें ?
आपके रसोई घर में ऐसी बहुत सी चीजें है जो क्षारीय हैं ! जिन्हें आप खायें तो कभी Heart Attack न आए !
और अगर आ गया है !
तो दुबारा न आए !
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यह हम सब जानते हैं कि सबसे ज्यादा क्षारीय चीज क्या हैं और सब घर मे आसानी से उपलब्ध रहती हैं, तो वह है #लौकी !!
जिसे #दुधी भी कहते हैं !
English में इसे कहते हैं Bottle Gourd !
जिसे आप सब्जी के रूप में खाते हैं ! इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है !
तो आप रोज #लौकी का रस
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निकालकर पियो ! या कच्ची #लौकी खायो !
वागवट जी कहते हैं रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत #लौकी में ही है ! तो आप लौकी के रस का सेवन करें !!
कितना सेवन करें ?
रोज 200 से 300 मिलीग्राम पियो !
कब पिये ?
सुबह खाली पेट (Toilet से आने के बाद )पी सकते हैं !! या नाश्ते के आधे
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घंटे के बाद पी सकते हैं !!
इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते हैं !
इसमें 7 से 10 पत्ते #तुलसी के डाल लो #तुलसी बहुत क्षारीय है !! इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं ! पुदीना भी बहुत क्षारीय है ! इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले !
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ये भी बहुत क्षारीय है !!
लेकिन याद रखें
नमक काला या सेंधा ही डाले ! वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डाले !! ये आयोडीन युक्त मक अम्लीय है !
तो मित्रों आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करें !!
2 से 3 महीने की अवधि में आपकी सारी Heart की Blockage को ठीक कर देगा !!
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21 वें दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा !
कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी !!
घर में ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा !!
और आपका अनमोल शरीर और लाखों रुपए आपरेशन के बच जाएँगे !!
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जरुरी नहीं है हार्ट अटैक हो तब लौकी खायें..बिना हार्ट अटैक के भी खाया जा सकता है.
शरीर आपका है तो आपको ही आपके शरीर का ख्याल रखना होगा... रोज लौकी खाए और स्वस्थ रहे🙏🙏
धन्यवाद !!🙏🙏
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#आत्महत्या
एक कहानी दो औरतो की, दोनों के जीवन में एक ही घटना एक साथ घटी,दोनों का फैसला बिलकुल एक सा, और अंजाम ?
साक्षी अब जीना नहीं चाहती थीं, ख़तम कर देना चाहती थीं इस जीवन को, दिमाग में केवल यही बात घूम रही थी, फैसला हो चूका था, बस अंजाम कैसे देना है यही सोच रही थीं,
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चारो तरफ अँधेरा ही अँधेरा था,अपने ही विचारो में खोयी साक्षी फर्स पर ही बैठी न जाने कब से फर्स को ही घूरे जा रहीं थी,पति की बेवफाई ने साक्षी को अंदर तक तोड़ दिया था,उसकी कही बाते दिल और दिमाग में शूल की तरह चुभ रहे थे,इस बार तो आनंद ने हद ही कर दी,अब जीने का कोई मतलब नहीं हैं,
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न रहूंगी और न ये सब देखूंगी, दोनों बच्चे गहरी नींद में सो रहे थे, एक नजर उनको देखा, उन पर प्यार से हाथ फेरा,आँखों में आंसू का एक कतरा भी नहीं था, उसने मन ही मन एक दृढ निश्चय कर लिया था, रात के दो बज रहे थे, चारो तरफ गहरा सन्नाटा था,साक्षी धीरे से उठी और दुसरे कमरे में चली गयी,
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सामान्य भारतीय सहज व्यवहार पश्चिम में गे होने की निशानी माना जाता है. दो लड़के हाथ में हाथ पकड़े चल रहे हैं, गे हैं. एक बिस्तर पर लेटे हुवे हैं, सो रहे हैं गे हैं. दो लड़कों का साथ सोना,हाथ में हाथ डाल टहलना उसी निगाह से देखा जाता है जैसे भारत में एक लड़का लड़की एक कमरे में एक
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बिस्तर पर सो रहे हों.
उचित भी है, जैसा जज साहब ने कहा कि केवल जननांगो के आधार पर फ़ैसला नहीं हो सकता कौन पुरुष है कौन स्त्री. लड़का लड़का या लड़की लड़की को बिलकुल सामान्य कपल जैसे अधिकार हैं, ओयो में कमरे होंगे, बच्चे पैदा करेंगे, साड़ी सूट पहन रहेंगे-तो जैसे एक सामान्य लड़का
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लड़की का रिलेशन माना जाता है सेक्सुअली उसी दृष्टि से हर रिश्ते को देखा जाएगा.
होमो सेक्सुअलिटी कपल मैरिज, वेडिंग, स्पेशल अधिकार और समाज में मान्यता देने से समाज के सहज नियम बदलेंगे.
अब ऐसा नहीं हो सकेगा कि लड़कों ने मित्र के घर में रुकने का फ़ैसला लिया,रात को वहीं सो गये सब एक
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#कहानी काफल की:
चार धाम यात्रा शुरू हो चुकी है,अब देश विदेश से यात्री इस यात्रा के लिए उत्तराखंड आयेंगे तो आप सब से निवेदन है कि पहाड़ों में जहा भी आपको ये काफल का फल बिकता दिखे,इसे अवश्य खरीदे।
विटामिनों की प्रचूरता एवम फाइबर युक्त होने के कारण डाक्टर भी इसको खाने की सलाह
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दे रहे हैं,इसके बारे में एक कहानी बचपन में सुनी थी सायद पहाड़ों में रहने वाले सब ने सुनी होगी काफी समय पहले यात्रियों की बस चार धाम यात्रा पर निकली थी पहाड़ पर एक जगह ड्राइवर ने बस रोक कर यात्रियों से कहा कि चाय नाश्ता कर लो फिर चलते हैं वही पर एक व्यक्ति ये फल बेच रहा था पहली
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बार ये फल देख कर एक यात्री ने जिज्ञासावस पूछा ई का फल है भैया तो विक्रेता ने कहा हां जी काफल है यात्री ने फिर पूछा ई का फल है ? दुकानदार बोला काफल है बस फिर क्या लड़ाई सुरु हो गई तो अन्य लोग भी आ गए कि क्या हो गया यात्री ने अपने सह यात्रियों को बोला कि में इनसे पूछ रहा कि ई का
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एक बार मुख़्तार सिंह ने एक कबूतर का शिकार किया।
वह कबूतर जाकर एक खेत में गिरा,जब मुख़्तार सिंह उस खेत में कबूतर को उठाने पहुंचा, तभी एक किसान वहां आया और मुख़्तार सिंह से पूछने लगा कि वह उसकी प्रोपर्टी में क्या कर रहा है ?
मुख़्तार सिंह ने कबूतर को दिखाते हुए कहा–
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“मैंने इस कबूतर को मारा है और ये मरकर यहाँ गिर गया इसलिए मैं इसे लेने आया हूँ।”
किसान– “ये कबूतर मेरा है क्योंकि ये मेरे खेत में पड़ा है।”
मुख़्तार सिंह – “क्या तुम जानते हो तुम किससे बात कर रहे हो?”
किसान– “नहीं मैं नहीं जानता और मुझे इससे भी कुछ लेना-देना नहीं है कि
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तुम कौन हो।”
मुख़्तार सिंह– “मैं डॉन हूँ , अगर तुमने मुझे इस कबूतर को ले जाने से रोका तो मैं तुम्हे मार दूंगा और तुम्हारी जमीन जायदाद को हड़प लूंगा और रास्ते का भिखारी बना दूंगा।”
किसान ने कहा– “हम किसी से नहीं डरते … हमारे गाँव में तो बस एक ही डोनगिरी चलती है…
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#सुनो #छागल
इस पीढ़ी में बहुत कम लोग होंगे जो इस मोटे कपड़े की थैली से परिचित होंगे इसे #छागल कहा जाता है
ये नाम सुनकर कई लोग चौंक पड़ेंगे कि #पानी कपड़े की थैली में ???
ये उन दिनों की बात है जब न बाजार में बोतल बंद पानी मिलता था ना #पानी_का_व्यापार होता था न कोई कैम्प थे न
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#Milton की बोतलें थी
गर्मी में पानी पिलाना #धर्म और खुद का पानी घर से लेकर निकलना अच्छा #कर्म माना जाता था
गर्मी के दिनो मे उपयोग आने वाली ये #छागल एक मोटे कपड़े (कैनवास) का थैला होता था,जिसका सिरा एक और बोतल के मुंह जैसा होता था
और वह एक लकड़ी के गुट्टे से बंद होता था
आप में
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से किसने इसका उपयोग किया है ??? #छागल में पानी भरकर लोग,यात्रा पर जब जाते थे,कई लोग ट्रेन के बाहर खिड़की पर उसे टांग देते थे,बाहर की हवा उस कपड़े के थैले के छिद्र से अंदर जाकर पानी को ठंडा करती थी #वो_प्राकृतिक_ठंडक_बेमिसाल_थी
गर्मी में जीप में अंदर अफसर बैठे है उनकी छाग़ल
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#सभी राजनीतिक दल 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नफ़ा-नुकसान का गुणा-भाग करके रणनीति बना रहे है।
विपक्ष पुनःतीसरी-चौथी दफ़ा एकजुट होने की कोशिश कर रहा है। 2019 में चंद्र बाबू नायडू,फिर ममता,केसीआर और अब नीतीश कुमार दूसरी बार प्रयासों में विपक्षी दलों के मुखिया से
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मिल रहे है। मिलकर लड़ने का प्रस्ताव रख रहे है।
सरल भाषा में कहे,फिलहाल विपक्षी नेता आपस में मिलकर सामंजस्य बैठा रहे है। फिर ऐलान करेंगे, तब जमीन पर कार्यकर्ताओं के मिलन की बारी आएगी।
2018 और 2019 में अखलेश व मायावती ने गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को पटखनी
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दे डाली थी। इसी सफल तर्ज़ पर 2019 में बुआ-बबुआ गठबंधन बना था। तब तमाम विपक्षी राजनीतिक पंडितों ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को 15-20 सीट दी और कहा कि ये भी ज्यादा है अगर गठबंधन जमीनी स्तर पर पूरी तरह उतर गया तो क्लीन स्वीप है। बुआ-बबुआ तो मिल बैठे और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डाली।
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