HARVEY WEINSTEIN and BRIJ BHUSHAN SINGH #अमेरिका के हार्वे वाईंस्टीन (70) चालीस साल तक हॉलीवुड के फ़िल्म प्रोड्यूसर,डायरेक्टर या कहिये हॉलीवुड के बादशाह और न्यूयोर्क के सोशल सलेब्रेटी रहे।ख़्वाब मे भी किसी ने सोंचा नही होगा कि यह आदमी आज जेल मे सलाखों के पिछे 23 साल की सज़ा काट
रहा होगा।वाईंस्टीन का चालीस साल मे सौ से ज्यादा लड़की/औरतो से यौन संबंध या रिश्ता रहा, जिस मे 80 औरतें या लड़कीयॉ हॉलीवुड की मशहूर हिरोईन थी। जिन हिरोईन से वाईंस्टीन संबंध बनाता उस को ओस्कर का वादा करता था और देलवा भी देता था।
कहा जाता है कि वाईंस्टीन ने अपने रसूख़ से 80 हिरोईन को Oscar (Academy Awards) दिलवाया।
मगर 2017-18 मे वही हीरोईनों ने #MeToo का नारा लगा कर वाईंस्टीन के खेलाफ अपनी यौन संबंध की दास्तान बोलना शुरू किया और एक-दो नही 40 हिरोईन ने बोल दिया।
वाईंस्टीन के साथ जो दूसरे लाभार्थी (beneficiaries) थे अब उन की निंद हराम हो रही है, कहीं वह औरते/हिरोईन उन लोगो का नाम न खोल दें।
#उत्तर_प्रदेश के बीजेपी नेता बृज भूषण शरण सिंह जो 1991 से बीजेपी और मुलायम सिंह यादव के समाजवादी पार्टी के सांसद रहे और
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष हैं उन पर महिला Olympian पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने रोते हुए 10-12 महिला पहलवानों के साथ यौन सोषण का आरोप लगाया।
यह पहलवान महिलाओं को बृज भूषण सिंह ने हार्वे वाईंस्टीन के तरह ट्रेनिंग देकर अंतर्राष्ट्रीय एवार्ड दिलवा दिया।
जब तक यह महिलाएँ पहलवानी करती रहीं और ओलम्पिक या दूसरा एवार्ड मिलता रहा तब ब्रिज भूषण के खेलाफ कुछ नहीं बोलीं।
इन पहलवान महिलाओं का कमाल का कलेजा है कि आज यह रोड पर आ कर अपने साथ हुई सोषण का खुल कर बोल रही है ताकि भविष्य में मासूम पहलवान लड़कियों को इस तरह के
बलत्कारी सांसद जिन पर पहले से 40 FIR दर्ज है या इस तरह के समाज के दुष्ट लोगों से बचाने में ज़रूर कामयाब होंगी।
सलाम इन पहलवान महिलाओं को।
साभार डॉक्टर मोहम्मद सीमाब जुमा साहेब
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मजदूर दिवस ।
किस बात की शुभकामनायें??
जिनके हाथों में छाले और,पांवों में बिवाई है
इन्ही के दम से रोंनक आपकी कोठी में आई है
निश्चित रूप से धरती पर अगर कोई जीता जागता भगवान है तो,वह मजदूर है ।ये सड़कें, हाइवे, फैक्ट्रीं ,विशाल अट्टालिकाएं, बड़ी-बड़ी कोठियां
ये पैसों से नहीं किसी के खून-पसीने और लहुलुहान हाथों ने बनाईं हैं ।ईश्वर ने दुनियाँ बनाई और मजदूर ने दुनियाँ सजाई ।जिस तरह से एक स्त्री एक मकान को घर बनाती है, ठीक उसी तरह ।
हम जब झमाझम बारिश में घरों में दुबके रहते हैं, हम जब कड़कडाती ठंड में रजाइयों में घुसे होते हैं,
हम जब चिलचिलाती धूप में ए सी और कूलर की हवा में सो रहे होते हैं। तब भी एक मजदूर खुले आसमान के नीचे काम कर रहा होता है ।मैंने देखा है बहुत सारे नेता और अधिकारी जहाँ किसी पेपर पर एक हस्ताक्षर मात्र करने के हजारों रूपये डकार जाते हैं ,वहाँ लोग इन मजदूरों को
राजनीति क्या होती है इस पोस्ट के माध्यम से बताने की कोशिश कर रहा हूँ:-
एक बनिया था 5 रुपए की एक रोटी बेचता था। उसे रोटी की कीमत बढ़ानी थी लेकिन बिना राजा की अनुमति कोई भी अपने दाम नहीं बढ़ा सकता था। लिहाजा राजा के पास बनिया पहुंचा, बोला राजाजी मुझे रोटी का दाम 10 करना है।
राजा बोला तुम 10 नहीं 30 रुपए करो, बनिया बोला महाराज इससे तो हाहाकार मच जाएगा, राजा बोला इसकी चिंता तुम मत करो, तुम 10 रुपए दाम कर दोगे तो मेरे राजा होने का क्या फायदा, तुम अपना फायदा देखो और 30 रुपए दाम कर दो, अगले दिन बनिये ने रोटी का दाम बढ़ाकर 30 रुपए कर दिया,
शहर में हाहाकार मच गया, तभी सभी जनता राजा के पास पहुंचे, बोले महाराज यह बनिया अत्याचार कर रहा है, 5 की रोटी 30 में बेच रहा है, राजा ने अपने सिपाहियों को बोला उस गुस्ताख बनिए को मेरे दरबार में पेश करो, बनिया जैसे ही दरबार में पहुंचा, राजा ने गुस्से में कहा गुस्ताख तेरी यह मजाल
उसका नाम चुटकला था, यूँ लोग उसे देख सुनकर खुश होते थे पर उसे लगता कि ये न्याय नहीं है, हमेशा लोग उस पर हँसते हैं, उसका भी मन है, वह किसे देखकर हँसे। वह आत्महत्या करना चाहता था, किसी ने कहा कि वह राजा से मिले हो सकता है वह कुछ यत्न करे।
हालांकि उसे पता था कि राजा चौथी फेल है, पर उसे विश्वास था कि औपचारिक शिक्षा सब कुछ नहीं होती इसलिए वह चल दिया। रास्ते में उसे एक मुर्गा मिला जिसके सारे पंख नुचे हुए थे।
" बड़े अजीब मुर्गे हो किस देश के हो?", चुटकले ने कहा।
" मैं पूरे विश्व का हूँ, स्टालिन, माओ, चर्चिल, हिटलर,रूजबेल्ट सभी की कहानियों वाला मुर्गा।", मुर्गे ने कहा
" तो क्या तुम्हारे पंख उन्हीं ने नोंचे थे?
" नहीं वहाँ तो मैं सिर्फ कहानियों में था,इंसाफ माँगने चौथी फेल राजा के पास गया था कि क्यों मुझे ही हर कहानी में नुचवाया जाता है,
सासाराम में मिला सम्राट अशोक का लघु शिलालेख। जैसा देख सकते हैं, यह देवनागरी संस्कृत में लिखा हुआ है।
वामपन्थी इतिहासकार जेम्स प्रिंसेप ने अशोक के शिलालेखों को पढ़ा। दरअसल यह उनका षड्यंत्र था। जिस रात कुछ दक्षिनपंथी इतिहासकार पढ़ने वाले थे,
उसके ठीक पहले जेम्स ने मुगलों की मदद से स्क्रिप्ट चुराकर खुद पढ़ ली।
इतिहास में हमेशा दक्षिणपंथी इतिहासकारों के साथ इस तरह के अत्याचार होते रहे है। दरअसल राणा प्रताप का साथ देने के कारण अकबर इनसे खखुआ गया था, और उसने खुद को जिताने वाले वामपन्थी इतिहासकारों को तमाम सुविधाएँ
मुहैया कराई,यही कारण है कि जहां तहां पांडवों, तथा रामजी के द्वारा आश्रय के लिए बनाई गई गुफाओ में बौद्ध अवशेष प्लांट कर दिए गए। फिर वामपंथियों ने उन्हें आसानी से स्तूप, विहार आदि का अवशेष घोषित कर दिए।
इसी तरह जगह जगह गड़ी भीम की लाठी को अशोक का स्तम्भ करार दे दिया गया।
आस्था से हटकर भी इन तीन शब्दों मे सभी धर्मो का सार देखा जा सकता है ।
शिव का अर्थ होता है कल्याण करने वाला उन्ही का शंकर स्वरूप होता है दमन करने वाला ( शम + कर ) और जो भला करता है वो शिव है जिसका साक्षात दर्शन मां मे कर सकते है
क्योकि मां से ज्यादा किसी का भला सोचने वाला कोई दूसरा हो ही नहीं सकता ।
दूसरा कल्याण ईश्वर धरती मां के रूप में करता है जिसमे कुदरत ने अपनी सभी नैमते मिला दी है । धरा के रूप में सबसे सुंदर जगह इंसान की अपनी जमीन ( गाँव, बस्ती और देश ) होता है
बेशक दुनियां घूम लो मगर सकून अपने घर पर ही मिलता है
इस प्रकार प्रसाधन श्रेष्ट ने स्वीकार किया है कि वो शिव अर्थात जो सत्य है अर्थात जो सुंदर है उसके "गले में लिपटे साँप है"
मेरी धरती मां, मेरा देश सबसे सुन्दर,सबसे सत्य शिव स्वरूप जो मेरा कल्याण करता है उसके गले में लिपटा साँप ?