sharmass27@yahoo.in Profile picture
May 3 5 tweets 4 min read Twitter logo Read on Twitter
#सांगरी
यह खेजड़ी का पेड़ है जो रेगिस्तान का कल्पवृक्ष के रूप में भी जानते हैं।पश्चिमी राजस्थान में यह बहुतायत में पाया जाता है यह मरुस्थलीय वनस्पति का हिस्सा है।इसका वानस्पतिक नाम Prosopis cineraria है।इस पेड़ पर फूल आते है उसे स्थानीय भाषा में #मिंझर या मिमझर कहते है,
कई बार मिंझर पर मिश्री जैसे मीठे शक्कर के दानों जैसे दानें भी देखने को मिलते है जो बहुत स्वादिष्ट व मीठे होते जिसे #मेहरी कहते है।खेजड़ी पर जो फल आते है उन्हें #सांगरी कहते है जो एक सौ प्रतिशत ऑर्गेनिक सब्जी होती है सांगरी की सब्जी बहुत ही लजीज होती है जो बड़े
चाव से खाई जाती है।राजस्थान की प्रसिद्ध सब्जी #पचकुटा का एक हिस्सा सांगरी होती है।सांगरी जब पेड़ पर ही पक जाती है तो उसे #खोखा कहते है जो हरे व सूखे दोनों रूप में खाये जाते है लोगों द्वारा।यह खोखे पशुओं को भी खिलाये जाते है।खेजड़ी के पत्तो को #लुंक कहते है जो मुख्यतः
भेड़-बकरियों को खिलाया जाता है।खेजड़ी के नए पौधे बहुत ही धीरे पनपते है इसलिए पुराने पेड़ों का संरक्षण आवश्यक है व नये पेड़ लगाने भी काफी आवश्यक है।खेजड़ी को #जांटी, #शमी आदि अन्य नामों से भी जाना जाता है
इसके महत्व को देखते हुए इसे मरुस्थल की जीवन रेखा कह दें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
#खेजड़ी #desert #रेगिस्तान #मरुस्थल
लेख साभार Moola Ram Machra Image

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with sharmass27@yahoo.in

sharmass27@yahoo.in Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @sharmass27yaho1

May 3
एक शेरनी सौ लंगूर,
चिकमंगलूर चिकमंगलूर ।

कई बार कुछ नारे मामूली लगते हुऐ भी मनोवैज्ञानिक रूप से गहरा असर डालते हैं और ऐसा ही कुछ उपरोक्त नारे के साथ वर्ष 1978 में हुआ था।

1977 के आम चुनावों में कांग्रेस की भारी पराजय हुई थी और श्रीमती इंदिरा गांधी खुद चुनाव हार चुकी थी ।
इंदिरा जी को जनता पार्टी की सरकार बुरी तरह प्रताड़ित कर रही थी तो ऐसे में इंदिरा जी ने महसूस किया कि उनका लोकसभा में होना ज़रूरी है ताकि वह कांग्रेस व खुद का बचाव कर सके तथा पार्टी भी मनोवैज्ञानिक दबाव व हताशा से उबर सके।
कर्नाटक की चिकमंगलूर सीट जो पहले से ही कांग्रेस के पास थी , उसे इंदिरा जी के लिए रिक्त कराया गया । जनता पार्टी ने श्री वीरेन्द्र पाटिल साहब को अपना प्रत्याशी बनाया था। लड़ाई काफ़ी कठिन थी क्योंकि जनता पार्टी किसी भी हालत में इंदिरा जी को चुनाव जीतने नहीं देना चाहती थी।
Read 9 tweets
May 2
अरबी भाषा के लायक शब्द का अर्थ है काबिल, योग्य, ठीक आदि। और, इसका विलोम नाकाबिल, नालायक या अयोग्य होता है।

भारत का नया सम्राट बन बैठा आदमी देश के किसी भी क्षेत्र में जाकर वहां के लोगों का भावनात्मक शोषण करने के लिए बोल देता है कि उस जगह से उसका बहुत पुराना नाता है,
मैं इस जगह के विषय में ही सोचता रहता हूं, मैं यहां का बेटा हूं आदि-इत्यादि।

इसी रौ में बहते हुए 40 पर्सेंट की कमीशनखोरी कराते रहे कर्नाटक में भी कह दिया कि मैं कर्नाटक का बेटा हूं। इसके जवाब में कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने 'कर्नाटक का नालायक बेटा' कह दिया।
तो अब वे इसे गाली के रूप में अपनी उपलब्धियों की सूची में 92वें स्थान पर रखते हुए प्रियांक खड़गे को बुरा-भला कह रहे हैं।

भई साफ बात है कि जब कर्नाटक के ठेकेदारों ने मिलकर शिकायती पत्र भेजा था कि राज्य में हर ठेके के लिए 40 पर्सेंट कमीशन वसूला जा रहा है,
Read 5 tweets
May 2
#नाम_का_पंगा 🤣

#जैसलमेर से #बीकानेर बस रुट पर....
बीच में एक बड़ा सा #गाँव है जिसका नाम है *#नाचने*

वहाँ से बस आती है तो लोग कहते है कि
*नाचने वाली बस आ गयी..*😎

कंडक्टर भी बस रुकते ही चिल्लाता..
*नाचने वाली सवारियाँ उतर जाएं बस आगे जाएगी..*😎
इमरजेंसी में रॉ का एक नौजवान अधिकारी जैसलमेर आया
रात बहुत हो चुकी थी,
वह सीधा थाने पहुँचा और ड्यूटी पर तैनात सिपाही से पूछा -
*थानेदार साहब कहाँ हैं ?*

सिपाही ने जवाब दिया थानेदार साहब *नाचने* गये हैं..😎

अफसर का माथा ठनका उसने पूछा डिप्टी साहब कहाँ हैं..?
सिपाही ने विनम्रता से जवाब दिया-
हुकुम 🙏🏻 *डिप्टी साहब भी नाचने* गये हैं..😎

अफसर को लगा सिपाही अफीम की पिन्नक में है, उसने एसपी के निवास पर फोन📞 किया।

एस.पी. साहब हैं ?

जवाब मिला *नाचने* गये हैं..!!

लेकिन *नाचने* कहाँ गए हैं, ये तो बताइए ?
Read 5 tweets
May 2
*R S V P = हास्य - व्यंग्य*
शादी विवाह के निमंत्रण पत्र अधिकतर इंगलिश में ही होते है. इसमें गणेशजी के चित्र के नीचे संस्कृत में उनकी स्तुति होती है , बाकी कार्ड अंग्रेजी में होता है ।
जिसके नीचे बांये कोने में फ्रेंच में लिखा होता है
R S V P ( रपोंदे सिल वू प्ले यानि सम्भव हो तो पत्रोत्तर दें )

एक महानगर की हाउसिंग - सोसायटी में जहां अलग - अलग प्रांतों / प्रदेशों के लोग रहते है , अपने सोसायटी के पार्क में बात कर रहे थे कि
इस R S V P का क्या मतलब हो सकता है ?
अधिकांश निवासियों की राय थी कि हो न हो , यह शादी के भोज में परोसे जाने वाले व्यंजन ही हैं।

वहां मौजूद *केरल* के श्री माधवन साहब का कहना था कि R S V P का मतलब है कि शादी में रसम, सांभर, वराव्यू और पायसम होंगे।
Read 6 tweets
May 2
स्त्रियों द्वारा यौन विषयों पर रखे गए विचारों के लिए उन पर अपशब्दों और धमकियों की बौछार करना तुम्हारे मूढ़मति होने का प्रमाण है। तुम्हें नैतिकता के नाम पर बौद्धिक पतन का झुनझुना पकड़ा दिया गया है, वही बजा रहे हो। यदि सामर्थ्य है तो अपनी वैचारिकी प्रस्तुत करो। संवाद करो।
सारी नैतिकता स्त्रियों के लिए है- इस आरोप का उत्तर दो। स्त्री और पुरुष के नैतिक उत्तरदायित्वों पर तथ्यों और तर्कों के आधार पर चर्चा करो। रतिसुख के उपक्रमों, उनकी जटिलताओं और उनकी सीमाओं पर विमर्श करो। इसके स्थान पर छिछले कटाक्ष करना बौद्धिक दुर्बलता का प्रमाण है।
एक उदाहरण लेते हैं। विवाहादि समारोहों में आयोजित आर्केस्ट्रा पर नाचती लड़कियों को चारों ओर से घेरे पुरुषों को देखो। उनकी भाव-भंगिमाएं और हुल्लड़बाजियाँ देखो। मंच के पीछे जाकर उन लड़कियों के साथ एक रात बिताने के लिए मोलभाव करते हुए लोगों को देखो।
Read 12 tweets
May 2
कहानियाँ कहने वाले बताते हैं कि जब द्रौपदी की शादी पांडवों से हुई तो सास कुंती ने बहू का टेस्ट लेने की सोची। कुंती ने द्रौपदी को खूब सारी सब्ज़ी और थोड़ा सा आटा दिया और कहा इससे कुछ बना कर दिखा। देखे तेरी अम्मा ने क्या सिखाया है। पांचाली ने आटे से गोल-गोल बताशे जैसे बनाए और
उनमें बीच में सब्ज़ी भर दी, सारे पांडवों का पेट भर गया और माता कुंती खुश हो गईं। जो कुछ भी द्रोपदी ने बनाया वही हमारे आज के गोलगप्पो का पुरखा था।

असल में मिथकों से अलग गोलगप्पा बहुत पुरानी डिश नहीं है। फूड हिस्टोरियन पुष्पेश पंत बताते हैं कि गोलगप्पा दरअसल राज कचौड़ी के
ख़ानदान से है। मुमकिन है इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच कहीं, शायद बनारस में करीब सौ सवा सौ साल पहले हुई हो। तरह-तरह की चाट के बीच किसी ने गोल छोटी सी पूरी बनाई और गप्प से खा ली ,इसी से इसका नाम गोलगप्पा पड़ गया।

अब तो पूरे हिंदुस्ताम में डंके बज रहे है इसके
Read 14 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Don't want to be a Premium member but still want to support us?

Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us on Twitter!

:(