#WamanMeshram
आरक्षण के जनक, राजर्षी छत्रपती शाहूजी महाराज के 101वें स्मृति दिवस पर उन्हे विनम्र अभिवादन|
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“मैं स्वयं-प्रेरित होकर ब्राह्मणवाद के खिलाफ संघर्ष करने के लिए खडा हूँ| मुझे कोई सिखा नही रहा है, या अंग्रेजो के कहने पर मैं ब्राह्मणो के खिलाफ नही, बल्कि मेरे
पुरखो से प्रेरित होकर मेरे ब्राह्मणेतर (बहुजन) समाज के भले के लिए मैंने यह जानलेवा संघर्ष स्वयं ही स्विकार किया है|”
-राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज.
#राष्ट्रीयपिछडावर्गमोर्चा
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शाहू छत्रपति महाराज की मृत्यु नैसर्गिक नही है बल्कि भटमान्य बाल गंगाधर तिलक ग्रुप के द्वारा केलकर, श्रीपाद अमृत डांगे ने शाहू महाराज की हत्या की है|
शाहू छत्रपति महाराज के स्मृतिदिन पर विनम्र अभिवादन|
मौर्य दरबार के वृतांतो से ग्रीक और लैटिन साहित्य भरा पडा है|
मौर्य दरबार मे यूनान का राजदूत मेगस्थनीज आया| सीरिया का राजदूत डीमैकस आया| मिस्र का राजदूत डाइनोसीयस आया|
सम्राट असोक और उनके परिवार के नाम भारत ही नही बल्कि नेपाल, श्रीलंका और बर्मा जैसे पडोसी देशो में दर्ज है|
चीन, जापान और कोरिया तक मे जिनके नाम बडे आदर के साथ लिए जाते है|
अनेक भाषाओ के साहित्य मे मौर्य परिवार की अमर गाथाएँ दर्ज है| बर्मी, खोतानी, सिंहली, तिब्बती, चाइनीज, कोरियाई, ग्रीक, लैटिन, थाई, लाओ, पालि, प्राकृत, संस्कृत आदि सबमे है|
एक जगह से इतिहास मिटेगा तो दूसरी जगह जिंदा
रहेगा और दूसरी जगह से मिटेगा तो तीसरी जगह जिंदा रहेगा| मगर मरेगा कभी नही|
*यह बताते हुए खुशी हो रही है कि महाराष्ट्र का प्राचीन और सांस्कृतिक इतिहास लिखने मे हम लोग कामयाब हुए| महाराष्ट्र की जनता पांडुरंग,भवानी और खंडोबा को ही मानती है| खास बात यह है कि यह तीनो भी अवैदिक देवता है| लेकिन अवैदिक कहने से काम नही चलेगा| वे है कौन? इसमे से पांडुरंग बुद्ध ही
है यह डा.बाबासाहेब आंबेडकर जी के सिद्धांत को आधार बनाकर पांडुरंग की खोज करने मे हम लोग कामयाब हुए| अब भवानी और खंडोबा की खोज हम लोगो ने पुरातात्विक आधार पर खोज कर ली है| जेजुरी का खंडोबा कौन है? यह ऐतिहासिक शोध ग्रंथ लिख चुके है| जिसका बडा प्रोग्राम मे प्रकाशन किया जाएगा| यह
किताब हिंदी मे लिखी है ताकि साउथ इंडिया की प्राचीन परंपरा को उत्तर भारत के लोगो को भी जानकारी हो सके|*
*खंडोबा की और भवानी की उत्पत्ती बुद्धिज्म से है| पांडुरंग, भवानी, खंडोबा को माननेवाले सभी महाराष्ट्र के बहुजन मूलतः बौद्ध धर्मीय है| यही सच्चाई है|*
*मूलनिवासी बहुजन हिंदू नही
एक अनूठी पहल छत्रपति संभाजी नगर के बाबासाहेब के दीवानो ने करके दिखाई| अंतरिक्ष मे एक सितारे का नाम उनके नाम पर रखवा दिया और एक नया इतिहास लिखवा दिया| अक्सर नारो मे कहा जाता था कि जब तक सूरज चांद रहेगा, बाबासाहेब तेरा नाम रहेगा, इस नारे को साकार करने का काम किया गया है| बाबासाहेब
आंबेडकर की 132वीं जन्मजयंती की शाम यानी शुक्रवार को इसकी लॉन्चिंग हुई| एंड्रायड और ऐप्पल फोन से यूजर्स इस सितारे से जुड़े ऐप को डाउनलोड कर इसे देख सकते है|
कुछ इस तरह से चमका डाला, बाबासाहेब के नाम पर वो सितारा
अंतरिक्ष मे सितारो की रजिस्ट्री करने वाली संस्था ‘इंटरनेशनल स्टार
एंड स्पेस रजिस्ट्री’ अमेरिका मे है| इसी संस्था की ओर से सितारो की किसी हस्ती के नाम से रजिस्ट्री की जाती है| फ्रांस मे भी ऐसी ही एक संस्था है| छत्रपति संभाजीनगर के महानगरपालिका की स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष राजू शिंदे ने पहले करते हुए 9फरवरी2023 को तय शुल्क भर कर सितारे का नाम
हनुमान - महाकपी जातक के बोधिसत्व की चोरी मात्र है| हनुमान का रामायण से संदर्भ है| रामायण यह निर्विवाद रूप से दशरथ जातक की चोरी है| इस रामायण मे जो राम भक्त या रामसेवक पात्र है वह हनुमान है| हनुमान के अनेक नाम है जैसे महावीर, महाकपि केसरीनंदन आदि महाकपि माने विशाल वानर.
जातक कथाएं
भारतीय संस्कृति का अविभाज्य हिस्सा है| ऐसी मान्यता है की, बोधिसत्व बुद्धत्व की अवस्था को प्राप्त करने के पहले अनेक पारमिताओ को अलग अलग जन्म मे हासिल करते है| यह जन्म मनुष्य तथा अमानुष्य के भी होते है| इन जातको से नीतिमता और सदाचार की शिक्षा मिलती है| जातक का गहरा असर भारतीय ही
नही बल्कि विदेशी संस्कृति को भी प्रभावित करती है| जातक बुद्ध पूर्व साहित्य का संग्रह है| अपितु रामायण, महाभारत आदि कथा बुद्ध के बाद के साहित्य है| इस सभी साहित्य मे आए अनेक पाए जाने वाली नैतिकता वास्तव मे जातको से प्रभावित है| महाकपि जातक मे बोधिसत्व एक वानरो के मुखिया है जिसे
👉जब मोबाइल फोन के आविष्कारक मार्टिन कूपर ने किया पहला कॉल
दिन था 03अप्रैल और साल 1973👈
आज से 50 साल पहले👈
👉इंजीनियर मार्टिन कूपर न्यूयॉर्क के सिक्स्थ एवेन्यू के एक कोने मे खडे होते है| फिर जेब से फोन बुक निकालते है| इसके बाद वो क्रीम रंग के एक बडे डिवाइस पर लिखे नंबर को
दबाते है और उसे अपने कान से लगा लेते है| इस दौरान वहां से गुजर रहे लोग उन्हे घूरते है क्योंकि वो कुछ ऐसा देख रहे थे, जो उन्होने पहले कभी नही देखा था|
👉दरअसल यह हाथ से पकड सकने वाले यानी हैंडी फोन से किया गया पहला कॉल था| मोटरोला कंपनी की अपनी टीम के साथ मार्टिन कूपर ने सन 1973
मे पहला मोबाइल फोन बनाया था और उसका वजन दो किलोग्राम था|
👉मोटरोला के इस इंजीनियर ने अपनी प्रतिद्वंद्वी फर्म 'बेल लेबोरेट्रीज' के एक कर्मी को कॉल किया और कहा- 'मैं आपको पर्सनल, हाथ मे पकडने लायक और अपने साथ ले जा सकने वाले सेल फोन से कॉल कर रहा हूं|''
👉बेल कंपनी उस दौरान कार मे