#TRIPURANTAK STORY
The practice of smearing 3 strokes of ashes on forehead as a symbol of God Shiva originated from this event
#Thread
Taarakaasura had 3 sons, Taarakaksha, Kamalaksha & Vidyunmali. The 3 asuras, after severe penance to God Brahma, were granted 3 invincible.. 1/3
forts/cities (tripura) made of gold, silver & iron that would float around in space. The asuras travelled around universe creating havoc for they could only be destroyed when 3 forts came in a single line & are set on fire by a single arrow. God Shiva did exactly this, the.. 2/3
moment 3 aerial cities converged with help of god Brahma as charioteer, mount meru as bow, vasuki naag as string & god Vishnu as an arrow of fire.
After destroying Tripura, Tripurantaka Shiva smeared his forehead with 3 strokes of ashes & this practice is followed even today. 3/3
📷:1. Self
Hoysaleshvara Temple, Halebidu, Karnataka 2. Know your Bharat (fb)
Kanchi Kailashnathar Temple, Tamilnadu 3. Wikipedia
Vidyashankar Temple, Karnataka
Lets teach our kids about power of our dharma & sanatani roots..!!
Listen to the interesting story narrated by our great ex-president APJ Abdul Kalam about a critically ill little girl with unshakeable belief in her bhagwan that brought her out of death..
Part-1
आइए जानें इन रीतियों के वैज्ञानिक कारण:
• चप्पल मंदिर के बाहर उतारना
• दीपक के ऊपर हाथ घुमाना
• मंदिर में घंटा बजाना
• भगवान की मूर्ति को गर्भगृह के बीच रखना
• मंदिर की परिक्रमा करना
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चप्पल बाहर क्यों उतारते हैं:
इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि मंदिर की फर्शों का निर्माण इस प्रकार किया जाता है कि ये इलेक्ट्रिक और मैग्नैटिक तरंगों का सबसे बड़ा स्त्रोत होती हैं। जब इन पर नंगे पैर चला जाता है तो अधिकतम ऊर्जा पैरों के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाती है। 2/6
दीपक के ऊपर हाथ घुमाने का वैज्ञानिक कारण:
आरती के बाद सभी लोग दिए पर या कपूर के ऊपर हाथ रखते हैं और उसके बाद सिर से लगाते हैं और आंखों पर स्पर्श करते हैं। ऐसा करने से हल्के गर्म हाथों से दृष्टि इंद्री सक्रिय हो जाती है और बेहतर महसूस होता है। 3/6
#Long_Thread #Sri_Raghava_Yadhaveeyam
A VERY UNIQUE & STRANGE SANSKRIT SCRIPTURE..!!
In straight order it narrates story of Shri Rama whereas in reverse order, the story is of Shri Krishna..
इस ग्रन्थ को
‘अनुलोम-विलोम काव्य’ भी कहा जाता है। पूरे ग्रन्थ में केवल 30 श्लोक हैं। इन श्लोकों को सीधे-सीधे
पढ़ते जाएँ, तो रामकथा बनती है और
विपरीत (उल्टा) क्रम में पढ़ने पर..
कृष्णकथा। इस प्रकार हैं तो केवल 30 श्लोक, लेकिन कृष्णकथा के भी 30 श्लोक जोड़ लिए जाएँ तो बनते हैं 60 श्लोक।
पुस्तक के नाम से भी यह प्रदर्शित होता है, राघव (राम) + यादव (कृष्ण) के चरित को बताने वाली गाथा है ~ "राघवयादवीयम।"