MONKEY GOD (HANUMAN) IN EGYPTIAN CIVILISATION: मिस्र के भगवान हनुमान
मिस्र की राजधानी क़ाहिरा से लगभग 30 किलोमीटर दक्षिण में स्थित 5000 साल प्राचीन सक़्कारा (سقارة, Saqqara) गीज़ा का एक गाँव है, जहॉ प्राचीन मिस्र के राजघराने की कब्रें हैं।सक्कारा में कई पिरामिड शामिल हैं,
जिसमें पत्थर से बना पहला प्राचीन Pyramid of Djoser है।
सक्कारा में 3,500 साल पुराने राय (Ry) और मैया (Maia) की कब्र पर चूना पत्थर पर बंदर के शक्ल और आदमी के शरीर के हनुमान का विवरण मिला है जो एक कुर्सी के नीचे खड़ा दिखाई देता है जिस पर मैया बैठी होती है।यह चित्र राजा तूतनखामुन
(Tutankhamun) के शासनकाल के दौरान लगभग 1336-1327 BC का है।यह टुकड़ा अब जर्मनी के बर्लिन Neues Museum में है।
मिस्र में राजा तूतनखामुन भगवान (Diety) के तरह भी पूजे जाते थे।राय बोमेन समुदाय के प्रमुख और घोड़ों के देखभाल करते थे। मैया, राय की पत्नी थीं और भगवान अमुन (God Amun Ra)
के लिए नाचने और गाने वाली नर्तकी थी।
मिस्र के लोग वानरों से पूर्व-राजवंश काल, लगभग 5300-3000 ईसा पूर्व, यानि फेरऔन के राजवंश के पहले से परिचित थे और यह वानरों की सेना ऊपरी मिस्र के सरदारों के कायाकल्प अनुष्ठानों और त्योहारों से जुड़े थे।
बाद में यह वानर राजवंशीय राजाओं के समय लगभग 3000-2686 BC से जुड़े थे।तब से, उन वानरों का मिस्र के धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान था, क्योंकि यह एक पशु रूप था जिसमें देवताओं को रूपांतरित किया जा सकता था। #नोट: हम को अब तक प्राचीन मिस्री सभ्यता तथा फेरऔन राजवंश में सारे भगवान प्रतीक
जैसे सूरज भगवान, शिव, उनकी पत्नी सेकमत, देवी सरस्वती, राम, अन्य देवी देवताओं, पूजनीय कमल का फूल तथा पुजारी समाज के धोती, टीकी,जनेऊ में चित्र मिलें हैं।आज वानर के शक्ल के पूजे जाने वाले वानर भगवान भी मील गये।अभी शोध जारी है,देखये कब पशु रूप में रूपांतरित हाथी की शक्ल और मनुष्य के
शरीर वाले देवता मिलते हैं।
शोध को आप लोगों के सामने लाने का यह मक़सद हरगिज़ नहीं है कि आप लोग घर वापसी के लिए प्रोत्साहित हो कर तैयारी शुरू कर दें।
Mohamed seemab Zaman sir
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श्रद्धेय पैदल यात्रा पर थे।
राह में उन्हें प्यास लगी।
श्रद्धेय ने देखा कि एक बुढ़िया कुएं से पानी खींच रही है।
श्रद्धेय बोले :- "डोकरी! पानी पिलाओ बड़ा पुण्य होगा" !
स्त्री बोली :- मैं तुम्हें जानती नहीं. अपना परिचय दो।
मैं अवश्य पानी पिला दूंगी।
श्रद्धेय ने कहा :- मैं 'पथिक' हूँ, कृपया पानी पिला दें।
स्त्री बोली :- "तुम पथिक कैसे हो सकते हो" ? , पथिक तो केवल दो ही हैं सूर्य व चन्द्रमा, जो कभी रुकते नहीं ! हमेशा चलते रहते हैं। तुम इनमें से कौन हो सत्य बताओ।
श्रद्धेय बोले:- अरे डोकरी!
मैं पथिक हूं!
हीरामंडी का पथिक।
हमेशा हीरामंडी या जीबी रोड की यात्रा पर रहता हूं।
इन दोनो जगह मेरी मेहमान की तरह आवभगत होती है।
मैं इतना हठी हूं कि पुलिस चौकी के सामने होने पर भी जीबी रोड के कोठा नंबर 64 में घुस जाता हूं।
11 मई।सुबह से अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा इसी दिन 1998 में भारत के (दूसरे) परमाणु परीक्षण पर पोस्ट पर पोस्ट पढ़ रहा हूँ…कमाल ये कि ज़्यादातर याद भी ना कर रहे हैं कि भारत ने पहला परमाणु परीक्षण 1974 में ही कर लिया था और विश्व की गिनी चुनी परमाणु शक्तियों में शामिल हो गया था!
वाजपेयी वाले ने तो बस पाकिस्तान को भी परमाणु राष्ट्र बन जाने का मौक़ा दिया था! यूँ संघियों ने हमेशा पाकिस्तानपरस्ती की है- हद यह कि वाजपेयी कारगिल के बाद भी पाकिस्तान गए थे! आज वाले तो बिना बुलाए पहुँच लेते हैं!
ख़ैर, इस पर मुझे हमेशा अल्बर्ट आइन्स्टायन याद आते हैं- दुनिया में बस दो चीजें असीमित हैं- पहली मानव मूर्खता और दूसरी ब्रह्मांड- और दूसरे के बारे में मैं निश्चित नहीं हूँ ।
सो बात हो रही थी भारत के दूसरे परमाणु परीक्षण की। 11 मई 1998 को तो वो हुआ, हफ़्ते भर बाद पाकिस्तान ने
नंगेली का नाम केरल के बाहर शायद किसी ने न सुना हो....किसी स्कूल के इतिहास की किताब में उनका ज़िक्र या कोई तस्वीर भी नहीं मिलेगी !
लेकिन उनके साहस की मिसाल ऐसी है कि एक बार जानने पर कभी नहीं भूलेंगे, क्योंकि नंगेली ने स्तन ढकने के अधिकार के लिए अपने ही स्तन काट दिए थे !
केरल के इतिहास के पन्नों में छिपी ये लगभग सौ से डेढ़ सौ साल पुरानी कहानी उस समय की है जब केरल के बड़े भाग में ब्राह्मण त्रावणकोर के राजा का शासन था !
जातिवाद की जड़ें बहुत गहरी थीं और निचली जातियों की महिलाओं को उनके स्तन न ढकने का आदेश था !
उल्लंघन करने पर उन्हें 'ब्रेस्ट टैक्स' यानी 'स्तन कर' देना पड़ता था !
केरल के श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय में जेंडर इकॉलॉजी और दलित स्टडीज़ की एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. शीबा केएम बताती हैं कि ये वो समय था जब पहनावे के कायदे ऐसे थे कि एक व्यक्ति को देखते ही उसकी जाति की
केरला स्टोरी…..
"राजनीति अक्सर नजर को धुंधला कर देती है और दिमाग को कुंद। राजनीति से उत्त्पन्न इस दृष्टि दोष को हायपरमेट्रिया कहा जाता है। इसमें नजदीक की चीज धुंधली और दूर की चीज साफ नजर आती है।"
अभी आयी फ़िल्म केरला स्टोरी को लेकर मुझे अचानक ये दृष्टि दोष याद आ गया। देश के सुदूर कौने में घटी घटना ने लोगों को उद्वेलित कर दिया। क्योंकि ये एक खास वर्ग से सम्बंधित थी और इसे खास मकसद से बनाया गया लगता है। लेकिन ऐसे व्यक्तियों को अपने आस पड़ोस में घटने वाली
घटनाओं की खबर नही होती और न ही पड़ोस की घटनाएं उन्हें उद्वेलित करती हैं।
जैसे प्रसिद्ध व्यक्ति लाइम लाइट में बने रहने के लिए कुछ न कुछ करते रहते हैं वैसी ही सरकारें भी हैं। ये भी ऐसी फिल्मों को, बयानों को प्रमोट कर लोगों का ध्यान वास्तविक समस्याओं से हटाती रहती है।
चिंटू - मास्टर जी, ये बीजेपी पिछले 60 साल का हिसाब क्यों नहीं दे रही है ? कब देगी ?
मास्टर जी - अयं !! अरे चिंटू 60 साल का हिसाब तो कोंग्रेस देगी न। बीजेपी कैसे दे देगी ?
चिंटू - मास्टर जी, क्या बेवकूफ बना रहे हो मुझे। हिसाब तो बीजेपी देगी। कोंग्रेस क्यों देने लगी ?
मास्टर जी - अरे चिंटू, सत्ता में तो 60 साल तक कोंग्रेस थी न। तो 60 साल में जो घोटाले कोंग्रेस ने किये है उनका हिसाब तो कोंग्रेस ही देगी न ?
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चिंटू - अरे, किसने कहा आपसे ये ?
मास्टर जी - अरे सभी यही कह रहे है, कोंग्रेस को अपने 60 साल के घोटालो का हिसाब देना चाहिए।
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चिंटू - मास्टर जी, दुनिया में कोई ऐसा आदमी मिलेगा जो खुद ही घोटाले करे और खुद ही उनका खुलासा भी कर दे !!!
मास्टर जी - नहीं ऐसा तो कोई नहीं करेगा।
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चिंटू - तो बस। फिर आप कोंग्रेसियो को इतना फ़रिश्ता समझते हो क्या कि वे अपने घोटालो का हिसाब खुद जनता को देंगे ?
WE INDIANS CAN'T IGNORE GODS & GODDESSES OF EGYPT: IS HINDUTVA IN DANGER NOW?
हम दो साल से मिस्री भगवान, देवी, देवताओं और सभ्यता पर लिख रहे हैं और अब यह 'हिन्दुस्तान अखबार' भगवान शिव और देवी सेकमेत का #मज़ार भी निकाल लिया।
मिस्र के 5,000-7,000 साल पूराने मंदिरों मे आज भी शिव जी और उन की पत्नी सेकमेत जो मिस्र के सब से बडे भगवान और देवी थे उन की मूर्ती और तस्वीर है।मगर यह हिन्दुस्तान अखबार 367-366 ईसा पूर्व लिख रहा है और क़ब्र निकाल दिया!
इराक़ मे इब्राहिम अलैहिसल्लाम के वालिद बहुत बडे मूर्तीकार थे।मगर वहॉ उस समय जो पुरूष बहुत ताक़तवर,या बडा राजा या बहुत गुणी होता था वह भी भगवान हो जाता था और पूजे जाते थे।अरब के ज्यादा तर देवी या देवता इसी तरह के थे मगर मिस्र की सभ्यता मे सूरज देवता और समुंदर मंथन से भगवान शिव जी