#पापुआ_न्यू_गिनी का प्रधानमंत्री , मोदी का पैर छूता है तो इसका प्रसारण पूरे भारतीय मीडिया में हो रहा है, इस प्रसंग को नए हिंदुस्तान की ताकत बताया जा रहा है पर जब चर्च के आदेश से #मणिपुर से हिंदुओं को भगा दिया जाता है, हिंदुओ की दुकानों में लूट होती है और
हिंदुओं की संपत्तियों को कब्जे में ले लिया जाता है तब इस घटना का प्रसारण कितने #भारतीय_मीडिया (करें भी हैं तो आज के बराबर प्रसारण हुआ है) करते हैं ?इस घटना के ऊपर भारतीय प्रधानमंत्री अथवा गृहमंत्री का कोई बयान आता है ❓.क्या भारत सरकार हिंदुओ के बचाव के लिए कोई कार्य करती हैं ❓
सबका उत्तर है नही । जब मणिपुर में हिंदुओं का पलायन हो रहा था तब भारत के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री #कर्नाटक चुनाव में व्यस्त थें । जब हिंदुओ की संपत्तियों को ईसाइयों द्वारा हड़पा जा रहा था तब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री #टिकट_वितरण में व्यस्त थें ।
एक प्रधानमंत्री होकर जो व्यक्ति स्वयं के सीमा की रक्षा नही कर सकता , जो व्यक्ति स्वयं के लोगों को नही बचा वह भला देश व धर्म को क्या बचाएगा । उत्तर पूर्वी राज्यों में #ईसाईकरण हुआ है इसलिए ईसाइयों का वोट चाहिए तो हिंदुओ को भगाओ और इस नीति में भारत सरकार बराबर की साझेदार है ।
ऐसे ही #जनता_दल समर्थित सरकार को मुस्लिम वोट चाहिए था तो #कश्मीर से पंडितों का संहार चुपचाप होने दिया गया ।
#पापुआ_न्यू_गिनी जैसे टापू वाले एक क्या अनेक देशों को झुकाने की क्षमता भारत रखता है और भारत मे यह क्षमता किसी #पार्टी अथवा #नेता के कारण नही है बल्कि यहाँ के #शौर्य व
#संस्कृति के कारण है। पूरे दुनिया को दहलाने वाले #हूण भी भारतीय संस्कृति के सामने नतमस्तक हुए थें। अनेक आक्रमणकारियों के आक्रमण से औऱ देशद्रोहियों के घात के कारण भी, भारत आज खड़ा है और अनंत काल तक खड़ा रहेगा । भारतीय संस्कृति को ऐसे किसी #दल अथवा उनके #नपुंसक समर्थकों की
आवश्यकता नही है जो खुद की #बहन_बेटियों के बालात्कार को भी कूटनीति कहकर #जस्टिफाई करते हों । मणिपुर में मरने वाला प्रत्येक हिन्दू इस बात का गवाह है कि आज भारत मे उनका माहौल है जो #बहन_बेटियों की इज्जत बेचकर अपने मुकाम बनाते हों ।
*ऐक भड़के हुए हिन्दू की खरी खरी
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मुल्ला नसीरुद्दीन का नाम किसने नहीं सुना है। बगदाद के रेगिस्तान में 800 वर्ष पूर्व घूमने वाले मुल्ला परमज्ञानी थे।परंतु ज्ञान बांटने के उनके तरीके बड़े अनूठे थे। वे लेक्चर नहीं देते थे बल्कि हास्यास्पद हरकत करके समझाने की कोशिश करते थे। उनका मानना था कि हास्यास्पद तरीके से समझाई
बात हमेशा के लिए मनुष्य के जहन में उतर जाती है। बात भी उनकी सही है, और मनुष्यजाति के इतिहास में वे हैं भी इकलौते ज्ञानी जो हास्य के साथ ज्ञान का मिश्रण करने में सफल रहे हैं। आज मैं उनके ही जीवन का एक खूबसूरत दृष्टांत बताता हूँ।
एक दिन मुल्ला बगदाद की गलियों से गुजर रहे थे। प्रायः वे गधे पर और वह भी उलटे बैठकर सवारी किया करते थे। और कहने की जरूरत नहीं कि उनका यह तरीका ही लोगों को हंसाने के लिए पर्याप्त था। खैर, उस दिन वे बाजार में उतरे और कुछ खजूर खरीदे। फिर बारी आई दुकानदार को मुद्राएं देने की।
आज के दैनिक हिंट में। जी आभार Shambhunath Shukla सर।
"धर्म खतरे में है"
अरे दद्दा कहाँ से आ रहे हो?
कहीं नहीं, बस यहीं चक्की पर घानी पिराने गए थे और साथ ही शाम के लिए थोड़ी सब्जी भी ले आए। घर में तेल बिलकुल ख़त्म हो गया था,
तुम्हारी भौजी कल से तबा किये थीं। मैंने अपनी घरेलू जिम्मेदारियों से उसको प्रभावित करना चाहा।
पर वह अप्रभावित रहा।
क्या आप भी दद्दा सिर्फ़ घरेलू कामों में ही उलझे रहते हैं। कभी देश, समाज और धर्म की भी सुध ले लिया करिये।
मैं इस इस अप्रत्याशित लांछन से हकबका गया और साइकिल से उतरकर खड़ा हो गया। झेंप को दबाते हुए उससे पूछा, काहे देश, समाज और धर्म को क्या हुआ? सब तो ठीकै है।
अरे कहाँ ठीक है! आप लोगों को तो बस लोन, तेल औ लकड़ी के आगे सूझता ही कहाँ है!
कुछ मित्रों ने पाप ओुआ गिनी के संबंध में जानना चाहा है तो कुछ मित्र ऑस्ट्रेलियन सम्मान की बाबत जानकारी चाहते है ।
पाप ओुआ गिनी ऑस्ट्रेलिया के उपर इंडोनेशिया के सुदूर एक छोटा सा द्वीप है जिसकी कुल आबादी 80 से 90 लाख है।
वहाँ कुलमिलाकर 850 बोली भाषा इस्तेमाल होती है और वहाँ के साहब पर भी कई प्रकार के आरोप लगे थे। बाकी तो अधिकांश अफ़्रीकी देशों की तरह इनके यहाँ भी नून ब्रांड लोकतंत्र है। अर्थात राजा और उसके दो दोस्त खरबपति जनता भूखी, बेरोजगार .
अप्रत्यक्ष रूप से चीन ने पैसे के दम पर यहाँ कब्ज़ा किया हुआ है जैसा श्रीलंका या मालदीप समझ ले । चीन इस प्रकार के छोटे गुलामो के माध्यम से दलाली और अन्य राजनेताओं को खरीदने का भुगतान करता है या अवैध लेन देन करता है ।
2000 का नोट बंद होने पर देश की अधिकांश जनता की प्रतिक्रिया हमेशा की तरह कुछ ऐसी होगी 👇
एक राजा था जिसकी प्रजा सोई हुई थी ! बहुत से लोगों ने कोशिश की प्रजा जग जाए .. अगर कुछ गलत हो रहा है तो उसका विरोध करे, लेकिन प्रजा को कोई फर्क नहीं पड़ता था !
राजा ने तेल के दाम बढ़ा दिये प्रजा चुप रही राजा ने अजीबो गरीब टैक्स लगाए प्रजा चुप रही राजा ज़ुल्म करता रहा लेकिन प्रजा चुप रही
एक दिन राजा के दिमाग मे एक बात आई उसने एक अच्छे-चौड़े रास्ते को खुदवा के एक पुल बनाया ..
जबकि वहां पुल की कतई ज़रूरत नहीं थी .. प्रजा फिर भी चुप थी किसी ने नहीं पूछा के भाई यहा तो किसी पुल की ज़रूरत नहीं है आप काहे बना रहे है ?
राजा ने अपने सैनिक उस पुल पे खड़े करवा दिए और पुल से गुजरने वाले हर व्यक्ति से टैक्स लिया जाने लगा फिर भी किसी ने कोई विरोध नहीं किया !
अत्यंत अमीर नेहरू घराने का परिवारवाद .....
यह है परिवार वाद जिसके बारे में चर्चा करने की भक्तो की औकात ही नही है
1) मोतीलाल नेहरू को नमक सत्त्याग्रह में भाग लेने के कारण 2 वर्ष जेल का दंड भोगना पड़ा । 2) जवाहरलाल नेहरू को 9 वर्ष से अधिक जेल में रहना पडा़ ।
3) एक समय तो मोतीलाल जी और जवाहरलाल जी दोनो बापलेक कारागृह में साथ बंद थे , उस समय जवाहरलाल जी की माताश्री स्वरूपराणी नेहरू ने कॉग्रेस के काम का धुरा संभाली थीं. मोतीलाल नेहरू के निधन के बाद, जवाहरलालजी कारागृह में बंद थे तभी पोलिस के हल्ले से माता स्वरूपराणी नेहरू जख्मी
होकर रस्ते पर बेसुध स्थिति में पड़ी थीं और पोलिस हल्ला में उनके मृत होने की ख़बर फैल गयी थी. जवाहरलाल जी कारागृह में बंद होने के कारण घायल मां से मिलने जा नहीं पाए । 4) जवाहरलाल जी की पत्नी कमला नेहरूं की तबियत खराब होने के बावजूद 1 वर्ष कारागृह बंद रहे।
बहुचर्चित यूट्यूबर ध्रुव राठी ने मनगढ़ंत बातों को लेकर सुदीप्तो सेन द्वारा बनाई गई प्रोपेगैंडा फिल्म द केरला स्टोरी के झूठ का पर्दाफाश करने वाले तथ्यों के साथ एक वीडियो 'The Kerala story true or fake' यूट्यूब पर अपलोड किया है।
राठी ने अपने इस शोधपरक वीडियो में हिटलर और उसके सचिव जोसेफ गोयबल्स द्वारा झूठ को सच में बदलने वाली तरकीबों के माध्यम से ऐतिहासिक संदर्भों के साथ बताया है कि सुदीप्तो ने भी उन्ही टैक्टिक्स को अपनाते हुए जमीनी हकीकत के विरुद्ध इस फिल्म का ताना-बाना बुना है।
ध्रुव राठी के 22:28 मिनट के इस वीडियो को सिर्फ 12 दिनों में अब तक 1.4 करोड़ यानी देश की कुल जनसंख्या के एक फीसदी लोगों ने देखा है।