*भारतीय विद्यार्थी मोर्चा, युवा मोर्चा, बेरोजगार मोर्चा, भारतीय विद्यार्थी छात्रा प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ, छात्रवास संघ, इंडियन रिसर्च स्कॉलर असोसिएशन, राष्ट्रीय मूलनिवासी बाल-बालिका संघ देश के सभी कार्यकर्ताओ को मा.सिद्धांत मौर्य जी, राष्ट्रीय प्रभारी, BVM to RMBBS
नई दिल्ली की दि:07/06/2023 को शादी है उसमे आपको हार्दिक निमंत्रण दिया जाता है| उनको संगठन की तरफ से बहोत बहोत बधाई| (सिद्धांत सर OBC है जो देश के बहुसंख्यक विद्यार्थी समुदाय का नेतृत्व करते है,उनके शादी का कार्ड देख लो यूरेशियन लोगो #बामसेफ_भारतमुक्तिमोर्चा ने यह परिवर्तन लाया है
*तथागत बुद्ध ने अपने संघ के प्रचारको को बताया कि बहुजन समाज के हितो के लिए मैने सिद्धान्त और मूल्य का निर्माण किया| उनका दृढ़ता से प्रचार-प्रसार करे| उस समय आप यह मत देखे कि तुम्हारे साथ कितने लोग है और कितने नही| हमारी कथनी और करनी मे सत्यता और ईमानदारी होगी तो लोगो से आखिरी
निवेदन है कि आप हमेशा सिद्धान्त, मूल्य, नीति-नियम और उद्देश्य को सबसे ज्यादा महत्व दे|*
*बामसेफ के संस्थापक सदस्य एवं पुर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, आदरणीय यशकायी मान्यवर डी.के.खापर्डे साहब ने बुद्ध के बताये मार्ग पर चलते हुए अपना जीवन समर्पित कर दिया|*
ऐसे महापुरुष के 84वीं जन्मजयंती
के अवसर पर देश के सभी मूलनिवासी बहुजनो को बहोत बहोत बधाई|*
जीसस के 12 साल की उम्र से लेकर 29 साल की उम्र तक का समय बाईबल से गायब है|
इस पर बहुत से विदेशी लेखको ने लिखा है, बहुत फेमस किताब है "JESUS LIVED IN INDIA" AUTHOR (Holger Kersten) "
इन सबमे जीसस के उस समय काल के भारत मे होने के पर्याप्त प्रमाण है, इतना ही नही उनका अपने जीवन काल
के इस समय का कश्मीर के एक बुद्धिस्ट मठ मे होने का ब्यौरा भी मिलता है, यदि आप त्रिपिटक पढकर फिर बाईबल न्यू टेस्टामेंट पढेंगे तो इनमे बहुत सी समानताएं भी पाएंगे|
कश्मीर के उस हिस्से की लोक कथाओ मे जीसस एक बुद्धिस्ट मोंक के रूप मे आज भी मौजूद हैं|
ईसा मसीह के प्रारंभिक चित्रण
(बाएं, एशिया माइनर , रोमन काल), और बुद्ध ( गांधार की ग्रीको-बौद्ध कला )
मौर्य दरबार के वृतांतो से ग्रीक और लैटिन साहित्य भरा पडा है|
मौर्य दरबार मे यूनान का राजदूत मेगस्थनीज आया| सीरिया का राजदूत डीमैकस आया| मिस्र का राजदूत डाइनोसीयस आया|
सम्राट असोक और उनके परिवार के नाम भारत ही नही बल्कि नेपाल, श्रीलंका और बर्मा जैसे पडोसी देशो में दर्ज है|
चीन, जापान और कोरिया तक मे जिनके नाम बडे आदर के साथ लिए जाते है|
अनेक भाषाओ के साहित्य मे मौर्य परिवार की अमर गाथाएँ दर्ज है| बर्मी, खोतानी, सिंहली, तिब्बती, चाइनीज, कोरियाई, ग्रीक, लैटिन, थाई, लाओ, पालि, प्राकृत, संस्कृत आदि सबमे है|
एक जगह से इतिहास मिटेगा तो दूसरी जगह जिंदा
रहेगा और दूसरी जगह से मिटेगा तो तीसरी जगह जिंदा रहेगा| मगर मरेगा कभी नही|
#WamanMeshram
आरक्षण के जनक, राजर्षी छत्रपती शाहूजी महाराज के 101वें स्मृति दिवस पर उन्हे विनम्र अभिवादन|
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“मैं स्वयं-प्रेरित होकर ब्राह्मणवाद के खिलाफ संघर्ष करने के लिए खडा हूँ| मुझे कोई सिखा नही रहा है, या अंग्रेजो के कहने पर मैं ब्राह्मणो के खिलाफ नही, बल्कि मेरे
पुरखो से प्रेरित होकर मेरे ब्राह्मणेतर (बहुजन) समाज के भले के लिए मैंने यह जानलेवा संघर्ष स्वयं ही स्विकार किया है|”
-राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज.
#राष्ट्रीयपिछडावर्गमोर्चा
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शाहू छत्रपति महाराज की मृत्यु नैसर्गिक नही है बल्कि भटमान्य बाल गंगाधर तिलक ग्रुप के द्वारा केलकर, श्रीपाद अमृत डांगे ने शाहू महाराज की हत्या की है|
शाहू छत्रपति महाराज के स्मृतिदिन पर विनम्र अभिवादन|
*यह बताते हुए खुशी हो रही है कि महाराष्ट्र का प्राचीन और सांस्कृतिक इतिहास लिखने मे हम लोग कामयाब हुए| महाराष्ट्र की जनता पांडुरंग,भवानी और खंडोबा को ही मानती है| खास बात यह है कि यह तीनो भी अवैदिक देवता है| लेकिन अवैदिक कहने से काम नही चलेगा| वे है कौन? इसमे से पांडुरंग बुद्ध ही
है यह डा.बाबासाहेब आंबेडकर जी के सिद्धांत को आधार बनाकर पांडुरंग की खोज करने मे हम लोग कामयाब हुए| अब भवानी और खंडोबा की खोज हम लोगो ने पुरातात्विक आधार पर खोज कर ली है| जेजुरी का खंडोबा कौन है? यह ऐतिहासिक शोध ग्रंथ लिख चुके है| जिसका बडा प्रोग्राम मे प्रकाशन किया जाएगा| यह
किताब हिंदी मे लिखी है ताकि साउथ इंडिया की प्राचीन परंपरा को उत्तर भारत के लोगो को भी जानकारी हो सके|*
*खंडोबा की और भवानी की उत्पत्ती बुद्धिज्म से है| पांडुरंग, भवानी, खंडोबा को माननेवाले सभी महाराष्ट्र के बहुजन मूलतः बौद्ध धर्मीय है| यही सच्चाई है|*
*मूलनिवासी बहुजन हिंदू नही