Some glimpses of my city #Cuttack (Katak). A city more than a thousand years old and still keeping its spirit alive. Here life moves around Devi and Nadi (river)
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Maa Katak Chandi, adhistatri (presiding deity) Devi of Katak
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Maa Gada Chandi, the protecting deity of Barabati fort
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Maa Jhaanjiri Mangalaa, one of the many consecrated Devisthanam deities of the city
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Durga Puja murti
Whatever yellow you see is made of GOLD and all the shining white are made of pure SILVER. This intrinsic craft of gold and silver is called filigree or Taarakashi, for which Cuttack is world famous.
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Netaji's birth place
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Barabati Stadium
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Indoor Stadium
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The Maritime Museum
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Deer park
Yes we have a beautiful deer park in the heart of the city
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The iconic Balijatra ground
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Barabati Fort
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Beautiful Mahanadi
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The Ranihat Clock tower
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The Church of Epiphany
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Cuttack Railway station
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Famous Dahibara-Aaloodum
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A beautiful summer morning of Cuttack
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Iconic Ravenshaw University (my alma mater)
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Cuttack : The silver city of culture and brotherhood
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भारत से कैसे गायब कर दिया गया...
आप सोच रहे होंगे की ये सेंधा नमक बनता कैसे है ?आइये आज आपको बताते है कि नमक मुख्यत: कितने प्रकार का होता है। एक होता है समुद्री नमक, दूसरा होता है सेंधा नमक "। सेंधा नमक बनता नहीं है,पहले से ही बना बनाया है। पूरे
उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को ‘सेंधा नमक’ या ‘सैन्धव नमक’, लाहोरी नमक आदि नाम से जाना जाता है। जिसका मतलब है ‘सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ’। वहाँ नमक के बड़े बड़े पहाड़ है, सुरंगे है। वहाँ से ये नमक आता है। मोटे मोटे टुकड़ो मे होता है आजकल पीसा
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हुआ भी आने लगा है। यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मदद रूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है। इससे पाचक रस बढ़ते हैं। अतः आप ये समुद्री नमक के चक्कर से बाहर निकले। काला नमक,सेंधा नमक प्रयोग करे, क्यूंकि ये प्रकृति का बनाया है, भारत मे
Segol doesn't only share historical importance with India but it is deeply associated with Hindu philosophy.
In Hinduism,a sceptre is often associated with deities and symbolizes power,authority,and divine sovereignty. In
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Hinduism it is known as "dand" (Sceptre), many people misinterpret dand as punishment but that's not true. Dand has two meanings in Sanskrit. One is डंड (sceptre) other one is दण्ड (punishment).
The sceptre is primarily depicted in the hands of Hindu gods and goddesses,
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especially those associated with ruling, protection, and justice. It represents their divine rule and authority over the universe. The sceptre is often adorned with intricate carvings, gemstones, or other sacred symbols that enhance its symbolic significance.
स्नान मन्त्र
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरु
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*सूर्यनमस्कार*
ॐ सूर्य आत्मा जगतस्तस्थुषश्च।।
आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने।
दीर्घमायुर्बलं वीर्यं व्याधि शोक विनाशनम्
सूर्य पादोदकं तीर्थ जठरे धारयाम्यहम्॥
11 नवम्बर 1888 को पैदा हुए मक्का में,वालिद का नाम था "मोहम्मद खैरुद्दीन" और अम्मी मदीना (अरब) की थीं। नाना शेख मोहम्मद ज़ैर वत्री,मदीना के बहुत बड़े विद्वान थे। मौलाना आज़ाद अफग़ान उलेमाओं के ख़ानदान से ताल्लुक रखते थे जो
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बाबर के समय हेरात से भारत आए थे।
सब कुछ घर में पढ़ा और कभी स्कूल कॉलेज नहीं गए। बहुत ज़हीन मुसलमान थे। इतने काबिल कि कभी स्कूल कॉलेज का मुंह नहीं देखा और बना दिए गए भारत के पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री। इन शख्स का नाम था "मौलाना अबुल कलम आज़ाद "।
सही मायने में देखा जाये तो
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पूरे भारत को मुगलिस्तान के रूप में देखना चाहते थे।
उन्होंने एकबार भारत के इस्लामीकरण की वकालत करते हुए कहा था कि 'भारत जैसे देश को जो एक बार मुसलमानों के शासन में रहा चुका है,कभी भी त्यागा नहीं जा सकता और प्रत्येक मुसलमान का कर्तव्य है कि उस खोई हुई मुस्लिम सत्ता को फिर
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हो सकता है हरियाणा के पहलवानों के आरोप सही हों,ये भी हो सकता कि WFI अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह की बात सही हो लेकिन सच क्या है ये बिना जाँच के कैसे निर्धारित हो सकता है !
न्याय कहता है कि बिना जाँच के किसी को दोषी नहीं माना जा सकता लेकिन
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ये पहलवानों का गुट चाहता है कि महज उनके आरोप लगा देने के आधार पर WFI अध्यक्ष इस्तीफा दें और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए जो कि गलत है !ऊपर से इन पहलवानों ने पी टी ऊषा जैसी बड़ी हस्ती पर उल्टे-सीधे आरोप लगाकर उन्हें भी पक्षपाती और सरकार का गुलाम घोषित कर दिया है !
फिर तो बेहतर
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होगा की ये गुट सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होने वाली जाँच का परिणाम आने तक प्रतीक्षा करे,जंतर-मंतर पर बुलडोजर थोड़े ही चल रहा है,फिर से आ जाना धरना देने लेकिन यदि हठधर्मिता दिखाओगे तो सम्मान देने वाली आम जनता अपमान करना भी जानती है !