पीपल वृक्ष वैदिक महत्व एवं पूजन विधि

#thread
#सनातन_धर्म_सर्वश्रेष्ठ_है
पीपल वृक्ष वेदों और पुराणों में बहुत महत्वपूर्ण है। पीपल की उत्पत्ति और महत्व के बारे में वेद और पुराणों में कई सूक्ति और श्लोक लिखे गए हैं।

ऋग्वेद में पीपल का उल्लेख "अश्वत्थो वृक्षो अर्कः" इस पंक्ति से… twitter.com/i/web/status/1… Image
पीपल वृक्ष का महत्व धार्मिक तथों के साथ-साथ वैज्ञानिक तथ्यों में भी होता है। इसे एक पवित्र वृक्ष माना जाता है जो मानव जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। आधुनिक युग में पीपल वृक्ष के कुछ प्रमुख वैदिक और वैज्ञानिक तथ्य निम्न हैं

1. पीपल वृक्ष को एक पवित्र वृक्ष माना जाता है जो… twitter.com/i/web/status/1…
@kdnarayan_ भैया 🙏

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Jun 9
𝗴𝗮𝘆𝗮𝘁𝗿𝗶 𝗺𝗮𝗻𝘁𝗿𝗮 𝘄𝗶𝘁𝗵 𝟮𝟰 𝗱𝗲𝘃𝘁𝗮𝘀 𝘀𝗵𝗮𝗸𝘁𝗶

#thread

गायत्री के ग्रंथों में 24 गायत्रियों का वर्णन है। चौबीस देवताओं के लिए एक-एक गायत्री है। इस प्रकार 24 गायत्रियों द्वारा 24 देवताओं से संबंध स्थापित किया गया है।

गायत्री मंत्र के २४ अक्षरों में से… twitter.com/i/web/status/1… Image
गायत्री के चौबीस देवताओं की चैतन्य शक्तियाँ क्या हैं और उन शक्तियों के द्वारा क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं

१. गणेश - सफलता शक्ति। फल- कठिन कामों में सफलता, विघ्नों का नाश, बुद्धि वृद्धि ।

2. नृसिंह- पराक्रम शक्ति । फल - पुरुषार्थ, पराक्रम, वीरता, शत्रु नाश, आतंक, आक्रमण से… twitter.com/i/web/status/1…
Source - गायत्री महाविज्ञान
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Apr 10
बजरंग बाण का पाठ क्यूँ एवं कब पढ़े?

#thread

हनुमानजी कलयुग में सर्वाधिक जाग्रत देवता माने जाते हैं, जो सप्तचिरंजीवियों में से एक हैं, अर्थात जिनकी कभी मृत्यु नहीं हो सकती। इनके सम्बन्ध में अनेक किवदन्तियाँ हैं और आधुनिक युग में भी इन्हें कहीं-कहीं उपस्थित रूप से माना जाता है… twitter.com/i/web/status/1… Image
बजरंग बाण है तो हनुमान चालीसा जैसा ही पाठ, किन्तु यह हनुमान चालीसा से अधिक प्रभावी है। शत्रु बाधा, तान्त्रिक अभिचार, किया-कराया, भूत-प्रेत, ग्रह दोष आदि के लिए यह बाण की तरह काम करता है। इसीलिए इसका नाम बजरंग बाण है। बजरंग बाण चौपाइयों पर आधारित पाठ है, किन्तु इसकी सफलता इसमें दी… twitter.com/i/web/status/1…
बजरंग बाण से ग्रहदोष समाप्त अगर किसी प्रकार के ग्रहदोष से पीड़ित हों, तो प्रातः काल बजरंग बाण का पाठ, आटे के दीप में लाल बत्ती जलाकर करें। ऐसा करने से बड़े से बड़ा ग्रह दोष पल भर में टल जायेगा।
३. साढ़ेसाती अगर शनि, राहु, केतु जैसे क्रूर ग्रहों की दशा, हनुमान चालीसा का पाठ करे… twitter.com/i/web/status/1…
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Mar 23
बीज मन्त्रों का गुरु के बिना जप करना निषेध क्यूँ है?

कौनसे बीज मंत्र का जाप स्वयं से कर सकते है?

कौनसे बीज अक्षर को कौनसा मंत्र एवं जप कहते है?

बीज मंत्र गलत जाप से क्या होता है?

Book (मंत्र रहस्यम् )
#thread
मंत्र रहस्यम्

पुस्तकमें लिखी विद्या मनुष्योंको सिद्धि नहीं देती, तन्त्रशास्त्रमें विना गुरुके उपदेशसे किसी प्रकारके कार्यका अधिकार नहीं है।
पुस्तके लिखिता विद्या नैव सिद्धिप्रदा नृणाम्।
गुरुं विनापि शास्त्रेऽस्मिन्नाधिकारः कथंचन॥

अमुक तंत्र(नाम गुप्त)
मंत्र क्या है? किसे कहते है?

जिस मंत्र के आदि, मध्य और अन्तमें वं या यं बीज हों वा चतुर्द्धा और पंचघा स्वरयुक्त हो उसको छिन्न मंत्र कहते हैं।

- जिस मंत्र के आदि, मध्य और अंतमें दो लं बीज हों उसको रुद्ध मंत्र कहते हैं, रुद्ध मंत्र भुक्ति और मुक्तिसे शून्य जानो।

- जिस मंत्रमें
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Mar 22
नवरात्रि हवन में किस द्रव्य का क्या फल है?
जय माता दी ❤️
#thread Image
जायफल- से कीर्ति प्राप्ति होती है। Image
किशमिश से सुख - संपत्ति और कार्य की सिद्धि होती है। Image
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Mar 18
वैदिक घड़ी क्या है ?
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1 ब्रह्म
2 आश्विन कुमार
3 गुण
4 वेद
5 प्राणतत्व
6 रस (स्वाद)
7 ऋषि
8 सिद्धि
9 द्रव्य( पदार्थ)
10 दिशाएँ
11 रूद्र
12 सूर्य (घड़ी)
तीन गुण-- सत्व, राजस और तमस
पंच प्राण-- प्राण, अपान, समान, उदान और व्यान षडरस-- मधुर, लवण, तिक्त, कटु, कषाय और अम्ल
सप्त ऋषि-- कश्यप, अत्री, वैशिष्ट, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और भारद्वाज
अष्टसिद्धि-- (1) अणिमा (2) महिमा (3) गरिमा (4) लघिमा (5) प्राप्‍ति (6) प्राकाम्‍य 7) ईशित्… twitter.com/i/web/status/1…
नव द्रव्य-- पृथ्वी, आकाश, वायु, मन, आत्मा, जीवात्मा, काल, तेज, दिक्

दस दिशाएँ-- उर्ध्व, ईशान, पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर और अधो

ग्यारह रूद्र--
कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, अहिर्बुध्न्य, शम्भु, चण्ड, और भव

द्वादश… twitter.com/i/web/status/1…
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Mar 16
पूजा में आसन के प्रयोग (कामनानुसार) कैसे करे?
पीले रंग के आसन- लक्ष्मी, ऐश्वर्य, धन संबंधी प्रयोगों के लिए।
काले रंग के आसन- वशीकरण, उच्चाटन आदि प्रयोगों के लिए।
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