यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) आने का उद्देश्य क्या है और इससे भारतीय जनता को क्या फायदा होगा❓
हमारे भारत देश की छवि एक धर्मनिरपेक्ष* देश की है...
ऐसे में कानून और धर्म का एक-दूसरे से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए...
सभी लोगों के साथ धर्म/मजहब से परे जाकर समान व्यवहार
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होना बहुत जरूरी है...
क्योंकि एक पक्ष को तो अलग से बहुत से कानून बनाकर दे दिए गए हैं और वहीं दूसरी तरफ एक को सिर्फ भारत के संविधान के अनुसार चलना पड़ता है...
जहां विभिन्न समुदाय को अलग-अलग कानून मिलने की वजह से बहुत सी सुविधाएं मिली हुई हैं,
जिनका उनके द्वारा गलत प्रयोग किया
जाता रहा है और आगे भी किया जाता रहेगा,यदि इसको समय रहते रोका नहीं गया तो...
UCC आने से इसका महत्व हमारे देश में "सिविल कानून" को समान और एकरूपी/एक समान बनाने का प्रयास करना है।
इसका मुख्य उद्देश्य संरचित और समान न्यायपालिका प्रणाली को प्रदान करना है जो नागरिकों को अधिकारों और
कर्तव्यों की स्पष्टता देती है।
UCC आने से हम नागरिकों को कई तरह के लाभ प्रदान करता है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
1. संरचितता और स्पष्टता: UCC एक संरचित/निश्चित और अत्यधिक संगठित संरचना से सिविल कानून संहिता प्रदान करके न्यायपालिका प्रणाली को स्पष्टता देता है।
यह नियमों,
विधियों और न्याय की प्रक्रियाओं को स्पष्ट करता है जिससे न्यायिक निर्णयों की समझ में आसानी होती है।
इससे न्यायपालिका प्रणाली का विश्वसनीयता और संप्रभुता मजबूत होती है जो सामान्य जनता के भरोसे को बढ़ाता है।
2.न्याय का उपयोग सुनिश्चित करना: UCC न्यायपालिका को संघर्षों और विवादों के
न्यायपूर्वक निराकरण में सहायता करता है।
इसमें सामान्य न्याय के सिद्धांतों की अनुपालना की गई होती है और सभी नागरिकों को न्यायाधीशों और न्यायिक प्रणाली के माध्यम से न्यायपूर्वक निर्णय लेने का समान अवसर भी मिलता है।
3.व्यवस्थापूर्वक न्यायिक प्रक्रिया:UCC व्यवस्थित न्यायिक प्रक्रिया
प्रदान करता है जिससे मामलों का न्यायपूर्वक निराकरण आसान हो जाता है। यह संग्रहीत न्यायिक निर्णयों को स्थानांतरित करने और संशोधित करने की सुविधा देता है ताकि अदालतें नए प्राथमिकताओं और परिस्थितियों के साथ समाधान कर सकें।
4.एकरूपता: UCC के माध्यम से, एक देश में सिविल कानून की
एकरूपता सुनिश्चित की जा सकती है।
इससे राष्ट्रीय स्तर पर कानूनी प्रणाली में अंतरराष्ट्रीय व्यापार, निवासी और नागरिकों के बीच असमंजस का समाधान होता है। यह अदालतों, न्यायिक निर्णयों और कानूनी प्रक्रियाओं की सर्वहितवादी को बढ़ाता है।
5. विनियमितता/ एकसमानता की ओर बढ़ना: UCC
एकसमानता को बढ़ाने में मदद करता है।
इससे सिविल कानून को बदलने और सुधारने की प्रक्रिया सरल बनती है और नई विपत्तियों के साथ संघर्ष करने में सक्षम बनाता है। यह सामान्य नागरिकों को नए कानूनी परिवर्तनों की जानकारी और सुरक्षा प्रदान करता है।
और भी आसान शब्दों में समझने के लिए👁️👁️
☝️यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी UCC देश की अखंडता एवं संप्रभुता के लिए सबसे जरूरी है...
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है देश में प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान कानून का होना...
फिर भले ही वो किसी भी धर्म, मजहब या किसी भी धर्म/मजहब में किसी भी जाति से ताल्लुक ही क्यों न रखता हो...
फिलहाल हमारे देश में अलग-अलग मजहबों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ तक हैं...ये तो आप सभी जानते हैं...
लेकिन UCC/ यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से हर धर्म/मजहब के लिए एक जैसा कानून लागू हो जाएगा...
UCC का होना इस वक़्त क्यों जरूरी है?
1-जैसा कि मैंने ऊपर पहले ही स्पष्ट किया है कि
भारत की छवि एक धर्मनिरपेक्ष देश की है...
ऐसे में कानून और धर्म का एक-दूसरे से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए... सभी लोगों के साथ धर्म से परे जाकर समान व्यवहार होना जरूरी है...
2-क्योंकि विभिन्न धर्म/मजहब की व्याख्या के कारण विभिन्न कानून से न्यायपालिका पर बोझ पड़ता है...
UCC यूनिफॉर्म कॉमन सिविल कोड आ जाने से इस मुश्किल से मुक्ति मिलेगी और न्यायालयों में वर्षों से लंबित पड़े मामलों के निपटारे भी जल्द होंगे*
3-प्रत्येक भारतीय पर एक समान कानून/UCC लागू होने से राजनीति में भी बदलाव आएगा या यू कहें कि वोटबैंक और ध्रुवीकरण की राजनीति पर लगाम लगेगी...
4-सभी के लिए कानून में एकसमानता से एकता को बढ़ावा मिलेगा और इस बात में कोई दो राय नहीं है कि जहां हर नागरिक समान हो, उस देश का विकास तेजी से होता है...
5- सभी महिलाओं की सामाजिक स्थिति भी बेहतर होगी...
UCC क्यों जरूरी है इसे अब और भी तीन आसान वाक्य में समझिए...
1- वो चार शादी करे तो जायज,आप दूसरी करो तो दोषी हो जाते हैं...
2-उनके मजहब में शादी की उम्र कम और आप धर्म के अनुसार संविधान के अनुसार 21 साल से कम तो जेल हो जाती है... 3- उनकी धार्मिक* संस्था और जमीन उनके जिम्मे है क्योंकि उन सबके पास उनके पर्सनल लॉ हैं और वो इसका बखूबी फायदा भी
उठाते हैं,वक्फ बोर्ड तो आपके सामने उदाहरण है ही और इसी के कारण मजार जिहाद/जमीन जिहाद होता ही और आसान शब्दों में समझने के लिए वक्फ प्रॉपर्टी अधिनियम अवश्य पढ़ें...
ठीक वहीं दूसरी तरफ हमारी संविधान के अनुसार सरकार के जिम्मे...
इसलिए "एक देश एक कानून" होना बहुत जरूरी है...
इस तरह, UCC आना हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो एक देश में "सिविल कानून को समान" और "संरक्षित रूप" से बनाने का प्रयास करता है।
यह न्यायपालिका प्रणाली को भी स्पष्टता, संरचितता और व्यवस्थितता प्रदान करता है...
जिससे न्याय का उपयोग और भी अधिक सुनिश्चित होगा और
नागरिकों को संघर्षों के न्यायपूर्वक निराकरण में सहायता भी मिलेगी...
बाकी और अधिक गहनता से समझाने के लिए मेरे गुरुजन बड़े -बुजुर्ग,बड़े- छोटे सभी भाई-बहन मार्गदर्शन करें🙏🙏🙏
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☝️राहुल गांधी ने 8Apr2022 को कहा था:-
👉"भारत को बांटा गया है। भारत पहले एक देश हुआ करता था, अब इसमें अलग-अलग देश बना दिए गए हैं और सबको एक दूसरे से लड़ाया जा रहा है। जब यह दर्द आएगा तो हिंसा आएगी, 2-3 साल रुक जाओ, फिर देख लेना।"
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👉वर्तमान में हो रहे षड्यंत्रों की कड़ी से कड़ी जोड़ते जाओ अब👈
☝️इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि अब #काँग्रेस भारत के टुकड़े करने पर उतर आई है...
☝️इसी में तो काँग्रेस माहिर है,देश में आग लगा दो,दंगा करवा दो...
☝️उसके बाद लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ाकर
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विपक्ष यानी BJP के सुप्पोर्टर लोगों को भड़काकर उन सभी की नजर में नकारा, निकम्मा घोषित करके किसी भी प्रकार सत्ता अपने हाथ में ले लो...
👉और उसके बाद जमकर लूटो, मारो, काटो😠😠😠
☝️अगर ध्यान से देखा जाए तो #कोंग्रेस ने 1947 के बंटवारे से शुरूआत से ही आज तक भारतवर्ष के किसी ना
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1️⃣👉शाहरुख:-शाहरुख खान की माँ एक हैदराबादी इंजीनियर इफ्तिखार अहमद,जो मंगलौर बन्दरगाह में वरिष्ठ इंजिनियर थे, की बेटी (लतीफ़ फातिमा) थी*
☝️जिसे नेहरु के चहेते मन्त्री(आजाद हिन्द फ़ौज के)शाहनवाज खान ने गोद लिया था,शाहनवाज खान के तीन बेटे और दो बेटियाँ थी,
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तीसरी बेटी की उनको ऐसी क्या❓ आवश्यकता पड़ी कि दूसरे से माँगना पड़ गया🤔
(इस पर कई थ्रेड विनय झा गुरुजी के लेख पोस्ट कर चुका हूँ)
☝️इस पर आजतक किसी ने कुछ नहीं लिखा है,नेहरु के मन्त्री को एक रेस्तरां वाले से उस गोद ली गयी बेटी का निकाह क्यों करना पड़ा यह भी रहस्य के घेरे में है..
☝️शाहरुख कहता है कि उसके दादा "जान मुहम्मद" अफगान पठान थे, जो सरासर झूठ है...
👉जान मुहम्मद और उसके सारे वारिसों में से कोई भी न तो खान आस्पद लगाते थे और न स्वयं को पठान कहते थे, वे लोग "हिन्दको" बोली बोलने वाले पश्चिमी कश्मीर के हिन्दकोवाँ मुस्लिम थे जो पेशावर में बस गए थे,
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☝️प्रभास का use करके "साउथ मूवीज" को बहुत आसानी से टारगेट किया गया है...
☝️क्योंकि बॉलीवुड समझ चुका है कि जनता का रुझान अब साउथ मूवीज की तरफ है,
☝️इसलिए धीरे-धीरे साउथ इंडियन एक्टर को निशाना बनाया जा रहा है,
👉प्रभास की इमेज पर बहुत फर्क पड़ने वाला है...
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☝️KGF एक्टर YASH ने इस चाल को बखूबी समझ लिया और इसलिए ही बॉलीवुड में(रणवीर की रामायण मूवी में रावण का किरदार) एक्टिंग के लिए मना कर दिया...
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विजय देवरकोंडा को लाईगर में हकला बना दिया।
रश्मिका पुरूषों के अन्डरगार्मेंट को प्रोमोट कर रही है।
बालीवुड वाले साऊथ वालों की बेइज्जती करते हैं इस बहाने, उनको जनता के मन से उतारने की साजिश है।
साऊथ वालों को अपना स्तर बनाके रखना चाहिए।
क्यों आते हैं यहाँ की फिल्मों में काम करने ?
☝️एक बहुत बड़ी हवेली थी,उस हवेली की बहुत दूर-दूर तक प्रसिद्धि फैली हुई थी,उस हवेली की प्रसिद्धि को देखकर और सुनकर उस हवेली पर कुछ हमलावरों ने हवेली के ही अकबर और एंथोनी के साथ मिलकर एक षड्यंत्र के तहत हमला बोल दिया,जो कि हवेली पर अपना मालिकाना हक चाहते थे,
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और कुछ समय के चलते ऐसा हो भी गया,धीरे-2 हवेली जर्जर होने लगी और असली मालिकों को हवेली के बार खदेड़ दिया गया और वह सब हवेली के बाहर टेंट लगाकर रहने लगे...
हवेली के असली मालिकों से अब हवेली की दुर्दशा और अपने कुटुंब की हालत नहीं देखी जा रही थी, हवेली के असली सभी वारिसों ने
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मिलकर पीढ़ी दर पीढ़ी बहुत से अपनी उस हवेली के लिए अनगिनत बलिदान दिए और पीढ़ी दर पीढ़ी उसकी रक्षा करते रहे...
आखिरकार हवेली की हालत में बहुत सुधार हो गया और उसकी हालत अब सुधरने लगी, फिर एक दिन हवेली के नकली मालिक जो बनकर बैठे हुए थे,उन्होंने हवेली के असली वारिसों से लड़ने में
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