1️⃣👉शाहरुख:-शाहरुख खान की माँ एक हैदराबादी इंजीनियर इफ्तिखार अहमद,जो मंगलौर बन्दरगाह में वरिष्ठ इंजिनियर थे, की बेटी (लतीफ़ फातिमा) थी*
☝️जिसे नेहरु के चहेते मन्त्री(आजाद हिन्द फ़ौज के)शाहनवाज खान ने गोद लिया था,शाहनवाज खान के तीन बेटे और दो बेटियाँ थी,
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तीसरी बेटी की उनको ऐसी क्या❓ आवश्यकता पड़ी कि दूसरे से माँगना पड़ गया🤔
(इस पर कई थ्रेड विनय झा गुरुजी के लेख पोस्ट कर चुका हूँ)
☝️इस पर आजतक किसी ने कुछ नहीं लिखा है,नेहरु के मन्त्री को एक रेस्तरां वाले से उस गोद ली गयी बेटी का निकाह क्यों करना पड़ा यह भी रहस्य के घेरे में है..
☝️शाहरुख कहता है कि उसके दादा "जान मुहम्मद" अफगान पठान थे, जो सरासर झूठ है...
👉जान मुहम्मद और उसके सारे वारिसों में से कोई भी न तो खान आस्पद लगाते थे और न स्वयं को पठान कहते थे, वे लोग "हिन्दको" बोली बोलने वाले पश्चिमी कश्मीर के हिन्दकोवाँ मुस्लिम थे जो पेशावर में बस गए थे,
हिन्दको शब्द बताता है कि वे हिन्दू मूल के थे...
☝️देश का बँटवारा होने पर तो शाहनवाज खान अपने पैतृक प्रदेश को भाग गये थे-- रावलपिण्डी के पास कहुटा जहाँ आज अब्दुल कादिर खान का परमाणु बम शोध संयन्त्र है।
☝️कहुटा के बगल में ही मटोर गाँव है जहाँ कैप्टेन सरदार टिक्का खान के बेटे
शाहनवाज खान का जन्म हुआ था,
☝️शाहनवाज खान के सगे भाई, जो पाकिस्तानी सेना में ब्रिगेडियर थे, का बेटा 2012 में पाकिस्तानी ISI के प्रमुख बने- लेफ्टिनेंट जनरल जहीरुल इस्लाम (उस समय ISI के डिप्टी डायरेक्टर जनरल थे,
👉मेजर जनरल इसफंदयार अली खान पटौदी, बॉलीवुड स्टार सैफ अली खान के
अपने चाचा) ! 👈
☝️शाहरुख की अम्मी लतीफ फातिमा खान की उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ है और खास बात ये है कि वो दिल्ली में मजिस्ट्रेट थी😱 और तो और इंदिरा के बेटे संजय गांधी की बहुत ही खासमखास और
वैसे भी एक कर्नल की बेटी "गौरी छिब्बर" वर्तमान नाम "गौरी खान" को कोई तो छूभी नहीं सकता पर उससे इस हकले का अफेयर दिखाता है कि ये भी खाते-पीते परिवार का था,
रिसर्च करते वक़्त एक आर्टिकल में पढ़ रहा था कि शाहरुख के पिता दिल्ली में बेचते थे चाय😂,फिर उन्होंने एक होटल भी खोल लिया और
तो और उसमें खुद मजिस्ट्रेट😱"लतीफ फातिमा" शाहरुख की मां मदद करती थी😂😂😂 शाहरुख खान के अब्बू-अम्मी भारत के राष्ट्रपति "फकरुद्दीन अहमद" के साथ🤔🤔🤔
2️⃣सलमान खान:- सलमान के पूर्वज अफगानिस्तान से थे और सलमान के दादा अब्दुल रशीद खान और उनके भी दादा अब्दुल लतीफ खान थे। सलमान के परदादा का नाम अनवर खान था।
☝️वह ब्रिटिश भारतीय सेना के घुड़सवार दल में थे।
☝️दादा यानी सलीम खान के पिता अब्दुल राशिद खान एक रसूखदार इंसान इंदौर के DIG
डीआईजी पद से रिटायर हुए थे। वह होल्कर राम में डीआईजी के पद पर थे। महाराजा यशवंत राव होल्कर ने उन्हें 'दिलेर जंग' की उपाधि दी थी।
☝️सलमान के पूर्वज 18वीं शताब्दी में अफगानिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के मालकंद से हिंदुस्तान आए थे। इसके पूर्वज अलाकोजाई पश्तून थे।
☝️इन्हें अलाकोजाई युसुफजई समाज से जुड़ा हुआ माना जाता है। 18वीं शताब्दी में एक सूफी संत के अनुयायी बन उनके साथ हजारों की संख्या में लोग भारत आए थे। इन हजारों लोगों में सलमान के पूर्वज भी थे😳
☝️इंदौर के महाराजा होल्कर ने सूफी संत और उनके अनुयायियों को अपने राज में शरण दी थी।
☝️सलमान खान के दादा अब्दुल राशिद खान के बारे में एक किस्सा भी मशहूर है।
☝️कहते हैं कि उनके हाथ एक खजाना लगा था। लेखक जसीम खान अपनी किताब 'बीइंग सलमान' में इसका जिक्र करते हैं। इंदौर के बड़वाली चौकी इलाके में अब्दुल राशिद खान ने एक मकान खरीदा था,
☝️बताया जाता है कि जब वह उस
पुराने मकान को तोड़कर नया घर बना रहे थे, तब वहां एक खजाना मिला।
☝️सलमान के दादा ने खजाना मिलने के बाद वह इमारत बेच दी और फिर पलासिया इलाके में एक बड़ी जमीन खरीदकर वहां घर बनाया🤔🤔🤔
3️⃣आमिर खान:- आमिर खान की "मौलाना अबुल कलाम आजाद" (नेहरू का चहेता शिक्षा मंत्री) का वंशज होने
के कारण, #अफगानिस्तान के हेरात शहर में जड़ें मिलती हैं...
☝️आमिर खान भारत के पूर्व राष्ट्रपति, डॉ॰जाकिर हुसैन का भी वंशज है और भारत की अल्पसंख्यक🙄 कल्याण मंत्री डॉ॰ नजमा हेपतुल्ला का दूसरा भतीजा भी...
👉मौलाना आजाद पर फिल्म बनाने का सपना : आमिर खान Search On Google👈
☝️आमिर खान ने 9 Jan 2014 में 3 ईडियट फ़िल्म के वक़्त कहा था कि अपने परदादा के जीवन पर फिल्म बनाना उनका सपना था🤔
4️⃣सैफ अली खान:-“पाकिस्तान की विचारधारा” शब्द का इस्तेमाल पहली बार 1971 में याह्या खान के सूचना मंत्री मेजर जनरल शेर अली खान पटुआदी द्वारा किया गया था।
क्या आप जानते हैं कौन है ये पटौदी?
👉जी हां, सैफ अली खान पटुआदी के अंकल। सैफ के दादा यहां क्यों रुके थे? क्योंकि यहां उनकी संपत्ति बहुत ज्यादा थी।
👉सैफ के बड़े चाचा मज्र. जनरल इसफंदयार अली खान पटौदी आईएसआई के उप निदेशक थे।
👉एक और परदादा मामा एम.जे.आर. जनरल शेर अली पटौदी
पाक सेना में जनरल स्टाफ के प्रमुख थे,
👉एक और महान चाचा शहरयार अली पटौदी पीसीबी के अध्यक्ष थे।
☝️यह सब बहुत सोचा समझा प्लान था। इनका विचार भारत की राजनीति में घुसपैठ करना और पाकिस्तान के लिए अनुकूल परिवर्तन करवाते रहना सरकारी शासन तन्त्र पर कब्जा करना था...
5️⃣नसीरुद्दीन शाह:- नसीरुद्दीन शाह के पुरखों को अंग्रेज भारत लेकर आए थे।
☝️दरअसल 1839-40 में पहला एंग्लो अफगान युद्ध हुआ था।
☝️इस युद्ध में एक अफगान पश्तून या पठान जमींदार "जां फिशां खां" ने अंग्रेजों का साथ दिया था।
☝️जब अंग्रेज अफगानों से युद्ध हार गए तब अंग्रेजों ने
☝️"जां फिशां खां" को अफगानिस्तान से लाकर मेरठ के सरधना में बसा दिया था और उनको एक रियासत दे दी थी।
☝️इन्हीं जां फिशां खां के खानदान में जन्म हुआ है... नसीरूद्दीन शाह का।
☝️जां फिशां खां...खानदानी गद्दार था...
☝️पहले उसने अफगानिस्तान में अपने देश के अंदर गद्दारी की और
अंग्रेजों का साथ दिया और 1857 के संग्राम में भी जां फिशां खां ने अंग्रेजों का साथ दिया था।
☝️कुल मिलाकर नसीरुद्दीन शाह अंग्रेजों के भाड़े के टट्टुओं के खानदान से ताल्लुकात रखता है...
☝️ये नसीरुद्दीन शाह और उसके खानदान का असली परिचय है...
6️⃣जावेद अख्तर:- के परदादा मौलाना फजले हक खैराबादी ने 1855 में अयोध्या में प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर पर कब्जा करने और उसे गिराने के लिए फतवा दिया था...
☝️पर अंग्रेजों ने वास्तव में इन मुस्लिम आक्रांताओं से हनुमान गढ़ी के अयोध्या मंदिर को बचाया***
☝️इसी कारण खैराबादी ने अंग्रेजों के खिलाफ जिहाद का आह्वान किया, जिसके लिए उसे पकड़ लिया गया और काला पानी भेज दिया गया...
☝️वह 1857 के बाद भी अंग्रेजों के प्रति वफादारी की याचना करता रहा,तब जाकर अंग्रेज़ो ने दया की...
☝️लेकिन खैराबादी तब भी दूसरे मुसलमानो को जिहाद करने और
मरने मारने के लिए उकसाता रहा I
👉जान निसार अख्तर🙄 के दादा ने विनती की और अंग्रेजों ने उनकी वफादारी के बदले में नरमी बरती। फिर उसने खुद एक भव्य और शानदार जीवन व्यतीत किया...
☝️और हम समझते रहे सभी का खून शामिल है यहां की मिट्टी में😬
आप सारी जानकारी Google कर सकते हैं
⏳⏳⏳-2
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☝️राहुल गांधी ने 8Apr2022 को कहा था:-
👉"भारत को बांटा गया है। भारत पहले एक देश हुआ करता था, अब इसमें अलग-अलग देश बना दिए गए हैं और सबको एक दूसरे से लड़ाया जा रहा है। जब यह दर्द आएगा तो हिंसा आएगी, 2-3 साल रुक जाओ, फिर देख लेना।"
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👉वर्तमान में हो रहे षड्यंत्रों की कड़ी से कड़ी जोड़ते जाओ अब👈
☝️इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि अब #काँग्रेस भारत के टुकड़े करने पर उतर आई है...
☝️इसी में तो काँग्रेस माहिर है,देश में आग लगा दो,दंगा करवा दो...
☝️उसके बाद लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ाकर
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विपक्ष यानी BJP के सुप्पोर्टर लोगों को भड़काकर उन सभी की नजर में नकारा, निकम्मा घोषित करके किसी भी प्रकार सत्ता अपने हाथ में ले लो...
👉और उसके बाद जमकर लूटो, मारो, काटो😠😠😠
☝️अगर ध्यान से देखा जाए तो #कोंग्रेस ने 1947 के बंटवारे से शुरूआत से ही आज तक भारतवर्ष के किसी ना
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यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) आने का उद्देश्य क्या है और इससे भारतीय जनता को क्या फायदा होगा❓
हमारे भारत देश की छवि एक धर्मनिरपेक्ष* देश की है...
ऐसे में कानून और धर्म का एक-दूसरे से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए...
सभी लोगों के साथ धर्म/मजहब से परे जाकर समान व्यवहार
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होना बहुत जरूरी है...
क्योंकि एक पक्ष को तो अलग से बहुत से कानून बनाकर दे दिए गए हैं और वहीं दूसरी तरफ एक को सिर्फ भारत के संविधान के अनुसार चलना पड़ता है...
जहां विभिन्न समुदाय को अलग-अलग कानून मिलने की वजह से बहुत सी सुविधाएं मिली हुई हैं,
जिनका उनके द्वारा गलत प्रयोग किया
जाता रहा है और आगे भी किया जाता रहेगा,यदि इसको समय रहते रोका नहीं गया तो...
UCC आने से इसका महत्व हमारे देश में "सिविल कानून" को समान और एकरूपी/एक समान बनाने का प्रयास करना है।
इसका मुख्य उद्देश्य संरचित और समान न्यायपालिका प्रणाली को प्रदान करना है जो नागरिकों को अधिकारों और
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☝️प्रभास का use करके "साउथ मूवीज" को बहुत आसानी से टारगेट किया गया है...
☝️क्योंकि बॉलीवुड समझ चुका है कि जनता का रुझान अब साउथ मूवीज की तरफ है,
☝️इसलिए धीरे-धीरे साउथ इंडियन एक्टर को निशाना बनाया जा रहा है,
👉प्रभास की इमेज पर बहुत फर्क पड़ने वाला है...
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☝️KGF एक्टर YASH ने इस चाल को बखूबी समझ लिया और इसलिए ही बॉलीवुड में(रणवीर की रामायण मूवी में रावण का किरदार) एक्टिंग के लिए मना कर दिया...
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विजय देवरकोंडा को लाईगर में हकला बना दिया।
रश्मिका पुरूषों के अन्डरगार्मेंट को प्रोमोट कर रही है।
बालीवुड वाले साऊथ वालों की बेइज्जती करते हैं इस बहाने, उनको जनता के मन से उतारने की साजिश है।
साऊथ वालों को अपना स्तर बनाके रखना चाहिए।
क्यों आते हैं यहाँ की फिल्मों में काम करने ?
☝️एक बहुत बड़ी हवेली थी,उस हवेली की बहुत दूर-दूर तक प्रसिद्धि फैली हुई थी,उस हवेली की प्रसिद्धि को देखकर और सुनकर उस हवेली पर कुछ हमलावरों ने हवेली के ही अकबर और एंथोनी के साथ मिलकर एक षड्यंत्र के तहत हमला बोल दिया,जो कि हवेली पर अपना मालिकाना हक चाहते थे,
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और कुछ समय के चलते ऐसा हो भी गया,धीरे-2 हवेली जर्जर होने लगी और असली मालिकों को हवेली के बार खदेड़ दिया गया और वह सब हवेली के बाहर टेंट लगाकर रहने लगे...
हवेली के असली मालिकों से अब हवेली की दुर्दशा और अपने कुटुंब की हालत नहीं देखी जा रही थी, हवेली के असली सभी वारिसों ने
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मिलकर पीढ़ी दर पीढ़ी बहुत से अपनी उस हवेली के लिए अनगिनत बलिदान दिए और पीढ़ी दर पीढ़ी उसकी रक्षा करते रहे...
आखिरकार हवेली की हालत में बहुत सुधार हो गया और उसकी हालत अब सुधरने लगी, फिर एक दिन हवेली के नकली मालिक जो बनकर बैठे हुए थे,उन्होंने हवेली के असली वारिसों से लड़ने में
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