Adv. Prerak Agrawal - मोदी का परिवार Profile picture
Advocate - High Court , District & Sessions Court Jaipur .
Dec 15, 2023 30 tweets 9 min read
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चीरहरण और द्यूत की बेईमानी की घटनाओं से द्रौपदी आगबबूला हो गई और समस्त कुरूकुल को श्राप देने के लिए उद्यत हुई।

परन्तु गांधारी और धृतराष्ट्र ने द्रौपदी को शांत करते हुए कहा - “ बहू ! तुम मेरी पुत्रवधूओं में सबसे श्रेष्ठ हो।

तुम्हारी जो इच्छा हो वह मुझसे वर माँग लो। ” Image @Sabhapa30724463 @Radhika_chhoti @SimpleDimple05 @BablieVG @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @babulal13072344 @Hanuman65037643 @Govindmisr @bhaktidham_ @ajayamar7 @Heeralal1358756 @amarlal71 तब द्रोपदी ने कहा- “महाराज ! यदि आप मुझे वरदान देना चाहते है, तो यह वर दीजिए कि सब कुछ पहले जैसा हो जाए।

धृतराष्ट्र ने कहा- “ऐसा ही होगा।”

तब महाराज युधिष्ठिर हाथ जोड़े हुए महाराज धृतराष्ट्र के पास गये और विनम्र शब्दों में उनसे कहा- “महाराज ! आप हमारे स्वामी हैं। आज्ञा दीजिए कि Image
Dec 5, 2023 26 tweets 13 min read
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#द्रौपदी_स्वयंवर

द्रौपदी के जीवन में कुछ भी सामान्य नहीं था तो विवाह कैसे सामान्य हो सकता था।

महाराज द्रुपद अपनी बेटी का विवाह अर्जुन से करना चाहते थे। लेकिन द्रौपदी के स्वयंवर से पहले ही लाक्षागृह की घटना हो चुकी थी और सभी को लगता था कि 5 पांडव और कुंती उस लाक्षागृह Image @Sabhapa30724463 @ajayamar7 @SimpleDimple05 @DamaniN1963 @deva_sanka34545 @Hanuman65037643 @NandiniDurgesh5 @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @Govindmisr @AYUSHSARATHE3 @Radhika_chhoti @radhika_1113 की अग्नि की भेंट चढ़ गए हैं।

जबकि पांचों पांडव सकुशल उस गृह से बाहर निकलकर ब्राह्मण वेष में उन्हें के राज्य की एकचक्रा नगरी में रहने लगे थे।

स्वयंवर घोषणा के बाद श्रीकृष्ण और वेदव्यास जी एकचक्रा नगरी में पांडवों के पास पहँचे और वेदव्यास जी ने कहा:-

अपने आप को दुनिया से छुपाने Image
Nov 16, 2023 10 tweets 6 min read
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🔴 ऋषि दुर्वासा द्वारा कुंती को वशीकरण मंत्र का आशीर्वाद दिया गया :-

जब कुंती 14 वर्ष की कन्या थी , तो उसे दुर्वासा ऋषि और उनकी पत्नी कंदली की सहायता करने के लिए नियुक्त किया गया था - दुर्वासा एक महान ऋषि थे जो भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या करते थे , Image @Sabhapa30724463 @babulal13072344 @DamaniN1963 @Govindmisr @SimpleDimple05 @spavitra277 @ShashibalaRai12 @SathyavathiGuj1 @AYUSHSARATHE3 @Hanuman65037643 @Heeralal1358756 @AnnapurnaUpad13 @961YM @ajayamar7 @AmirLadka @amarlal71 लेकिन उनका स्वभाव बहुत उग्र था। राजाओं और अन्य संतों को समान रूप से हमेशा उनके गुस्सैल स्वभाव से डर लगता था, जो आम तौर पर उनके साथ रास्ते में आने वाले किसी भी व्यक्ति को सीधे श्राप देता था।

कुन्ती ने कुन्तिभोज के राज्य में प्रवास के 3 वर्षों के दौरान ऋषि दुर्वासा की सेवा की और Image
Aug 20, 2023 15 tweets 4 min read
@Sabhapa30724463 @tfputMTZrpMEr5o @Govindmisr @spavitra277 @bhakttrilokika @NandiniDurgesh5 @Hanuman65037643 @ShashibalaRai12 @AYUSHSARATHE3 @SathyavathiGuj1 @Sanatani1Rekha @SimpleDimple05 @ajayamar7 उसके संपोषण में उनके षड्गोस्वामियों की अत्यंत अहम् भूमिका रही। इन सभी ने भक्ति आंदोलन को व्यवहारिक स्वरूप प्रदान किया।साथ ही वृंदावन के सप्त देवालयों के माध्यम से विश्व में आध्यात्मिक चेतना का प्रसार किया।चैतन्य महाप्रभु 1572 विक्रमी में वृंदावन पधारे। वे व्रज की यात्रा करके पुनः @Sabhapa30724463 @tfputMTZrpMEr5o @Govindmisr @spavitra277 @bhakttrilokika @NandiniDurgesh5 @Hanuman65037643 @ShashibalaRai12 @AYUSHSARATHE3 @SathyavathiGuj1 @Sanatani1Rekha @SimpleDimple05 @ajayamar7 श्री जगन्नाथ धाम चले गये परंतु उन्होंने अपने अनुयाई षड् गोस्वामियों को भक्ति के प्रचारार्थ वृंदावन भेजा। ये गोस्वामी गण सनातन गोस्वामी, रूप गोस्वामी, जीव गोस्वामी आदि अपने युग के महान विद्वान, रचनाकार एवं परम भक्त थे। इन गोस्वामियों ने वृंदावन में सात प्रसिद्ध देवालयों का निर्माण
May 23, 2023 32 tweets 104 min read
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#देवी_जाबाला

#श्रीराम_जाबालि_संवाद

#महर्षि_गौतम

#ऋषिवशिष्ठ

#ऋषि_जबालि

#जबालोपनिषद

#चार_हिन्दू_आश्रम_व्यवस्था

#वाल्मिकी_रामायण

#जबलपुर

#जालौर

#छांदोग्य_उपनिषद् की एक कथा है जिसमें #सत्यकाम_जाबाला ऋषि के बाल्यावस्था की एक घटना का उल्लेख है।

इन्हें #जाबाला और Image @Sabhapa30724463 @ShashibalaRai12 @aryavratvijayat @SathyavathiGuj1 @satyabhanushas3 @sanjay16sanjay @NandiniDurgesh5 @DPRASADDWIVEDI1 @Radhika_chhoti @Govindmisr @SahayRk483098 @MukulWatsayan @AnnpurnaU #जाबालि कहकर भी सम्बोधित किया जाता है।

#रामायण में #श्रीराम के साथ इनका प्रसंग आता है।

ऋषि जाबालि का #जबलपुर से बहुत गहरा नाता रहा है।

#कुलगुरु_वशिष्ठ जी की अनुशंसा पर #महाराजा_दशरथ द्वारा जबलपुर के ऋषि जाबालि को अयोध्या में #मुख्य_याजक ( #यज्ञ_प्रमुख ) नियुक्त किया गया था। Image
Jan 22, 2023 14 tweets 5 min read
🔴 #हल्दीघाटी का युद्ध :- 18 June 1576

🔸युद्ध के बाद अगले एक साल तक #महाराणा_प्रताप ने #हल्दीघाटी के आस-पास के गांवों के भूमि के पट्टों को #ताम्रपत्र जारी किए थे जिससे यह साबित होता है कि किसी भी आक्रान्ता का महाराण प्रताप के किसी भी विशाल भू-भाग पर कोई नियंत्रण नहीं हुआ था। 🔸इन ताम्रपत्रों पर #एकलिंगनाथ जी के दीवान महाराणा प्रताप के हस्ताक्षर थे.

उस समय भूमि पट्टे जारी करने का अधिकार केवल Particular Area के राजा के पास ही होता था.

🔸युद्ध के परिणाम से खिन्न अकबर ने मानसिंह और आसफ खाँ की 6 माह के लिये इयोड़ी बंद कर दी थी अर्थात् उनको दरबार में
Jan 13, 2023 318 tweets >60 min read
#मगध_और_समकालीन_भारतीय_इतिहास

#मगध 1⃣

मगध के राजवंश

1. महाराजा मगध :-

राजा मगध ने मगध साम्राज्य की स्थापना की।

2. महाराजा सुधन्वा :- कुरु द्वितीय का पुत्र सुधन्वा अपने मामा महाराजा मगध के बाद मगध का राजा बना।
सुधन्वा राजा मगध का भतीजा था।

3. महाराजा सुधनु

(1/600) 4. महाराजा प्रारब्ध
5. महाराजा सुहोत्र
6. महाराजा च्यवन
7. महाराजा चवाना
8. महाराजा कृत्री
9. महाराजा कृति
10. महाराजा क्रत
11. महाराजा कृतग्य
12. महाराजा कृतवीर्य
13. महाराजा कृतसेन
14. महाराजा कृतक
15. महाराजा प्रतिपदा
16. महाराजा उपरिचर वसु :- बृहद्रथ के पिता

(2/600)
Oct 23, 2022 14 tweets 35 min read
@Sabhapa30724463 @amarlal71 @4k25JbZMlr4eUsF @BNPande83532833 @DamaniN1963 @Govindmisr @PRPathak2 @SathyavathiGuj1 @ShashibalaRai12 @SimpleDimple05 @seemarani4421 छोटी दिवाली को काली चौदस या नरक चतुर्दशी भी कहते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार , प्रागज्योतिषपुर राज्य में नरकासुर नामक राजा और उसका सेनापति मुर था जिनका भगवान श्रीकृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा ने वध कर दिया था और 15999 स्त्रियों को उन लोगों की कैद से मुक्त कराया था। @Sabhapa30724463 @amarlal71 @4k25JbZMlr4eUsF @BNPande83532833 @DamaniN1963 @Govindmisr @PRPathak2 @SathyavathiGuj1 @ShashibalaRai12 @SimpleDimple05 @seemarani4421 जिसके बाद नरकासुर की माता ने भगवान श्रीकृष्ण से आग्रह किया कि उसके पुत्र की मृत्यु के दिन को शोक के तौर पर ना मनाकर एक उत्सव के रूप में मनाया जाए.

यही वजह है कि इस दिन छोटी दिवाली मनाई जाती है और इस दिन को चतुर्दशी तिथि होने के कारण नरक चतुर्दशी कहते हैं.
Jul 7, 2022 27 tweets 11 min read
जयद्रथ वध:-

सिंधु सभ्यता महाभारत काल में मौजूद थी। महाभारत में इस जगह को सिन्धु देश कहते थे। इस सिन्धु देश का राजा जयद्रथ था। जयद्रथ महाभारत युद्ध में कौरवों की ओर से लड़ा था।

(1/27) Image जयद्रथ सेे पूर्व सिंधु देश के राजा थे वृद्धक्षत्र, उनका ही पुत्र था जयद्रथ।वृद्धक्षत्र को यह पुत्र कठिन तप करने के बाद हुआ था।जयद्रथ का जब जन्म हुआ तब उस समय यह भविष्यवाणी हुई कि,'यह राजकुमार यशस्वी होगा,पर एक श्रेष्ठ क्षत्रिय के हाथों सिर काटे जाने से इसकी मृत्यु होगी।'
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May 31, 2022 12 tweets 3 min read
हनुमानजी का अद्भुत पराक्रम..
 
          जब रावण ने देखा कि हमारी पराजय निश्चित है तो उसने 1000 राक्षसों को पाताल से बुलाकर रणभूमि में भेजने का आदेश दिया।ये ऐसे थे जिनको काल भी नहीं खा सकता था क्योंकि पातालवासियों की जान उनमें होती ही नहीं है ।
          विभीषण के गुप्तचरों से समाचार मिलने पर श्री राम को चिन्ता हुई कि हम लोग इनसे कब तक लड़ेंगे ? सीता का उद्धार और विभीषण का राज तिलक कैसे होगा ? क्योंकि युद्ध की समाप्ति असंभव है।
          श्रीराम कि इस स्थिति से वानरवाहिनी के साथ कपिराज सुग्रीव भी विचलित हो गए कि अब क्या होगा ? हम अनंत काल तक युद्ध तो