नाम में क्या रखा है? Profile picture
बाली वाला बुंदेलखंडी! Fellow @royalhistsoc Consulting Editor @indicatoday @prachyam7
आत्मनिर्भर बिमल 🚩🛕 जय श्री राम।। Profile picture Sabyasachi Profile picture 2 subscribed
May 30, 2023 12 tweets 4 min read
Social media platforms like #TikTok and #Instagram Reels have brought light-hearted fun into our lives, but we must acknowledge the darker side. Accounts disguised as legitimate platforms can prey on vulnerable children, raising concerns about their safety. #OnlineExploitation The illusion of a #falsenarrative is prevalent on these platforms. Influencers project an idealized version of their lives, emphasizing glamorous experiences and seemingly perfect relationships. This content distorts reality, setting unrealistic standards for viewers.
May 28, 2023 11 tweets 4 min read
Throughout history, those in power have recognized the immense influence of mass communication. Joseph #Goebbels, in 1933, hailed radio as the "eighth great power" and leveraged it as a tool for propaganda. The German government subsidized the production of affordable radios, ensuring widespread access to broadcasts that disseminated provocative speeches and carefully crafted "news."
May 27, 2023 10 tweets 3 min read
Propaganda has long been used as a powerful tool in politics. One example dat stands out is the Nazi regime under Hitler.They knew how to effectively convey their message through symbols,gestures,;& posters plastered across walls, both in their own territory and conquered areas. They utilized slogans & visual imagery to present their ideas to the masses.These posters, with Nazi slogans displayed, aimed to promote production internally and evoke a sense of patriotism in the conquered territories, emphasizing the importance of fighting for their beliefs.
Dec 24, 2022 4 tweets 1 min read
समय का सदुपयोग करने में मनमोहन देसाई के हाथ कोई नहीं पकड़ सकता।उन्होंने भारतीय फिल्म इतिहास की एक सुपर डुपर हिट फिल्म के शुरूआती मिनटों के भीतर पांच लोगों के परिवार को अलग कर दिया था।

पिता की एक तस्कर से मुठभेड़ होती है और वह सोने के बिस्कुट का एक बॉक्स लेकर फरार हो जाता है। पेड़ की टहनी गिरने से मां अंधी हो जाती है और उनके तीन बेटों को एक हिंदू पुलिस अधिकारी, एक मुस्लिम दर्जी और एक ईसाई पुजारी द्वारा बचा लिया जाता है। साल बीतते जाते हैं और अब आपके सामने एक अंधी फूल बेचने वाली महिला है जिसे तत्काल रक्त की आवश्यकता है।
Dec 23, 2022 8 tweets 2 min read
कांग्रेस का इतिहास -१ कांग्रेस का इतिहास -२
Oct 5, 2022 15 tweets 4 min read
हमको हमारे बचपन में होली, दीवाली से ज्यादा दशहरे का इंतजार रहा करता था क्योंकि छुट्टियां दशहरे से शुरू होकर दीवाली तक होती थी।

यही वो समय होता था जब साल की दूसरी नई कपड़ों की जोड़ी का आगमन होने वाला होता था। जी, हां हम उसी मध्यम वर्गीय परिवार के सदस्य हुआ करते थे जिनकी साल की पहली नए कपड़ों की जोड़ी स्कूल की ड्रेस ही हुआ करती थी।
शहर में रामलीलाएं की अलग अलग कमेटियां होती थीं। बड़े बाज़ार, काली बाड़ी और सदर बाजार की रामलीलाएं भीड़ जुटाने में सबसे आगे रहती थी।
Oct 3, 2022 12 tweets 4 min read
पर्क्यूशन यंत्र मादल से हिंदी फिल्मों में पहाड़ों का रोमांच लाने वाले रणजीत गजमेर यानी कांचा जी का आज जन्म दिन है।
आप इनकी शक्ल और नाम से इनको नहीं पहचान सकते अगर आप पंचम दा के पंखे नहीं हैं। पर्क्यूशन” का उद्भव लैटिन शब्द “पर्क्युसियो” से हुआ है। यदि इसे सरल शब्दों में समझा जाए तो दो वस्तुओं को आपस में टकराकर ध्वनि उत्पन्न करना है। संगीत के संदर्भ में ड्रम, धातु की प्लेट्स और लकड़ी के ब्लॉक जैसे उपकरणों को “पर्क्यूशन इंस्ट्रूमेंट्स” की श्रेणी में रखा जा सकता है।
Sep 24, 2022 30 tweets 11 min read
सन 92 की फिल्म वंश के इस गीत के साथ शुरू करते हैं इस साल की गीतमाला।

आनंद मिलिंद को श्रेय जाता है दक्षिण भारत की शानदार धुनों को हम तक खुद के नाम से पहुंचाने का।

उनके पिताश्री चित्रगुप्त इस से खुश तो नहीं हुए होंगे लेकिन जब आपको रोज़ एक फिल्म का ऑफर बने तो आप मौलिकता कहां से?? तेजाब की सफलता से पहले अनिल कपूर यह फिल्म साइन कर चुके थे। यह तब की बात है जब फिल्म का शीर्षक "रक्तवंशी" था। लेकिन तेजाब के ब्लॉकबस्टर बनने के बाद अनिल कपूर ने पप्पू वर्मा से और पैसे की मांग की और पप्पू वर्मा जी ने कपूर साहब को नमस्ते कर दिया था।

Sep 16, 2022 44 tweets 16 min read
दशक था नब्बे का और हिंदी फिल्मों का संगीत करवटें बदल रहा था। 1988 में
"कयामत से कयामत तक" और 1989 में "मैंने प्यार किया" ने लोगों को फिर एक बार कानफोडू संगीत से छुटकारा दिला दिया था।
यह थ्रेड नब्बे के दशक को समर्पित है..
#Songsof90s 1996 में, विशेष फिल्म्स सैफ अली खान और ट्विंकल खन्ना के साथ मिस्टर आशिक नामक एक फिल्म बना रहे थे, फिल्म का ऑडियो भी जारी किया गया था। बाद में विशेष फिल्म्स ने महसूस किया कि फिल्म अच्छी नहीं थी और कलाकारों ने भी महसूस किया कि वे सब बस अपना समय बर्बाद कर रहे थे।
Sep 13, 2022 26 tweets 6 min read
1927 में भगत सिंह को जब दशहरा बम काण्ड में गिरफ्तार किया गया तो दो सप्ताह तक तक उन्हें लाहौर के किले में रखा गया था, जहां उन पर बहुत अत्याचार हुए थे।

#क्रांतिदूत #krantidoot लगातार सवाल पूछे जाना, नींद न लेने देना, घंटों खड़े रखना और इस सबसे भी भयंकर यह कि जलते तारकोल की गर्म लौ और धुंएँ के सामने बाँध देना रोज़ की ही बात थी।

जहां ब्रिटिश कैदियों को अच्छा भोजन और वस्त्र दिया जाता था, वहीं क्रांतिकारी कैदियों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता था।
Sep 11, 2022 19 tweets 5 min read
बिनॉय कृष्णा बसु का जन्म 11 सितंबर 1908 को बांग्लादेश के मुंशीगंज जिले के रोहितभोग गांव में हुआ था। युवावस्था के आते-आते वे प्रसिद्ध क्रांतिकारी हेमचंद्र घोष के प्रभाव से, वह “मुक्ति संघ” में शामिल हो गए थे।
#क्रांतिदूत #krantidoot यह वही मुक्ति संघ था जिसके “जुगांतर पार्टी” से संबंधों के बारे में दबी जुबां में बातें होती रहती थीं।ढाका में मैट्रिक की परीक्षा पूरी करने के बाद, बेनॉय मिटफोर्ड मेडिकल स्कूल में शामिल तो हो गए थे लेकिन अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण वह अपनी शिक्षा पूरी करने में असमर्थ रहे।
Sep 10, 2022 4 tweets 2 min read
मध्य प्रदेश के मुरैना जिला में चंबल नदी के किनारे स्थित एक बड़े
भूभाग को तोमरधार कहा जाता है। इसी क्षेत्र में चंबल नदी के किनारे बरवाई और रूअर नामक दो गाँव हैं। मुरैना जिला स्वाधीनता से पूर्व ग्वालियर की देशी रियासत में था। बिस्मिल साहब के वंशज इसी गाँव के थे। अपनी आत्मकथा में बिस्मिल साहब ने अपने दादा का नाम श्री नारायणलाल,पिता का नाम श्री मुरलीधर, चाचा का नाम श्री कल्याणमल बताया है।
वो तोमर थे यह नहीं थे विवाद का विषय या नहीं है। चिंता की बात यह है कि आज़ाद साहब को ब्राहमण और बिस्मिल साहब को तोमर बताने वाले लोगों के दिल में क्या है?
Sep 10, 2022 8 tweets 2 min read
The account left by Subhas Babu, the great stalwart of the Congress and twice its president, explains what and how much Gandhi did to secure the release of Bhagat Singh and his two comrades in the condemned cells.
#क्रांतिदूत #krantidoot This means Gandhi left it to the viceroy's goodwill because he didn't want to jeopardize the so-called pact. Gandhi's eagerness to reach an agreement with the viceroy and thus advance his leadership made him allergic to what would have been a true test of the viceroy's sincerity.
Sep 9, 2022 6 tweets 2 min read
Just a week before the Lahore Congress session, which promised a lot, an attempt was made on the life of the viceroy, Lord Irwin, while he was travelling by train. The revolutionaries had made long preparation and laid a stick of dynamite under the railway track.
#krantidoot It called forth great ingenuity and perseverance as they had to do all this secretly. The dynamite exploded a few seconds too late with the result that the viceroy escaped with only a shock.
The Congress under the influence of Gandhi passed a
resolution which read--
#क्रांतिदूत
Aug 15, 2022 31 tweets 9 min read
Image “सम्पादक चाहिए- वेतन दो सूखे टिक्कड़ और एक गिलास ठंडा पानी। हर सम्पादकीय लिखने पर दस वर्ष काले पानी की सज़ा।”

यह है एक ऐसे समाचार पत्र की कहानी जिसका कोई सम्पादक जब जेल जाता था तो उस समाचार पत्र में यही विज्ञापन छपता था।
Jul 7, 2022 117 tweets 21 min read
राजनारायण के केस के दौरान श्रीमती गांधी के गृह राज्य उत्तर प्रदेश से एक सांसद इलाहाबाद गए थे। उन्होंने अनायास ही सिन्हा से पूछ लिया था कि क्या वे 5 लाख रुपए में मान जाएँगे। सिन्हा ने कोई जवाब नहीं दिया था। उस बेंच में उनके एक साथी ने बताया था कि उन्हें उम्मीद थी कि ‘इस फैसले के बाद’ उन्हें सुप्रीमकोर्ट का जज बना दिया जाएगा।गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव प्रेम प्रकाश नैयर ने देहरादून में उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से मुलाकात की थी और उनसे कहा था कि इस फैसले को टाल दिया जाए।
Jul 6, 2022 6 tweets 2 min read
इसमें गलत क्या है ?
बड़े अंबानी साहब गांधी परिवार के नज़दीक थे। छोटे अंबानी भाजपा के नजदीक होने के साथ साथ आज भी गांधी परिवार के नज़दीक हैं।
व्यापारिक घराने धंधा करने बैठे हैं और वो पक्ष विपक्ष दोनों की गोदी में बैठते हैं। विपक्ष कैसे एक रात में पक्ष में आ बैठता है इसके बारे में हाल में महाराष्ट्र में हुए खेल से आप समझ सकते हैं।

व्यापारिक घराने ऐसे विरोधी पत्रकारों, विचारकों, बुद्धिजीवियों और आज के समय में विरोधी विचारधारा के मीडिया मंचों को अपनी जेब में रखता है।
Jun 27, 2022 53 tweets 0 min read
Jan 24, 2021 7 tweets 2 min read
हुआ यह था कि १९६२ में चीन के हाथों हारने के बाद पूरे देश के लोगों में नए सिरे से जोश भरने का प्रयास हर स्तर पर किया जा रहा था। उसी के चलते २६ जनवरी १९६३ को दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में एक कार्यक्रम होना तय हुआ था। फिल्मों के लोगों को जोड़ा गया और एक कमेटी बनाई गई जिसके अध्यक्ष बने महबूब खान और दिलीप कुमार को बनाया गया था सचिव। हिंदी कवि प्रदीप जी से एक गीत लिखने को कहा गया जो कि देशभक्ति से पूर्ण हो।
Oct 19, 2018 74 tweets 14 min read
बिकते हुए मिलार्ड ...

विष्णु प्रभाकर की एक कहानी धरती अब भी घूम रही है में एक निर्दोष आदमी जेल चला जाता है । उस के परिवार में सिर्फ दो छोटे बच्चे हैं । एक बेटा और एक बेटी । बच्चे कचहरी और पुलिस के चक्कर लगा-लगा कर थक जाते हैं । एक रात जज के घर में पार्टी चल रही होती है । काला कोट पहने अपने काले और कमीने चेहरे पर बड़ा सा लाल टीका लगाते थे । कहते फिरते थे कि मैं चलती-फिरती कोर्ट हूं । लेकिन सिर्फ तारीख लेने के मास्टर थे । कभी बीमारी के बहाने , कभी पार्ट हर्ड के बहाने , कभी इस बहाने , कभी उस बहाने सिर्फ और सिर्फ तारीख लेते थे ।