सकारात्मक कहानियों से बदलाव लाने वाला भारत का सबसे बड़ा प्लेटफार्म. The Better India in Hindi
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Dec 25, 2022 • 9 tweets • 3 min read
(1/9)#BirthAnniversary
25 दिसंबर 1861 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में एक पंडित परिवार में मदन मोहन मालवीय का जन्म हुआ। उन्होंने अपना उपनाम ‘चतुर्वेदी’ से बदलकर ‘मालवीय’ रख लिया, क्योंकि उनके पूर्वज मालवा से इलाहाबाद आए थे।
(2/9)मालवीय ने भारत में शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने और समाज में सुधार लाने की दिशा में अनेकों काम किए। क्योंकि कहीं न कहीं उन्हें पता था कि जब तक भारतीय, शिक्षित नहीं होंगे और उन्हें समझ नहीं होगी कि स्वतंत्रता के असल मायने क्या हैं?
Dec 24, 2022 • 8 tweets • 3 min read
(1/8)क्या आपने मक्खन का पेड़ देखा है?
चौंकिए मत! इस तरह के पेड़ उत्तराखंड में अक्सर दिखाई पड़ते है। च्यूर नाम का यह पेड़ देवभूमि वासियों को वर्षों से घी उपलब्ध करा रहा है। इसी खासियत के कारण इसे 'इंडियन बटर ट्री' कहा जाता है।
(2/8)जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय के डॉ. वीपी डिमरी बताते हैं कि दूध की तरह मीठा और स्वादिष्ट होने के कारण च्यूर के फलों को चाव से खाया जाता है। दुनिया में तेल वाले पेड़ों की सैकड़ों प्रजातियां हैं, लेकिन कुछ ही ऐसी हैं, जिनसे खाद्य तेल प्राप्त किया जा सकता है।
Dec 23, 2022 • 7 tweets • 4 min read
(1/7)कई बार ऑफिस आते-जाते या सड़क पर चलते हुए आपकी नज़र ऐसे किसी इंसान पर पड़ी होगी जिनके पास इस कड़कड़ाती ठंड में तन ढकने के लिए एक कंबल भी नहीं है। वे छोटे-छोटे बच्चे जो बिना स्वेटर, टोपी और गर्म कपड़े के ही दिन-रात काटने को मजबूर हैं।
(2/7)इनकी मदद करने का ख़्याल तो आपको भी आया होगा!तो अब बिना सोचे हमारे ज़रिए आप इन तक पहुंचा सकते हैं गर्म कपड़े और कंबल जैसी ज़रूरी चीज़ें।
द बेटर इंडिया के #DonateWarmth कैंपेन से जुड़कर हमारा साथ दीजिए।क्योंकि साथ मिलकर कोशिश करने से ही हम इनकी ज़िंदगी थोड़ी आसान बना सकते हैं।
Dec 23, 2022 • 4 tweets • 2 min read
(1/4)अगर जीवन में कुछ कर गुज़रने का जुनून हो, तो कोई भी मुश्किल काम आसान हो जाता है। ऐसा ही कुछ कमाल कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले के छोटे से गांव की रहनेवाली सानिया मिर्ज़ा ने।
(2/4)सानिया ने एनडीए की परीक्षा में 149वीं रैंक के साथ फ्लाइंग विंग में दूसरा स्थान हासिल किया है।
सानिया की इस सफलता से उनका परिवार बहुत खुश है। सानिया के पिता शाहिद अली मिर्ज़ापुर में एक टीवी मैकेनिक हैं। ot
Dec 22, 2022 • 7 tweets • 4 min read
कई बार ऑफिस आते-जाते या सड़क पर चलते हुए आपकी नज़र ऐसे किसी इंसान पर पड़ी होगी जिनके पास इस कड़कड़ाती ठंड में तन ढकने के लिए एक कंबल भी नहीं है। वे छोटे-छोटे बच्चे जो बिना स्वेटर, टोपी और गर्म कपड़े के ही दिन-रात काटने को मजबूर हैं।
इनकी मदद करने का ख़्याल तो आपको भी आया होगा! तो अब बिना सोचे हमारे ज़रिए आप इन तक पहुंचा सकते हैं गर्म कपड़े और कंबल जैसी ज़रूरी चीज़ें।
द बेटर इंडिया के #DonateWarmth कैंपेन से जुड़कर हमारा साथ दीजिए। क्योंकि साथ मिलकर कोशिश करने से ही हम इनकी ज़िंदगी थोड़ी आसान बना सकते हैं।
Jul 2, 2022 • 4 tweets • 1 min read
(1/4)आज के आधुनिकता की चकाचौंध में हमारे बहुत से ऐसे परंपरागत तरीके खो से गये हैं, जिनमें विज्ञान की झलक मिलती है। ऐसी ही एक पोस्ट हमारे साथ साझा की है अंजनी कुमार पांडे ने।
"पहले तसला, भगौना, पतीला (खुला बर्तन) में दाल-भात बनता था, अदहन जब अनाज के साथ उबलता था,
(2/4)तो बार-बार एक मोटे झाग की परत जमा हो जाती थी, जिसे माई रह-रह के निकाल के फेंक दिया करती थी। पूछने पर कहती थी, "ई से तबियत खराब होत है"....
बाद में बड़े होने पर पता चला कि वह झाग शरीर मे यूरिक एसिड बढ़ाता है और माई इसीलिए उस झाग को फेंक दिया करती थी।
Jul 2, 2022 • 5 tweets • 3 min read
(1/5)#gardening
गुना (मध्य प्रदेश) के रुठिआई गांव के 44 वर्षीय केदार सैनी एक गरीब किसान परिवार से आते हैं। लेकिन पर्यावरण के प्रति उनका जो लगाव है, वह उन्हें काफी खास बना देता है। वह पेड़-पौधों और देसी बीज के विषय में बेहद अच्छी जानकारी रखते हैं और
(2/5)इसका इस्तेमाल करके वह शहर में हरियाली भी फैला रहे हैं। साल 2019 से वह गेल इंडिया और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे प्रोजेक्ट्स पर पौधे लगाने का काम कर रहे हैं।
अपने पौधों के प्रति लगाव के कारण ही वह दुर्लभ सब्जियों, फलों और जड़ी-बूटियों आदि के बीज इकट्ठा
Jul 2, 2022 • 6 tweets • 2 min read
(1/6)!! पुण्यतिथि पर शत शत नमन !!
यूसुफ़ जफर मेहरअली
23 सितंबर 1903 को जन्मे युसूफ मेहरअली भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के अग्रणी नेताओं में थे. आजादी के आंदोलन के दौरान वे 8 बार जेल भेजे गए। 1942 में जेल में बंद होने के बावजूद वह बंबई (अब मुंबई) के मेयर चुने गए थे।
(2/6)उन्होंने 1930 के नमक सत्याग्रह में हिस्सा लिया। सन 1934 में ब्रिटिश राज पर षड्यन्त्र रचने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें दो वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। मेहरअली कांग्रेस सोशलिस्ट के संस्थापकों में से एक थे।
Jul 1, 2022 • 4 tweets • 3 min read
(1/4)#फ़िल्मी_शुक्रवार
"एक समय था जब मैं एक प्रोजेक्ट पूरा करता था,
मुंबई हवाई अड्डे पर उतरता था, और वहीं से दूसरा पैक किया हुआ सूटकेस लेता था, जिसे मेरी पत्नी घर से नए कपड़े रखकर भेजती थी क्योंकि वहीं से दूसरे प्रोजेक्ट के लिए उड़ान भरनी पड़ती थी।
(2/4)मैंने एक बार मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'कफन' पर आधारित एक फिल्म करने का ऑफर स्वीकार कर लिया, जिसकी शूटिंग लखनऊ के पास एक गाँव में करनी थी। यहां मुझे एक जर्जर मकान में रहना था, जो धूल से सना हुआ था। इतनी धूल कि जब मैं सुबह उठता था तो मेरी नाक में रेत के कण होते थे।
Jun 30, 2022 • 5 tweets • 3 min read
(1/5)भारतीय पैरा एथलीट अवनी लेखरा ने अपने शानदार खेल की बदौलत दुनियाभर में एक बार फिर भारत का नाम रोशन कर दिया है।
मंगलवार को वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स रैंकिंग जारी की गई, जिसमें गोल्डन गर्ल अवनी ने R2- 10 मीटर एयर राइफल महिला SH1 और
(2/5)R8-50 मीटर राइफल 3 पोजिशन महिला इवेंट में दुनियाभर में पहली रैंक हासिल की है।
इसके साथ ही, शूटिंग में एक साथ दो वर्ल्ड रैंकिंग में ऐसा करने वाली अवनी भारत की पहली पैरा खिलाड़ी बन गई हैं।
इस महीने फ्रांस में आयोजित वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप में अवनी ने 2
Jun 30, 2022 • 6 tweets • 3 min read
(1/6)हिंदी साहित्य में अगर किसी कवि को लोककवि होने का दर्जा प्राप्त है तो वह हैं बाबा नागार्जुन!
नागार्जुन का जन्म 30 जून, 1911 को हुआ था। वह प्रगतिवादी विचारधारा के लेखक और कवि थे। नागार्जुन ने 1945 ई. के आसपास साहित्य क्षेत्र में क़दम रखा।
(2/6)उनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था, पर हिन्दी साहित्य में उन्होंने 'नागार्जुन' तथा मैथिली में 'यात्री' उपनाम से रचनाओं का सृजन किया।
नागार्जुन की कविताओं को उनके समय और जीवन की डायरी के रूप में भी देखा जा सकता है। उनके काल की शायद ही कोई महत्वपूर्ण राजनैतिक और
Jun 30, 2022 • 4 tweets • 3 min read
(1/4)#गाँव_का_गुरूवार
भोपाल, मध्य प्रदेश के 26 वर्षीय हर्षित गोधा साल 2013 में BBA की पढ़ाई के लिए UK गए थे। फिटनेस के शौक़ीन, हर्षित की प्लेट में हर दिन एवोकाडो फल रहता ही था और इस तरह यह उनकी डाइट का एक हिस्सा बन चुका था। लेकिन तब हर्षित ने सोचा भी नहीं था
(2/4)कि यह सुपर फ़ूड न सिर्फ उनकी डाइट का, बल्कि एक दिन उनके काम का भी हिस्सा बन जाएगा।
BBA की पढ़ाई के बाद, हर्षित ने इज़राइल जाकर एवोकाडो उगाना सीखा और आज उन्होंने अपने पांच एकड़ खेत में तक़रीबन 1800 एवोकाडो के पौधे उगाए हैं।
Jun 2, 2022 • 5 tweets • 2 min read
(1/5)शादी के बाद बरसों तक घरेलू हिंसा का शिकार हुईं शिवांगी गोयल उन औरतों के लिए मिसाल हैं, जिन्हें लगता है कि अब कुछ नहीं हो सकता। शिवांगी की सात साल की बेटी है। ससुराल में काफ़ी समय तक हिंसा झेलने के बाद, शिवांगी ने अपने माता-पिता के पास लौटने का फ़ैसला किया।
(2/5)शिवांगी ने तलाक़ के लिए अदालत में अर्ज़ी दी। इतना सब कुछ होने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। शिवांगी का बचपन का सपना था UPSC एग्ज़ाम पास करके प्रशासनिक सेवा में जाने का। वापस आने के बाद, शिवांगी ने अधूरे सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दिया।
May 31, 2022 • 5 tweets • 2 min read
(1/5)यूपीएससी में हिंदी मीडियम के अभ्यर्थियों में टॉप करने वाले रवि कुमार सिहाग ने 18वीं रैंक लाकर साबित किया है कि हिंदी का परचम भी नतीजों में बुलंद रहा है।
यूपीएससी में 17वीं रैंक तक टॉपर्स अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थी हैं।
(2/5)जबकि हिंदी माध्यम से टॉप करने वाले 18वें नंबर पर रवि कुमार सिहाग हैं। रवि कुमार सिहाग की ऑल इंडिया रैंक तो 18 है, लेकिन हिंदी माध्यम में इनकी रैंक टॉप की है। रवि ने यह परीक्षा कुल चार बार दी है और चार प्रयासों में से तीन बार सफल रहे हैं।
May 31, 2022 • 12 tweets • 4 min read
(1/12)इस साल के यूपीएससी नतीजे देश के सामने हैं। टॉप 3 में देश की तीन बेटियों का नाम गूँज रहा है। श्रुति शर्मा को इस परीक्षा में पहला स्थान, अंकिता अग्रवाल को दूसरा और गामिनी सिंगला को तीसरा स्थान हासिल हुआ है। इन तीनों की कामयाबी सिर्फ़ इनकी कामयाबी नहीं है,
(2/12)बल्कि मुश्किलों के आगे हिम्मत ना हारने वाले हर इंसान की कामयाबी का सबक़ इनकी कहानियों में छुपा हुआ है। इस परीक्षा को टॉप करने वाली दिल्ली की श्रुति शर्मा को दूसरी कोशिश में कामयाबी मिली, लेकिन हम सबके लिए असली कहानी उनकी पहली कोशिश में है।
Feb 7, 2022 • 10 tweets • 3 min read
(1/10) जैसे-जैसे हम बड़े होते है, हममें से अधिकांश लोगों को माध्यमिक बोर्ड परीक्षाओं के महत्व के बारे में बताया जाता है। क्या आप जानते हैं, हमारे एजुकेशनल जर्नी का सबसे निर्णायक समय तब होता है, जब हमें यह डिसाइड करना होता है कि हमें अपने जीवन में क्या बनना है... @manav_rachna
(2/10) या फिर करियर के रूप में कौनसा पेशा चुनना है। भले ही यह कदम कितना ही महत्वपूर्ण क्यों न हो, फिर भी हमारे देश में बच्चे अपनी रुचि को ध्यान में रखकर करियर नहीं चुनते, बल्कि वे वही करते हैं, जो उनके परिवारवाले या दोस्त उनसे करने को कहते हैं।
Feb 7, 2022 • 17 tweets • 4 min read
(1/17)30 दिसंबर, 1930 को डॉ. भीमराव आंबेडकर ने लंदन से रमाबाई को एक पत्र लिखा था, उसी पत्र का सम्पादित संपादित अंश।
रमा! कैसी हो रमा तुम?
तुम्हारी और यशवंत की आज मुझे बहुत याद आई। तुम्हारी यादों से मन बहुत ही उदास हो गया है। मेरी बौद्धिक ताकत बहुत ही प्रबल बन गई है।
(2/17)शायद मन में बहुत सारी बातें उमड़ रही हैं। हृदय बहुत ही भाव प्रवण हो गया है। मन बहुत ही विचलित हो गया है और घर की, तुम सबकी बहुत यादआ रही है। तुम्हारी यादआ रही है। यशवंत की याद आ रही है। मुझे तुम जहाज पर छोड़ने आयी थी। मैं मना कर रहा था। फिर भी तुम्हारा मन नही माना।
Feb 6, 2022 • 6 tweets • 3 min read
(1/6)गुरबक्श सिंह ढिल्लों का जन्म 18 मार्च 1914 को पंजाब के एक गाँव में हुआ। ढिल्लों बचपन से ही दिमाग से तेज थे, पढ़ने-लिखने में उन्हें काफी रूचि थी। शुरुआत में वह स्पष्ट नहीं थे कि उन्हें आगे क्या करना है। उनका पूरा ध्यान बस ज्यादा से ज्यादा पढ़ने पर था।
(2/6)इसी बीच, एक दिन किसी ने उन्हें सेना में भर्ती होने की सलाह दी! फिर क्या था, उनके दिल में यह बात घर कर गयी और उनके जीवन का लक्ष्य सेना में भर्ती होना बन गया।
साल 1936 के आसपास भारतीय सेना से उन्हें बुलावा आया। वह 14वीं पंजाब रेजिमेंट की प्रथम बटालियन का हिस्सा बनाए गए।
Dec 29, 2021 • 5 tweets • 3 min read
(1/5)80 के दशक में रामायण धारावाहिक को घर-घर तक पहुंचाने वाले रामानंद सागर का जन्म 29 दिसंबर 1917 को ब्रिटिश इंडिया के पंजाब में हुआ था। अब यह जगह पाकिस्तान के लाहौर में है। रामानंद सागर के बचपन का नाम चंद्रमौली चोपड़ा था। रामानंद को उनकी नानी ने पाला और
(2/5)उन्होंने उनका नया नाम रामानंद सागर रखा। परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी, इसलिए रामानंद को कम उम्र से ही काम करना शुरू करना पड़ा। उन्होंने उन दिनों ट्रक क्लीनर और चपरासी की नौकरी भी की है।
1940 में रामानंद सागर पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थियेटर में असिस्टेंट स्टेज
Dec 28, 2021 • 17 tweets • 5 min read
(1/17)पति पत्नी के बीच का प्रेम क्या होता है,कोई विजेंद्र सिंह राठौड़ से सीखे!
यह तस्वीर अजमेर के रहनेवाले विजेंद्र सिंह राठौड़ और उनकी धर्मपत्नी लीला की है।साल 2013 मे लीला ने विजेंद्र से आग्रह किया कि वह चार धाम की यात्रा करना चाहती हैं।विजेंद्र एक ट्रैवल एजेंसी में कार्यरत थे
(2/17)और उसी दौरान ट्रैवेल एजेंसी का एक टूर केदारनाथ यात्रा पर जाने के लिए निश्चित हुआ। बस फिर क्या था, इन दोनों पति-पत्नी ने भी अपना बोरिया-बिस्तर बांधा और केदारनाथ जा पहुंचे।
वहां, विजेंद्र और लीला एक लॉज में रुके थे। लीला को लॉज में छोड़, विजेंद्र कुछ दूर ही गए थे
Dec 28, 2021 • 6 tweets • 3 min read
(1/6)28 दिसंबर 1937 में जन्में रतन टाटा आज बिज़नेस क्षेत्र में एक बड़ा नाम है, लेकिन वो कहते है न, बुलंदियों पर पहुँचने वाला हर इंसान कभी न कभी असफलता से गुजरता है।
यह बात है साल 1998 की, जब टाटा मोटर ने अपनी पहली पैसेंजर कार, Tata Indica बाजार में उतारी थी।
(2/6)दरअसल, यह रतन टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट था और इसके लिए उन्होंने जी-तोड़ मेहनत भी की। लेकिन इस कार को बाजार से उतना अच्छा रेस्पोंस नहीं मिल पाया, जितना उन्होंने सोचा था। इस वजह से टाटा मोटर्स घाटे में जाने लगी। कंपनी से जुड़े लोगों ने घाटे को देखते हुए,