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(2/9)मालवीय ने भारत में शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने और समाज में सुधार लाने की दिशा में अनेकों काम किए। क्योंकि कहीं न कहीं उन्हें पता था कि जब तक भारतीय, शिक्षित नहीं होंगे और उन्हें समझ नहीं होगी कि स्वतंत्रता के असल मायने क्या हैं?

(2/8)जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय के डॉ. वीपी डिमरी बताते हैं कि दूध की तरह मीठा और स्वादिष्ट होने के कारण च्यूर के फलों को चाव से खाया जाता है। दुनिया में तेल वाले पेड़ों की सैकड़ों प्रजातियां हैं, लेकिन कुछ ही ऐसी हैं, जिनसे खाद्य तेल प्राप्त किया जा सकता है।
(2/7)इनकी मदद करने का ख़्याल तो आपको भी आया होगा!तो अब बिना सोचे हमारे ज़रिए आप इन तक पहुंचा सकते हैं गर्म कपड़े और कंबल जैसी ज़रूरी चीज़ें।
(2/4)सानिया ने एनडीए की परीक्षा में 149वीं रैंक के साथ फ्लाइंग विंग में दूसरा स्थान हासिल किया है।
इनकी मदद करने का ख़्याल तो आपको भी आया होगा! तो अब बिना सोचे हमारे ज़रिए आप इन तक पहुंचा सकते हैं गर्म कपड़े और कंबल जैसी ज़रूरी चीज़ें।
(2/4)तो बार-बार एक मोटे झाग की परत जमा हो जाती थी, जिसे माई रह-रह के निकाल के फेंक दिया करती थी। पूछने पर कहती थी, "ई से तबियत खराब होत है"....



(2/5)इसका इस्तेमाल करके वह शहर में हरियाली भी फैला रहे हैं। साल 2019 से वह गेल इंडिया और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे प्रोजेक्ट्स पर पौधे लगाने का काम कर रहे हैं।
(2/6)उन्होंने 1930 के नमक सत्याग्रह में हिस्सा लिया। सन 1934 में ब्रिटिश राज पर षड्यन्त्र रचने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें दो वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। मेहरअली कांग्रेस सोशलिस्ट के संस्थापकों में से एक थे।
(2/4)मैंने एक बार मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'कफन' पर आधारित एक फिल्म करने का ऑफर स्वीकार कर लिया, जिसकी शूटिंग लखनऊ के पास एक गाँव में करनी थी। यहां मुझे एक जर्जर मकान में रहना था, जो धूल से सना हुआ था। इतनी धूल कि जब मैं सुबह उठता था तो मेरी नाक में रेत के कण होते थे।
(2/5)R8-50 मीटर राइफल 3 पोजिशन महिला इवेंट में दुनियाभर में पहली रैंक हासिल की है।
(2/6)उनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था, पर हिन्दी साहित्य में उन्होंने 'नागार्जुन' तथा मैथिली में 'यात्री' उपनाम से रचनाओं का सृजन किया।


(2/4)कि यह सुपर फ़ूड न सिर्फ उनकी डाइट का, बल्कि एक दिन उनके काम का भी हिस्सा बन जाएगा।
(2/5)शिवांगी ने तलाक़ के लिए अदालत में अर्ज़ी दी। इतना सब कुछ होने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। शिवांगी का बचपन का सपना था UPSC एग्ज़ाम पास करके प्रशासनिक सेवा में जाने का। वापस आने के बाद, शिवांगी ने अधूरे सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दिया।
(2/5)जबकि हिंदी माध्यम से टॉप करने वाले 18वें नंबर पर रवि कुमार सिहाग हैं। रवि कुमार सिहाग की ऑल इंडिया रैंक तो 18 है, लेकिन हिंदी माध्यम में इनकी रैंक टॉप की है। रवि ने यह परीक्षा कुल चार बार दी है और चार प्रयासों में से तीन बार सफल रहे हैं।
(2/12)बल्कि मुश्किलों के आगे हिम्मत ना हारने वाले हर इंसान की कामयाबी का सबक़ इनकी कहानियों में छुपा हुआ है। इस परीक्षा को टॉप करने वाली दिल्ली की श्रुति शर्मा को दूसरी कोशिश में कामयाबी मिली, लेकिन हम सबके लिए असली कहानी उनकी पहली कोशिश में है।
(2/10) या फिर करियर के रूप में कौनसा पेशा चुनना है। भले ही यह कदम कितना ही महत्वपूर्ण क्यों न हो, फिर भी हमारे देश में बच्चे अपनी रुचि को ध्यान में रखकर करियर नहीं चुनते, बल्कि वे वही करते हैं, जो उनके परिवारवाले या दोस्त उनसे करने को कहते हैं।
(2/17)शायद मन में बहुत सारी बातें उमड़ रही हैं। हृदय बहुत ही भाव प्रवण हो गया है। मन बहुत ही विचलित हो गया है और घर की, तुम सबकी बहुत यादआ रही है। तुम्हारी यादआ रही है। यशवंत की याद आ रही है। मुझे तुम जहाज पर छोड़ने आयी थी। मैं मना कर रहा था। फिर भी तुम्हारा मन नही माना।
(2/6)इसी बीच, एक दिन किसी ने उन्हें सेना में भर्ती होने की सलाह दी! फिर क्या था, उनके दिल में यह बात घर कर गयी और उनके जीवन का लक्ष्य सेना में भर्ती होना बन गया।
(2/5)उन्होंने उनका नया नाम रामानंद सागर रखा। परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी, इसलिए रामानंद को कम उम्र से ही काम करना शुरू करना पड़ा। उन्होंने उन दिनों ट्रक क्लीनर और चपरासी की नौकरी भी की है।
(2/17)और उसी दौरान ट्रैवेल एजेंसी का एक टूर केदारनाथ यात्रा पर जाने के लिए निश्चित हुआ। बस फिर क्या था, इन दोनों पति-पत्नी ने भी अपना बोरिया-बिस्तर बांधा और केदारनाथ जा पहुंचे।
(2/6)दरअसल, यह रतन टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट था और इसके लिए उन्होंने जी-तोड़ मेहनत भी की। लेकिन इस कार को बाजार से उतना अच्छा रेस्पोंस नहीं मिल पाया, जितना उन्होंने सोचा था। इस वजह से टाटा मोटर्स घाटे में जाने लगी। कंपनी से जुड़े लोगों ने घाटे को देखते हुए,