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सच्चा ज्ञान जहाँ से मिले बटोर लो...
Dec 8, 2021 4 tweets 2 min read
तुजुक-ए-जहाँगीरी (1623) कहती है—‘कश्मीर में इस्लाम के आगमन के पहले बने शानदार मंदिर अब भी खड़े हैं और सभी पत्थर के बने हैं।’
1834-38 के बीच कश्मीर की यात्रा पर आए विग्नेट ने 1842में लिखे अपने संस्मरण में 70 से 80 मंदिरों की उपस्थिति की बात की है।
दस सालों तक कश्मीर के शासक रहे++ मिर्ज़ा हैदर दुगलत ने अपनी किताब तारीख-ए-रसीदी में लिखाहै:
“कश्मीर के अचरजों में सबसे शानदार चीज़ है उसके मंदिर। कश्मीर के भीतर और उसके आसपास डेढ़ सौ से अधिक मंदिर हैं।बाकी दुनिया में ऐसी इमारत देखने या सुनने को नहीं मिलती। कितना आश्चर्यजनक है कि यहाँ डेढ़ सौ ऐसी इमारतें हैं।”
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Sep 11, 2021 8 tweets 7 min read
#कश्मीरनामा
#कश्मीर_और_कश्मीरी_पंडित
क्या #ब्राह्मण कश्मीर के मूलनिवासी हैं ?
आम तौर पर कश्मीरी पंडितों के नैरेशन में यह बताया जाता है कि कश्मीर में ब्राह्मणों के अलावा कोई जाति नहीं थी और ये ब्राह्मण कहीं और से नहीं आए थे बल्कि यहीं के मूल निवासी थे। उदाहरण के लिए 1996 से 1999+ तक कश्मीरी एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा1997से 2000तक ऑल इंडिया कश्मीरी समाज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहे शिया पोस्ट-ग्रेजुएट कॉलेज,लखनऊ से सेवानिवृत डॉ.बैकुंठनाथ शर्गा कश्मीरी ब्राह्मणोंको #सरस्वतीनदी के किनारे रहने वाले संत-महात्माओं की संतानें बताते हैं जो कश्मीर में जाकर2000 ईसा-पूर्व++
Sep 10, 2021 15 tweets 4 min read
#कश्मीरनामा
#कश्मीर_और_कश्मीरी_पंडित
कश्मीर उद्भव कथा : मिथक से विज्ञान तक

बुर्जहोम उत्खनन और वैज्ञानिक साक्ष्य :
1961 में आरम्भ हुई बुर्जहोम की खुदाई से प्राप्त चीज़ें कश्मीर के प्रागैतिहासिक काल की सबसे विश्वसनीय जानकारी का स्त्रोत हैं। टी एन खजांची कश्मीर मे 1960से1970
++ के बिच में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की उस टीम के निदेशक थे जिसने कश्मीर में बुर्जहोम में पुरातत्व सर्वेक्षण का काम शुरू किया। एम. के. कॉ. द्वारा सम्पादित किताब 'कश्मीर एन्ड इट्स पीपल' में वह कश्मीर के प्रागैतिहासिक युग के बारे में विस्तार से बात करते। 1935 में येल-कैंब्रिज
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