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दिल से कवी, नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे.
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Jun 20, 2020 11 tweets 3 min read
1962: नेहरू चीन युद्ध

अक्सर ये सुनने को मिल जाता है कि यह 1962 वाला भारत नहीं है. 1962 में भारत और चीन के बीच पहला युद्ध हुआ था, जिसमे चीन ने एक तरफ़ा युद्ध शुरू किया और एक तरफ़ा ही युद्ध विराम भी. तो क्या वाकई में भारत 1962 का युद्ध हार गया था? 1962 युद्ध के क्या कारण थे? प्रारंभिक संबंध

जब चीन अलग थलग पड़ चूका था तब अकेले भारत ने ही चीन का साथ दिया था.

1950 में जब चीन ने तिब्बत पर अपना कब्ज़ा जमाया तब अमेरिका ने इसका विरोध किया था, भारत चुप रहा.

1954 में नेहरू ने चीन के साथ पंचशील समझौता किया तब नेहरू ने लद्दाख पर चीन के अधिकार को भी मान लिया.
Jun 13, 2020 16 tweets 4 min read
भारत देश जिसका काफी और शायद विश्व में सबसे पुराना इतिहास रहा है अपने पुराने समय में काफी समृद्ध था हर एक तरह से. फिर चाहे वह सामाजिक व्यवस्था हो आर्थिक व्यवस्था हो या पारिवारिक व्यवस्था हो. हमारा इतिहास इस से भरा हुआ है. काफी पहले तक भारतीय को शर्मिंदगी उठाना पड़ता था. फिर चाहे वो हमारी संस्कृति के लिए हो, हमारे साहित्य के लिए हो, हमारी सभ्यता के लिए हो, शौचालय के लिए हो, हर एक जगह हम आज विश्व में नीचे, पिछड़े और गरीब देशो में गिनती होती है. एक समय का विश्वगुरु आज पिछड़ा देश कैसे बन गया? चलिये देखते है की उसका जिम्मेदार कौन है?
Jun 8, 2020 26 tweets 4 min read
भारतीय सेना. ये सुनते ही हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है और सम्मान में सर झूक जाता है (कुछ लोगो को छोड़ कर, पर मैं उन्हें भारतीय नहीं मानता )
हमारी सेना कई बार सिर्फ जोश और देशभक्ति में लड़ चुकी है और जीत चुकी है. सेना युद्ध करने से पहले एक नारा लगाती है. जिसे War Cry कहते है. सेना के अलग अलग Regiments के अनुसार War Cry भी बदलती रहती है. Regiments का गठन आज़ादी के पहले ही हो गया था. और कुछ का आज़ादी के बाद. आज सेना के अलग अलग अलग Regiments के नाम और उसके War Cry भी जानेंगे.
Jun 3, 2020 23 tweets 9 min read
Battle of Rezang La
1962 के युद्ध में भारतीय सेना के शौर्य और बलिदान की गाथा. एक राजपूत मेजर और उनके साथ 124 अहीर जवान मैं जातिवाद का समर्थक नहीं हु. पर यहाँ जरुरी है. क्योकि इनके खून में ही शौर्य, वीरता और साहस कूट कूट कर भरा था. तभी 124 जवान 3000 से ज्यादा चीनियों से सामने लड़े शैतान सिंह भाटी
जन्म 1.12.1924
सिंह स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने पर सिंह जोधपुर राज्य बलों में शामिल हुए। जोधपुर की रियासत का विलय हो जाने के बाद उन्हें कुमाऊं रेजिमेंट में भेज दिया गया। उन्होंने नागा हिल्स ऑपरेशन तथा 1961 में गोवा के भारत में विलय में हिस्सा लिया था
Jun 1, 2020 20 tweets 8 min read
सीमा पर भारत और चीन की सेना आमने सामने खड़ी है. तनाव बना हुआ है और कोशिश की जा रही है कि बात चीत से समाधान आ जाये. आए दिन सोशल मीडिया पर चीन और पाकिस्तान के लोग हमे 1962 की याद दिला रहे है. 1962 के युद्ध में भारत हार गया था. पर क्या वो वाकई में युद्ध था? हम हारे क्यों? देखते है शुरुआती संबंध
भारत सरकार की पॉलिसी चीन से दोस्ताना रिश्तों की रही है। भारत ने जापान के साथ एक शांति समझौता के लिए एक सम्मेलन में सिर्फ इसलिए शिरकत नहीं की क्योंकि उसमें चीन को आमंत्रित नहीं किया गया था। जब चीन दुनिया में अलग-थलग पड़ गया था, उस समय भी भारत चीन के साथ खड़ा था।
May 30, 2020 17 tweets 6 min read
1962 के भारत-चीन युद्ध में अकेले बॉर्डर पर चीन की विशाल सेना से लोहा लेने वाले जांबाज भारतीय सैनिक जसतंव सिंह रावत ने 72 घंटे भूखा-प्यासा रहकर न केवल चीनी सैनिकों को रोके रखा, बल्कि दुश्मन के 300 सैनिकों को अकेले मार गिराया था। आइए जानते हैं इस जांबाज की कहानी के बारे में। 19.8.1941
उत्तराखंड के बादयूं में जन्मे जसवंत सिंह में देशप्रेम इस कदर था कि 17 साल की उम्र में ही सेना में भर्ती होने चले गए। लेकिन कम उम्र के चलते उन्हें नहीं लिया गया। पर 19.8.1960 को जसवंत को सेना में बतौर राइफल मैन शामिल कर लिया गया।14.9.1961 को उनकी ट्रेनिंग पूरी हुई।
May 27, 2020 26 tweets 8 min read
Unsung Revolutionaries 2 (2)
जिन लोगो ने इसका भाग नहीं पढ़ा तो जाकर पढ़े.



अब हम काकोरी कांड के बाद के क्रन्तिकरियो के बारे में देखेंगे. प्रो विद्याअलंकार जी की प्रेरणा से भगत सिंह बिस्मिल से मिले और HRA:- Hindustan Republican Association के साथ जुड़े थे पहले और इन क्रन्तिकारियो में ये समानता है कि ये सभी असहयोग आंदोलन का हिस्सा रह चुके है. ये बात अपने दिमाग में रख कर चले कि आंदोलन में बहुत ज्यादा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. सभी की उम्र 14-15-16 के आसपास होगी. आंदोलन के निष्फल होने से ये दुखी हुए पर रुके नहीं. अपना अलग रास्ता चुना.
May 26, 2020 15 tweets 7 min read
Unsung Revolutionaries 2 (1)

इस भाग में हम कुछ ऐसे क्रन्तिकारियो के बारे में जानेंगे जिनमें से कुछ का नाम तो हमने सुना है पर कुछ हमारे लिए अनजान ही होंगे. हालांकि मैं इस बार भी संक्षिप्त में ही बताऊंगा सबके बारे में. बाद में हर एक के बारे मे अलग से जानकारी दूंगा. आज का ये भाग उन क्रन्तिकरियो को समर्पित है जो 13-14 वर्ष की आयु में असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया. अंग्रेजो की पढाई छोड़ कर, अपने छोटे छोटे हाथो से पर्चे बांटते, विदेशी कपड़ो की होली जलाते. इस आंदोलन का निष्फल होना इनसे सहन नहीं हुआ और इन्होने क्रांति की रह पकड़ लिया.
May 25, 2020 13 tweets 6 min read
आज कल हमारे आसपास बहुत कुछ ऐसा हो रहा है जिसे देख कर हमे गुस्सा तो बहुत आता है पर फिर भी हम चुप रह जाते है. इसके कई कारण हो सकते है. डर, हम अकेले क्या कर सकते है? चलता है. कौन इन झमेलों में पड़ेगा?इस देश का कुछ नहीं होने वाला, मै अभी छोटा हु. और हम अपने गुस्से को पी जाते है. पर सभी लोग ऐसे नहीं होते है. कुछ लोग ऐसे भी हुए है जो चुप रहने के की जगह आवाज उठाते है. कुछ बदलाव लाने की कोशिश करते है लड़ते है. बिना उम्र और परिणाम की चिंता किये बिना. यहाँ इस Thread में हम कुछ ऐसे ही महान क्रन्तिकारियो के बारे में बात करेंगे.
May 13, 2020 18 tweets 8 min read
इस Thread को पढ़ने के बाद अगर किसी को बुरा लगता है तो मै उसके लिए पहले ही माफ़ी मांगता हूँ. पर ये सिर्फ ऐतिहासिक तथ्य है जो आँख बंद कर लेने से या उससे भागने से नहीं बदलने वाला. इतिहास इसी वजह से लिखा जाता है जिस से हम अपनी गलतियो से सीखें और उसे न दोहराये. तो शुरू करते है. इस कड़ी में हम भारत देश में हुए खिलाफत आंदोलन और मोपला दंगो के बारे में थोड़ी चर्चा करेंगे और समझेगें कि

"गांधी ने किस तरह से खिलाफत आंदोलन का समर्थन किया और इस्लामिक कट्टरता के राक्षस को बढ़ावा दिया."

एक अहिंसा के पुजारी का उन दंगो के बारे में क्या कहना था वो भी देखेंगे.
May 8, 2020 16 tweets 5 min read
हिन्दू राज्य कैसे गया? 2
शीर्षक के हिसाब से मुझे गद्दारो के बारे में लिखना चाहिए. पर मैं मुग़लो के बारे में लिख रहा हु. क्योकि कुछ लोग मुग़लो की बहुत ही ज्यादा तारीफ कर रहे है. इसी वजह से मैंने यही शीर्षक चुना है. गद्दारो के बारे में भी लिखुगाँ. पर फ़िलहाल इसी पर आगे बढ़ते है. ग्यासुद्दीन बालबन
1265 में ग्यासुद्दीन गुलाम वंश का ही सुलतान था. ने 100000 हिन्दू राजपूतो को मौत के घाट उतरवा दिया था.

मो. बिन तुग़लक़
तुग़लक़ ने १३२३ में पनडयम राज्य के श्रीरंगम (विष्णु मंदिर) पर आक्रमण किया था. मंदिर को तोड़ने के अलावा 12000 हिन्दूओ की हत्या कर दिया.
May 7, 2020 14 tweets 4 min read
हिन्दू राज्य कैसे गया? -1
मैंने एक Thread बनाया था जिसमे मैंने ये बताया था कि कैसे मुग़लो ने हमारे मंदिरों को तोड़ कर वह मस्जिद या कोई मकबरा बनवा दिया. उसके बाद आज इस Thread में हम ये देखेंगे कि कैसे मुघलो ने हिन्दुओ का कत्लेआम किया, औरतो का बलात्कार किया & गुलाम बना कर बेच दिया. कुछ इतिहासकार मुग़ल काल को भारत का सवर्णिम काल बताते है. कहते है कि इस काल में भारत में बहुत से स्थापत्य कला का निर्माण हुआ. अगर वो इतने ही बड़े निर्माता थे तो थोड़ा अपने खाड़ी देशो में भी स्थापत्य कला के नमूने दिखा देते!! खैर. अब आज के मुद्दे पर आते है.
May 4, 2020 17 tweets 11 min read
मैं कई दिनों से एक बहस देख रहा हु #Mughal Made India Rich by their Monuments & #mughalslootedindia. तो मैंने आज सोचा कि एक सहयोग मै भी कर दू. मैं प्रसिद्ध ईमारत के बारे में थोड़ा बताने के एक लिंक दूंगा. कृपया उसे जाकर पढ़े. शुरुआत ताजमहल से करेंगे. 1) ताजमहल
इसके बारे में कहा जाता है कि ये प्रेम का प्रतिक है जिसे एक मुग़ल बादशाह ने अपने पत्नी की याद में बनवाया था. यह एक मकबरा है.
सच यह है कि यह एक शिव मंदिर है तेजो महालय नाम का. इसके बारे में प्रो. PN OAK ने एक किताब भी लिखा था जिस पर इंदिरा गाँधी ने रोक लगवा दिया था.