जीवन में एक सितारा था,
माना वह बेहद प्यारा था,
वह टूट गया तो टूट गया,
अम्बर के आनन को देखो,
कितने इसके तारे टूटे,
कितने इसके प्यारे छूटे,
जो छूट गए फिर कहाँ मिले,
पर बोलो टूटे तारों पर,
कब अम्बर शोक मनाता है।
जो बीत गई सो बात गई।...
जीवन में वह था एक कुसुम,
थे उसपर नित्य निछावर तुम,
वह सूख गया तो सूख गया,
मधुवन की छाती को देखो,
सूखी इसकी कितनी कलियाँ,
मुरझाई कितनी वल्लरियाँ,
जो सूख गयीं फिर कहाँ खिलीं,
पर बोलो सूखे फूलों पर,
कब मधुवन शोर मचाता है।
जो बीत गई सो बात गई।