, 83 tweets, 18 min read
My Authors
Read all threads
रूह कांप गयी जब सूत्रों ने बताया की कल रात जेल सुपरेडेंडेंट सूरज सिंह शेखावत ने चिद्दु की डाँग पर चार फूट लम्बे और पाँच इंच मोटे बाँस की डंडे से दस बार पूरे ज़ोर से घातक वार किया और चिद्दु जब दर्द से कराह रा था, शेखावत रम की चुस्कियाँ ले रहा था
जेलर शेखावत IPS हैं जो जैसलमेर राजस्थान के राजपूत परिवार से सम्बंध रखते हैं। 6 फ़ुट 2 इंच का क़द चौड़ा सीना और रोबदार मूँछ। राजस्थान में इनकी हज़ारों बीघा ज़मीन है और बड़े बड़े ज़मींदार इनकी हवेली मेन सलाम बजाते नज़र आते हैं। पोलिस की नौकरी शेखावत जी के लिए एक जज़्बा है
IPS शेखावत के बारे में मशहूर है कि वो पता हिलने से पहले पेड़ काट देते हैं। डिपार्टमेंट में कौन नहीं जानता कि वो मारते कम हैं घसीटते ज़्यादा हैं। अमित जी ने भान लिया था कि आगे क्या होने वाला है, उन्होंने तुरंत फ़ोन किया और पूछा “क्यों शेखावत क्या कर रहे हो?”
शेखावत ने मूछों पर ताव देते हुए मेज़ पड़ पड़े पेपर वेट को घुमाते हुए जवाब दिया “शाह सर, आपसे बहुत उम्मीदें थी कि आप मेरे को देश सेवा का मौक़ा दोगे और मेरे हाथों की खुजली दूर करोगे, लेकिन आपने निराश किया, कम से कम कश्मीर ही भेज दो, आतंकवादियों की माँ बहन एक कर देगा ये राजपूत”
अमित जी हँसे और अपनी शैली में बोले “कोई तो वजह होगी जो मैंने इस जाँबाज़ जंगल के शेर, राजस्थान और हिंदुस्तान की शान को इस समय याद किया है” शेखावत की आँखों में चमक आ गयी, बिल्कुल वैसे ही, जैसे एक राही ने मरुथल में पानी देख लिया हो
इतिहास के पन्ने गवाह हैं कि सूरज सिंह शेखावत के परिवार ने हमेशा आन बान और परम्परा का सम्मान किया है। सूरज के दादा राजेश्वर सिंह शेखावत ने सवतंत्रता की जंग में अंग्रेज़ों का सामना किया था, जेल भी गए, माउंटबेटन ने कहा था “हमारा अगर हिंदुस्तान में किसी से फटता है तो वो है राजेश्वर”
एक बार अंग्रेज़ों की बटालियन का मुक़ाबला करते हुए राजेश्वर सिंह शेखावत ने अपनी तलवार से 10-15 सिपाहियों को मार गिराया और जनरल नोरिस को बंदी बना लिया. नोरिस डर के मारे कांपने लगा सूखे पत्ते की तरह, लेकिन राजेश्वर ने उसे ये कह के छोड़ दिया “हम शेर का शिकार करते हैं. तुम तो चूहे हो”
राजेश्वर सिंह शेखावत का ख़ून सूरज सिंह की रगों में अभी भी वैसे ही बह रहा है। अपने अंतिम समय में राजेश्वर ने सूरज को भवानी माँ की क़सम दी कि वो देश की रक्षा के लिए अपना जीवन जिएगा। सूरज एक होनहार लेकिन निडर और निर्भीक बालक था। यही गुण तस के मस अभी भी क़ायम हैं
भ्रश्टाचारियों से ते कुछ ज़्यादा ही नफ़रत थी सूरज को हमेशा से ही। एक बार हवेली में मुनीम ने किसान से कमीशन ली फ़सल की एवेज़ में। सूरज ने उसका कुछ ऐसा हाल किया कि आज भी वो मुनीम लँगड़ा कर चलता है और सुनने के लिए मशीन लगता है कान में
“अब सस्पेन्स मत बनायिए और बताइए हमें क्या मिशन दिया जा रहा है”, सूरज ने अमित जी से पूछा। “तुम्हारी पोस्टिंग़ CBI हेड्क्वॉर्टर में की जा रही है, एक हाई प्रोफ़ाइल भ्रश्टाचारी की देखभाल और ख़ातिरदारी करनी है” अमित जी ने इशारा दिया। सूरज की बाछें खिल उठी, “थैंक यू सर”, सूरज बोला
तुरंत ही ऑर्डर आए और सूरज सिंह शेखावत रवाना हो गया अपनी जीप में जो उसका पुराना वफ़ादार ड्राइवर ज़िले सिंह चलाता है उसमें बैठ कर। मीटिंग में सूरज ने पूछा “मेहमान है कौन?”, सचिव ने एक फ़ाइल सामने रखी, सूरज ने उसको खोला तो अचंभित रह गया लेकिन साथ ही वो अपनी ख़ुशी नहीं छुपा पाया
“ये केस पेचीदा है, चिद्दु को क़ानून के सारे दाव पेंच आते हैं और उसके साथ जाने माने वक़ील हैं, जैसे वो बड़ी बड़ी भौहें वाला भैंसा”, सचिव बोला। “अगर उसने ज़रा भी चालाकी दिखाई तो मैं केस वहीं रफ़ा दफ़ा कर दूँगा, ना तारीख़ ना सुनवायी”, सूरज गरजा। “इतनी गरमी नहीं सूरज”, सचिव बोला
“तारीख़ पर तारीख़ तारीख़ पर तारीख़, सचिव जी, इस मादर ने 15 बार ऐंटिसिपटोरी बेल ली है, मेरे दादा राजेश्वर सिंह शेखावत कहते थे हमें बाहर वालों से इतना ख़तरा नहीं है जितना इन सफ़ेदपोश देश के में पनप रहें ग़द्दारों से”, सूरज आक्रोश में बोला। “सूरज, जोश में होश मत खो दो”, सचिव बोले
इतने में एक चाटुकार अफ़सर आशुतोष ने टिप्पणी की “सूरज को मिशन का चीफ़ बनाना ठीक नहीं”, ये सुनते हो सूरज ने अपनी ख़ाकी वर्दी की जेब से लिफ़ाफ़ा निकाला और बोला “सूरज सिंह शेखावत अपने साथ इस्तीफ़ा लेकर चलता है”, अफ़सर अपना सा मुँह लेकर बैठ गया। “मिशन का हेड सूरज ही होगा”, सचिव बोले
“हम चिद्दू की तफ़तीश, उसकी ख़ातिरदारी, देखभाल के लिए एक टीम तैयार करेंगे जिसमें एक जाँबाज़ कमांडो, कुछ चुने हुए ईमानदार अफ़सर, हमारी तरफ़ के वक़ील, IPS प्रिया ख़ाकरे और कन्सल्टेंट के तौर पर लेफ़्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी हमारे साथ रहेंगे”, सूरज ने टीम का ख़ुलासा किया
IPS शेखावत ने प्लान के बारे में बोलना ज़ारी रखा “इस केस के कई पहलू हैं, इन्द्राणी, कुछ फ़िरंगी दलाल, मीडिया दलाल जिनके नाम आप सब बख़ूबी जानते हो, इसमें देश की जनता का पैसा, सबसे अहम ऊँचे पदों पर रह चुके लीडर्ज़ द्वारा किया गया भ्रष्टाचार ख़ास मुद्दे हैं”
एक जोशीले जवान अफ़सर राठौड़ बोले “ये दलाल मीडिया के प्रतिनिधि जैसे ब्यूटिफ़ुल बरखा, देशद्रोही निधि राजदीप सागरिका शेखर छोटे मोटे दलाल रविश अभिसार को भी अंदर कर दीजिए, माँ क़सम इनको सीधा कर देंगे बाँस की तरह”, “नाम लेना उचित नहीं, वक़्त आने पर इनपर भी कारवायी होगी” सूरज ने कहा
ऑफ़िसर राठौड़ ने पूछा “सर, क्या चिद्दू और इन्द्राणी के शारीरिक सम्बन्ध थे?”, सूरज जो ख़ुद एक क्रिकेटेर थे और कपिल देव के फ़ैन और धोनी के घनिष्ठ मित्र है ने जवाब दिया “हम ये तो नहीं कह सकते शरारिरिक सम्बन्ध थे या नहीं लेकिन हाँ, इनमें सेक्स हुआ होगा” राठौड़ ने झुक कर सलाम किया
सूरज को नहीं भूला कुछ साल पहले जब उसने चिद्दू के एक क़रीबी हवाला व्यापारी रॉबर्ट को गिरफ़्तार किया था तो चिद्दू ने धमकी दी थी, वो सूरज के परिवार को इंकम टैक्स में फँसा देगा। सूरज ने साफ़ शब्दों में बोला था “लुंगी सेठ जिनके घर शीशे के होते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते”
जो इसे महज़ एक कहानी समझ रहे हैं और सबूत माँग रहे हैं, ये रहा सबूत
ऑफ़िसर राठौड़ उम्र में सूरज सिंह शेखावत से काफ़ी कम हैं लेकिन जज़्बा उनमें भी कूट कूट भरा है। राठौड़ ने पूछा “इन फ़ाइल्स के इलावा आपको और क्या चाहिए चिद्दू की तफ़तीश के लिए?, लिस्ट दे दीजिए”, सूरज सिंह मुस्कुराते हुए बोले “मेरे डंडे को तेल पिलाओ और एक क्रेट ओल्ड मोंक़ लाओ, बस”
“इस से अच्छा तो तुम मेरे को गोली मार दो, अब ये डाँग पर डंडो की बरसात और तुम्हारे हाथ के थप्पड़ खाने की हिम्मत नहीं है”, चिद्दू गिड़गिड़ाया। बोतल से ग्लास में रम डालते हुए IPS शेखावत बोले “हम तुम्हें मारेंगे, ज़रूर मारेंगे लेकिन वो बंदूक़ भी हमारी होगी और दिन भी हमारा होगा”
CBI के इन्स्पेक्टर और सिपाही चिद्दू को बंद जीप से हेड्क्वॉर्टर ले कर आए और एक मेज़ के सामने कुर्सी के पास ला कर खड़ा कर दिया। जैसे ही चिद्दू कुर्सी पर बैठने लगा, सूरज ग़ुस्से में कड़का “जब तक बैठने के लिए ना कहा जाये, शराफत से खड़े रहो, ये पुलिस स्टेशन है तुम्हारे बाप का घर नहीं”
“सूरज सिंह शेखावत, थुम इधर कैसे?”, चिद्दू को डरावनी ख़ौफ़ भरी हैरानी हो रही थी। “लुंगी सेठ हम इधर तुम्हारी ख़ातिरदारी के लिए आए हैं, मादर तेरी तफ़तीश का ज़िम्मा हमें मिला है” ये सुनते ही चिद्दू का पूरा बदन थरथरा उठा, टाँगे कांपने लगी, आँधी में पेड़ की टहनियों की तरह”
राठौड़ वहीं मौजूद था बोला “चिड्डु सर ध्यान से नीचे पानी गिरा है, कहीं फिसल ना जाना”, सूरज सिंह मुस्कराया और बोला “गिरा हुआ शक्स जो कीचड़ में लटपथ है वो क्या फिसलेगा, और राठौड़ ध्यान से देखो वो पानी नहीं है”, राठौड़ हँसते हुए बोला “जानता हूँ सर, अब इसके लिए और लुंगी लानी पड़ेगी”
“रम पिएगा BSDK?”, सूरज सिंह ने चिद्दू से पूछताछ शुरू करने से पहले पूछा।”हम ड्रिंक नहीं करता सूरज”, चिद्दू अंग्रेज़ी लहज़े में बोला। सूरज ने 4 फूट लम्बे और 5 इंच मोटे डंडे को डंडे को चिद्दू की थोडी पर लगाया और कड़क कर बोला “सूरज नहीं, सूरज सर बोल मादर”
सूरज ने अपनी रोबदार आवाज़ में बोलना जारी रखा “तू अगर दारू नहीं पीता तो वो उज़्बेकिस्तान की लड़कियों के साथ बैठ कर बोर्नविटा पीता है साले?”, “कौन लड़की कैसा लड़की?”, चिद्दू की ज़बान लड़खड़ा रही थी, उसके भाव वैसे थे जैसे एक किशोर के होते हैं जब उसका बाप उसे सिगरेट पीते पकड़ लेता है
“कमीने, ये फ़ोटो देख”, सूरज सिंह ने एक फ़ोटो चिद्दू के सामने रखी जिसमें वो काला चश्मा, हरी चमकती हुई क़मीज़ और लाल रंग की पैंट पहने हुए एक विदेशी दिखने वाली लड़की के गले में हाथ डाल कर बैठा था और दूसरे हाथ में विस्की का ग्लास पकड़े हुए था। चिद्दू के होश फ़क्ता हो गए
“BKL अब क्या कहना है तेरा”, सूरज गुर्राया, चिद्दू की हालत ऐसी हो गयी जैसे उसके हलक में बतख़ का अंडा फँस गया हो। “ये लड़की तो नाडिया होता, ये ये फो फो फ़ोटो आऽऽऽप को किधर से मिला सूरज सर?” कांपती हुई आवाज़ में चिद्दू ने पूछा।
“मिलना चाहोगे नाडिया से लुँग़ी सेठ?” सूरज ने हँसते हुए पूछा। “पर वो तो उज़बेकिस्तान गया हम उसका टिकट बुक करवाया”, चिद्दू को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। “ज़िले सिंह IPS प्रिया को बुलाओ” सूरज बोला। “IPS प्रिया खाकरे मौजूद है सर”, कमरे में वर्दी में एक आकर्षक युवती ने प्रवेश किया
चिद्दू ने जैसे ही IPS प्रिया को देखा तो उसकी आँखों की पुतलियाँ बर्फ़ की भाँति जम गयी, उसकी साँस अटक गयी जैसे एक मछली की मगरमच्छ के साथ नज़र मिल गयी हो। “कमीने जिस नाडिया को तू अपने जाल में फँसाने जा रहा था वो IPS प्रिया ही थी जिसने तेरे ऊपर ही जाल बिछाया हुआ था”
“तुमने बहुत अच्छा काम किया है प्रिया, नहीं तो ये सफ़ेद्धारी राक्षस किसी के हाथ नहीं आता” सूरज प्रिया की प्रशंसा करते हुए बोला। “सर इन जैसे दरिंदो की हरकतों का पर्दाफ़ाश करना ज़रूरी था और मैंने सिर्फ़ अपना फ़र्ज़ निभाया है”, प्रिया हमेशा के जैसे शालीन थी
“सूरज हम सब जानते हैं कि ये चिद्दू ना केवल अव्वल दर्जे का भ्रष्ट है, इसने आतंकवादियों का साथ भी दिया है”, प्रिया की आवाज़ में आक्रोश था। “कैसे भूल सकता हूँ मैं अफ़ज़ल रशीद को”, सूरज दर्द भरे लहज़े में बोला और अतीत की काली स्याही में लिखे समय में खो गया
उधर चिद्दू ने जेल की दीवार पर कोयले से लिखा;
“कौन कहता है मर्द को दर्द नहीं होता,
सूरज सिंह का एक डंडा तबीयत से खा कर टों देखो यारों”
सूरज अतीत के समुन्दर में गोते खाने लगा। सख़्त दिखने वाले इंसान अक्सर अपने अंदर पृथ्वी के बोझ से अधिक दर्द छुपाए होते हैं। शायद ही कोई पल ऐसा हो जब सूरज की मन की एक परत में अंजलि की याद ने दस्तक ना दी हो।”कुछ खा भी लो, माँ ने तुम्हारे लिए खाना भिजवाया है”, प्रिया ने अधिकार से कहा
“सर वो लूँगी वाला मुजरिम खाना माँग रहा है”, ज़िले सिंह ने सूचित किया और सूरज अतीत से वर्तमान में लौटा। “ज़िले सिंह पहले अपनी हिंदी सुधारो, लूँगी और लुंगी में बहुत अंतर होता है”, सूरज ने मुस्कुराते हुए बोला। “साब जी एक मौक़ा मेरे को भी दीजिए लुंगी की सेवा का”, ज़िले सिंह बोला
“ज़िले सिंह तुम ये शर्ट उधर टाँग दो, डिटोल की शीशी और बैंडिज लाओ, और हाँ डंडे को तेल पिला दिया था ना?”, सूरज ने अपनी शर्ट उतारते हुए पूछा। शेखावत दिखने में कितना भी सख़्त हो, दिल उसका नरम ही है, डंडे के हर पाँच वार के बाद वो चिद्दू की चोटों को पहले नमक और फिर डिटोल से सहलाता है
फ़ाइल के पन्नों को पलटते हुए सूरज ने चिद्दु जो ऐल्यूमिनीयम की कुर्सी पर खुली लुंगी में धरती में सर गड़ा कर बैठा हुआ था, से पूछा “हरामज़ादे अब ये बता कि इन्द्राणी के साथ तूने क्या क्रंगरेलियाँ खेली? और उसका कहाँ इस्तमाल किया? और हाँ हर झूठ पर। तेरे मुँह पर एक दर्जन तमाचे पड़ेंगे”
सूरज ने फरमान जारी रखा “मेरी दरखास्त ये है कि तू सच बोल मादर, हर झूठ पर एक दर्जन और हर सच पर सिर्फ़ दो धप्पड, क्योंकि मार तो तेरे को पड़नी ही है पाप के देवता”। “इन्द्राणी से मेरा मुलाक़ात एक पार्टी में हुआ, मैं उसको देख कर अपना आपा खोया, उसका फ़िगर, बॉडी कमाल का था”, चिद्दु बोला
कुछ ही देर में सूरज ने यूनिट के सब लोगों को बुलाया और सम्बोधित किया “मित्रों, तुम सब की अंदरूनी इच्छा का सम्मान करते हुए मैं आज सब को मौक़ा देता हूँ कि तुम हमारे ख़ास मेहमान की अपने अन्दाज़ में सेवा कर सकते हो, सेवा 10 मिनट तक होगी और इसकी किसी को कानो कान ख़बर नहीं होगी”
“सर ये चिद्दु BKLda किस मिट्टी का बना है, बेशर्मों की तरह हंस रहा था कोर्ट के बाहर, जैसे कोई जंग जीत कर आया हो”, विक्रम राठौड़ ग़ुस्से में बोला। सूरज सिंह ने विक्रम को रम का पेग पकड़ाते हुए बोला “ये चिद्दु क्या चीज़ है, हम तो अपने कदमों की आहट से हवा का रुख़ बदल देते हैं”
“चिद्दु की खाल कितनी भी मोटी हो, याद रखो हमारे चाबुक उसके अंदर घुस के उसकी नसों, हड्डियों और आंताड़ियों पर ऐसा वार करेंगे कि ना वो बैठ पाएगा और ना ही सो पाएगा, हम उसको तड़पाएँगे और ये हमारी ही हिदायत थी कि उसको पब्लिक में मुस्कुराना है”, सूरज सिंह ने विक्रम राठौड़ को बताया
“विक्रम तुम्हें पता है वो जो 5-5 का इशारा कर रहा था वो कहना चाहता था कि पाँच रात उसको हमने कुछ जवान भूखे हट्टे कट्टे क़ैदियों के सेल में भेजा था, तुम समझ सकते हो उन क़ैदियों ने इस काली के पुजारी का क्या हाल किया था, अमित जी भी नहीं चाहते इसे तिहाड़ भेजा जाए अभी”, सूरज ने बताया
इतनी देर में ज़िले सिंह ने आकर सूचित किया की कोई हिप्पोपॉटेमस और भैंसे के मिश्रण जैसा आदमी, अपने को चिद्दु का बेटा बता रहा है और आपसे मिलना चाहता है। “उसे जा कर कह दो हम कुत्तों से बात नहीं करते”, सूरज सिंह शेखावत अपने राजसी अन्दाज़ में बोला।
दर्द से कराहते चिद्दु ने पूछा “सूरज सर और कितना पीटोगे, पहले डंडा, अब हंटर भी और ढाई किलो का हाथ, और कितना मारोगे?”, सूरज अपने जूते की नोंक चिद्दु की ठोडी पर रखते हुए बोला “पाँच पर्सेंट”, “बस 5 पर्सेंट और” छिद्दु को राहत मिली। “चूतिए, अभी 5 पर्सेंट मार पड़ी है”, सूरज ने जवाब दिया
“अंदर बुलाओ मादर को”, सूरज ने ज़िले सिंह को बोला। थोडी देर में एक बेडोल आधा गंजा अरुचिकर प्राणी काला चश्मा पहने कमरे में घुसा और रोष भरे अन्दाज़ में बोला “थूम हमारे डैडी को यहाँ किस लिए रखा, उनको छोड़ दो नहीं तो आछा नाहीं होगा”
सूरज सिंह शेखावत ने अपनी जगह से बिना हिले अपने बाएँ हाथ से उस शख़्स को एक झापड़ रसीद किया और हिदायत दी “बिल्ली के दांत गिरे नहीं और चला शेर के मुंह में हाथ डालने. ये बद्तमीज हरकतें
अपने बाप के सामने घर के आंगन में करना, सूरज सिंह के ऑफ़िस में नहीं, और अब दफ़ा हो जा कीड़े”
सूरज सिंह के मोबाइल की घंटी बजी, सूरज ने स्क्रीन पर देखा MHA और तुरंत फ़ोन उठाया। अमित जी बोले “सूरज, आज अभी से तुम्हें CBI HQ छोड़ना होगा”, सूरज चौंक कर बोला “अभी तो हाथ गरम होने शुरू हुए थे और मैंने छिद्दु से काफ़ी महत्वपूर्ण जानकारी भी हासिल की है, मुझे अभी और तफ़तीश करनी है”
“लगता है तुमने अदालत का फ़ैसला नहीं सुना, चिद्दु को तिहाड़ भेज दिया गया है और मैंने भी तुम्हारी पोस्टिंग वहीं तिहाड़ में कर दी है”, अमित जी ने सूचना दी।”अमित सर आपका हुकुम सर आँखों पर, मैं अपनी टीम के साथ अभी रवाना होता हूँ”, सूरज सिंह को सुकून मिला कि मादर अभी उसके हवाले रहेगा
उधर तिहाड़ में कुरुक्षेत्र मच गया जब ख़बर मिली कि छिद्दु को वहाँ लाया जा रहा है। आसाराम और राम रहीम के समर्थकों में जंग छिड़ गयी। आसाराम ने शिलजीत की डिब्बी में से 10 गोलियाँ निकाली और एक साथ रगड़ गया और राम रहीम ने वार्जिश करनी शुरू कर दी। दोनों नया शिकार जो ढूँढ रहे थे
चिद्दु ने अदालत से तिहाड़ जाते हुए सुना कि शीला पर भी देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया गया है और वो भी तिहाड़ आ सकती है। अदालत के फ़ैसले से परेशान छिद्दु को आशा की किरण दिखाई दी एक गहरे अंधेरे में, वो सपनों के सागर में कूदा और उसने अपने दोनों हाथ अपनी टांगो के बीच लुंगी पर रख दिए
सपनों की उड़ान के बीच चिद्दु ने कल्पना के पंखो की चिलम भरी और शीला जिहाद को अपने सामने पल्लू को मुँह में दबाए मुस्कुराते देखा तिहाड़ के आँगन में और देवानंद के अन्दाज़ में गुनगुनाना शुरू किया “इक सेल बनाऊँगा तेरे सेल के सामने”, फिर राजेश खन्ना बन कर गाया “मैं इक चोर तू मेरी रानी”
IPS प्रिया खाकरे जो सूरज सिंह शेखावत की टीम में हैं और जिनको डिपार्ट्मेंट झाँसी की रानी के नाम से जानता है वो एकदम तैयार है शीला जिहाद का केस लेने के लिए। 28 वर्ष की प्रिया 23 साल में IPS बनी और 5 वर्षों से पोलिस की सेवा में हैं। सूरज और प्रिया में काफ़ी निकटता भी है
“इस देशद्रोही टुकड़े टुकड़े गैंग की शीला जाहिद नाम की बिच एक बार मेरे हवाले आ जाए तो मैं उसकी खाल उधेड़ दूँ, सूरज सर देख लेना. ये नागिन मेरी तफ़तीश के बाद वन्दे मातरम के नारे लगाएगी और अयोध्या में कार सेवा करेगी मंदिर बनाने के लिए”, प्रिया ने एक बार सूरज को कहा भी था
“इस नागिन का ज़हर वाला दाँत निकालना ही पड़ेगा और प्रिया ये काम तुम्हारे से बेहतर कोई नहीं कर सकता इस पूरी फ़ोर्स में” सूरज ने उस वक़्त की थी जब सूर्य उदय होने वाला था और चाँद का प्रकाश क्षितिज को लाल कर रहा था । कहते है इस समय की कही बात सच होती है
(सौजन्य: @UMANUJ)
घटना उन दिनों की है जब चिद्दु मंत्री था और सूरज सिंह ने कुछ दलालों के यहाँ छापे मारे थे, ये सब हवाला, हथियारों की अवैध तस्करी और देह व्यापार का काम करते थे। उस समय सूरज ने उन सब को हिरासत में लिया और पूछताछ के दौरान ये पता चला इन सब के पीछे चिद्दु का हाथ है और वो ही असली सरगना है
सूरज को ये जान कर पहले तो थोड़ा अचरज हुआ पर जिस तरह से कई मंत्रियों पर आरोप लग रहे थे और जनता में रोष था, वो समझ गया ऊँचे पदों पर बैठे अफ़सर और बहुत से मंत्री इस देश को खोखला करने में मग्न हैं और उनको आम लोगों की कोई परवाह नहीं। उधर से कश्मकश ये थी कि वो इस की जानकारी किस को दे
हिरासत में लिए हुए एक उज़्बेकी नागरिक ने उगल दिया “चिद्दु उज़्बेकिस्तान से लड़कियों का कारोबार करता, सप्लाई करता मिनिस्टर, ऑफ़िसरस को, साला एक नम्बर का अय्याश होता, जवान लड़कियों के साथ नाचता बॉलीवुड के गानों पर, ड्रग्स लेता, फिर एक हरा रंग का गोली खा कर लड़की का कमरे में जाता”
“जनाब ये हरे रंग की गोली से क्या होता है”, ज़िले सिंह ने पूछा। “ज़िले सिंह ये गोली थोडी देर के लिए नपुंसकता ख़त्म कर देती है”, सूरज सिंह ने जवाब दिया। “जनाब इसका मतलब चिद्दु सर .....”, ज़िले बोला। “हाँ ज़िले तुम सही फरमा रहे हो” सूरज बोला। उज़्बेकी नागरिक चुस्तवोकि ने भी हामी भरी
अगले ही दिन सुबह 8 बजे सूरज जो अपनी पत्नी अंजलि और नन्ही प्यारी सी 2 वर्ष की बेटी सिया के साथ रहता था के बंगले पर MHA के दो अफ़सर आए और उन्होंने सूरज को सूचित किया की मंत्री जी चिद्दु स्वामी ने उन्हें तुरंत अपने कार्यालय में बुलाया है। सूरज ने वर्दी पहनी और तुरंत रवाना हो गया
वर्तमान में, ACP विक्रम राठौड़ ने चुटकी लेते सूरज से पूछा जेल में हर क़ैदी को कुछ काम दिया जाता है, लुंगी स्वामी को क्या काम दोगे। “विक्रम, ये पढ़ा लिखा इज़्ज़तदार सम्मानित इन्सान है अब इसको रसोई का काम तो दूँगा नहीं इसलिए ये मादर जेल के सारे टोयलेट साफ़ करेगा” सूरज ने जवाब दिया
सूरज चिद्दु स्वामी के कार्यालय पहुँचा तो वहाँ चिद्दु के साथ 5-6 लोग बैठे थे जिसमें से एक भद्दे क़िस्म का दिखने वाला युवक भी था, सूरज समझ गया ये चरती स्वामी है, चिद्दु का बिगड़ैल बेटा “थुम चूतवोसकी और कूछ लोगों को अर्रेस्ट किया?”, चिद्दु ने सूरज से पूछा
चिद्दु के चेहरे पर कुटिल मुस्कान थी, उसने सूरज को कुर्सी पर बैठना का इशारा किया और मुँह में रखे पान को थूकते हुए कहा “सूरज, चूतसोवकी और उसके साथियों को छोड़ देने का है ये हमारा ऑर्डर होती”। चरती स्वामी डैडी का रुतबा देख इतना उत्साहित हुआ कि पलक झपकते ही दो मैक हाथी बर्गर खा गया
छिद्दु ने कोने में बैठे तवे समान काले आदमी को पुकारा “राजा बैग सूरज को देने का है”, राजा ने नीचे रखे बैग को सूरज की तरफ़ खिसका दिया “सूरज, ये एक करोड़ हैं और इतने ही और मिलेंगे चूतवोकसि को छोड़ने के बाद, इतना पैसा तुम कभी देखा नहीं होगा”, चिद्दु की वाणी में घमंड की झलक थी
वर्तमान में सूरज सिंह शेखावत के सामने चिद्दु स्वामी ने क़बूल किया कि उसके कई महिलाओं से शरारिक सम्बंध थे, इनमे से बहुत सी उज़्बेकिस्तान थाईलैंड ब्राज़ील रूस की थी और एक इटालीयन बुज़ुर्ग भी थी। “BKL तूने इटालियन को भी नहीं छोड़ा?” सूरज ने पूछा। “उसने हम को नहीं छोड़ा” चिद्दु बोला
ज़िले सिंह वफ़ादार ड्राइवर पिछले 10 सालों से सूरज सिंह के हर क़दम में सूरज का है, रिवाड़ी हरियाणा से है, उसने मासूमियत से पूछा “सर जी यो इटैलियन महिला जिसका ज़िक्र छिद्दु कर रहा था, कौन है वो?”, सूरज ने क्लासिक की सिगरेट को उस लाइटर से सुलगाया जो अंजलि ने उसे गिफ़्ट किया था
“नादान मत बनो ज़िले सिंह, ये वही है जिसने भारत वर्ष को अपनी जागीर समझ लिया और भारतियों को अपना ग़ुलाम, ये सत्ता, धन और मर्दों की भूखी औरत है जिसने ग़ैरों को तो डँसा है अपनों को भी भी नहीं छोड़ा है”, सूरज ने सिगरेट का गहरा कश लगते हुए बोला। “फिर तो ये कुत्तिया है”, ज़िले बोला
इन्स्पेक्टर रंधावा ने सूचित किया कि कुछ प्रेस रिपोर्टर चिद्दु के केस में सूरज से मिलना चाहते हैं। “अंदर भेजो” सूरज ने निर्देश दिया। कुछ ही देर में 5-7 पत्रकारों का झुंड आ गया। “मेरा नाम रवीज कुमार है, आप ये बताओ आप कौन जात हो”, एक अधपके बालों वाले पत्रकार ने सवाल किया
“आप मेरे साथ आओ”, सूरज ने रवीज को कहा और आँखों से इन्स्पेक्टर रंधावा को इशारा किया। कुछ ही देर में बग़ल के कमरे से चीख़ने पुकारने की आवाज़ें सुनाई दी, रवीज चीख़ रहा था “खुदा क़सम जाने दो, आपने तो मेरी डाँग लाल कर दी”, लेकिन सूरज कहाँ सुनने वाला था, उसके हाथों में साइकल की चेन थी
रवीज बाहर आया तो सब पत्रकार जा चुके थे, रवीज के फटे कुर्ते में साइकल के चेन का डिज़ाइन छपा था, वो कुर्सी पर बैठा और दर्द से चीख़ा। सूरज एक दयावान अफ़सर है, उसने गलास में रम डाली और रवीज को दी और पूछा “कुछ कहना है?”, रवीज ने कांपते हाथों से ग्लास पकड़ा और बोला “मंदिर वहीं बनेंगा”
कांपते हाथों से ग्लास पकड़े ज़मीन पर बैठे फटे कुर्ते में रवीज ने रम का एक घूँट भरा ही था कि इन्स्पेक्टर रंधावा ने सूरज को सूचित किया कि एक ख़ूबसूरत महिला पत्रकार RDTV से आयी हैं, अपना नाम मिडि खासदर बता रही हैं। “अंदर भेजो मिडि को”, सूरज ने आदेश दिया
मिडि कमरे में ऐसे फुर्ती और वेग में घुसी जैसे एक चीता हिरन की तरफ़ बढ़ता है, उस की नज़र सूरज पर पड़ी सूरज के कसे हुए बलिष्ठ बदन पर पुलिस की वर्दी, ऐसा रौबदार व्यक्तित्व उसने पहले कभी नहीं देखा था, उसका आवेश एक पंछी की तरह फुर्र हो गया और वो सूरज के आकर्षण में मंत्रमुग्ध हो गयी
चिद्दु की तफ़तीश ज़ोरों पर थी और सूरज सिंह शेखावत अपने चरम पर। चिद्दु को जब उसके घर से उठाया गया था तो वो एक लाल सेब के जैसे था और अब एक डेढ़ महीने सूरज द्वारा की गयी सेवा और सत्कार के उपरांत वो एक गले पपीते जैसा दिख रहा है। नयी नयी परतें खुल रही थी जाँच के दौरान
कुछ रोज़ पहले जब RDTV की रिपोर्टर मिडि सूरज से मिली थी, सूरज के फ़ोन पर उसको ग़ज़ब ग़ज़ब के मेसिज आ रहे थे, भेजने वाली कोई महिला ही रही होगी जो अलग अलग फ़ोन नम्बर से मेसिज भेज रही थी। कल ही उसने लिखा “मेरे सूरज मेरे पास आकर मेरी प्यास बुझा जा”, फिर लिखा “आई ऐम वेट, कम सून”
खोज के दौरान और हर एक डंडे पड़ने के उपरांत चिद्दु के मुँह से चीख़ के साथ एक आवाज़ अक्सर सुनाई देती थी “सोनी”, चिद्दु कभी कभी सोते हुए भी चीख़ पड़ता “अय्यम सोनी तूने हम को कहीं का नहीं छोड़ा”, सूरज को तो पता था लेकिन वो उगलवाना चाहता था सोनी का सच चिद्दु के पपीते जैसे मुँह से
सूरज के लिए रिश्वत की पेशकश नयी बात नहीं थी, नया था तो ये कि सत्ता दल के एक ऊँचे पद पर बैठे हुए मंत्री से ये रिश्वत की पेशकश आ रही थीं। सूरज मुस्कराया और शांत स्वर में बोला “चिद्दु सेठ पैसों का लालच किसी और को देना, इतने पैसे तो हम अपनी हवेली में रोज़ भिखारियों को बाँट देते हैं”
उधर चिद्दु के साथ बैठे हाथी जैसा दिखने वाला छिद्दु का बेटा लोलिपोप चूसते हुए अपने बाप से बोला “डेडा हम इसका हवेली में भिखारी बनेगा, लुक़ होव हैंडसम ही इज”, सूरज पहचान गया ये तेंदुआ किसी और तरह का इंसान है
“सूरज ऐय्यो ये तुम अच्छा नहीं करता”, चिद्दु अपमान की आग में जल उठा। लेकिन सूरज दनदनाते हुए कमरे से बाहर आया और जैसे ही जीप में बैठा उसने देखा चिद्दु का विचित्र बेटा भागते हुए आया और गाने तथा नाचने लगा
“चिद्दु रूठ कर बैठा है, कहता है इडली खानी है और क़ैदियों के पाख़ाने भी साफ़ नहीं कर रहा”, कांस्टबेल ओम प्रकाश ने बताया। सूरज अयोध्या के फ़ैसले से उल्लास में लीन था, चिद्दु की हरकत से वो झुँझला कर बोला “पिल्ला बकवास कर रहा है क्योंकि उसके नितम्बों ने कल से डंडे का स्वाद नहीं चखा”
सूरज सिंह शेखावत की ख़ुशी की सीमा के सारे बाँध टूट गए जब मोबाइल फ़ोन की घंटी बजी और सामने लिखा हुआ आया ‘Lt Col MSD Calling’, फ़ोन उठाते ही सूरज बोला “साले कितने दिनों बाद फ़ोन कर रहा है”। दो दोस्त जब आपस में बहुत समय बाद मिलते हैं या बात करते हैं तो भावनायों का दरिया बह जाता है
“यार तेरे को तो पता ही है, क्रिकेट, कश्मीर में सीमा की रक्षा, 370 और 35A को सुलझाना और अब ये महाराष्ट्र में नया ड्रामा”, महेंद्र बोला। “हाहाहा फिर तुम हो भी तो हर मर्ज़ की दवा”, सूरज बोला। “एक दिन के लिए दिल्ली आया हूँ मिलते हैं आज शाम को” महेंद्र ने कहा। सूरज बहुत उत्साहित था”
“मैं तेरे पास आ जाता हूँ शाम को, फिर घर चलेंगे, राम सिंह को बोल देता हूँ तेरे लिए कबाब तैयार रखेगा और हाँ पिएँगे ओल्ड मांक़ ही”, सूरज जोश में था। “नहीं सूरज मैं पहले तेरे पास आऊँगा जेल में, तेरे ख़ास मेहमान से मिल कर उस मादर पर एक दो हेलिकाप्टर शॉट जमानी हैं” कर्नल बोला
कर्नल माही जेल पहुँचा तो सूरज ने उसका गर्मजोशी से स्वागत किया। “कहाँ है मादर चिद्दु?” माही ने पूछा। “पहले नाश्ता तो कर ले” सूरज बोला। माही जो वैसे अपनी भावनाएँ नियंत्रित रखता है भावुक हो गया और बोला “जिसने अंजलि भाभी को हमले में मरवा दिया उस चिद्दु को ज़िंदा रहने का कोई हक़ नहीं”
Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh.

Enjoying this thread?

Keep Current with Ra_Bies 2.0

Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

Twitter may remove this content at anytime, convert it as a PDF, save and print for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video

1) Follow Thread Reader App on Twitter so you can easily mention us!

2) Go to a Twitter thread (series of Tweets by the same owner) and mention us with a keyword "unroll" @threadreaderapp unroll

You can practice here first or read more on our help page!

Follow Us on Twitter!

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just three indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3.00/month or $30.00/year) and get exclusive features!

Become Premium

Too expensive? Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal Become our Patreon

Thank you for your support!