इस पुलिसकर्मी की जगह खुद को रखकर देखिए। गोलियाँ बरसा रहे मोहम्मद शाहरुख के सामने प्रहरी की भाँति खड़े इस पुलिस कर्मी का काम हर मायने में बेहद वीरतापूर्ण है। लेकिन उनकी पहचान अभी तक सबके सामने नहीं आ सकी है। हम अपने नायक चुनने में लेफ्ट-लिबरल गिरोह जितने होशियार और तत्पर नहीं हैं
‘"मुस्लिमों ने गली नंबर 1 में हमारे हिंदू भाई के शव को भेजा , वो भी इस संदेश के साथ कि वो पूरी रात इस तरह शव भेजेंगे।"
तब भी, हर जगह के लिए, कपिल मिश्रा ही तो जिम्मेदार है, 🙄😏
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि 42 वर्षीय हेड कॉन्स्टेबल की मौत गोली लगने से हुई न कि पथराव के कारण। रिपोर्ट में लिखा गया है, "रतन लाल के शरीर में एक गोली लगी थी।"
हर दंगे की एक सिग्नेचर फ़ोटो होती है, जो दसकों तक उस दंगे की वीभत्सता याद दिलाती है - दिल्ली दंगे की यह सिग्नेचर फ़ोटो वीभत्सता नहीं दिल्ली पुलिस की दिलेरी याद दिलाएगी.
ज़मीन पर फैले पत्थरों से देख सकते हैं क्या माहौल था. जिहादी भीड़ ईंट पत्थर फेंक रही थी....
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सामने जिहादी शाहरुख़ खुले आम बंदूक़ लिए ताने चला आ रहा था. चारों ओर गोलियाँ चल रही थीं. इसका मुक़ाबला करता हुआ सामने खड़ा दिल्ली पुलिस का एक कान्स्टबल, हाथ में लाठी,लेकिन बेख़ौफ़, बंदूक़ तनी देख कर भी डरा नहीं, भागा नहीं. अपने डंडे से साहस पूर्वक सफलता पूर्वक मुक़ाबला किया ...
....जिहादी का । सामने तीन फूट की दूरी पर साक्षात मौत देख बड़ों बड़ों की पतलून गीली हो जाती है. ऐसे मौक़े पर दिलेरी दिखाना वाक़ई शेरदिल बहादुरी है.
इतनी बड़ी घटना कांस्टेबल दीपक दहिया के लिए जीवन का एक सामान्य दिन था. घर आए कपड़े बदले सो गए. बीबी तक को नहीं बताया....
अन्यथा वह परेशान होती. तशवीर सोसल मीडिया पर वाइरल हुई, पत्नी ने पूँछा भी तो भी नहीं बताया क्यों परेशान करें. बाद में पत्नी ने जैकेट से पहचान लिया, यह तो मेरे पति थे। दीपक दहिया ने बताया अगर वह पीछे हट जाते तो कई और जाने जाती।
अपनी जान पर खेल कर हम जैसे सामान्य नागरिकों की....
....जान बचाने वाले दीपक दहिया और उनके जैसे हज़ारों पुलिस वालों को नमन। 🙏
इन्हीं की वजह से भारत में अमन शांति है। आम जनता शुकून की नींद सोती है। ओवेसी जैसे नेता अनर्गल नहीं बोलते कि पुलिस को पंद्रह मिनट के लिए हटा दो फिर हमारे पंद्रह करोड़ सौ करोड़ को मिट्टी में मिला देंगे।
इन्हीं पुलिस वालों को दिल्ली का मुख्य मंत्री ठुल्ला बोल बेज्जत करता है. इन पर राजनैतिक प्रेसर होता है, अदालतें भी इन्हीं को ज़लील करती हैं और आम जनता भी इन्हें ही क़सूर वार ठहराती है. यह लाठी चलाते हैं तो न्यूज़ बनती है कि पुलिस ने मासूम जनता पर लाठी चलाई....
लाठी नहीं चलाते तो न्यूज़ बनती है दंगाई हरदंग करते रहे पुलिस लाचार खड़ी थी. इस सबके बावजूद जब कभी ऐसे मौक़े आते हैं तो यही पुलिस वाले अपनी जान की बाज़ी लगा कर हमारी रक्षा करते हैं.
ऐसे हर पुलिस वाले को दिल से नमन..🙏🙏
नोट– मियाँ शाहरुख़ शुक्र मनाओ ज़िल्ले इलाही दिल्ली के राज में हो कि पुलिस वाले पर बंदूक़ तान लेते हो, इधर UP में होते तो ज़मीन के तीन फ़ीट नींचे दफ़न होते इस समय तक... 😊👍
बिहार विधानसभा चुनाव, किस जिले में किस तिथि को होंगे :
पहले चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव- भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, खगड़िया, बेगूसराय, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में 28 अक्टूबर को चुनाव होंगे.
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दूसरे चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव : उत्तर बिहार के जिलों मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, पश्चिमी चंपाण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले में 3 नवम्बर को चुनाव होंगे.....
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तीसरे चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव : बोधगया सहित 7 जिले जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर और रोहतास में 7 नवम्बर को चुनाव होंगे. पटना सहित बक्सर, सारण, भोजपुर, नालंदा, गोपालगंज और सीवान में 7 नवम्बर को चुनाव होंगे.....
12 फरवरी 1968 को मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर ट्रैक के बीच में एक शव मिला था।
ये शव किसी आम आदमी का नही, भारत के उस समय के सबसे प्रखर राष्ट्रवादी और सनातन धर्म प्रचारक नेता, पंडित दीनदयाल उपाध्याय का था।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिनका सामना उस समय की प्रधानमंत्री ....
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....इंदिरा गाँधी ही नही उनके पिता नेहरु भी करने से डरते थे।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने जनसंघ की नीव रख कर, भारत की राजनीती को एक नई पहचान दी।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने राष्ट्र धर्म के प्रचार में अपना जीवन लगा दिया।
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इनके राष्ट्र के प्रति योगदान की बात जितनी की जाए कम है।
बेहद साधारण से रहने वाले ये व्यक्ति, 11 फरवरी 1968 को रेल से पटना जा रहे थे, और उसी रात किसी ने उनकी हत्या कर शव मुगलसराय, जो अब पंडित दीं दयाल उपाध्याय स्टेशन हो गया है, पर फेक दिया।
और अफ़सोस की हम इनके कातिलो का पता
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सुशांत के पिता ने पटना में एफआईआर दर्ज करवाई। यह एफआईआर रिया चक्रवर्ती, उनकी मां, पिता, भाई और दो मैनेजर के खिलाफ दर्ज करवाई गई है। सुशांत के पिता ने रिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। #JusticeForSushantSinghRajput
सुशांत के पिता के 7 आरोप
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1. 2019 से पहले जब मेरे बेटे सुशांत सिंह कोई भी दिमागी परेशानी नहीं थी तो रिया के संपर्क में आने के बाद अचानक क्या हुआ? सुशांत को दिमागी रूप से क्या परेशानी हो गई, इसकी जांच की जाए?
2. उसका दिमागी इलाज चल रहा था तो हमसे कोई लिखित या मौखिक इजाजत क्यों नहीं ली गई?
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जब कोई मानसिक रूप से बीमार होता है तो उसके सारे अधिकार उसके परिवार के ही पास होते हैं। इसकी जांच करवाई जाए।
3. जिन डॉक्टरों ने रिया के कहने से मेरे बेटे सुशांत सिंह का इलाज किया है, मुझे लगता है कि ये डाक्टर भी रिया के साथ इस सारे षड्यंत्र में शामिल थे।
बिहार में पुलिस और प्रशासन की असंवेदनशीलता का एक ऐसा दृश्य देखने को मिला कि कोई भी काँप उठे। एक असहाय और ग़रीब परिवार के बच्चे को मस्जिद में ले जाकर मार डाला गया। इसके बाद उसे नदी में फेंक दिया गया। जब माता-पिता पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुँचे तो उन्हें पुलिस ने मारा-पीटा।
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मजबूरन उन्हें घर छोड़ कर भागना पड़ा। अब वो उत्तर प्रदेश के एक इलाक़े में रह रहे हैं।
ये घटना बिहार के गोपालगंज स्थित कटेया के बेलाडीह की है। ओबीसी इकाइयों में आने वाला राजेश जायसवाल का परिवार ग़रीब है, जो पकौड़े बेच कर अपना गुजर-बसर करता है। 28 मार्च, 2020 को कुछ लड़के आए और...
चीन ने कुछ समय पूर्व जब एकाएक हजार मौतों का आंकड़ा बढ़ाकर दिखाया था तो पूरे विश्व में उस पर आश्चर्य व्यक्त किया गया था । चीन की हरकत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषणा के सामने बहुत छोटी नजर आएगी । अभी सूचना आ रही है कि पश्चिम बंगाल में
एक लाख के करीब कोरोना संक्रमित मरीज हो सकते है ।
एक दिन में इतनी बढ़ोतरी का एक ही मतलब है " तेल लेने गया इंडिया।" जो काम पूरा तब्लीगी जमात नहीं कर सकी वो अकेले ममता बानो ने कर दिखाया। पूरे देश में 50 हजार मरीज हैं और आज पता चला कि बंगाल में ही एक लाख हैं।
साथ ही ममता सरकार ने जारी आंकड़ो में बताया है कि एक दिन दिन में 98 मरीजों की मौत भी हो गयी है । सभी "सेकुलर" भाइयों-बहनों को इस कामयाबी पर बधाई।
#शाहीनबाग में हर रोज आकर भड़काने वाली और फिर दिल्ली दंगों में बड़ी भूमिका निभाने वाली सफूरा जरगर को पुलिस ने गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेज दिया।
तिहाड़ जेल में उनकी तबीयत कुछ नासाज हुई लेकिन वह अपना मेडिकल चेकअप कराने से इनकार करती रही इसके बजाय वह अपने जमानत के लिए अथक....
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.....प्रयास करती रही, लेकिन जेल नियमों के अनुसार यदि किसी कैदी की तबीयत खराब होती है तब उसका मेडिकल चेकअप करना जरूरी हो जाता है
और मेडिकल चेक अप में सफूरा जरगर 2 महीने की गर्भवती निकली... यानी कि अगर देखा जाए तब वह शाहीन बाग के दौरान ही गर्भधारण की है
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गौर करने वाली बात यह हैं कि सफूरा जरगर छात्रा है और जामिया में पढ़ती हैं और अभी शादीशुदा नहीं है
यानी कि हम सब जो कहते थे कि #शाहीनबाग दरअसल अय्याशी का अड्डा है वह सच साबित हुआ अब पूरा भेद खुल जाने पर तमाम एक्टिविस्ट यह कह रहे हैं सफूरा जरगर की तो सगाई हो गई थी