भारत में #Corona मरीज़ 500 होने वाले हैं और अगले 3 हफ़्ते में ये संख्या 10-12000 पार कर सकती है।अस्पतालों में हाहाकार मचने वाला है।डॉक्टर्स/नर्स हफ़्तों तक घर नहीं जा पाएँगे और ऐसे में इन डॉक्टरों के साथ हुआ है एक बहुत बड़ा धोखा !!
रिपोर्ट पर आगे बढ़ने से पहले ये देखिए असम से आई एक तस्वीर।ये तस्वीर असम मेडिकल कॉलेज की है,जिसमें स्वास्थ्य कर्मी ने अपने बचाव के लिए Plastic bag से बना वो Gown पहना हुआ है,जो आमतौर पर Biomedical waste को उठाने के लिए पहना जाता है।
ये तस्वीर @DrHarjitBhatti ने ट्विट की है और लिखा है कि ताली से ज़्यादा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए PPE यानी Personal Protection Equipment ज़रूरी हैं,जिसके बिना #Corona से लड़ना असंभव है और डॉक्टरों की मानें तो भारत के पास ये PPE ना के बराबर हैं।
खबर में आगे बढ़े,उससे पहले समझ लीजिए कि ये PPE क्यों ज़रूरी है?ये PPE ही #Corona का इलाज कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को Infection से बचाता है।इटली-चीन से आई तस्वीरों में डॉक्टर जो नीले/सफ़ेद रंग का body cover पहनते हैं,वो PPE है।
PPE के बिना अगर स्वास्थ्य कर्मी इलाज करेंगे तो उन्हें तुरंत Infection हो सकता है और कल्पना कीजिए कि अगर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ़ को Infection होने लग गया तो #Corona मरीज़ों का इलाज कौन करेगा ?
एक अनुमान के मुताबिक़ भारत में अगर इटली जैसे हालात हुए तो देश भर के स्वास्थ्य कर्मियों को कम से कम 7 लाख से 10 लाख PPE की ज़रूरत होगी जबकि भारत के डॉक्टरों पास इस वक्त ये PPE ना के बराबर हैं।
Progressive Medicos & Scientists forum के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ हरजीत भट्टी ने हैरान कर देने वाला सच बताया है।उनके मुताबिक़ जो Proper PPE आपने चीन के डॉक्टरों को इस्तेमाल करते देखा, वो PPE तो भारत में हज़ारों की संख्या में भी उपलब्ध नहीं हैं।
WHO ने फ़रवरी में सरकार को साफ चेता दिया था कि भारत को #CoronaOutbreak की वजह से आने वाले वक्त में PPE,मास्क,Gloves इत्यादि की बहुत ज़रूरत पड़ेगी लेकिन इसके बावजूद सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
हैरानी की बात ये है कि Corona के विश्वव्यापी ख़तरे को देखते हुए दुनिया के तमाम देशों ने इन ज़रूरी मेडिकल साजोसामान पर जनवरी-फ़रवरी में ही तत्काल रोक लगा दी थी।लेकिन भारत इन बेहद ज़रूरी चीजों का stock रखने के बजाय इनका निर्यात करता रहा।
WHO की फ़रवरी की advisory और दुनिया भर में हो रही हज़ारों मौतों को देखने के बावजूद भारत से ये ज़रूरी मेडिकल साजोसामान फ़रवरी में भी निर्यात होता रहा और मार्च में भी निर्यात होता रहा।चार दिन पहले 19 मार्च को निर्यात पर रोक लगाई गई।
19 मार्च तक निर्यात और stock नहीं रखने का नतीजा ये है कि आज जब #Corona भारत के सिर पर है तो भारत के पास ये ज़रूरी मेडिकल साजोसामान ना के बराबर है।सरकार ने अब आनन-फ़ानन में इसका production बढ़ाने का आदेश दिया है।
#ET की रिपोर्ट के मुताबिक़ कपड़ा मंत्रालय की 18Mar की meeting minutes में बाक़ायदा ये लिखा गया है कि There is a shortage of body coveralls and N-95 masks,There is a shortage of material and the rate of supply is not able to meet the rising demand
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इसका अर्थ ये है कि कमी भी है और जिस तरह से अचानक डिमांड बढ़ी है,उस हिसाब से सप्लाई कर पाना मुश्किल है।नतीजा आप समझ रहे हैं कि कितने ख़तरनाक हो सकते हैं? देश के डॉक्टर बिना साजोसामान के #Corona virus से लड़ेंगे।
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ये जो PPE की तस्वीर आप देख रहे हैं, ये AIIMS Bhuvneshwar की है जो स्वास्थ्य कर्मियों को हाल ही में उपलब्ध कराई गई है। डॉक्टरों के मुताबिक़ Corona मरीज़ के संपर्क में आने वाले हर स्वास्थ्य कर्मी को इस PPE की ज़रूरत है।
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मतलब ये हुआ कि Doctor,Nurse,Ward boy ,Sweeper जब भी #Corona मरीज़ के पास जाए, उसे ये पहना होना चाहिए।और उसके पास
ये PPE ना हो तो उसे कभी भी कोरोना virus का infection हो सकता है।
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WHO के मुताबिक़ वैसे भी स्वास्थ्य कर्मियों पर Infection का ख़तरा हमेशा बाक़ी लोगों की तुलना में 15% ज़्यादा रहता है।और अगर इस PPE के बिना अगर भारत के डॉक्टर इलाज करेंगे तो सोचिए क्या होगा ?डॉक्टर ही बीमार पड़ गए तो कोरोना का इलाज कौन करेगा?
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कमी सिर्फ़ PPE की ही नहीं है। N95 Mask , Three layer masks , Gloves की भी इस वक्त भारी कमी है।कोरोना से लड़ने के लिए भारत के स्वास्थ्य कर्मियों को 20-22 लाख N95 mask , 15 लाख 3 ply masks चाहिए लेकिन उपलब्धता ना के बराबर है।
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जिन डॉक्टरों के पास N95 masks हैं , उनसे कहा जा रहा है कि वो तीन दिन तक उसका इस्तेमाल करें। Dr Harjit Bhatti ने बताया कि तीन दिन इस्तेमाल से Infection का गंभीर ख़तरा है।इतना ही नहीं,डॉक्टरों को रूमाल बांधने तक को कहा जा रहा है,जो और ख़तरनाक है।
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जो डॉक्टर Gown,masks की माँग कर रहे हैं,उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई हो रही है।अभी हाल ही में #GMCJammu के डॉ बलविंदर सिंह का तबादला सिर्फ़ इसलिए कर दिया गया कि उन्होंने सभी डॉक्टरों के लिए Masks और Sanitizers की माँग की थी।
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डॉ बलविंदर के तबादले के बाद जम्मू के डॉक्टरों ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिख कर चेतावनी दी थी कि अगर Masks उपलब्ध नहीं हुए और डॉ बलविंदर का तबादला नहीं रूका तो जम्मू के सारे डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर चले जाएँगे।
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यही हाल बाक़ी राज्यों का भी है। हर जगह डॉक्टर masks और body cover की कमी से जूझ रहे हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने इनकी हौसला अफजाई के लिए तालियाँ तो बजवाई लेकिन इनकी ज़िंदगी के लिए जो चीज़ें ज़रूरी हैं , उनका इंतज़ाम अब तक क्यों नहीं किया ?
रिपोर्ट के मुताबिक़ सरकार ने अब जा कर 7,25,000 body cover,15 लाख N95 masks,10 लाख 3 ply masks का order कर दिया है लेकिन इनकी डिलीवरी में अभी कम से कम हफ़्ते 10 दिन लगेंगे। तब तक क्या करेंगे हमारे जीवनरक्षक ? तब तक इनके जीवन की ज़िम्मेदारी किसकी?
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सरकार के पास पूरा समय था। कम से कम तीन महीने का समय। चीन,यूरोप समेत पूरी दुनिया के उदाहरण थे। WHO की फ़रवरी की Guidelines थी। लेकिन इसके बावजूद सरकार की तरफ़ से आपराधिक और जानलेवा लापरवाही बरती गई।
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देश में वैसे ही डॉक्टरों की कमी है और अगर इस लापरवाही की वजह से ये डॉक्टर बीमार पड़ने लगे तो हालात भयावह हो सकते हैं।सरकार को पूरी ताक़त लगा कर सबसे पहले डॉक्टरों/स्वास्थ्य कर्मियों को ख़तरे से बचाने का इंतज़ाम करना चाहिए
और
वो भी तुरंत !!
END
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1/7 भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी और मज़बूत बन कर उभरे हैं।5 में से 4 राज्यों में बंपर जीत मोदी को ही मिलना चाहिए। तमाम नाकामियों के बावजूद मोदी की लोकप्रियता का तोड़ फ़िलहाल विपक्ष में किसी के पास नहीं है। 2024 के लिए ये साफ़ संकेत हैं।
2/7 यूपी में मोदी/योगी की जोड़ी ने यकीनन इतिहास रचा है। तीन दशक में ये संभवतः पहली बार हो रहा है कि एक ही राजनैतिक दल दोबारा यूपी में सत्ता में लौटा है।ये बहुत बड़ी उपलब्धि है।ख़ासतौर पर तब जब आदित्यनाथ सरकार पाँच साल की कई नाकामियों और अपनों की नाराज़गी के दंश को झेल रही थी।
3/7 यूपी की इस जीत को सिर्फ़ योगी की जीत के तौर पर भी देखा जाना चाहिए।ये चुनाव उनके 5 साल के काम का चुनाव था। मोदी के होने के बावजूद ये चुनाव उनकी ही सफलता/असफलता का चुनाव था।ये चुनाव उनके ही चेहरे पर लड़ा गया।ज़ाहिर है कि अब वो बीजेपी में मोदी के बाद नंबर दो के नेता बन गए हैं।
आज नोएडा के ब्रह्मपुत्र मार्केट में 7 साल का बच्चा झोले में पैन रख कर बेच रहा था।मैं एक दुकान पर था।अचानक वो पास आया और एक toy car देख कर बोला “ अंकल मुझे ये कार दिला दो।”
मैंने देखा रिमोट कंट्रोल कार रखी थी।
“ कुछ खाओगे भी ? “
“ नहीं अंकल ? बस कार “
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“ कार का क्या करोगे ? “
मैंने मुस्कुराते हुए पूछा।
“ खेलूँगा अंकल “
वो और मुस्कुराया।
मैंने दुकानदार से कह कर कार निकलवा दी।कार उसके हाथ में थी।
तभी वो बोला : “ नहीं अंकल मुझे कार नहीं चाहिए “
“ क्यों ? क्या हुआ ?
मैं हैरान था।
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उस बच्चे ने पीछे की अलमारी की तरफ़ इशारा किया और बोला।
“ अंकल मुझे ये दिला दो “
मैंने पलट कर देखा।मैं और हैरान हुआ। अलमारी से एक बहुत सुंदर गुड़िया और उसके खिलौने झांक रहे थे।
“ अरे तुम गुड़िया से खेलोगे ? “
और फिर उस बच्चे ने जो जवाब दिया , वो सुनते ही मेरी आँखें नम हो गईं।
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#Corona जैसे संकटकाल में भी जब TV झूठ-नफ़रत फैला रहा है तो मज़दूरों ने अपने हक़ के लिए कैमरा थाम लिया है और बन गए रिपोर्टर।इस THREAD के सारे वीडियो मुझे ग़ाज़ियाबाद के लोनी में फँसे मज़दूर रितेश ने भेजे हैं।रितेश Tiles लगाने का काम करते हैं।
जब मज़दूर बने TV रिपोर्टर-2
रितेश ग़ाज़ियाबाद के लोनी के इंद्रपुरी पुलिस चौकी के पास लेबर चौक की गली में बिहार के सहरसा के 40 मज़दूरों के साथ रहते हैं।मज़दूर रितेश की इस रिपोर्ट में सुनिए भावुक मज़दूर आशीष कुमार और अन्य की दास्तान। @112UttarPradesh@Uppolice
मेरठ के शाहिद का ट्रक Essential services में लगा है।लेकिन सामान छोड़ने के बाद हाइवे पर इसे जो भी मज़दूर सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल चलता दिखता है,ये ट्रक रूक जाता है और सबको लिफ़्ट देता है। और वो भी FREE. इस जज़्बे को सलाम। #Lockdown21
हाईवे के हीरो - 2
National highway पर एक काम बहुत अच्छा हुआ है। सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा करने वालों के लिए आसपास के लोगों ने पानी की बोतलें भर कर रख दी हैं।थके हारे लोगों के लिए ये पानी किसी अमृत से कम नहीं है
यूपी के नोएडा की झुग्गियों में आज क़रीब 100 परिवारों से मिला।सभी दिहाड़ी मज़दूर हैं।दिन के 300-400₹ मिलते थे तो जीवन चलता था।10 दिन से कोई काम नहीं,ना कोई दिहाड़ी
इन परिवारों ने बताया कि अब इनके पास एक वक्त का खाना खाने लायक़ भी पैसे नहीं बचे हैं।
कोरोना से पहले भूख मारेगी - 2
तक़रीबन सभी परिवार यूपी के महोबा से नोएडा मज़दूरी करने आए हैं।इन्हें राज्य सरकार से ना तो कोई सहायता मिली है,ना कोई जानकारी है।
इनका कहना है कि हम सब बीमारी से पहले भूख से मर जाएँगे
इनकी माँग है: या तो इन्हें कोई काम मिले या गांव भेजा जाए
कोरोना से पहले भूख मारेगी - 3/6
दिहाड़ी मज़दूरों का कहना है कि बाज़ार राशन लेने जाते हैं तो पुलिस लाठी मारती है,ऊपर से सामान और महंगा हो गया है। थोड़ा भी पहले बता दिया जाता तो ये अपने गाँव चले जाते।
Thread. #ShaheenBagh में हालात तनावपूर्ण बनाने की कोशिश की जा रही है।अभी कुछ देर पहले के ये कुछ वीडियो गवाह हैं कि इस सबके पीछे कौन है और उनका क्या मक़सद है ? 1/4
ये वीडियो देखिए। #ShaheenBagh को भीड चारों तरफ़ से घेरने की कोशिश की जा रही है और भीड़ नारा लगा रही है : शाहीन बाग ख़ाली करो।
और #ShaheenBagh के इस तीसरे वीडियो में भीड़ अनुराग ठाकुर का नारा लगा रही है : देश के ग़द्दारों को , गोली मारो ... को । और दिल्ली पुलिस , हमेशा की तरह आज भी तमाशबीन है। कोई भी समझ सकता है कि ये किसके इशारे पर हो रहा है और क्यों हो रहा है ? 3/4