#संस्कृति
लॉकडाउन खुलने के बाद क्या आप किसी ऐसी बर्थडे पार्टी में जाना पसन्द करेंगें, जहां मुँह से फूँक मारकर केक के ऊपर जलती मोमबत्तियों को बुझाया जाएगा और फिर उस केक का पीस पार्टी के हर मेहमान को परोसा जाएगा, आपको भी परोसा जाएगा।
क्या आप मुँहसे निकली सांस से संक्रमित होने वाले केक को खाना पसंद करेंगे?
क्योंकि फूँकमारकर मोमबत्ती बुझाने से सांसके लारकणोंसे केक के संक्रमित होनेकी सम्भावना रहती है।
हो सकता है कि जन्मदिन व अन्य मौकों पर मुँह की फूँक से मोमबत्तियां बुझाने की यह परम्परा शायद बन्द ही हो जाये।
अक्सर हम लोग देखते हैं कि मन्दिर में अगरबत्ती व धूपकी अग्नि को हाथसे हवा झलकर ही शान्त किया जाता है।
अब मुँहकी फूँकसे मोमबत्ती बुझानेकी प्रथा बन्द होती है तो सनातन-मान्यता को वैज्ञानिक आधार मिल जाएगा।