01 सितंबर 2020 :- पूर्णिमा व पौष्ठपदी श्राद्ध
02 सितंबर 2020 :- प्रतिपदा का श्राद्ध
03 सितंबर 2020 :- द्वितीया का श्राद्ध
04 सितंबर 2020 :- द्वितीया का श्राद्ध
05 सितंबर 2020 :- तृतीया का श्राद्ध
06 सितंबर 2020 :- चतुर्थी व भरणी का श्राद्ध
*08 सितंबर 2020 :- छठ् व कृत्तिका का श्राद्ध*
*09 सितंबर 2020 :- सप्तमी का श्राद्ध*
*10 सितंबर 2020 :- अष्टमी का श्राद्ध*
*11 सितंबर 2020 :- नवमी का श्राद्ध, मातृ नवमी, सौभाग्यवतीनां श्राद्ध
13 सितंबर 2020 :- एकादशी का श्राद्ध
14 सितंबर 2020 :- बारस का श्राद्ध, संन्यासियों का श्राद्ध व आश्विन कृष्ण द्वादशी,
15 सितंबर 2020 :- तेरस व मघा का श्राद्ध, आश्विन त्रयोदशी,
16 सितंबर 2020 :- चौदस का श्राद्ध, विष शस्त्रादि से मृतकों का श्राद्ध*
गयासुर के शरीर से बनी गया
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भस्मासुर के वंश में गयासुर नामक राक्षस ने कठिन तपस्या कर ब्रह्माजी से वरदान मांगा था कि उसका शरीर देवताओं की तरह पवित्र हो जाए
इस वरदान के मिलने के बाद स्वर्ग में अधर्मियों की जनसंख्या बढ़ने लगी।इससे बचने के लिए देवताओं ने गयासुर से यज्ञ के लिए पवित्र स्थल की मांग की।गयासुर ने अपना शरीर देवताओं को यज्ञ के लिए दे दिया।