एक #मुस्लिम जिसका नाम #मोहम्मद_मनल था 1930 में #हिमालया_ड्रग_कम्पनी की स्थापना करता है....
लेकिन उसने वही दिलिप कुमार वाला फार्मूला प्रयोग किया और अपना नाम M Menal लिखा तथा हिमालया आयुर्वेदिक कम्पनी करके लोगों में प्रचार किया।
हिन्दू तो होते ही हैं सीधे साधे
उन्होने आयुर्वेदिक के नाम पर उसकी दवायें हाथों हाथ लिया और यह कम्पनी आसमान छूने लगी।
आगे यह भी कहता है हम तो हिन्दुस्तान के मालिक हैं
उसका यह vdo वायरल होते ही लोगो मे हडकंप मच गया कि हिन्दुओ को हिमालया कम्पनी की दवाईयों का बहिष्कार करना चाहिए....
Rss ने भी tweet किया....
अब सफाई देते फिर रहे हैं कि जिसका VDO है वह मालिक नहीं CEO है और उस वायरल VDO पर फैक्ट चेकर्स का स्क्रीन ड्राप लगा दिए हैं....
#हमदर्द कम्पनी की तरह #हिमालया कम्पनी की दवायें खरीदना बन्द करें....
यह एक कट्टर मुसलमान की कम्पनी है जो अबतक लोगों की
आँखो में धूल झोककर बचता रहा....
और, लोग इसे आयुर्वेदिक किसी हिन्दू की कम्पनी समझते रहे
मित्रो, खूब शेयर करो सभी कॉपी पेस्ट करें अपनी वॉल पर
हमदर्द और हिमालया कम्पनी की दवा खरीदने का मतलब आतंकवादियों को इनडाइरेक्ट पैसा देना है
सावधान हिन्दुओं!
सावधान बायकाट हिमालया ड्रग कम्पनी!!
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh
जनम एक दुइ कहउँ बखानी। सावधान सुनु सुमति भवानी॥
द्वारपाल हरि के प्रिय दोऊ। जय अरु बिजय जान सब कोऊ॥
भावार्थ:-हे सुंदर बुद्धि वाली भवानी! मैं उनके दो-एक जन्मों का विस्तार से वर्णन करता हूँ, तुम सावधान होकर सुनो। श्री हरि के जय और विजय दो प्यारे द्वारपाल हैं, जिनको सब कोई जानते हैं
भावार्थ:-उन दोनों भाइयों ने ब्राह्मण (सनकादि) के शाप से असुरों का तामसी शरीर पाया। एक का नाम था हिरण्यकशिपु और दूसरे का हिरण्याक्ष। ये देवराज इन्द्र
के गर्व को छुड़ाने वाले सारे जगत में प्रसिद्ध हुए॥3
*बिजई समर बीर बिख्याता। धरि बराह बपु एक निपाता॥
होइ नरहरि दूसर पुनि मारा। जन प्रहलाद सुजस बिस्तारा॥
भावार्थ:-वे युद्ध में विजय पाने वाले विख्यात वीर थे। इनमें से एक (हिरण्याक्ष) को भगवान ने वराह (सूअर) का शरीर धारण करके
सुर नर असुर नाग खग माहीं। मोरे अनुचर कहँ कोउ नाहीं॥
खर दूषन मोहि सम बलवंता। तिन्हहि को मारइ बिनु भगवंता॥
भावार्थ:-(वह मन ही मन विचार करने लगा-) देवता, मनुष्य, असुर, नाग और पक्षियों में कोई ऐसा नहीं, जो मेरे सेवक को भी पा सके। खर-दूषण तो मेरे ही समान बलवान थे। उन्हें भगवान के सिवा
और कौन मार सकता है?॥
* सुर रंजन भंजन महि भारा। जौं भगवंत लीन्ह अवतारा॥
तौ मैं जाइ बैरु हठि करऊँ। प्रभु सर प्रान तजें भव तरऊँ॥
भावार्थ:-देवताओं को आनंद देने वाले और पृथ्वी का भार हरण करने वाले भगवान ने ही यदि अवतार लिया है, तो मैं जाकर उनसे हठपूर्वक वैर करूँगा और
प्रभु के बाण (के आघात) से प्राण छोड़कर भवसागर से तर जाऊँगा॥
* होइहि भजनु न तामस देहा। मन क्रम बचन मंत्र दृढ़ एहा॥
जौं नररूप भूपसुत कोऊ। हरिहउँ नारि जीति रन दोऊ॥
भावार्थ:-इस तामस शरीर से भजन तो होगा नहीं, अतएव मन, वचन और कर्म से यही दृढ़ निश्चय है। और यदि वे मनुष्य रूप कोई
मैंने गाड़ी खरीदी, RTO में रजिस्ट्रेशन कराया, यह सरकार के रिकॉर्ड में है।
मैंने ड्राइविंग लाइसेंस लिया, यह भी सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज है।
मैंने कब कब POLLUTION UNDER CONTROL CERTIFICATE लिया, यह भी सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज है।
मैंने अपनी गाड़ी का इन्श्योरेन्स
रिन्यू कब कब कराया, यह भी सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज है क्योंकि इन्श्योरेन्स का एक हिस्सा सरकार के खाते में जमा होता है।
मेरे द्वारा दिए गए टैक्स के पैसे से सरकार के हर कार्यालय में ढेरों कम्प्यूटरों का अम्बार लगा हुआ है, खूब ढोल भी पीटा जा रहा है कि पूरा इंडिया डिजिटल हो गया है.!
सरकार जब सारी जानकारी आपके रिकॉर्ड में दर्ज है तो फिर आप मेरी गाड़ी का नम्बर कम्प्यूटर में ENTER करके अपने आफिस में बैठे बैठे ही पता कर सकते हैं कि मेरा लाइसेंस EXPIRE तो नहीं हो गया है, इन्श्योरेन्स ड्यू तो नहीं हो गया है, POLLUTION LEVEL कब चेक कराया आदि आदि....
1973 में इंदिरा गाँधी ने न्यायमूर्ति A.N. रे को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में बैठा दिया वो भी तब जब उनसे वरिष्ठ न्यायधीशों की लिस्ट जैसे न्यायमूर्ति JM शेलात, KS हेगड़े और AN ग्रोवर सामने थी. अंततः हुआ यह कि नाराज़गी के रूप में इन तीनों
न्यायधीशों ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद कांग्रेस ने पार्लियामेंट में जवाब दिया, 'यह सरकार का काम है कि किसे मुख्य न्यायधीश रखें और किसको नहीं और हम उसी को बिठाएंगे जो हमारी विचारधारा के पास हो.'
और आज वही लोग न्यायाधीशों की आज़ादी की बात करते हैं?
1975 में न्यायाधीश जगमोहन सिंहा को एक फैसला सुनाना था. फैसला था राजनारायण बनाम इंदिरा गांधी के चुनावी भ्रष्टाचार के मामले का. उनको फ़ोन आता है जिसमें कहा जाता है, 'अगर तुमने इंदिरा गाँधी के ख़िलाफ़ फैसला सुनाया, तो अपनी पत्नी से कह देना इस साल करवा चौथ का व्रत
🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
(हिन्दू शेरनी कंगना राणावत को डराने वाले छद्म हिन्दू उद्धव ठाकरे को जवाब देती मेरी नई रचना)
रचनाकार-कवि गौरव चौहान इटावा
9557062060
🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
है खड़ी एक शेरनी आज,बॉलीवुड वाले कांप गए,
सबको कर देगी बेनकाब,जेहादी खतरा भांप गए,