😳👌
*देश में "कुछ तत्व" मोदी से इतने भयभीत क्यों है....?*
*मोदी कौन है....?*
*इसका जवाब एक जानकार "राजनैतिक वैध" ने बड़ा सुंदर समझाया....*
*आयुर्वेद और मेडिकल सांईस में "शहद" को अमृत के समान माना गया हैं।
लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि शहद को अगर "कुत्ता" चाट ले तो वह मर सकता हैं। यानी जो मनुष्यों के लिये अमृत हैं वह शहद कुत्तों के लिये जहर है।*
*"शुद्ध देशी गाय के घी" को आयुर्वेद और मेडिकल सांईस औषधीय गुणों का भंडार मानता हैं
।मगर आश्चर्य, गंदगी से प्रसन्न रहने वाली "मक्खी" कभी शुद्ध देशी घी को नहीं खा सकती। गलती से अगर मक्खी देशी घी पर बैठ कर चख भी ले तो वो तुरंत तड़प तड़प कर वहीं मर जाती है।*
*आर्युवेद में "मिश्री" को भी औषधीय और श्रेष्ठ मीष्ठान माना गया हैं।
लेकिन आश्चर्य, अगर "खर (गधे)" को एक डली मिश्री खिला दी जाए, तो कुछ समय में उसके प्राण पखेरू उड़ सकते हैं।यह अमृत समान श्रेष्ठ मिष्ठान, मिश्री गधा कभी नहीं खा सकता हैं।*
*नीम के पेड़ पर लगने वाली पकी हुई "निम्बोली" में कई रोगों को हरने वाले औषधीय गुण होते हैं
।आयुर्वेद उसे "उत्तम औषधि" कहता हैं।लेकिन रात दिन नीम के पेड़ पर रहने वाला "कौवा" अगर निम्बोली खा ले तो उस कौवे की मृत्यु निश्चित है...*
*मतलब, इस धरती पर ऐसा बहुत कुछ हैं....जो हमारे लिये अमृत समान हैं, गुणकारी है, औषधीय है
.....पर इस धरती पर ऐसे "कुछ जीव" भी हैं जिनके लिये वही अमृत..."विष" है।*
*मोदी वही "गुणकारी अमृत औषधी" है। लेकिन कुत्तों (आतंकवादी-दंगाई), मक्खीयों (देशद्रोही-गंदगी), गधों (वामपंथी सोच-राजनैतिक मूर्ख) और कौवों (स्वार्थी कपटी मीडिया) आदि के लिये..."विष" समान है।*
*इसलिये यह "कुछ तत्व" इतने भयभीत है।*
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कोविद ने ज़्यादातर लोगों के लंग्स और हार्ट को कमजोर कर दिया है। इन्फेक्शन अभी भी जारी है और एक बड़ी आबादी को इन्फेक्टेड होने का पता भी नहीं चला है।
सर्दियों में दो और बातें होती हैं – वायु प्रदूषण बढ़ जाता है और हार्ट फेल होने के मामले भी बढ़ जाते हैं। हार्ट फेल होने का एक कारण सर्दियों में लोगों का पानी कम पीना और चाय-कॉफी ज्यादा पीना भी है, इससे डिहाइड्रेशन हो जाता है और खून गाढ़ा और चिपचिपा हो जाता है।
इस साल चाय-कॉफी की जगह गरम पानी पिये।
शहरी वायु प्रदूषण का बड़ा कारण, जिसे हम अक्सर गिनते भी नहीं हैं – हमारी अपनी कार और सांस है। सांस लेना कम नहीं किया जा सकता है लेकिन कार के उपयोग को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।
10 दिन की जद्दोजहद के बाद एक आदमी अपनी कोरोना नेगटिव की रिपोर्ट हाथ में लेकर अस्पताल के रिसेप्शन पर खड़ा था।
आसपास कुछ लोग तालियां बजा रहे थे, उसका अभिनंदन कर रहे थे।
जंग जो जीत कर आया था वो।
लेकिन उस शख्स के चेहरे पर बेचैनी की गहरी छाया थी।
गाड़ी से घर के रास्ते भर उसे याद आता रहा "आइसोलेशन" नामक खतरनाक और असहनीय दौर का वो मंजर।
न्यूनतम सुविधाओं वाला छोटा सा कमरा, अपर्याप्त उजाला, मनोरंजन के किसी साधन की अनुपलब्धता, कोई बात नही करता था और न ही कोई नजदीक आता था।
खाना भी बस प्लेट में भरकर सरका दिया जाता था।
कैसे गुजारे उसने वे 10 दिन, वही जानता था।
घर पहुचते ही स्वागत में खड़े उत्साही पत्नी और बच्चों को छोड़ कर वह शख्स सीधे घर के एक उपेक्षित कोने के कमरे में गया, जहाँ माँ पिछले पाँच वर्षों से पड़ी थी ।
सेकुलर लिबरल गैंग की घ्राण शक्ति बहुत मजबूत है ।
वे आसन्न खतरों को पहचान लेते हैं । सोनिया -अहमद पटेल -येचुरी- राजदीप सरदेसाई- सागरिका घोष ने वर्ष 2000 में भांप लिया था कि उनके सत्तर साल पुराने इको सिस्टम को नरेन्द्र मोदी ध्वस्त कर देगा
क्योंकि वह स्थापित राजनैतिक धारा के विपरित चलने वाला है ।
वह परिवार से दूर है ,घोर हिंदूवादी है ,प्रचंड इमानदार है।
उसे रोकने का मौका मिला 2002 के दंगों में ।
क्या क्या कुचक्र नहीं रचे गए , तत्कालीन गृहमंत्री को तो जेल में बंद किया ही गया
,इशरत जहां एनकाउंटर केस में आई पी एस बंजारा सहित एस आई टी की सारी टीम को सस्पेंड कर दिया गया। और सी बी आई ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली में सात सात घंटे बेंच पर बिठा कर रखा गया । राणा अय्यूब ने वाशिंगटन पोस्ट में Butcher of Gujarat नामक लेख लिखा
एबीपी न्यूज़ से लेकर आज तक तमाम चैनलों पर कपिल शर्मा के उस शो को बार-बार दिखाया जा रहा है जिसमें उसने अरनव के शो का मजाक उड़ाया था
दरअसल जब आप किसी की सफलता को पचा नहीं सकते हैं तब आप सिर्फ उसका मजाक उड़ा कर अपने आप को एक सांत्वना ही दे सकते हैं
और आश्चर्य इस बात का कि ये तथाकथित मसीहा पत्रकार चाहे रुबिका लियाकत हो चाहे राजदीप सरदेसाई हो या चाहे रजत शर्मा हो या कोई टीवी चैनल हो इन्हें आज तक रवीश कुमार की एकतरफा रिपोर्टिंग नहीं नजर आती.. वह बंदा पिछले 6 सालों से पूरे भारत में सिर्फ अंधेर गर्दी उदासी बर्बादी इत्यादि का
ही महिमामंडन कर रहा है ऐसा लग रहा है जैसे पिछले 6 सालों में भारत एकदम बर्बाद हो गया 6 साल पहले तक भारत सोने की चिड़िया हुआ करता था हर आदमी कलेक्टर हुआ करता था सबके पास मर्सिडीज बीएमडब्ल्यू गाड़ियां थी फिर नरेंद्र मोदी आए और सब का छीन लिया
*रात्रि 11 से 3 के दौरान आपके रक्त संचरण का अधिक भाग लीवर की ओर केन्द्रित होता है | जब लीवर अधिक खून प्राप्त करता है तब उसका आकार बढ़ जाता है | यह महत्त्वपूर्ण समय होता है
जब आपका शरीर विष हरण की प्रक्रिया से गुजरता है | आपका लीवर, शरीर द्वारा दिन भर में एकत्रित विषाक्त पदार्थों को निष्क्रिय करता है और खत्म भी करता है |*
*💁🏻♀ यदि आप 11बजे सो जाते हैं तो आपके पास अपने शरीर को विषमुक्त करने के लिए पूरे चार घण्टे होते हैं |*
*यदि 12 बजे सोते हैं तो 3 घण्टे |*
*💁🏻♀ यदि 1बजे सोते हैं तो 2 घण्टे |*
*💁🏻♀ यदि 2 बजे सोते हैं तो केवल एक ही घण्टा विषाक्त पदार्थों की सफाई के लिए मिलता है |*
*💁🏻♀ अगर आप 3 बजे के बाद सोते हैं ? दुर्भाग्य से आपके पास शरीर को विषमुक्त करने के लिए कोई समय नहीं बचा |