चंद्रमा और शनि की युति से विष योग का निर्माण होता है l
अगर यह युति किसी महिला के सप्तम भाव में हो तो उसे विषकन्या कहते हैं l पौराणिक ज्योतिष के अनुसार यानी वह महिला जितने से भी शादी करेंगी या जितने से उसका संबंध होगा l सभी किसी न किसी प्रकार से मृत्यु या कष्ट के भागीदार होंगे l
चंद्रमा जिसे हम मन कारक ग्रह कहते हैं l हमारे मन का प्रतिनिधित्व करता है l मन सबसे ज्यादा चंचल होता है l
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अगर उसके साथ शनि की युति हो जाए तो मन की चंचलता में धीमापन आ जाएगा l जातक सुस्त हो जाएगा l आलसी हो जाएगा और और हर कार्य को टालने की आदत हो जाएगी उसमें I
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अपने निकम्मेपन को ढकने के लिए वह हमेशा झूठ बोलेगा चापलूसी करेगा I उसे शराब या अन्य नशा की आदत भी हो सकती है I
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हर भाव में इसकी अलग-अलग प्रभाव पड़ता है :-