इसलिए अनेक विदेशी आक्रांताओं की नजर भारत की संपत्ति पर थी ।
✍ विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत को आकर लुटा तो है साथ में भारतीय सनातन संस्कृति को विकृत भी कर दिया और #हिंदुओं_का_कत्ल भी किया और #महिलाओं_के_साथ_बलात्कार भी किये और भारत के मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें भी
✍ अपने अयोध्या का इतिहास तो जान लिया होगा और कुछ समय पहले मथुरा का भी इतिहास बताया गया था की कैसे मथुरा पर कब्जा कर लिया है, अब आपको काशी विश्वनाथ के इतिहास के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
इस याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे मुक़दमे को चुनौती दी गई है।
✍ #द्वादश_ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर अनादिकाल से काशी में है। यह स्थान शिव और पार्वती का आदि स्थान
इसीलिए आदिलिंग के रूप में #अविमुक्तेश्वर को ही प्रथम लिंग माना गया है।
✍ इसका उल्लेख महाभारत और उपनिषद में भी किया गया है।
ईसा पूर्व 11वीं सदी में #राजा_हरीशचन्द्र ने जिस विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था उसका #सम्राट_विक्रमादित्य ने जीर्णोद्धार करवाया था।
उसे ही 1194 में मुहम्मद गौरी ने लूटने के बाद तुड़वा दिया था।
✍ इतिहासकारों के अनुसार इस भव्य मंदिर को सन् 1194 में मुहम्मद गौरी द्वारा तोड़ा गया था।
इसे फिर से बनाया गया, लेकिन एक बार फिर इसे सन् 1447 में जौनपुर के सुल्तान महमूद शाह द्वारा तोड़ दिया गया।
पुन: सन् 1585 ई. में #राजा_टोडरमल की सहायता से पं. नारायण भट्ट द्वारा इस स्थान पर फिर से एक भव्य मंदिर का निर्माण किया गया।
✍ इस भव्य मंदिर को सन् 1632 में शाहजहां ने आदेश पारित कर इसे तोड़ने के लिए सेना भेज दी। सेना हिन्दुओं के प्रबल प्रतिरोध के कारण विश्वनाथ मंदिर के
केंद्रीय मंदिर को तो तोड़ नहीं सकी, लेकिन काशी के 63 अन्य मंदिर तोड़ दिए गए।
✍ डॉ. एएस भट्ट ने अपनी किताब '#दान_हारावली' में इसका जिक्र किया है कि टोडरमल ने मंदिर का पुनर्निर्माण 1585 में करवाया था।
✍
18 अप्रैल 1669 को औरंगजेब ने एक फरमान जारी कर काशी विश्वनाथ मंदिर ध्वस्त करने का आदेश दिया।
औरंगजेब के आदेश पर यहां का मंदिर तोड़कर एक ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई।
✍ 2 सितंबर 1669 को औरंगजेब को मंदिर तोड़ने का कार्य पूरा होने की सूचना दी गई थी।
औरंगजेब ने प्रतिदिन हजारों ब्राह्मणों को मुसलमान बनाने का आदेश भी पारित किया था।
सन् 1752 से लेकर सन् 1780 के बीच मराठा सरदार दत्ताजी सिंधिया व मल्हारराव होलकर ने मंदिर मुक्ति के प्रयास किए।
7 अगस्त 1770 ई. में महादजी सिंधिया ने दिल्ली के बादशाह शाह आलम से मंदिर तोड़ने की क्षतिपूर्ति वसूल करने का आदेश जारी करा लिया, परंतु तब तक काशी पर ईस्ट इंडिया कंपनी का राज हो गया था इसलिए मंदिर का नवीनीकरण रुक गया।
✍अहिल्याबाई होलकर ने इसी परिसर में #विश्वनाथ_मंदिर बनवाया जिस पर पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने सोने का छत्र बनवाया।
✍ ग्वालियर की #महारानी_बैजाबाई ने ज्ञानवापी का मंडप बनवाया और महाराजा नेपाल ने वहां
विशाल नंदी प्रतिमा स्थापित करवाई।
✍ सन् 1809 में काशी के हिन्दुओं ने जबरन बनाई गई मस्जिद पर कब्जा कर लिया था, क्योंकि यह संपूर्ण क्षेत्र ज्ञानवापी मंडप का क्षेत्र है जिसे आजकल ज्ञानवापी मस्जिद कहा जाता है।
✍ 30 दिसंबर 1810 को बनारस के तत्कालीन जिला दंडाधिकारी मि.वाटसन ने
'#वाइस_प्रेसीडेंट_इन_काउंसिल' को एक पत्र लिखकर ज्ञानवापी परिसर हिन्दुओं को हमेशा के लिए सौंपने को कहा था, लेकिन यह कभी संभव नहीं हो पाया।
पिछले *4* सालों में *7* से *19* राज्यों में पैर पसारते *BJP* से सहमे हुए हैं!
ओड़िशा-बंगाल से तमिलनाडु तक की राजनीति में मोदी की धमक से डरे हैं! उन्हें मालूम है कि अगले दो सालों में अगर मोदी जी के विजयरथ को नहीं रोका गया, तो 2025 तक *RSS* - *विहिंप* - *HUV* जैसे हिन्दुवादी संगठनों के झंडे के नीचे, हिन्दू इतने शक्तिशाली हो जायेंगे
कि उन्हें दबाना नामुमकिन हो जायेगा!
उनके लिए तो अगला वर्ष अस्तित्व की लड़ाई के हैं!
हिन्दू वोट बैंक को क्षत - विक्षत करने का हर हथकंडा अपनाया गया! बरसों की जातिवादी और तुष्टिकरण की राजनीती को यूँ बर्बाद होते देखना उनके लिए असहनीय है!
कोविद ने ज़्यादातर लोगों के लंग्स और हार्ट को कमजोर कर दिया है। इन्फेक्शन अभी भी जारी है और एक बड़ी आबादी को इन्फेक्टेड होने का पता भी नहीं चला है।
सर्दियों में दो और बातें होती हैं – वायु प्रदूषण बढ़ जाता है और हार्ट फेल होने के मामले भी बढ़ जाते हैं। हार्ट फेल होने का एक कारण सर्दियों में लोगों का पानी कम पीना और चाय-कॉफी ज्यादा पीना भी है, इससे डिहाइड्रेशन हो जाता है और खून गाढ़ा और चिपचिपा हो जाता है।
इस साल चाय-कॉफी की जगह गरम पानी पिये।
शहरी वायु प्रदूषण का बड़ा कारण, जिसे हम अक्सर गिनते भी नहीं हैं – हमारी अपनी कार और सांस है। सांस लेना कम नहीं किया जा सकता है लेकिन कार के उपयोग को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।
10 दिन की जद्दोजहद के बाद एक आदमी अपनी कोरोना नेगटिव की रिपोर्ट हाथ में लेकर अस्पताल के रिसेप्शन पर खड़ा था।
आसपास कुछ लोग तालियां बजा रहे थे, उसका अभिनंदन कर रहे थे।
जंग जो जीत कर आया था वो।
लेकिन उस शख्स के चेहरे पर बेचैनी की गहरी छाया थी।
गाड़ी से घर के रास्ते भर उसे याद आता रहा "आइसोलेशन" नामक खतरनाक और असहनीय दौर का वो मंजर।
न्यूनतम सुविधाओं वाला छोटा सा कमरा, अपर्याप्त उजाला, मनोरंजन के किसी साधन की अनुपलब्धता, कोई बात नही करता था और न ही कोई नजदीक आता था।
खाना भी बस प्लेट में भरकर सरका दिया जाता था।
कैसे गुजारे उसने वे 10 दिन, वही जानता था।
घर पहुचते ही स्वागत में खड़े उत्साही पत्नी और बच्चों को छोड़ कर वह शख्स सीधे घर के एक उपेक्षित कोने के कमरे में गया, जहाँ माँ पिछले पाँच वर्षों से पड़ी थी ।
सेकुलर लिबरल गैंग की घ्राण शक्ति बहुत मजबूत है ।
वे आसन्न खतरों को पहचान लेते हैं । सोनिया -अहमद पटेल -येचुरी- राजदीप सरदेसाई- सागरिका घोष ने वर्ष 2000 में भांप लिया था कि उनके सत्तर साल पुराने इको सिस्टम को नरेन्द्र मोदी ध्वस्त कर देगा
क्योंकि वह स्थापित राजनैतिक धारा के विपरित चलने वाला है ।
वह परिवार से दूर है ,घोर हिंदूवादी है ,प्रचंड इमानदार है।
उसे रोकने का मौका मिला 2002 के दंगों में ।
क्या क्या कुचक्र नहीं रचे गए , तत्कालीन गृहमंत्री को तो जेल में बंद किया ही गया
,इशरत जहां एनकाउंटर केस में आई पी एस बंजारा सहित एस आई टी की सारी टीम को सस्पेंड कर दिया गया। और सी बी आई ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली में सात सात घंटे बेंच पर बिठा कर रखा गया । राणा अय्यूब ने वाशिंगटन पोस्ट में Butcher of Gujarat नामक लेख लिखा
एबीपी न्यूज़ से लेकर आज तक तमाम चैनलों पर कपिल शर्मा के उस शो को बार-बार दिखाया जा रहा है जिसमें उसने अरनव के शो का मजाक उड़ाया था
दरअसल जब आप किसी की सफलता को पचा नहीं सकते हैं तब आप सिर्फ उसका मजाक उड़ा कर अपने आप को एक सांत्वना ही दे सकते हैं
और आश्चर्य इस बात का कि ये तथाकथित मसीहा पत्रकार चाहे रुबिका लियाकत हो चाहे राजदीप सरदेसाई हो या चाहे रजत शर्मा हो या कोई टीवी चैनल हो इन्हें आज तक रवीश कुमार की एकतरफा रिपोर्टिंग नहीं नजर आती.. वह बंदा पिछले 6 सालों से पूरे भारत में सिर्फ अंधेर गर्दी उदासी बर्बादी इत्यादि का
ही महिमामंडन कर रहा है ऐसा लग रहा है जैसे पिछले 6 सालों में भारत एकदम बर्बाद हो गया 6 साल पहले तक भारत सोने की चिड़िया हुआ करता था हर आदमी कलेक्टर हुआ करता था सबके पास मर्सिडीज बीएमडब्ल्यू गाड़ियां थी फिर नरेंद्र मोदी आए और सब का छीन लिया