पाकिस्तान के जाने माने इस्लामिक विद्वान Javed Ahmad Ghamidi से जब पूछा गया की इस्लामिक दहशतगर्दी/आतंकवाद की क्या वजह है और इससे कैसे निजात पाया जा सकता है?
जबाब में Javed Ahmad Ghamidi ने बताया की यह जो दहशतगर्दी/आतंकवाद इस वक्त मुसलमानों की तरफ से हो रही है, इसका सबब वो मजहबी फ़िक्र और Religious Thought है, जो मदरसों में पढाया जा रहा है, जो उन्हें मस्जिदों की सियासी तहरीकों में सिखाया जा रहा है।
याद रखिये --इसमें 4 चीजें (Doctrine) हैं जो हर मदरसा सिखाता है।
पहली --- दुनिया में अगर कहीं शिर्क (Polytheism) होगा या किसी जगह कुफ्र (Kufar) होगा या फिर किसी जगह इरत्ताद (Apostasy) होगा तो इसकी सजा मौत है और इस सजा को देने का हक़ हर मुसलमान को है।
आप बॉलीवुड मूवीज देखो या IPL......
अंत मे कमाएगा तो इस्लामिक आतंकवादी दाऊद ही।
जरिया ड्रग्स तो है ही एक्सटॉरसन मानी व सट्टेबाजी भी दोनों में ही।
आपने देखा होगा IPL के दौरान पूरे डेढ़ माह तक कोई भी बड़ी फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज नही होती.
क्यों ?? सोचा है कभी ??
IPL के दौरान बड़ी फिल्मों के सिनेमाघरों में रिलीज न करने पर बॉलीबुड अपनी सफाई में इसकी वजह IPL की लोकप्रियता बताता है। अर्थात बॉलीबुड के मुताबिक दर्शक IPL देखने में व्यस्त रहते हैं। अतः उनकी फिल्मों को कौन देखेगा? वे फ्लॉप हो जाएंगी?
किन्तु क्या ये सत्य है ??
ऐसा नही है कि IPL के दौरान कभी बड़ी फिल्मे रिलीज नही हुई अथवा वे फ्लॉप रही। हाउसफुल, हाउसफुल 2, तनु वेड्स मनु, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, विकी डोनर जैसी दर्जनों बड़ी फिल्मे है, जो IPL के दौरान रिलीज भी हुई और सुपरहिट भी साबित हुई।
अतः ये तर्क खारिज हो जाता है..
अभी अभी एक खबर पढ़ रहा था कि मुम्बई हाईकोर्ट ने शिवसेना को भी @KanganaTeam के आफिस में तोड़फोड़ के लिए बीएमसी के साथ पार्टी बना दिया है।
जितना मेरा ध्यान इस खबर पर गया उससे ज्यादा गया उस बेंच के एक जज के नाम पर। नाम है रियाज इकबाल छागला।
कुछ ठनका दिमाग में???
कुछ दिनों पहले हमारी शिक्षा नीति पर जब चर्चा हो रही थी तो एक बात सामने आई थी कि भारत के पहले पांच शिक्षा मंत्री मुसलमान थे। और इसमें 1963 से लेकर 1966 तक जो शिक्षा मंत्री थे उनका नाम था - - - - - - - -
मोहम्मद करीम छागला ।
ये मोहम्मद करीम छागला साहब 1947 से लेकर 1958 तक मुम्बई हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस रहे। इनके बेटे इकबाल छागला मुम्बई हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट हैं और इन्हीं इकबाल छागला के बेटे या मोहम्मद करीम छागला के पोते हैं - -
रियाज इकबाल छागला।
बहुत पुरानी बात नहीं है और यह कोई किस्सा कहानी भी नहीं है। १९९६ में लोकसभा की वह बहस है, जिसके टीवी साक्ष्य यू ट्यूब पर आसानी से उपलब्ध हैं।
वाजपेयी जी की १३ दिन की सरकार के बाद कांग्रेस के बाहरी समर्थन से संयुक्त मोर्चा की सरकार बनती है और देवेगौड़ा उसके प्रधानमंत्री बना दिए जाते हैं।
संसद में यह सरकार विश्वासमत लेकर आती है, जिस पर बहस होती है।
सदन खचाखच भरा हुआ है, भाजपा उस दौर की राजनीति में नम्बर वन अछूत पार्टी थी, अछूत इसलिए कि वह हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, राममंदिर की बात करती थी।
जो नेहरूवियन युग के साये में पली बढ़ी हमारी राजनीति में किसी पाप से कम नहीं था।
मोदी कौन है
आयुर्वेद में शहद को अमृत के समान माना गया हैं और मेडिकल साइंस भी शहद को सर्वोत्तम पौष्टिक और एंटीबायोटिक भंडार मानती हैं लेकिन आश्चर्य इस बात का हैं कि शहद की एक बूंद भी अगर कुत्ता चाट ले तो वह मर जाता हैं यानी जो मनुष्यों के लिये अमृत हैं वह शहद कुत्ते के लिये जहर है
दूसरा देशीघी शुद्ध देशी गाय के घी को आयुर्वेद अमृत मानता हैं और मेडिकल साइंस भी इसे औषधीय गुणों का भंडार कहता हैं पर आश्चर्य ये हैं कि मक्खी घी नहीं खा सकती अगर गलती से देशी घी पर मक्खी बैठ भी जाये तो अगले पल वह मर जाती है। इस अमृत समान घी को चखना भी मक्खी के भाग्य में नहीं होता!
मिश्री, इसे भी अमृत के समान मीठा माना गया हैं आयुर्वेद में हाथ से बनी मिश्री को श्रेष्ठ मिष्ठान्न बताया गया हैं और मेडिकल साइंस हाथ से बनी मिश्री को सर्वोत्तम एंटबायोटिक मानता है