#किसान_विरोधी_मीडिया
आज किसानों ने अपना हक माँगा है तो उन्हें व्यापारी बताकर कहा जा रहा है उन्हें अन्नदाता मत कहो।
कल को सेना के जवान अपना हक माँगने लगे तो उन्हें भी कहोगे वो सैलरी लेते हैं मुफ़्त में ड्यूटी नही करते, देश के लिए नही सैलरी के लिए ड्यूटी करते हैं 1/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
फिर कहोगे सेना के जवान देश के लिए शहीद नही होते उनके परिवार को लाखों रुपए और परिवारजनों को नौकरी जो सरकार देती है उसके लिए जान देते हैं।
तो भाई ये मोदी का महिमामंडन क्यों?
2/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
करोड़ों रुपए की सुरक्षा आलीशान घर दफ्तर और हज़ारो करोड़ का हवाई जहाज करोड़ो रुपए की गाड़ियों का काफ़िला और साल में करोड़ो रुपए की सैलरी और भत्ते ले रहा है देश के लिए थोड़े कुछ कर रहा है?
3/n
ये जो किसानों के अलावा देश के कथित दाताओं के नाम गिनाए हैं और कहा गया है इनकी *जायज/नाजायज माँगो को लेकर लाइन लग जायेगी* तो किस किस का समर्थन करोगे।
पहली बात तो ये है उपरोक्त सभी दाताओ को अपनी सेवा या वस्तुओं के दाम तय करने का अधिकार है ये लोग जमकर मुनाफ़ा वसूली करते हैं,
4/n
जबकि किसान की उपज का मूल्य तय करने का अधिकार किसान को नही बल्कि सरकार तय करती है। निर्यात पर प्रतिबंध लगाती है ताकि किसान विदेशों में ना बेच सके। किसान को कहा जाता है कि भाव बढ़ने से देश भूखा मर जाएगा। आलू, प्याज़, टमाटर के भाव बढ़ जाये तो देश में हाहाकार मच जाता है
5/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
गेँहू चावल और चीनी के भाव तो बढ़ने ही नही दिए जाते सरकार तुरन्त विदेश से आयात करवा लेती है नए बिल से विदेशों से मँगवाने की ज़रूरत भी नही रहेगी सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 द्वारा गेँहू चावल चीनी दाल प्याज़ आदि की जमाखोरी करने की लिमिट तय की जाती थी
6/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
अब जो लोग सोच रहे हैं इसका नुकसान सिर्फ किसानों को है पता देर सवेर उन्हें भी लगेगा। अब बड़े व्यापारी किसान से फसल आने पर सस्ते भाव में जमाखोरी कर लेंगे और बाद में बाजार में माल नही निकालकर भाव बढ़ा देंगे।
7/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
जब अगले साल किसान अपनी उपज बेचने आएगा तो जमाखोरी किया हुआ अन्न सस्ते दाम पर बाजार में निकाल दिया जाएगा ताकि नई फसल का दाम गिर जाए।
सरकार का एक बिल मंडियों में फसल बेचने पर 6 से 8 प्रतिशत टैक्स लगाता है और मंडी से बाहर बेचने पर कोई टैक्स नही है,
8/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
मतलब मंडी में 1 लाख की फसल पर 6 से 8 हज़ार टैक्स, इसलिए ना कोई मंडी में बेचेगा न खरीदने आएगा। इससे मंडी समाप्त हो जाएंगी जहाँ सरकार भाव गिरने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करके भाव गिरने से बचाती है।
9/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
बिहार में नीतीश कुमार ने 2006 में मंडी कानून समाप्त कर दिया था अब वहाँ पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश उत्तराखंड से आधे दाम पर गेँहू चावल बिकता है।
सरकार या तो न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाये या मंडी के बाहर भी टैक्स लगाए या दोनों जगह टैक्स खत्म करे।
10/n
एक कानून कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का लाया गया है जिसमें बताया गया है किसान फ़सल बोने से पहले अपनी फ़सल मनचाहे भाव पर व्यापारी से तय कर खेती कर सकता है जबकि उक्त बिल के हिसाब से कॉन्ट्रैक्ट में केवल किसान बाँधा जा रहा है किसान सिर्फ उसी व्यापारी को उसी भाव पर बेचेगा
11/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
लेकिन व्यापारी मुक्त है वो फ़सल की क्वालिटी ख़राब बताकर लेने से मना कर सकता है। बाज़ार में भाव बढ़ने पर भी किसान उसी भाव पर बेचने को मजबूर रहेगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसी विवाद की स्थिति में एसडीएम/सब मजिस्ट्रेट के आगे शिकायत की जाएगी
12/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
और जो भी निर्णय एसडीएम/सब मजिस्ट्रेट करे वो अंतिम होगा उसे किसी न्यायालय में भी नही ले जाया जा सकता।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है यदि जनता का कोई वर्ग सरकार के बनाये किसी कानून से पीड़ित है तो उसे ऐसे कानून के विरुद्ध आवाज उठाने और विरोध करने का अधिकार है
13/n
अपनी माँग उठाने का अधिकार है, किसान भी कृषि से सम्बंधित इन तीन बिलों का विरोध कर अपना हक माँग रहे हैं तुम्हारी बहन का रिश्ता नही कि धुँआ तुम्हारे पिछवाड़े से निकल रहा है तुम्हारे समर्थन की ज़रूरत भी नही है समर्थन जिसको करना होगा करेगा जिसको नही करना मत करो।
14/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
किसानों की लाइन लगने से इतने दुखी हो लेकिन नोटबन्दी की लाइन में लगे पूरे देश को तुम जैसे अंधभक्त फायदे गिना रहे थे बॉर्डर पर जवान खड़े हैं खेत मे किसान खड़े हैं तुम लाइन में खड़े नही हो सकते जैसे msg भी तुम्हारे जैसे मूर्ख शेयर किया करते थे।
15/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
और हाँ किसान किसी को एक दाना मुफ़्त में नही देता ये किसने कहा दिया? किसान की चलती गन्ने की ट्रॉली से तुम जैसे गन्ना खींच लेते हैं, किसान जब अपना अन्न बेचता है तो तराज़ू का अनाज वाला पलड़ा पूरा झुका होता है,
16/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
तुम जैसे भाजपाई तो किसानों से दान माँगने झोली लेकर हर फ़सल की मौसम पर आ जाते हो गाँव में कभी गौशाला के नाम पर कभी आश्रम के नाम पर कभी भंडारे के नाम पर और कभी मंदिर के नाम पर और दान में मिले अनाज के कट्टे बाज़ार में बेचकर अपना घर चलाते हो।
17/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
किसान सरकार से बात करने के लिए लाइन में खड़ा है और अपनी लड़ाई लड़ने में स्वयं सक्षम है तुम्हारे व्हाट्सएप समर्थन की ज़रूरत नही है इसलिए किसानों पर ज्ञान ना बाँटे। 🙏🙏
#किसान_विरोधी_मीडिया
एक अफवाह फैलाई जा रही है कि पंजाब-हरियाणा का गेँहू ज़हर है और एमपी का गेँहू जैसे ऑर्गेनिक अमृत है
दरअसल एमपी का हर गेँहू महँगा नही होता,कुछ किस्में होती है जिनका भाव ज़्यादा होता है ठीक वैसे ही जैसे बासमती चावल अन्य क़िस्म के चावलों से महँगा होता है।
1/n
जिस गेँहू में स्वाद ज़्यादा होता है उसकी पैदावार कम होती है। पहले पूरे उत्तर और मध्य भारत मे ही देसी गेँहू उगाया जाता था उसकी पैदावार बहुत कम होती थी पर वो स्वादिष्ट होता था इसलिए उसका भाव ज़्यादा होता था।
2/n
लेकिन पूरे भारत की बढ़ती जनसंख्या की ज़रूरत पूरी करने के लिए विदेशों से बीज लाकर ज़्यादा पैदावार वाली किस्में विकसित की गई.अब हरियाणा,पंजाब और पश्चिमी उप्र में प्रति हेक्टेयर उत्पादन सर्वाधिक है,ज़्यादा पैदावार वाली फसलों को पानी भी ज़्यादा चाहिए
3/n
ताजा ताजा बने सत्ता के गुलाम किसानों ओर सत्ता की अफीम चाट चुके किसान पुत्रो से ये 15 सवाल पूछिये। बिंदास घुसिए उनके कॉमेंटबॉक्स, मैसेंजर, व्हाट्सएप में और ठोकिये।
1/n
1. अगर सरकार की MSP को लेकर नीयत साफ है तो वो मंडियों के बाहर होने वाली ख़रीद पर किसानों को MSP की गारंटी दिलवाने से क्यों इंकार कर रही है?
2/n
#किसान_विरोधी_मीडिया 2. MSP से कम ख़रीद पर प्रतिबंद लगाकर, किसान को कम रेट देने वाली प्राइवेट एजेंसी पर क़ानूनी कार्रवाई की मांग को सरकार खारिज क्यों कर रही है?