ताजा ताजा बने सत्ता के गुलाम किसानों ओर सत्ता की अफीम चाट चुके किसान पुत्रो से ये 15 सवाल पूछिये। बिंदास घुसिए उनके कॉमेंटबॉक्स, मैसेंजर, व्हाट्सएप में और ठोकिये।
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1. अगर सरकार की MSP को लेकर नीयत साफ है तो वो मंडियों के बाहर होने वाली ख़रीद पर किसानों को MSP की गारंटी दिलवाने से क्यों इंकार कर रही है?
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#किसान_विरोधी_मीडिया 2. MSP से कम ख़रीद पर प्रतिबंद लगाकर, किसान को कम रेट देने वाली प्राइवेट एजेंसी पर क़ानूनी कार्रवाई की मांग को सरकार खारिज क्यों कर रही है?
#किसान_विरोधी_मीडिया 3. कोरोना काल के बीच इन तीन क़ानूनों को लागू करने की मांग कहां से आई? ये मांग किसने की? किसानों ने या औद्योगिक घरानों ने?
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#किसान_विरोधी_मीडिया 4. देश-प्रदेश का किसान मांग कर रहा था कि सरकार अपने वादे के मुताबिक स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले के तहत MSP दे, लेकिन सरकार ठीक उसके उल्ट बिना MSP प्रावधान के क़ानून लाई है। आख़िर इसके लिए किसने मांग की थी?
#किसान_विरोधी_मीडिया 5. प्राइवेट एजेंसियों को अब किसने रोका है किसान को फसल के ऊंचे रेट देने से? फिलहाल प्राइवेट एजेंसीज मंडियों में MSP से नीचे पिट रही धान, कपास, मक्का, बाजरा और दूसरी फसलों को MSP या MSP से ज़्यादा रेट क्यों नहीं दे रहीं?
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#किसान_विरोधी_मीडिया 6. उस स्टेट का नाम बताइए जहां पर हरियाणा-पंजाब का किसान अपनी धान, गेहूं, चावल, गन्ना, कपास, सरसों, बाजरा बेचने जाएगा, जहां उसे हरियाणा-पंजाब से भी ज्यादा रेट मिल जाएगा?
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#किसान_विरोधी_मीडिया 5. जमाखोरी पर प्रतिबंध हटाने का फ़ायदा किसको होगा- किसान को, उपभोक्ता को या जमाखोर को?
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#किसान_विरोधी_मीडिया 7. सरकार नए क़ानूनों के ज़रिए बिचौलियों को हटाने का दावा कर रही है, लेकिन किसान की फसल ख़रीद करने या उससे कॉन्ट्रेक्ट करने वाली प्राइवेट एजेंसी, अडानी या अंबानी को सरकार किस श्रेणी में रखती है- उत्पादक, उपभोक्ता या बिचौलिया?
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#किसान_विरोधी_मीडिया#FarmersProtest 8. जो व्यवस्था अब पूरे देश में लागू हो रही है, लगभग ऐसी व्यवस्था तो बिहार में 2006 से लागू है। तो बिहार के किसान इतना क्यों पिछड़ गए?
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#किसान_विरोधी_मीडिया#FarmersProtest
9.बिहार या दूसरे राज्यों से हरियाणा में BJP-JJP सरकार के दौरान धान जैसा घोटाला करने के लिए सस्ते चावल मंगवाए जाते हैं। तो सरकार या कोई प्राइवेट एजेंसी हमारे किसानों को दूसरे राज्यों के मुकाबले मंहगा रेट कैसे देगी?
12. अगर ओपन मार्केट किसानों के लिए फायदेमंद है तो फिर "मेरी फसल मेरा ब्योरा" के ज़रिए क्लोज मार्केट करके दूसरे राज्यों की फसलों के लिए प्रदेश को पूरी तरह बंद करने का ड्रामा क्यों किया?
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13.अगर हरियाणा सरकार ने प्रदेश में 3 नए कानून लागू कर दिए हैं तो फिर मुख्यमंत्री खट्टर किस आधार पर कह रहे हैं कि वह दूसरे राज्यों से हरियाणा में मक्का और बाजरा नहीं आने देंगे?
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14. अगर सरकार सरकारी ख़रीद को बनाए रखने का दावा कर रही है तो उसने इस साल सरकारी एजेंसी FCI की ख़रीद का बजट क्यों कम दिया? वो ये आश्वासन क्यों नहीं दे रही कि भविष्य में ये बजट और कम नहीं किया जाएगा?
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14. जिस तरह से सरकार सरकारी ख़रीद से हाथ खींच रही है, क्या इससे भविष्य में ग़रीबों के लिए जारी पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में भी कटौती होगी?
#किसान_विरोधी_मीडिया#FarmersProtest
15.क्या राशन डिपो के माध्यम से जारी पब्लिक डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम, ख़रीद प्रक्रिया के निजीकरण के बाद अडानी-अंबानी के स्टोर के माध्यम से प्राइवेट डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम बनने जा रहा है
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#किसान_विरोधी_मीडिया
आज किसानों ने अपना हक माँगा है तो उन्हें व्यापारी बताकर कहा जा रहा है उन्हें अन्नदाता मत कहो।
कल को सेना के जवान अपना हक माँगने लगे तो उन्हें भी कहोगे वो सैलरी लेते हैं मुफ़्त में ड्यूटी नही करते, देश के लिए नही सैलरी के लिए ड्यूटी करते हैं 1/n
#किसान_विरोधी_मीडिया
फिर कहोगे सेना के जवान देश के लिए शहीद नही होते उनके परिवार को लाखों रुपए और परिवारजनों को नौकरी जो सरकार देती है उसके लिए जान देते हैं।
तो भाई ये मोदी का महिमामंडन क्यों?
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#किसान_विरोधी_मीडिया
करोड़ों रुपए की सुरक्षा आलीशान घर दफ्तर और हज़ारो करोड़ का हवाई जहाज करोड़ो रुपए की गाड़ियों का काफ़िला और साल में करोड़ो रुपए की सैलरी और भत्ते ले रहा है देश के लिए थोड़े कुछ कर रहा है?
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#किसान_विरोधी_मीडिया
एक अफवाह फैलाई जा रही है कि पंजाब-हरियाणा का गेँहू ज़हर है और एमपी का गेँहू जैसे ऑर्गेनिक अमृत है
दरअसल एमपी का हर गेँहू महँगा नही होता,कुछ किस्में होती है जिनका भाव ज़्यादा होता है ठीक वैसे ही जैसे बासमती चावल अन्य क़िस्म के चावलों से महँगा होता है।
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जिस गेँहू में स्वाद ज़्यादा होता है उसकी पैदावार कम होती है। पहले पूरे उत्तर और मध्य भारत मे ही देसी गेँहू उगाया जाता था उसकी पैदावार बहुत कम होती थी पर वो स्वादिष्ट होता था इसलिए उसका भाव ज़्यादा होता था।
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लेकिन पूरे भारत की बढ़ती जनसंख्या की ज़रूरत पूरी करने के लिए विदेशों से बीज लाकर ज़्यादा पैदावार वाली किस्में विकसित की गई.अब हरियाणा,पंजाब और पश्चिमी उप्र में प्रति हेक्टेयर उत्पादन सर्वाधिक है,ज़्यादा पैदावार वाली फसलों को पानी भी ज़्यादा चाहिए
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