लुटियन झूठ गिरोह की एक और धूर्तता.😊
आप सब ने पिछले कई महीनों से न्यूज़चैनलों अखबारों और प्रेस कॉन्फ्रेंसों में यह देखा सुना होगा कि मोदी विरोधी लुटियनिया लफंगे पिछले कुछ महीनों से यही राग अलाप रहे हैं कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था भारत से बेहतर हो गयी है और
उसने भारत को पीछे छोड़ दिया है. भारत उससे पिछड़ गया है.
अब यह भी जानिए कि लुटियनिया लफंगों का यह राग कितना धूर्ततापूर्ण सफेद झूठ है.
ध्यान रहे कि बांग्लादेश की जनसंख्या लगभग 17 करोड़ है जबकि भारत की जनसंख्या उससे लगभग 7.9 गुना अधिक यानि 135 करोड़ है.
अब यह भी जानिए कि बांग्लादेश की जीडीपी 318 बिलियन डॉलर है. यह आंकड़ा 31 मार्च 2020 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2019-20 का है, यानि कोरोना का कहर शुरू होने से पहले का है. जबकि सितंबर 2020 को समाप्त हुई वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली छमाही के बाद भी भारत की जीडीपी बांग्लादेश
से 8.31 गुना अधिक 2600 बिलियन डॉलर रही. ध्यान रहे कि यह स्थिति तब की है जबकि कोरोना के कारण अप्रैल से सितंबर तक देश में सारा कामकाज ठप्प रहा और जीडीपी में भारी गिरावट दर्ज हुई. इसके बावजूद जनसंख्या की तुलना में भारत की जीडीपी का आकार बांग्लादेश से अधिक रहा.
उपरोक्त के अतिरिक्त एक अन्य अत्यधिक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि कोरोना से पहले भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था कोरोना के कारण बहुत थोड़े से अंतर से आजकल दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.जबकि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था दुनिया में 41वें नंबर की अर्थव्यवस्था है
यानी कि दुनिया के 40 देशों की अर्थव्यवस्था बांग्लादेश से बड़ी और बेहतर है.
लेकिन मोदी विरोधी लुटियनिया लफंगों का गिरोह पिछले कुछ महीनों से यही राग अलाप रहा है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था भारत से बेहतर हो गयी है, उसने भारत को पीछे छोड़ दिया है. भारत उससे पिछड़ गया है.
अब उपरोक्त तथ्यों को जानने समझने के पश्चात आप स्वयं तय करिए कि...
क्या बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था भारत से बेहतर हो गयी है.?
क्या उसने भारत को पीछे छोड़ दिया है.?
क्या भारत उससे आर्थिक रूप से पिछड़ गया है.?
लुटियनिया लफंगों का यह राग कितना सच और कितना धूर्ततापूर्ण सफेद झूठ है.?
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कथित किसान आंदोलन के बाद विदेशी ताकतों के फेंके पैसे पर मुजरा करने वाला टुकड़े टुकड़े गैंग,लाल सलाम के अर्बन नक्सली,हरे टिड्डों के साथ गुलाबो चिच्चा के कोठे की तवायफें,तबलची और दल्ले अब भारतीय कोरोना वैक्सीन के नाम पर जनता को भरमाने और मोदी सरकार को बदनाम करने के एजेंडे
पर चलने वाले है.......टोंटी और आशिद रल्वी का बयान उसी साजिश की पहली झलक है......!!
दरअसल भारतीय वैज्ञानिकों के अथक प्रयास से तैयार की गई वैक्सीन की ओट मे मोदी से घृणा करने वाले जंतुओं,रेपटाइल्स जीवों द्वारा तैयार किया गया मंच नौटंकी करने के लिये रेडी है,बहकाने वाली
पटकथा लिखी जा चुकी है,संकर नस्ल के कलाकार उस समय किये जाने वाले अपने रूदाली रूदन के अभ्यास मे जुटे है.............................बस एक बार देश मे वैक्सीनेशन तो शुरू होने दीजिये..फिर देखियेगा कि कैसे मीडिया की चम्मचचोर प्रेश्यायें कैमरा और माइक लेकर इधर से उधर घूम घूम कर
इतिहास में तीन बार हिन्दुओं का अस्तित्व समाप्त होने ही वाला था। वो समस्याएं आज के परिदृश्य से ज्यादा भयानक थीं क्योकि उस समय हिन्दुओं को जोड़ने के लिये कोई सोशल मीडिया नहीं था।
पहली चुनौती थी बौद्ध धम्म की, बौद्ध धम्म भले ही कोई अलग धर्म नहीं था मगर उसने भारतवासियों में अहिंसा का जो बीज बोया उसने भारत को लंबे समय तक कष्ट दिया। तब पुष्यमित्र शुंग हुए, जिन्होंने मगध की सत्ता पर कब्जा किया और पुनः वैदिक क्रांति का संचार किया।
भारतियों ने फिर से शस्त्र उठाकर लड़ना शुरू किया और सदियों तक भारत की रक्षा की, पर जिन इलाकों में बौद्ध धम्म प्रबल रहा वो इलाके अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रूप में अब इस्लामिक हैं।
किसी सरकार का किसी उद्योगपति या औद्योगिक घराने का दलाल बन जाना इसे कहते हैं.
कृपया ध्यान से पढ़िए...
उल्लेखनीय है कि आजादी के बाद केन्द्र समेत देश की सभी राज्य सरकारों द्वारा केवल एम्बेसेडर कार ही खरीदी जाती रही. उस दौर में अन्य किसी भी कार की सरकारी खरीद की अनुमति नहीं थी.
इसके अलावा मुंबई को छोड़ कर शेष देश में केवल एम्बेसेडर को ही टैक्सी के रूप में चलाने का परमिट दिया जाता था. 44-45 साल तक यह एकतरफ़ा सिलसिला निर्बाध चलता रहा. इस कार को उद्योगपति बिड़ला की कम्पनी हिन्दूस्तान मोटर्स ही बनाती थी.
44-45 साल लम्बा यह वो दौर था जब इक्का-दुक्का राज्यों को छोड़कर देश के सभी राज्यों में कांग्रेस की दो तिहाई, तीन चौथाई बहुमत वाली कांग्रेस की सरकारें ही हुआ करती थीं.
आप अनुमान लगा सकते हैं कि इस सरकारी संरक्षण के कारण लगातार 44-45 साल तक केवल बिड़ला की कम्पनी पर कितनी अकूत दौलत
अभी तक बोल रहे थे मोदी वैक्सीन क्यूँ नहीं ला रहा
अब जब मोदी पूरे देश और विदेश में वैक्सीन बाँट रहा है तो कह रहे हैं की ये भाजपा का वैक्सीन नक़ली है।।
ये दोगले लोग को क्या पता है की पूरा ब्रिटेन भाजपा का ही वैक्सीन लगाएगा ?
क्या इनको पता है की Serum Institute ने 3.5 Billion dose मैन्युफ़ैक्चर कर लिया है और सभी में बंटेगा ?
Bharat Biotech ने भी 300 million dose मैन्युफ़ैक्चर कर लिया है ?
ये सब UK की सरकार और भारत की सरकार से मान्यता प्राप्त कर चुके हैं , इसके अलावा ये WHO, UNICEF, GAVI, CEPI
जैसे संस्था से भी मान्य हैं ।
इनकी दिक़्क़त इस बात से है की कैसे भारत ना सिर्फ़ खुद को बल्कि SAARC देश, ASEAN देश, UK, ब्राज़ील, Africa को भी वैक्सीन उपलब्ध करेगा, इनकी दिक़्क़त भारत के बड़े और मज़बूत बन ने पर है।।
ये हैं सर्वश्रेष्ठ पत्रकार जो पत्रकारिता के सम्मान में श्रीवृद्धि कर रहे हैं.
देश में भारतीय वैक्सीन के प्रति भ्रम का ज़हर फैला कर करोड़ों भारतीयों के प्राणों से राक्षसी खिलवाड़ कर रहे कुछ धूर्त राजनीतिक दल और उन दलों के दुष्ट राजनेताओं के खिलाफ एक महिला पत्रकार ने आज
अकेले और मौन मोर्चा खोल दिया.
जिस समय ये दुष्ट राजनेता देश में भ्रम फैलाने का कुकर्म कर रहे हैं उसी समय जी न्यूज की संवाददाता पूजा मक्कड़ ने आज AIIMS में जाकर भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की पहली डोज लगवायी. पूजा मक्कड़ ने अपने वक्तव्य में इसका कारण भी बताया.
उन्होंने बताया कि ऑक्सफोर्ड की एस्ट्राजेनिका की कोविशील्ड वैक्सीन के बजाए मैंने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन इसलिए लगवाई क्योंकि यह वैक्सीन पूरी तरह से भारतीय चिकित्सा विज्ञानियों, डाक्टरों द्वारा भारत में ही निर्मित की गयी है और इसी वैक्सीन के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है.
कलेश भिया को डर है के कहीं टीका लगवाते ही उनकी खुपड़िया भी अमित शाह हैक न कर लें
EVM की तरह
वो खुद भी मंच से मोदी मोदी न चिल्लाने लगें....
अब भाई अगर गूगल मैप पर पल्टी मारती गाड़ी दिख सकती है तो टीका लगवा दिमाग भी हैक हो सकता है
बस भिया ने निश्चय किया न #भाजपाई_टीका लगवाएंगे न अपने वोटर को लगने देंगे.....
अब तक तो खाली ये होता था के बटन दबाओ काहू को वोट जाए मोदी भाऊ को..... टीका लगवाने के बाद ये होगा के बंदा दारू पिये कलेश की और बटन दबाए कमल का..... सॉलिड लोचा....