Lastly, the body is capable of getting its large part of vitamin D requirements with 3 full days of sunlight. nhs.uk/live-well/heal…
The best quality of sunlight is end of winter & beginning of summer as it’s neither harsh nor benign.
Now let’s join the dots, and see how wise our sages were in ancient India.
They created a festival of flying kites where by our kids get excited to go in the open, under direct sunlight, throughout the day starting from early morning. And their mothers feed them homemade Til (Sesame) ladoos.
And we have been labelled as antiquated, outdated, unscientific civilisation.
As Ariel Durand had said “A great civilization is not conquered from without until it has destroyed itself from within”
In last 200 odd years, we were fed so much of inferiority about our Civilisation, that everything which was logical and scientific about our customs & traditions started to be made look like redundant & obsolete.
India is, the cradle of the human race, the birthplace of human speech, the mother of history, the grandmother of legend, and the great grand mother of tradition. our most valuable and most instructive materials in the history of man are treasured up in India only.
- Mark Twain
Let’s return to our traditions, our roots, celebrate our festivals which were based on scientific knowledge and be proud of our Sanatan Culture which has been in existence way before the rest of world was even able to fathom something called civilisation.
So I received some feedback in DM that Kites or “Patang” पतंग find no mention in Indian texts and while “Patang” पतंग is probably a word introduced by Mughals, kites were invented by Chinese.
‘Everyman is free to do that which he wills, provided he infringes not the equal freedom of any other man', and 'Resistance to aggression is not simply justifiable but imperative’ -
Spencer के लिखे ये दो वाक्यों ने उस व्यक्तित्व को उत्प्रेरित किया जिसे आज हम वीर सावरकर कहते हैं
वैसे तो वीर सावरकर पर इतना कुछ लिखा गया है और लिखा जा रहा है, कि यदि मैं कुछ लिखने का भी सोचूँ तो ये सूरज को दिया दिखाने जैसा होगा, किंतु मैं फिर भी एक प्रयत्न अवश्य करूँगा।
सावरकर मेरे विचार में एक क्रांतिकारी होने के साथ इतिहासकार भी थे, साथ ही वो उच्च पूर्वदृष्टि वाले राजनीतिज्ञ भी थे। ग़ौर से देखने पर हम पाएँगे कि सभी महान नेताओं की इतिहास में गहन रुचि रही।
ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते ।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥
If we remove infinity from infinity, what is still prevailing is infinity.
The Man who knew Infinity - Remembering Ramanujan on his 100th Death Anniversary today.
Though Ramanujan lived only for 32 short years, but he made such an impact on Mathematics that he still continues to be an inspiration for mathematicians across the world.
He was a prodigy and a mathematical genius. He emerged from extreme poverty to become one of the most influential mathematicians. As a boy he refused to learn anything but mathematics,was almost entirely self taught and his pre-Cambridge work is contained in a series of Notebooks
”भक्ति और भक्त”
आज रामायण में एक संवाद सुना
“ज्ञान पुरुष स्वरूप है, भक्ति और माया स्त्री स्वरूप हैं। इसी कारण ज्ञान पर माया का प्रभाव हो सकता है किंतु भक्ति पर नहीं!”
सो मन में एक कौतूहल हुआ कि क्यों भक्ति को ज्ञान पर प्रधानता मिलती है और वास्तव में भक्ति क्या है? और “भक्त” शब्द तो वैसे भी आजकल बहुत प्रचलन में है।
भक्त कौन है?
भक्त शब्द का शाब्दिक अर्थ है विशेष रूप से भगवान का भजन,पूजन,वंदन,स्मरण और स्तुति निरंतर नियमित रूप से करने वाला।
सनातन धर्म के सबसे विशाल महाकाव्य महाभारत में ऐसी और इतनी कहानियाँ भरीं हुईं हैं जो प्रत्येक व्यक्ति के विचारों को आलोकित करने की क्षमता रखती है। अपने आंतरिक अर्थ से हिंदू दर्शन और प्रथाओं में इसके महत्व तक, महाभारत ने हिंदुओं के बीच अपनी खुद की एक संस्कृति विकसित की है।
परंतु महाभारत के कितने ही रहस्य हैं जो अभी भी जनमानस में बहुत ज्ञात नहीं हैं।
@Shrimaan भारत के कुछ रहस्यमयी किंतु विलक्षण मंदिर - by @Shrimaan - १९/१/२०१८
भारत में एक कितने ही ऐसे मंदिर हैं जिनसे आश्चर्यजनक रहस्य जुड़े हुए हैं। प्रत्येक के, अपने स्वयं के अद्भुत किस्से हैं, उनमें से कुछ हिंदू मंदिरों के अद्भुत किस्से नीचे वर्णित हैं -
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@Shrimaan (१) ऐरावतेश्वर मंदिर, धरासुरम में संगीतमय सीढ़ियाँ सभी समय के महान रहस्यों में से एक है। यह कहा जाता है कि भगवान शिव मंदिर 12 वीं शताब्दी में राजराजा चोल द्वितीय द्वारा बनवाया गया था।
@Shrimaan (२) यह मंदिर भारत के तमिलनाडु में कुंभकोणम के पास स्थित है और इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्मारक के रूप में मान्यता प्राप्त है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर पत्थरों से बने चरण हैं, जो दोहन पर सात अलग ध्वनियाँ पैदा करते हैं। सभी सात स्वरों को विभिन्न बिंदुओं पर सुन सकते हैं।