पूरा देश हमारे मेहनती वैज्ञानिकों और केमिस्ट एवं शोधकर्ताओं की योग्यता व अथक परिश्रम को नमन करता है जिन्होंने कठोर परिश्रम कर रिकॉर्ड समय में कोरोना महामारी की विभीषिका से लड़ने के लिए हिंदुस्तान में टीके का आविष्कार किया: श्री @rssurjewala
हमें भारत के वैज्ञानिकों पर गर्व है। भारत ने यह आत्मनिर्भरता 4 या 6 साल में अर्जित नहीं की। यह आजादी के बाद 73 साल की मेहनत का नतीजा है : श्री @rssurjewala
आज दुनिया के बड़े सबसे टीकाकरण अभियान में गर्भवती माताओं और बच्चों सहित हम 40 करोड़ मुफ़्त टीके हर साल देश के नागरिकों को लगाते हैं : श्री @rssurjewala
आजादी के बाद भारत के आधुनिक इतिहास में कांग्रेस की सरकार ने वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा दिया तथा व्यापक तौर पर देश में फैले अंधविश्वास को खत्म करने के लिए एक देशव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू किया : श्री @rssurjewala
कुछ महत्वपूर्ण बीमारियां जिनसे टीकाकरण के माध्यम से 73 वर्षों में हम लड़ पाए वह हैं- टीबी, चेचक, पोलियो, कुष्ठ रोग, खसरा, टेटनस, बैक्टीरिया, काली खांसी, हैजा, दिमागी बुखार और मस्तिष्क की सूजन : श्री @rssurjewala
हमें गर्व है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सरकारों और वैज्ञानिकों की दशकों की मेहनत से आज भारत दुनिया की आधी से अधिक वैक्सीन पैदा करता है, बनाता है : श्री @rssurjewala
इस टीकाकरण और स्वदेशी वैक्सीन उत्पादन नीति की कुछ उपलब्धियां इस प्रकार है :
- हमने राष्ट्रीय ट्यूबरक्लोसिस नियंत्रण कार्यक्रम 1962 शुरू किया
- राष्ट्रीय चेचक उन्मूलन कार्यक्रम 1962 शुरू किया
- 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत टीकाकरण को 1975 में अनिवार्य बनाया : श्री @rssurjewala
- यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम, यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम 1985 में शुरू किया
- पांच राष्ट्रीय मिशन के तहत 1986 में टीकाकरण को शामिल किया गया
- राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम 1986 में और राष्ट्रीय टीकाकरण नीति 2011 में कांग्रेस की सरकारें लेकर आई : श्री @rssurjewala
यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत 1985 में राजीव गांधी जी ने की जिसके तहत देश में 6 बीमारियों का टीका लगाया गया : श्री @rssurjewala
सरकार की प्रतिबद्धता एवं हमारे वैज्ञानिकों के दृढ़ निश्चय से भारत ने 1977 में चेचक से संपूर्ण मुक्ति पाई। 2005 में ‘कुष्ठरोग’ का संपूर्ण उन्मूलन किया और 2011 में देश को ‘पोलियो-मुक्त’ बनाया : श्री @rssurjewala
यह सरकार की गहन प्रतिबद्धता और वैज्ञानिकों की काबिलियत थी कि देश में घरेलू वैक्सीन का विकास एवं उत्पादन हो पाया : श्री @rssurjewala
प्रधानमंत्री जी एवं भाजपा सरकार को इन महत्वपूर्ण प्रश्नों के जवाब देने होंगे:
- निशुल्क कोरोना वैक्सीन किसे मिलेगी? कितने लोगों को निशुल्क कोराना वैक्सीन दी जाएगी? आपको निशुल्क कोरोना वैक्सीन कहां से मिलेगी? : श्री @rssurjewala
प्रधानमंत्री जी एवं भाजपा सरकार इस बात का जवाब देने से कतरा रहे हैं कि भारत की बाकी जनसंख्या, यानि 135 करोड़ नागरिकों को कोरोना वैक्सीन कैसे मिलेगी और क्या यह वैक्सीन उनके लिए भी निशुल्क होगी? : श्री @rssurjewala
क्या दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, बीपीएल, एपीएल, गरीब एवं सुविधाओं से वंचित लोगों को वैक्सीन निशुल्क मिलेगी या नहीं? यदि हाँ, तो उन्हें वैक्सीन दिए जाने की क्या योजना है और सरकार कब तक उन्हें निशुल्क वैक्सीन देगी? : श्री @rssurjewala
भारत सरकार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को 'एस्ट्राजेनेका' वैक्सीन के लिए ज्यादा राशि यानि 200 रुपए क्यों दे रही है? जबकि उन्होंने वैक्सीन, ‘बिना कोई मुनाफा कमाए’ देने का वादा किया है : श्री @rssurjewala
मोदी सरकार भारत बायोटेक को इस वैक्सीन के लिए 95 रुपए ज्यादा क्यों दे रही है? जबकि इसका विकास भारत सरकार के स्वामित्व की ICMR के वैज्ञानिकों ने अपने अनुभव व विशेषज्ञता द्वारा किया है? : श्री @rssurjewala
क्या इस वैक्सीन का मूल्य सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन - एस्ट्राजेनेका से कम नहीं होना चाहिए? कोरोना वैक्सीन का मूल्य ‘खुले बाजार’ में ₹1000/खुराक क्यों है? : श्री @rssurjewala
जब ‘कोविशील्ड वैक्सीन’ SII द्वारा सरकार को ₹200/खुराक में दी जा रही है, तो उन्हें इसे बाजार में 500% मुनाफे पर बेचकर लोगों की जेब पर डाका डालने की अनुमति कैसे दी जा सकती है? : श्री @rssurjewala
क्या मोदी सरकार का यह कर्तव्य नहीं कि वो सुनिश्चित करें कि लोगों को ‘कोविशील्ड वैक्सीन’ ₹1000/खुराक की बजाय 200/खुराक में मिले, ताकि लोग इसे आसानी से खरीद सकें? : श्री @rssurjewala
मोदी सरकार ‘उत्पादन की लागत’, ‘लाईसेंसिंग’ एवं ‘मुनाफे के मार्जिन’ में कंपनियों से पारदर्शिता रखने की मांग क्यों नहीं कर रही है? कोरोना वैक्सीन के निर्यात की अनुमति क्यों? : श्री @rssurjewala
भारत की पूरी जनसंख्या को टीका लगाए जाने से पहले वैक्सीन के निर्यात की अनुमति क्यों दी गई? : श्री @rssurjewala
यदि प्रति खुराक ₹1000 का ‘ऑफ द शेल्फ’ मूल्य तय करने की अनुमति दे दी जाएगी तो हर नागरिक को कोरोना वैक्सीन के लिए ₹1600 ज्यादा देने होंगे : श्री @rssurjewala
यदि 100 करोड़ लोग वैक्सीन के लिए ₹1600 अतिरिक्त देंगे, तो दवा कंपनियों को ₹1,60,000 करोड़ का मुनाफा होगा। क्या मोदी सरकार ने जन पटल पर उठाए गए अन्य सवालों के साथ इस बात पर विचार किया है? : श्री @rssurjewala
समय आ गया है, जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को आगे आकर इन सवालों के जवाब देने होंगे : श्री @rssurjewala
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1. When will your party learn, farmers don’t need to be provoked, they are fully capable of understanding when laws are intended for their benefit or their destruction.
Learn to respect our annadata, they know more than you ever will.
2. Either you’re blatantly lying (no surprise there) or you’re ignorant - Out of the 201 recommendations accepted by the Agri Ministry from the Swaminathan Commission, the UPA implemented 175, the Modi govt implemented 25.
There is a tragedy unfolding in our country today, the Govt wants to ignore this tragedy, it wants to misinform people but the truth is that a huge tragedy is unfolding: Shri @RahulGandhi #RahulGandhiWithFarmers
What we are seeing, in industry after industry be it airports, infrastructure, telecom, retail, across the board, what we are watching is the development of massive monopolies in this country. 3-4-5 people are now owning this country: Shri @RahulGandhi #RahulGandhiWithFarmers
CSO has released the provisional estimates of GDP for the quarter April-June 2020. GDP in first quarter has declined by a whopping 23.9 per cent. That means, about one quarter of gross domestic output as on 30-6-2019 has been wiped out in the last 12 months: Shri @PChidambaram_IN
Another way of looking at it is, since the end of 2019-20, the gross domestic output has fallen by about 20 per cent. The only sector that has grown is Agriculture, Forestry and Fishing at 3.4%: Shri @PChidambaram_IN
In a series of sensational revelations, that is alarming for a democratic India, there is an eloquent testimony of how our democratic institutions has been subverted by a digital giant in collusion with the ruling party: Shri @adhirrcinc
What we are going to share with you is not a political issue but an issue that concerns all of us. It’s an encroachment upon the sovereign democratic territory of our country which we have attained at the cost of millions of lives and untold sacrifices: Shri @adhirrcinc
Let's talk Economy. The BJP govt. has attacked the informal structure. There is an attempt to turn you into a slave: Shri @RahulGandhi #RahulGandhiSpeaksOnEconomy
In 2008, the world was hit by an economic storm. It affected the entire world, US, Japan, China, everywhere. In the US banks fell, corporations fell & companies shut down, in Europe also banks fell, but India was unaffected: Shri @RahulGandhi #RahulGandhiSpeaksOnEconomy
पिछले कुछ दिनों से फेसबुक और भाजपा के रिश्ते आप सबके सामने आ रहे हैं। ये पुराने रिश्ते हैं। आज मैं 2012-14 के बीच इन रिश्तों की नींव के बारे में आपको बताना चाहूंगा: श्री @Pawankhera #FBbetraysIndia
UPA was in power between 2012-14. On context of confidential meeting with Minister Kapil Sibal in July 2012, Facebook Public Policy Global VP Marne Levine writes "Ankhi has advised opposition MPs that in meeting you should say matter is under consideration of court": @Pawankhera