इस्रायल ला अरब देश आता मान्यता देत सुटतील
UAE ,बहरिन झालं
अझरबैझन हा सर्वप्रथम मान्यता देणारा पहिला इस्लामी देश
पाकिस्तान तर इस्रायल ला आतापर्यंत पाण्यात बघतो
सौदी हा देश तर इस्लाम चे उगमस्थान आहे तोच सौदी आता मान्यता देण्याच्या रेस मध्ये अग्रेसर आहे
त्यामुळे पाकिस्तान आता केव्हाही इस्रायल ला मान्यता देईल.
आणि जेरुसलेम मधील ज्या पवित्र वास्तूची दुहाई देत इस्लाम यहुदी लोकांशी टोकाचे वैर आजवर निभावत आलाय त्या वैराचाच बळी दिला जाईल
आणखीही 1 नवल असे की
अझरबैझन हा इस्रायल ला मान्यता देणारा पहिला इस्लामी देश
त्यामुळे आर्मेनियाविरुद्ध युद्धात इस्रायल ने अझरबैझन ची साथ दिली
आणि पाकिस्तान ही अझरबैझन 1 इस्लामी देश आहे असे कारण दाखवून इस्रायल च्या जोडीने युद्धात उतरण्याची घोषणा केली तेव्हाच अंदाज आला की इस्रायल ला
मान्यता देण्याच्या शर्यतीत आता पाकिस्तान ही उतरणार आणि उतरला ही असेल
मग ज्या पॅलेस्टाईन मध्ये ब्रिगेडियर झिया-उल-हक ने जॉर्डन च्या मदतीने हैदोस घालून तेथील 50000 पॅलेस्टाईन चे मुस्लिम नागरिक मारले त्याच पॅलेस्टाईन चा पुळका आजवर पाकिस्तान कोणत्या तोंडाने दाखवत होता आणि कशासाठी
ज्या मस्जिद -ए-अक्सा ला पवित्र वास्तू मानून जेरुसलेम ला इस्रायल कडून इस्लामी सत्तेत आणण्यासाठी जंगजंग साऱ्या इस्लामी देशांच्या सत्तानी केले
त्या धर्मवेडाची परिणती अश्या स्वरूपात होईल असे अगदी 5 वर्षांमागे ही वाटत नव्हते
आता जगातील अर्थकारण तसेच जियोपोलिटिकल व्ह्यू चा विचार करता
पॅलेस्टाईन ला सर्व इस्लामी देश आता येत्या काही वर्षात वाऱ्यावर सोडतील असेच चित्र समोर आता येतेय
मस्जिद-ए-अक्सा ही पवित्र वास्तू पैगंबर कालखंडापासून आहे असे सांगितले जाते.
कयामत च्या दिवशी आजवर अल्लाह ने पाठवलेले सगळे नबी (दूत) एकत्र येऊन मानवजातीला वाचवण्यासाठी नमाज पढतील असा
उल्लेख हदीस तसेच कुराणात आहे,पण सौदी अरेबिया चा आजकालचा दृष्टीकोन तर फारच वेगळे सांगतोय
गेल्याच वर्षी सौदी ने ती अखेरची मस्जिद ही विकासाच्या नावाखाली जमीनदोस्त केली ज्या मस्जिदमध्ये मोहम्मद साहेबांनी नमाज अदा केली होती.
मस्जिद-ए-अक्सा इस्लामी अनुयायांना प्रिय आहेच
पण यहुदी लोकं म्हणतात की ती इमारत तसेच तो भाग यहुदी लोकांचा आहे त्याठिकाणी अगोदर
हैकल-ए-सुलेमानी होती व तीत झरूथ्रष्ट प्रार्थना करत असे
त्या हैकल-ए-सुलेमानी ची एकच भिंत आता उभी आहे व बाकीच्या जागेवर मस्जिद-ए-अक्सा
मुस्लिम लोकांना हीच शंका किंवा भयगंड पछाडत आहे की इस्रायल हळूहळू हैकल -ए-सुलेमानी चा संपूर्ण प्राचीन भाग आपल्या ताब्यात घेईल.
पुढे काय होणारेय ते भविष्याच्या उदरात आहे
पण इस्रायल ची पावले स्वतःचे उद्दिष्ट गाठण्याच्या दिशेने 1948 पासूनच पडू लागलीत
पण इस्लामी देशांची आताची अवस्था
आणि भविष्यात सर्व ओपेक देशांची होऊ घातलेली अवस्था
ह्यात इस्रायल नक्कीच बाजी मारेल असे वाटते
@malhar_pandey
हैकल-ए-सुलेमानी तसेच मस्जिद-ए-अक्सा बद्दल
जसं जमलं तसं मी सांगितले
पण ह्याच्या समग्र इतिहासावर 1 थ्रेड तुझ्या लेखणीतून हवाय
@Abhi95039612 मल्हार नंतर तुझा ID मी शोधत होतो
पण त्यावेळी @mangeshspa चे ट्विट दिसले आणि तुझा ID मिळाला
तू ही लिही
हैकल-ए-सुलेमानी वर
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दीप सिद्धू ने हिंसा कर दी। दीप सिद्धू को मोदी ने सीखा दिया था कि किसानों को बदनाम कर दो। दीप सिद्धू की तस्वीर फलाँ के साथ है। अरे भाई, जब ऐसा है तो लटका दो फाँसी पर उसको। हम तो कल भी कह रहे थे कि वो खालिस्तानी है और आज भी कह रहे हैं कि वो खालिस्तानी है, देशद्रोही है।
बरखा दत्त के शो में उसने भिंडरवाले का बचाव किया था। यही अंतर है। हम कल भी उसके खिलाफ थे, आज भी हैं। कल वो तुम्हारा बाप था, आज वो दुश्मन हो गया। जब तुम गिरोह के लोग अपनों के सगे नहीं हो तो किसी और के क्या होगे। हम कह रहे सिद्धू को लटका दो।
तुम में ये कहने की हिम्मत है कि राकेश टिकैत को फाँसी दो?
अब भी ऐसे बेशर्म लोग हैं इन दंगाइयों का बचाव कर रहे हैं। भाई, 300 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 300.. उनके बाल-बच्चों का क्या? उनके परिवारों का क्या? तुम्हारे बाप की जागीर हैं वो जो उन्हें मारते-पीटते हो?
शाबाश सिंह सपूतों, गुरु के खालसाओं ! आज हमारी छाती फूल कर चौड़ी हो गई ! ट्रेक्टर लेकर लाल किला फतह कर लिया ! अब अपने ट्रैक्टरों का रुख ननकाना साहब, करतारपुर साहब और उस लाहौर की तरफ़ भी मोड़ लो, जिसके क़िले की प्राचीर पर कभी महाराजा रणजीतसिंहजी का झण्डा फहराया करता था,
ननकाना साहब की तरफ़ भी बढ़ो, “हिन्दुओं की औरतों को अहमद शाह अब्दाली के चंगुल से छुड़ा कर लाने वाले” सिंहों, पाकिस्तान में मुख्य गुरुद्वारे के ग्रन्थी रागी की बेटी को मुल्लों से छुड़ा लाओ, भारत विभाजन के दौरान बिछड़े हुए गुरुद्वारों को फिर से अपने कब्जे में ले लो,
जिसके लिए आप हमेशा अरदास करते हो ! आप के लिए कुछ भी असम्भव नहीं ! वीरता दिखाओगे ना खालसाओं.?
अरे फर्जी आन्दोलन वालो 1984 में इतनी हिम्मत दिखाए होते तो निर्दोष सिक्खों को गर्दन में जलते टायर डालकर कांग्रेसी नहीं जला पाते
🎭 👉 दिल्ली पंजाब हायवे के होटलों में पड़े थे सारे नेता
सुना है होटल खाली करके अपनी अपनी SUV लेकर भाग लिये हैं और ट्रॅक्टर ट्रॉलीया भी वापिस भाग रही हैं...
आज एक बात साबित हो गई हर पगड़ी वाला भगत सिंह नही होता है....
यही रात अंतिम यही रात भारी ...
धैर्य रखिये तिरंगे के अपमान की पूरी कीमत वसूल होगी बॉर्डर सील हो चुके हैं नेट बन्द हो चुके हैं ...
वो मज़दूर पैदल ओर भूखे ही गांव चल पड़े *लॉकडाउन* मे लेकिन इतनी घटिया हरकत नहीं कि उन्होनें जो आज फर्जी किसानों ने दिल्ली में की...
1 तारीख का आंदोलन भी स्थगित कर दिया गया है
सबकी अब फटने लगी है
आंदोलन में फूट🤔
योगेंद्र यादव का बयान आया है कि : सिंधु बॉर्डर पर हमारे संगठन के कोई किसान नही है, वहीं टिकैत के गुंडे कह रहे हैं हम योगेंद्र के यादव को नही जानते वो कौन है..
तांडव की पूरी शूटिंग पटौदी-पैलेस में हुईं थी !
निर्देशक अली अब्बास जफ़र सल्लू मियां का बेहद खास है !
सुल्तान (2016), टाईगर जिंदा है (2017) और भारत (2019)
इसी ने डाइरेक्ट की थीं !
तांडव का राइटर गौरव सोलंकी पहले "तहलका" में काम कर चुका है !
इंडिया में अमेजॉन प्राईम विडिओ की बॉस अपर्णा अधिकारी को हिंदू-धर्म से एलर्जी है !
लेकिन इसमे अनूप सोनी, सुनील ग्रोवर और डिंपल कपाडिया भी तो थे !
इनको अपने धर्म का अश्लील मज़ाक वो भी मुसलमान ऐक्टर्स द्वारा..उड़ते देखकर कुछ बुरा नहीं लगा ?
यही तो है प्रोब्लेम! हमारी तो कश्ती डूबती ही वहां है जहाँ पानी कम होता है !
"मोहम्मद" पर फ़िल्म बन रही थी! किसी मुसलमान को वो रोल करने की इजाजत मौलानाओं से नहीं मिली और किसी हिंदू ने गर्दन उतरने के ख़ौफ़ से किया नहीं!
मामु ने उस फ़िल्म को भी बैन कर दिया !
पंजाबी कलाकार और एक तरह से खालिस्तानी समर्थक 'दीप संधू' की एक फोटो बीजेपी के नेताओं के साथ दिख गई तो वो भाजपाई हो गया नहीं तो अभी तक वो क्रांतिकारी आंदोलनकारी और किसानों के लिए आवाज़ उठाने वाला था ; लेकिन 2019 में चुनाव लड़ चुका 'गुरनाम चढूनी',
आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ चुका 'योगेंद्र यादव', और 2014 में रालोद से चुनाव लड़ चुका 'राकेश टिकैत', सीपीआई का नेता 'हन्नान मोल्ला' और नक्सली 'दर्शन पाल', निष्पक्ष किसान नेता हैं।
ये है इन गुंडों का बचाव करने वालो का फेक नैरेटिव।
अब पूरे जोर लगाए जा रहे है सब कुछ सरकार पर मढ़ने के लिए, पर सरकार और समाज ने थोड़ा नुकसान सहकर इन सभी देशद्रोहियों की साजिश को नाकाम कर दिया। दुख की बात ये है कि चुनावी हार न पचा पाने वाले लोकदलिये, कांग्रेसी और अन्य दलों के भी हज़ारों गुर्गे खुले आम इन तत्वों का
लाल किले पर निशान साहिब का झंडा आपने इतनी आसानी से लहरा दिया क्योंकि ये जो शासक है वह आपको अपना मानता है।।
(याद रहे सन 1984 मे आपकी मर्दानगी छिन ली थी एक प्रधानमंत्री ने)।
अगर वो चाहता तो आपको चार कदम भी न हिलने देता...
अगर आप समझते हो कि आप मोदी को एक्सपोज़ किये हो तो भूल है.
उसने आपको एक्सपोज़ कर दिया.
उसने उस साजिश की पोल खोल दी कि कैसे हर नॅशनल डे तक किसी भी आंदोलन को खींचा जाता है और उसे शाहीन बाग जैसी घृणित आंदोलन की शक्ल दी जाती है.
आप हार गए मोदी जीत गया.
जिसे आप तानाशाह साबित करने पर तुले थे उसने आपकी अराजकता को पूरी दुनिया के सामने दिखा दिया
कि आप एक paid आंदोलन में शामिल थे जिसकी आयु 26 जनवरी तक थी और दुनिया के सामने यह संदेश देना चाहते थे कि मोदी तानाशाह है..!
लेकिन मोदी ने आपके क्रियाकलाप का भीषण विरोध न करके आपको जल बिन मछली बना दिया...
और यह संदेश दिया कि वह तानाशाह नही बल्कि आप अराजक हो..!