🌷 *निष्काम सेवा* 🌷💐

🌅भारत संतों का देश है, यहाँ एक से बढ़कर एक संत हुए हैं एक ऐसे ही संत हुए जो बड़े ही सदाचारी और लोकसेवी थे। उनके जीवन का मुख्य लक्ष्य परोपकार था।
एक बार उनके आश्रम के निकट से देवताओं की टोली जा रही थी। संत आसन जमाये साधना में लीन थे। आखें खोली तो देखा सामने देवता गण खड़े हैं। संत ने उनका अभिवादन कर उन सबको आसन दिया और उनकी खूब सेवा की।
देवता गण उनके इस व्यवहार और उनके परोपकार के कार्य से प्रसन्न होकर उनसे वरदान मांगने को कहा। संत ने आदरपूर्वक कहा – “हे देवगण! मेरी कोई इच्छा नहीं है। आप लोगों की दया से मेरे पास सब कुछ है।”
देवता गण बोले – “आपको वरदान तो माँगना पड़ेगा ही क्योंकि मेरे वचन किसी भी तरह से खाली नहीं जा सकता।”

संत बोले – “हे देवगण! आप तो सब कुछ जानते हैं। आप जो वरदान देंगें वह मुझे सहर्ष स्वीकार होगा।”
देवगण बोले – “जाओ! तुम दूसरों की भलाई करों, तुम्हारे हाथों दूसरों का कल्याण हो।”

संत ने कहा – “महाराज! यह तो बहुत कठिन कार्य है?”

देवगण बोले – “कठिन! इसमें क्या कठिन है?”
संत ने कहा – “मैंने आजतक किसी को भी दूसरा समझा ही नहीं है फिर मैं दूसरों का कल्याण कैसे कर सकूँगा?”
सभी देवतागण संत की यह बात सुन एक दूसरे का मुंह देखने लगे। उन्हें अब ज्ञात हो गया कि ये एक सच्चे संत हैं। देवों ने अपने वरदान को दुहराते हुए कहा – “हे संत! अब आपकी छाया जिस पर पड़ेगी, उसका कल्याण होगा।”
संत ने आदर के साथ कहा – “हे देव! हम पर एक और कृपा करें। मेरी वजह से किस- किस की भलाई हो रही है इसका पता मुझे न चले, नहीं तो इससे उत्पन्न अहंकार मुझे पतन के मार्ग पर ले जायेगा।”

देवगण संत के इस वचन को सुन अभिभूत हो गए। परोपकार करने वाले संत के ऐसे ही विचार होते है।
यदि परोपकार का यह विचार लोगों में आ जाए तो पूरे संसार में कहीं दुःख नहीं होगा, कहीं गरीबी नहीं होगी, कही अभाव और अशिक्षा नहीं होगी।
ऐसा नहीं है कि ऐसे लोग वर्तमान समय में नहीं हैं। ऐसे लोग अभी भी हैं जिन्होंने लोक कल्याण के बहुत सारे कार्य किये हैं और कर रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। इसलिए जितना हो सके दूसरों की भलाई करनी चाहिए। इस कहानी का यही सन्देश है।🙏

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5 Feb
*वेलेंटाइन डे एक अभिषाप👹*

📌#वैलेंटाइन_का_दुष्परिणाम 👉🏻भारत में वैलेंटाइन के 7 दिन के पागलपन के चक्कर में हर साल लगभग 😳60-70 लाख लड़कियों के Nude picks और MMS व्हाट्स एप्प पर वायरल होते हैं...उन picks/MMS को देशी पोर्न साइट्स बेचकर करोड़ो रूपये💸💵💴💶 कमाती हैं... Image
वीडियो वायरल होने पर ज्यादातर लडकिया आत्महत्या कर लेती हैं,,कभी कभी तो पूरा परिवार ही आत्महत्या कर लेता है...😔

👇🏻👇🏻👇🏻
------ लेकिन कभी किसी nude pick/MMS में को ध्यान से देखना, सब लड़की के सामने और लड़की की मर्जी से क्लिक/रिकॉर्ड किया गया रहता है...
जिसमे से 60% ऐसा मिलेगा जिसमे लड़की ने खुद से ही अपने फोन से फोटो/वीडियो बनाया होता है...🤐

*लड़कियों में इच्छा शक्ति 10 गुना, और तार्किक क्षमता 1/10 गुना होती है...*
Read 9 tweets
21 Dec 20
*कॉरपोरेट मिशनरी*
*बहुत ही ज्वलंत और चिंताजनक मुद्दा है यह।*
*क्या आप जानते है भारत में सबसे बड़ा कॉर्पोरेट कौन है?
*टाटा ? नहीं।*
*अम्बानी ? नहीं।*
*अदानी ? नहीं।*
*चौंकिए मत और आगे पढ़िए।*
*3,00,000 लाख करोड़ सम्पति वाला कोई और नहीं यह है , #The_Syro_Malabar_Church_केरल।* Image
*इसका 10000से ज्यादा संस्थानों पर कण्ट्रोल है और इसकी अन्य बहुत सी सहायक ऑर्गेनाइजेशन्स भी हैं।*
*मेरी समझ में यह एक ऐसा छद्म बिज़नेस ऑर्गेनाइजेशन है, जो सम्पत्ति के मामले में भारत में टाटा, अम्बानी आदि का मुकाबला करने में सक्षम है। ये सारे औद्योगिक घराने इसके आसपास भी नहीं हैं।*
*यकीन नहीं हो रहा है ना ,,,,?*
*तो ठीक है,ये आंकडे देखिए।*
*इनके अधीन*
*9000 प्रीस्ट*
*37000 नन*
*50 लाख चर्च मेम्बर*
*34 Dioceses*
*3763 चर्च*
*71 पादरी शिक्षा संस्थान*
*4860 शिक्षा संस्थान*
*2614 हॉस्पिटल्स और क्लिनिक*
*77 ईसाई शिक्षा संस्थान*
Read 12 tweets
20 Dec 20
प्रश्न---" प्रसिद्ध आरती, 'ओम जय जगदीश हरे' के रचयिता कौन हैं ? "

किसी ने कहा, ये आरती तो पौराणिक काल से गाई जाती है।

किसी ने इस आरती को वेदों का एक भाग बताया।

और एक ने तो ये भी कहा कि, सम्भवत: इसके रचयिता अभिनेता-निर्माता-निर्देशक मनोज कुमार हैं!
" ओम जय जगदीश हरे " आरती आज हर हिन्दू घर में गाई जाती है। इस आरती की तर्ज पर अन्य देवी देवताओं की आरतियाँ बन चुकी हैं और गाई जाती हैं।

परंतु इस मूल आरती के रचयिता के बारे में काफी कम लोगों को पता है।

इस आरती के रचयिता थे "पं. श्रद्धाराम शर्मा या श्रद्धाराम फिल्लौरी"।
पं. श्रद्धाराम शर्मा का जन्म पंजाब के जिले जालंधर में स्थित फिल्लौर नगर में हुआ था।

वे सनातन धर्म प्रचारक, ज्योतिषी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संगीतज्ञ तथा हिन्दी और पंजाबी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।

उनका विवाह सिख महिला महताब कौर के साथ हुआ था।
Read 17 tweets
16 Dec 20
आओ समझें किसान बिल का APMC Act सरल भाषा में: वर्तमान APMC system
आजादी के बाद भारत में गांवों की संपूर्ण वितरण प्रणाली (whole distribution system) को साहूकार या व्यापारी नियंत्रित करते थे. जिससे किसानों को बहुत कम लाभ होता था.
इससे छुटकारा पाने के लिए और कृषकों को लाभ पहुँचाने के लिए राज्य सरकारों ने कृषि बाजार स्थापित किये, जिसके लिए APMC अधिनियमों को लागू किया. Agricultural Produce Market Committee (APMC) एक marketing board है, जो आमतौर पर भारत में एक राज्य सरकार द्वारा स्थापित किया जाता है
ताकि किसानों को बड़े खुदरा विक्रेताओं(retailers) के शोषण से बचाया जा सके. जिससे किसान कर्ज के जाल में न फंसे. साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि खेत से लेकर retail price तक मूल्य उच्च स्तर तक न पहुँचे. 1970 में यह एपीएमसी एक्ट बनाया गया था.
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16 Dec 20
ॐ नमः शिवाय ❤️

देवा दिक्पतयः प्रयात परतः खं मुञ्चताम्भोमुचः
पाताळं व्रज मेदिनि प्रविशत क्षोणीतलं भूधराः।
ब्रह्मन्नुन्नय दूरमात्मभुवनं नाथस्य नो नॄत्यतः
शंभोः सङ्कटमेतदित्यवतु वः प्रोत्सारणा नन्दिनः।।
दोर्दण्डद्वयलीलयाऽचलगिरिभ्राम्यत्तदुच्चैरव-
ध्वानोद्भीतजगद्भ्रमत्पदभरालोलत्फणाग्र्योरगम।
भृङ्गापिङ्गजटाटवीपरिसरोद्गङ्गोर्मिमालाचल-
च्चन्द्रं चारु महेश्वरस्य भवतां निःश्रेयसे मङ्गळम।।
सन्ध्याताण्डवडम्बर व्यसनिनो भर्गस्य चण्डभ्रमि-
व्यानृत्यद्भुजदण्डमण्डल भुवो झंझानिलाः पान्तु वः।
येषामुच्छलतां जवेन झगिति व्यूहेषु भूमीभृता-
मुड्डीनेषु बिडौजसा पुनरसौ दम्भोलिरालोकितः।।
Read 5 tweets
27 Oct 20
नमः शिवाभ्यां नवयौवनाभ्यां
परस्पराश्लिष्ट वपुर्धराभ्याम ।
नगेन्द्रकन्यावृषकेतनाभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्यां ॥

नमः शिवाभ्यां सरसोत्सवाभ्यां
नमस्कृताभीष्टवरप्रदाभ्याम ।
नारायणेनार्चितपादुकाभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम ॥
नमह शिवाभ्यां वृषवाहनाभ्यां
विरिञ्चिविष्ण्विन्द्रसुपूजिताभ्याम ।
विभूतिपाटिरविलेपनाभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्यां ॥

नमः शिवाभ्यां जगदीश्वराभ्यां
जगत्पतिभ्यां जयविग्रहाभ्याम ।
जम्भारिमुख्यैरभिवन्दिताभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्यां ॥
नमः शिवाभ्यां परमौषधाभ्याम
पञ्चाशरी पञ्जररञ्चिताभ्याम ।
प्रपञ्च सृष्टिस्थिति संहृताभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्यां ॥

नमः शिवाभ्यामतिसुन्दराभ्याम
अत्यन्तमासक्तहृदम्बुजाभ्याम ।
अशेषलोकैकहितङ्कराभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्यां ॥
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