आओ समझें किसान बिल का APMC Act सरल भाषा में: वर्तमान APMC system
आजादी के बाद भारत में गांवों की संपूर्ण वितरण प्रणाली (whole distribution system) को साहूकार या व्यापारी नियंत्रित करते थे. जिससे किसानों को बहुत कम लाभ होता था.
इससे छुटकारा पाने के लिए और कृषकों को लाभ पहुँचाने के लिए राज्य सरकारों ने कृषि बाजार स्थापित किये, जिसके लिए APMC अधिनियमों को लागू किया. Agricultural Produce Market Committee (APMC) एक marketing board है, जो आमतौर पर भारत में एक राज्य सरकार द्वारा स्थापित किया जाता है
ताकि किसानों को बड़े खुदरा विक्रेताओं(retailers) के शोषण से बचाया जा सके. जिससे किसान कर्ज के जाल में न फंसे. साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि खेत से लेकर retail price तक मूल्य उच्च स्तर तक न पहुँचे. 1970 में यह एपीएमसी एक्ट बनाया गया था.
APMC एक्ट फीचर
a) इस अधिनियम के अनुसार, राज्य को भूगोल और अन्य किसी प्रिंसिपल या उप बाजारों के आधार पर विभिन्न बाजारों में विभाजित किया जाता है. जब किसी विशेष क्षेत्र को बाजार क्षेत्र के रूप में घोषित कर दिया जाता है
तो वह विशेष क्षेत्र बाजार समिति के अधिकार क्षेत्र में आ जाता है, इसके बाद किसी अन्य व्यक्ति या एजेंसी को स्वतंत्र रूप से थोक विपणन गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाती है.
b) बाजार समितियों द्वारा प्रबंधित इन बाजारों का गठन राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है. मार्केट कमेटी में 10-20 सदस्य होते हैं जो सरकार द्वारा निर्वाचित या मनोनीत होते हैं लेकिन चुनाव rare होते हैं.
c) कृषि उपज से संबंधित विभिन्न खरीद और वितरण गतिविधियों को करने के लिए विभिन्न कमीशन एजेंटों या व्यापारियों को authorize करने की जिम्मेदारी बाजार समिति(market committee) की होती है.
दूसरे शब्दों में, लाइसेंस राज आज के उदार भारत में प्रचलित है क्योंकि व्यापारियों को किसी भी गतिविधि को करने से पहले लाइसेंस लेना पड़ता था.
APMC System के दोष :
• नीचे दिए गए निम्नलिखित कारणों के कारण यह एकाधिकार की ओर जाता है:
1. यह मार्केट कमेटी की जिम्मेदारी है कि वहAPMC में विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए बाजार क्षेत्र में कई कमीशन एजेंटों या व्यापारियों को अधिकृत करे.
2. किसान केवल अपने कृषि उत्पाद केवल इन कमीशन एजेंटों को या तो personal relations के माध्यम से या नीलामी की प्रक्रिया के माध्यम से बेच सकते हैं.
3.एजेंट एक साथ मिल कर एक निर्धारित मूल्य से अधिक उत्पादन नहीं करने के लिए कार्टेल तैयार कर सकते हैं, आखिरकार किसान को कम लाभ दे कर, अपना मुनाफा बढ़ा सकते हैं.
4. थोक व्यापारी(wholesalers) और खुदरा विक्रेता(retailers) केवल इन एजेंटों या व्यापारियों से कृषि उपज खरीदने के लिए मजबूर होते हैं. फिर वे थोक विक्रेताओं को उपज बेचने के लिए कार्टिलाइजेशन की तकनीक अपनाते हैं.
5. इसके कारण किसानों को अपनी उपज के लिए कम कीमत मिलती थी और अंत उपभोक्ता को उसी उपज को खरीदने के लिए अधिक पैसे चुकाने पड़ते थे जो शायद तब नहीं होता जब APMC की स्थिति नहीं होती थी.
अब इन कमियों से जिन लोगों को लाभ होता था वही इसका विरोध कर रहे हैं. किसान का तो लाभ ही है.

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16 Dec
ॐ नमः शिवाय ❤️

देवा दिक्पतयः प्रयात परतः खं मुञ्चताम्भोमुचः
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ब्रह्मन्नुन्नय दूरमात्मभुवनं नाथस्य नो नॄत्यतः
शंभोः सङ्कटमेतदित्यवतु वः प्रोत्सारणा नन्दिनः।।
दोर्दण्डद्वयलीलयाऽचलगिरिभ्राम्यत्तदुच्चैरव-
ध्वानोद्भीतजगद्भ्रमत्पदभरालोलत्फणाग्र्योरगम।
भृङ्गापिङ्गजटाटवीपरिसरोद्गङ्गोर्मिमालाचल-
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सन्ध्याताण्डवडम्बर व्यसनिनो भर्गस्य चण्डभ्रमि-
व्यानृत्यद्भुजदण्डमण्डल भुवो झंझानिलाः पान्तु वः।
येषामुच्छलतां जवेन झगिति व्यूहेषु भूमीभृता-
मुड्डीनेषु बिडौजसा पुनरसौ दम्भोलिरालोकितः।।
Read 5 tweets
27 Oct
नमः शिवाभ्यां नवयौवनाभ्यां
परस्पराश्लिष्ट वपुर्धराभ्याम ।
नगेन्द्रकन्यावृषकेतनाभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्यां ॥

नमः शिवाभ्यां सरसोत्सवाभ्यां
नमस्कृताभीष्टवरप्रदाभ्याम ।
नारायणेनार्चितपादुकाभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम ॥
नमह शिवाभ्यां वृषवाहनाभ्यां
विरिञ्चिविष्ण्विन्द्रसुपूजिताभ्याम ।
विभूतिपाटिरविलेपनाभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्यां ॥

नमः शिवाभ्यां जगदीश्वराभ्यां
जगत्पतिभ्यां जयविग्रहाभ्याम ।
जम्भारिमुख्यैरभिवन्दिताभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्यां ॥
नमः शिवाभ्यां परमौषधाभ्याम
पञ्चाशरी पञ्जररञ्चिताभ्याम ।
प्रपञ्च सृष्टिस्थिति संहृताभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्यां ॥

नमः शिवाभ्यामतिसुन्दराभ्याम
अत्यन्तमासक्तहृदम्बुजाभ्याम ।
अशेषलोकैकहितङ्कराभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्यां ॥
Read 7 tweets
25 Oct
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नमः शिवाभ्यां नवयौवनाभ्यां
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नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्यां ॥

नमः शिवाभ्यां सरसोत्सवाभ्यां
नमस्कृताभीष्टवरप्रदाभ्याम ।
नारायणेनार्चितपादुकाभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम ॥ Image
नमह शिवाभ्यां वृषवाहनाभ्यां
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24 Sep
पाकिस्तान के जाने माने इस्लामिक विद्वान Javed Ahmad Ghamidi से जब पूछा गया की इस्लामिक दहशतगर्दी/आतंकवाद की क्या वजह है और इससे कैसे निजात पाया जा सकता है?
जबाब में Javed Ahmad Ghamidi ने बताया की यह जो दहशतगर्दी/आतंकवाद इस वक्त मुसलमानों की तरफ से हो रही है, इसका सबब वो मजहबी फ़िक्र और Religious Thought है, जो मदरसों में पढाया जा रहा है, जो उन्हें मस्जिदों की सियासी तहरीकों में सिखाया जा रहा है।
याद रखिये --इसमें 4 चीजें (Doctrine) हैं जो हर मदरसा सिखाता है।
पहली --- दुनिया में अगर कहीं शिर्क (Polytheism) होगा या किसी जगह कुफ्र (Kufar) होगा या फिर किसी जगह इरत्ताद (Apostasy) होगा तो इसकी सजा मौत है और इस सजा को देने का हक़ हर मुसलमान को है।
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24 Sep
आप बॉलीवुड मूवीज देखो या IPL......
अंत मे कमाएगा तो इस्लामिक आतंकवादी दाऊद ही।
जरिया ड्रग्स तो है ही एक्सटॉरसन मानी व सट्टेबाजी भी दोनों में ही।
आपने देखा होगा IPL के दौरान पूरे डेढ़ माह तक कोई भी बड़ी फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज नही होती.
क्यों ?? सोचा है कभी ?? Image
IPL के दौरान बड़ी फिल्मों के सिनेमाघरों में रिलीज न करने पर बॉलीबुड अपनी सफाई में इसकी वजह IPL की लोकप्रियता बताता है। अर्थात बॉलीबुड के मुताबिक दर्शक IPL देखने में व्यस्त रहते हैं। अतः उनकी फिल्मों को कौन देखेगा? वे फ्लॉप हो जाएंगी?
किन्तु क्या ये सत्य है ??
ऐसा नही है कि IPL के दौरान कभी बड़ी फिल्मे रिलीज नही हुई अथवा वे फ्लॉप रही। हाउसफुल, हाउसफुल 2, तनु वेड्स मनु, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, विकी डोनर जैसी दर्जनों बड़ी फिल्मे है, जो IPL के दौरान रिलीज भी हुई और सुपरहिट भी साबित हुई।
अतः ये तर्क खारिज हो जाता है..
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23 Sep
अभी अभी एक खबर पढ़ रहा था कि मुम्बई हाईकोर्ट ने शिवसेना को भी @KanganaTeam के आफिस में तोड़फोड़ के लिए बीएमसी के साथ पार्टी बना दिया है।
जितना मेरा ध्यान इस खबर पर गया उससे ज्यादा गया उस बेंच के एक जज के नाम पर। नाम है रियाज इकबाल छागला।
कुछ ठनका दिमाग में???
कुछ दिनों पहले हमारी शिक्षा नीति पर जब चर्चा हो रही थी तो एक बात सामने आई थी कि भारत के पहले पांच शिक्षा मंत्री मुसलमान थे। और इसमें 1963 से लेकर 1966 तक जो शिक्षा मंत्री थे उनका नाम था - - - - - - - -
मोहम्मद करीम छागला ।
ये मोहम्मद करीम छागला साहब 1947 से लेकर 1958 तक मुम्बई हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस रहे। इनके बेटे इकबाल छागला मुम्बई हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट हैं और इन्हीं इकबाल छागला के बेटे या मोहम्मद करीम छागला के पोते हैं - -
रियाज इकबाल छागला।
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