सोशल मीडिया पे हमसे पंगा मतलब होके नंगा बबुल के पेड पे चढ के उतरना
आपको प्रशांत किशोर नाम याद हैं!
जरा दिमाग पर जोर डालिये और मात्र साडे 7 साल पहले 2014 ऑगस्ट याद कीजिये जब @INCIndia ने @PrashantKishor को ठेका दिया था।
@RahulGandhi को राजनीति में चमकाने का!
प्रशांत ने 350 करोड़ में राहुल को राजनीति का सूरज बना देने का कॉन्ट्रॅक्ट साइन किया था।
ऑगस्ट के आखिर में प्रशांत किशोर ने बाकायदा SM पर एक ऍड निकाली थी कि जो लोग SM पर लिखने में एक्सपर्ट हैं वे उससे जुडे
और करीब 60 हजार लोगों की लिस्ट बनी थी। मुंबई में एक मीटिंग रखी गई और दूसरी बनारस में।
लगभग 5000 लोगों को छाँट कर एक आईटी सेल बनाई गई जो दिन रात inc को अपग्रेड करते थे !
.
दूसरा आपको "द वायर" याद हैं! जिसने अमित शाह के बेटे पर 300% मुनाफा कमाने का आरोप लगाया था
और रातों रात चर्चा में आई थी??
हालाकी 'द वायर' ने बाद में केजरीवाल की तरह माफी भी माँगी और कोर्ट में जुर्माना भी भरा था, लेकिन द वायर को चर्चा में आना था सो वह आ गई।
अब तीसरा हाल ही का –
"कैम्ब्रिज अनालिटिका" को याद कीजिये।
हजार करोड़ लेकर काँग्रेस से सरकार बनवाने काँट्रॅक्ट
इसी कंपनी ने लिया था।
ये केम्ब्रिज अमेरिकी कम्पनी हैं, जिसने ट्रम्प का प्रचार किया था और काँग्रेस ने इसी बेस पर इसे राहुल के लिये हजार करोड़ देकर यहाँ भारत मे एप्रोच किया!
अब प्रशांत किशोर ने काँग्रेस का साथ छोड़ दिया हैं लेकिन जाते जाते आईटी सेल दे गया।
उसकी बनाई आईटी सेल के हर व्यक्ति को बीस हजार से लेकर योग्यता अनुसार लाख से ऊपर तक महीने की पेमेंट दी जाती हैं। प्रशिक्षण देकर लाइव डिबेट के लिये तैयार किया जाता हैं। हर विषय को कैसे हैंडल करना हैं इसपर बाकायदा किताबे छपी हुई हैं।
और ये लोग दिनरात अपनी पगार बढ़ाने के चक्कर मे SM पर लगे हुए हैं जो आज भी जारी हैं और हर महीने inc सेकडो करोड़ पानी की तरह इनपर बहा रही है
'द वायर' जैसी हजारों वेबसाईट और ब्लॉग तेजीसे चल रहे हैं जिनका काम सिर्फ न्यूज लिंक क्रिएट करना हैं और वही न्यूज बनानी हैं जो IT सेल चाहती है
केम्ब्रिज ने इनसे दो कदम आगे बढ़कर वो फार्मूला आजमाया जो ये गोरे शुरू से आजमाते है
केम्ब्रिज ने 2014 के वोट टक्का और किस जगह से कितने आये, किस जाति से कितने आये इसकी डिटेल निकाली
और इन वोटों को तोड़ने की उसने बाकायदा आधिकारिक घोषणा की कि वह इस हिंदुत्व की एकता को ही तोड़ देंगे
'न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी'
प्रशांत किशोर से लेकर केंब्रिज के बीच और भी बहुत प्रयास हुए हैं!
अब इस गेम को समझिये कि कहाँ से आते हैं वो फोटोशॉप जो नफरत फैलाते हैं?
कैसे गलत न्यूज रातों रात वायरल हो जाती हैं?
कैसे मोदी के बयान को तोड़कर उसे गलत सिद्ध करने के लिये
तुरन्त लिंक न्यूज फैल जाते हैं?
कैसे अखबार की एडिट कटिंग तुरन्त मिल जाती हैं?
लेकिन बात यहीं तक नही हैं, ये मोदी विरोध के चक्कर मे कब देश का विरोध करने लगे इन्हें भी नही पता!
कब जातिवाद के चक्कर मे धर्म को गालियाँ देने लगे इन्हें भी नही पता हैं!
मोदी विरोध के चक्कर में ये भारत को ही गालियाँ देने लगे हैं।
IT सेल के हर व्यक्ति को मोदी विरोध का पैसा मिलता हैं जो जितना ज्यादा प्रभावी ढंग से विरोध करेगा उतना ही ज्यादा पैसा मिलेगा।
लेकिन इसका ये मतलब तो नही कि हमारी अक्ल घास चर रही हैं!
केवल 6 साल में इनका फैलाया जहर इस हद तक फैल गया कि दिमाग मे एक दूसरे के लिये सिर्फ नफरत को जगह हैं बाकी ब्लेंक !
याद रखिये 'अंध विरोध की काट अंधभक्त होना ही हैं' हमारे आपके जैसे अंधभक्तो ने प्रशांत किशोर, द वायर और केम्ब्रिज जैसो को घुटनों पर ला दिया है
तो ये नयी नवेली greta, दिशा,निकिता किस खेत मे उगती है,और ये जॉर्ज सोरोस हो या कोई और आगे भी कोई देशविरोधी होंगे तो उन्हें भी हम घुटनो पर ही लाएंगे।
जय हिंद
जय मा भारती
वंदे मातरम
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh
पंत कशाला?फक्त एकच जात दिसते काय?
राजेंचा सख्ख्या चुलता मंबाजी भोसले दिसत नाही काय?
अफजल च्या पोराला जावळी च्या जंगलातुन सहीसलामत बाहेर काढणारा खंडोजी खोपडे ची जात कुठली होती?
तो हाच अफजल चा पोर फाजल ज्याला खंडोजी ने जावळीतून सहीसलामत बाहेर काढले
सिद्दी जोहर वेढ्यातून निसटून जाताना वीर शिवा काशीद ह्यांनी ज्यावेळी शिवाजीराजे म्हणून मरण पत्करले त्यावेळेस वीर शिवा काशीद हा तोतया शिवाजी आहे अस्सल शिवाजी नाही हे ओळखणारा एकमेव फाजल होता.
खंडोजी ने जर फाजल ला जावळी तुन बाहेर काढले नसते तिथेच कापला असता तर पुढे गजापूरची खिंड
मराठ्यांच्या रक्ताच्या अभिषेकाने पावन झालीच नसती
तेवढा नरसंहार वाचला असता
अरे ते सोड आणखी 1 सांगतो
पन्हाळा सोडून ज्यावेळेस राजे विशाळगडावर निघाले त्यावेळी घोडखिंडीत 300 सैनिक बाजीप्रभूं व फुलाजी प्रभू ह्या पंतांनी ठेवून 300 मावळ्यांसहित राजेंना विशाळगडी जाण्याची प्रेमाची
संपूर्ण इस्लामी जगतात तब्बल 900 फिरके आहेत
त्यातील 150 फिरके भारतात आहेत
व त्यांच्यात रोटीबेटी व्यवहार सुद्धा होत नाहीत
हे सगळे फिरके (जाती)एकमेकांच्या खून के प्यासे आहेत
कारण हे सगळे स्वतःला मुस्लिम मानतात
आणि दुसऱ्याला गैरमुस्लिम मानतात आणि गैरमुस्लिम हा कुराण,हदीस मध्ये
सांगितल्याप्रमाणे वाजीब-उल-कत्ल असतो
सर्व जगात सुन्नी मुस्लिम प्राबल्य आहे
व त्या सुन्नी मध्येच सर्वात जास्त फिरके आहेत
जिथे दार-उल-इस्लाम आहे तिथे हे सगळे प्रकार स्पष्टपणे दिसतात म्हणून तर जगातील एकही
एकही दार-उल-इस्लाम देशात रक्ताचे पाट कायम वहात असतात.जिथे जिथे हे अल्पसंख्याक
आहेत म्हणजे दार-उल-हरब,तिथेच हे शांत रहातात
ह्याचे उद्दिष्ट एकच की आपली संख्या वाढवून त्या भागातील गैरमुस्लिम लोकांचा सफाया करणे आणि संपूर्ण इस्लामी शासन तयार झाले की स्वतःच स्वतःच्या धर्माच्या लोकांना जातीबाहेरचा (फिरका) गैरमुस्लिम घोषित करून संपवून टाकणे
मला माहिती असलेले काही
ये वामपंथी मीडिया हाउस भारत को बदनाम करने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ेंगे
सबसे पहले scroll.in पर खबर छपी कि दक्षिण आफ्रीका भारत से खरीदें 10 लाख वैक्सीन के डोज वापस कर रहा है क्योंकि यह नए स्ट्रेन पर काम नहीं कर रहा।
फिर @ndtv इसे अपनी खबर में काफी प्रमुखता दिया और देखते ही देखते हर एक वामपंथी मीडिया हाउस पर इस खबर को बगैर सत्यता जांचे ही चला दिया गया
फिर दक्षिण आफ्रीका के विदेश मंत्री ने जोहांसबर्ग में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि मुझे पता ही नहीं चला कि आखिर यह खबर कहां से चली और किसने इस
खबर को बिना सत्यता जाने चला दिया हम भारत की वैक्सीन को वापस नहीं कर रहे हैं सच्चाई यह है कि भारत द्वारा भारत से आई वैक्सीन एस्ट्रोजोनिका की वैक्सीन की तरह सभी स्ट्रेन पर काम कर रही है इतना ही नहीं भारत से आई वैक्सीन बुजुर्ग व्यक्तियों पर भी बेहद कारगर काम कर रही है और हमने
ह्याच उत्तराची वाट बघत होतो
परफेक्ट उत्तर
प्रकाश आंबेडकर लवकरच राज्यसभेचा खासदार होतोय की नाही ते बघा
आणि मनसे,वंचित,BJP युती होईल (कदाचित)
पण BJP स्वतःकरिता किमान 200 ते 225 जागा ठेवेल आणि बाकीच्यांना आश्वासन आणि त्या आश्वासनाच्या पूर्ततेला बिहारमध्ये जास्त जागा मिळवुन देखील
शब्द दिल्यामुळे बनलेले नितीशकुमार CM
हा पुरावा दिला जाईल
सेना,ncp, inc अशी युती होऊच शकत नाही
मी तर असेच म्हणेन की ह्याची बीजे 2012 ला सेनाप्रमुख गेले तेव्हापासूनच रोवली गेलीत
व शिक्कामोर्तब 14 च्या विधानसभा निवडणुकीत झाले जेव्हा वाकड्याने न मागता सपोर्ट दिला आणि सेना स्वतःहून
दूर जाऊ लागली
BJP, MNS, वंचित व इतर छोटे पक्ष अशी युती
होण्याचे चित्र सेनेला प्रकाश च्या रिसेन्ट वक्तव्यावरून दिसू लागलं असेलच पण आता परत येण्याची वेळ निघून गेलीय
आता फक्त आणि फक्त आत्मघात
किंवा सपशेल शरणागती
शरणागती ला कारणे ही बरीच आहेत
माझ्या बागेतील माझ्या"फार्म हाऊस" वर
जसे महाराष्ट्रात जेव्हा BJP ला 105 जागांवर समाधान मानावे लागले
भले युतीला जनादेश होता
पण 105 जागा असल्याने BJP काहीही केल्या सत्ता स्थापन करू शकत नाही हे जेव्हा कन्फर्म झाले तेव्हा सेनेने आपला रंग दाखवला व युती तोडली
आणि ज्यांच्यासोबत आजवर सेनाप्रमुखानी अंतर ठेवले त्यांच्याच
वळचणीला जाऊन सत्ता स्थापन केली
कारण सेनेला हे पक्के माहिती होते की भाजप NCP व INC च्या मदतीने सेनेला बाहेर ठेवून सत्ता स्थापन करू ही शकेल पण त्यांच्या अटीवर करणार नाही.स्वतःच्या अटीवर करेल ही सेनेने ठरवलेली खूणगाठ खरी ठरली.80 तासात bjp ,ncp सरकार कोसळले.
हे सगळे सेनेने का केले?
साहजिकच एकच उत्तर आहे की स्वतःचे अस्तित्व वाचवण्यासाठी
पण अस्तित्वाची लढाई लढताना ती संयुक्तिक असावी लागते,तात्विक तसेच तर्कशुद्ध बांधणीची असावी लागते हे सेनेच्या गावीही नव्हते आणि कधीही नसणार,कारण एवढी दूरची नजर असण्याची क्षमता सेनेकडे नव्हती आणि नाही
ती नजर असती तर सेनेने हा
टूलकिट वाली दिशा रवि का पूरा नाम "दिशा रवि जोसेफ" है
अर्थात् यह भी विदेशी चंदों पर पलने वाली धर्मान्तरण वाली ही है ।
अब इसके बचाव में गांधी परिवार , अर्बन नक्सली क्यों कूद पड़े हैं , ये सहज ही समझा जा सकता है।
मोदी सरकार ने सही पूँछ पर पैर रखा है ।
निकिता जैकब का भागना ,दिशा रवि का पूरा डेटा डिलीट करना ,रिंकू शर्मा पर न बोलने वालों का टूलकिट को डिफेंड करते हुए विधवा विलाप ,
ये सब बताता है कि चोट सही जगह लगी है ।
थोड़ा इंतजार कीजिए ,बहुत मजा आने वाला है ।
ग्रेटा थनबर्ग के साथ भारत की छवि आंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिगाड़ने
का षड्यंत्र रचने वाली दिशा रवि "जोसफ़"और निकिता "जेकब" के लिए वकील ढूंढ रहे हैं,एंटोनिया माइनो के दामाद राऊबर्ट "वाड्रा"
यदि टूलकिट में कोई राष्ट्र-विरोध नहीं था , तो थोड़ी ही देर में उसे डिलीट क्यों कर दिया ?
सफूरा प्रेग्नेंट है , इसलिए उसे जमानत दो ...