अभि 4 दिन पहले बंगाल मे इलेक्शन जीतके पॉवर मे आने के बाद @MamataOfficial के पार्टीके समर्थको का जो नंगा नाच और हिंसा,बलात्कार चल रहे है,उन सभी घटनाओ को पोलिटिकल पार्टी मॅटर का लेबल चिपकाके justified किया जा रहा है।
लेकिन बेवजह की गयी हिंसा किसिभी मायने मे जस्टीफाइड नही हो सकती।
ये तो सीधे हिंदू नरसंहार ही प्रतीत हो रहा है।
लेकिन हम लोग@narendramodi @BJP4India को क्रीटीसाइज कर रहे है,और तगडे जवाब की मनीषा कर रहे है ये सरासर गलत है।
थोडेसे अलग कोन से देखेंगे के इस हिंसा के पिछे कौन है तब सारी बात समझ मे आ जायेगी के मोदी सरकार ने धरने देने से
परहेज क्यू नही किया। सारा देश ताबडतोड जवाब देके बरखास्त करने की मांग कर रहा था और मोदी सरकार धरना दे रही थी। @MLAchandana_ @SuvenduWB जब बात समझ मे आयी तो मोदीजी की दूरदृष्टी और देश प्रति और देश के नागरिको के प्रति जो भाव दिखे उसके लिये मै खुद मोदीजी को फिर 1 बार salute करता हू।
बात कुछ ऐसी है।
कुछ महिने पहले EU और चायना के बीच "फ्री ट्रेड" वार्ता हुयी थी,उसमे चायना और EU आपस मे
फ्री ट्रेड से चलने वाले थे,अगर ये हो जाता तब चायना के हाथ मे लड्डू ही आनेवाले थे और हमारे हाथ मे धत्तुरा
कुछ दिन पहले से ही हमारे कुटनीती के चॅम्पियन विदेशमंत्री माननीय S जयशंकर
युरोप मे ही डेरा डाले है।
चायना जो शिंजियांग क्षेत्र मे उइघर मुसलमान के साथ अत्याचार कर रहा है,उसको मद्देनजर EU ने चायना के साथ "फ्री ट्रेड ऍग्रिमेंट"100 %cancle कर दिया है,और हमारे साथ "फ्री ट्रेड ऍग्रिमेंट" होनेवाला है।
अगर ये बात सच मे सत्य होती है तो क्या होगा?
ये कोरोना आज नही तो कल जाने ही वाला है,लेकिन हमारे देश की जो अर्थव्यवस्था है वो तो रहेगी।कोरोना जाने के बाद रहनेवाली जनसंख्या को खिलाने के लिये इकॉनॉमी बचनी तो चाहीये ना?
ये दौर ही ऐसा है के दूर की नजर से देखना पड रहा है,और मोदीजी वो सब जो देश के हित मे जो पर्याप्त कदम उठा रहे है
EU और भारत के बीच "फ्री ट्रेड ऍग्रिमेंट" ना हो
इसी और इसिलीये ही ये हिंसा का षडयंत्र चायना और देश के विपक्षी पार्टीयो ने रचा गया है।
अगर मोदीजी हमारे दबाव बनाने पर 5 दिन पहले लोकतांत्रिक तरिकेसे चुनी गयी पूर्ण बहुमत के सरकार को बरखास्त कर देते तो चायना और विपक्षी लोगोंके सारे
सपने सच हो जाते और ये सारे मोदी विरोधी 1 होके
लोकतंत्र के खतम होने की बात पुरे विश्व मे फैला देते
हमारे यहा के कुछ रॉय जैसे पत्रकारो ने ये भी फैलाया है के भारत मे कोरोना का आड मे मुस्लिम नरसंहार हो रहा है।वॅक्सिंन देने के नाम से सरकार मुस्लिमो को नपुंसक बना रही है।
चायना किसीभी
किंमत पे EU और भारत फ्री ट्रेड ऍग्रिमेंट लागू होने देना नही चाहता,उसके लिये वो हर जो हथखंडा अपना के देखेगा। ह्युमन राइट के मामले से ही चायना,EU ऍग्रिमेंट कॅन्सल हुआ,भारत मे भी ह्युमन राइट (मुस्लिम)का मुद्दा उठाने की पुरजोर कोशीष की जा रही है,और मोदीजी के नाक पे बैठी मख्खी हिलने
का नाम तक नही ले रही है।
और बात बताता हू,दुनिया की नजर मे ह्युमन राइट के मामले मे हिंदू कही से भी नही आते, अपने ह्युमन राइट की बात मत करना।
अगले कुछ सालो मे हिंदू ह्युमन राइट की भी बात विश्वपटल पे आयेगी,इसके लिये तो ये देश रहना चाहीये,देश का हिंदू बहुसंख्य रहना चाहीये ना?
इसिलीये मोदीजी जरुरी है।
वो सही वक्त पे अपना मास्टर स्ट्रोक खेलेंगे।तबतक बलिदान होते रहेंगे।देश को ब्रिटिशोसे आजाद करने के लिये कई गुमनाम क्रांतिकारकोने इस मिट्टी को अपने लहू से सिंचा है।
अब वक्त है 70 साल से देश मे पनपी देशविरोधी वामी मानसिकता से छुटकारा लेने का
बलिदान तो देना
ही पडेगा और आत्मरक्षा के लिये सामने से लहू बहाना ही पडेगा,हमको तैय्यार रहना ही पडेगा।
बंगाली बलिदान से राज्यसभा मे बहुमत हो गया है।
देशहित मे लिये गये फैसले को कोई आंतरराष्ट्रीय दबाव झुका नही सकता,और मोदीजी झुकनेवाले नही।सही वक्त पे सिक्सर लगेगा और ये तमाम वामी,देशद्रोही विपक्षी
और पत्रकारो की खटीया खडी की जायेगी इसका ईत्मिनान रखीये,लेकिन थोडा बहोत दबाव बनाने का हमारा काम तो बनता ही है।
जय हिंद
जय मा भारती
वंदे मातरम
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमी
• • •
Missing some Tweet in this thread? You can try to
force a refresh
बंगाल मे president rule का सीधा मतलब कश्मीर हमेशा के लिए खो देना और भाजपा हमेशा के लिए खत्म हो जाना ...
भारत मे वर्तमान राजनीति और सत्ता पाने की जद्दोजहद सत्ता न मिलने के बीच दुश्मन मोदी
तो कैसे निपटाने की चाहत के चक्कर मे भारत की
ही दुश्मन बनी कांग्रेस और विपक्ष 🙏
महत्वपूर्ण सूचनाओं पर आधारित कुछ तथ्य
मित्रो चुनाव 2019 लोकसभा और उससे पहले मोदी पर हमले के लिए राफेल का सौदा जो भारत की सुरक्षा के लिए अतिआवश्यक लेकिन राफेल के सौदे को हर कीमत पर रद्द करने पर तुली कांग्रेस ने 2019 के चुनाव को राफेल के इर्दगिर्द रखा और नारा दिया चौकीदार चोर है
नारा मीडिया में खूब चला मोदी की साख इतनी ज्यादा थी कि जनता के बडे वर्ग ने इसे नाकारा और मोदी बडी संख्या लेकर संसद पहुंचे और अमित शाह बने HM और फिर दोर शुरू हुआ ताबडतोड फैसले लेने का क्यों कि मोदी अमित शाह को HM बनाकर आंतरिक सुरक्षा से चिंता मुक्त थे इसी सब फैसले
मेरा अनुरोध है कि राजनीति और पूर्वाग्रहों से ग्रसित हुए बिना कालक्रम के घटनाक्रम पर विचार करें
1फेब्रुवारी 2021 तक सब कुछ शानदार लगने लगा था, मॉल्स , शॉपिंग सेंटर, स्कूल दुबारा खुल
गये थे और ज़िन्दगी धीरे धीरे सामान्य होने लगी थी।
भारतीय वैक्सीन के चर्चे दुनिया में होने लगे थे और 87 देशों में इसका निर्यात हुआ। वास्तव में हमारी वैक्सीन विश्व बाजार मे चीन से स्पर्धा में थी और हमारी वैक्सीन को ज्यादा पसंद किया जाने लगा
किसानों का आंदोलन करीब करीब समाप्त हुआ था और किसी प्रकार का बड़ा विरोध दिखाई नही दे रहा था
फेब्रुवारी के अंत तक भारत चीन वाद कुछ मुद्दे छोडके बातचीत द्वारा लगभग हल हो गया था
मार्च मे देश के रक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनियों और रक्षा मंत्रालय में बड़े सौदों पर साइन हुए
7एप्रिल को बड़ा माओवादी आक्रमण हुआ,दिल्ली में एक बड़ी मीटिंग बुलाई गई जिसमें नक्षल पॉलिसी पर पुनर्विचार
रुक जाओ दीपक जी 1 वाक्या सुनाता हू
फिर सोच् लेना के ऐसे काँग्रेसी से क्या अपेक्षा रख सकते है?गुलामो की बात नही कर रहा हू,गुलाम हमेशा तलवे ही चाटेगा।हम तो भक्त है,और जिसकी भक्ती करते है,उसको सवाल भी करारा ठोकते है।
बात 1991 की है तब चंद्रशेखर जी देश के प्रधानमंत्री हुआ
करते थे। चंद्रशेखर की सरकार मात्र 60 सांसदों की सरकार थी जिसे बाहर से काँग्रेस पार्टी का समर्थन प्राप्त था। चंद्रशेखर ने 10/11/1990 को PM पद की शपथ ली थी।
पर जैसा कि @INCIndia हमेशा से करती आई है, 4महीने बाद ही राजीव गांधी ने चंद्रशेखर की सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
चंद्रशेखर के पास पद से त्यागपत्र देने के अलावा और कोई चारा नहीं था। 6/3/1991 को उन्होंने अपने करीबी साथियों के साथ गुड़गांव के भोंडसी आश्रम में बैठक की जिसमें यह तय किया गया कि चंद्रशेखर राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति श्री आर.वेंकटरमन को अपना त्यागपत्र सौंप देंगे।
यदि वर्तमान समय मे @INCIndia सरकार होती और @RahulGandhi देश के PM होते तो हमारे देश में कोरोना से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं होती. इस बीमारी में लगने वाले इंजेक्शन की पेटियां हर मोहल्ले में रखी रहती. ऑक्सीजन की तो बात ही मत पूछो इतना उत्पादन होता कि वेस्टेज ऑक्सीजन को समुद्र में
बहा दिया जाता.हर गाँव में एक AIIMS होता और डॉक्टर की तो पूछो ही मत आधे डॉक्टर और नर्स तो फ्री ही बैठे रहते. हर कोरोना मरीज ठीक होने के बाद जब अपने घर जाता तो उसे BMW कार से घर तक छुड़वाने की व्यवस्था होती और उसे मोटी रकम का चेक दिया जाता.
पूरे देश में चारों ओर खुशियां ही खुशियां होती और तो और देश के हर घर के आंगन में मोर नाचते.
बस यहीं तक मैंने देखा और मेरी नींद खुल गयी
अब इसके आगे कल फिर देखूँगा.
मला
कोरोना संकटातून देशाला तसेच जनतेला पैलतीरावर न्यायचंय
कोरोना काळातही देशाची अर्थव्यवस्था मजबूत ठेवायचीय
देशाला गृहयुद्धापासूनही वाचवायचेय
देशाला विश्वगुरूचा दर्जा पुन्हा मिळवून द्यायचाय
देशद्रोही विपक्षी व पत्रकार लोकांना जोडीला घेऊन केले जाणारे आंतरराष्ट्रीय कारस्थानाला
चारी मुंड्या चीत करून देशाची अर्थव्यवस्था 5 ट्रीलीयन ला घेऊन जायचीय
मला जाणीव आहे की देशात 70 वर्षे सत्ता राबवून माझ्या धर्माची,आस्थेची सातत्याने गळचेपी करून
वेगळाच निगेटिव्ह नेरेटिव्ह माझ्या धर्माबद्दल येणाऱ्या पिढीला पुरवून माझ्याच धर्माची पिढी नको तितकी सेक्युलर करून ठेवलीय
जर मी कायदेशीर भूमिका न घेता कडक भूमिका घेऊन सर्व देशद्रोही मंडळींना पिंजऱ्यात टाकले तर देशाची जनता नक्कीच मोकळा श्वास घेईल ह्याची मला खात्री आहे,पण मी काहीच केले नाही तरीही आज नाहीतर उद्या हा देश गृहयुद्धाकडे नक्कीच जाणारेय,पण त्यावेळेस 18%शी मुकाबला नसेल
माझ्या धर्मबांधवाना
*बंगाल हिंसा में देखा किसी ने कि वहाँ के हिंदुओं को उनकी जाति पूछकर मारा, वहाँ की महिलाओं के साथ जाति पूछकर बलात्कार किया?*
*नहीं ना..!*
*तो आपकी जाति क्या काम की? अगर आपकी जाति से आपको ही लाभ नहीं है..।*
*इसलिए कहते हैं हिंदू बनो।*
मेरे जैसे कुछ लोग चाहते है कि @narendramodi जी भी कांग्रेस की तरह तानाशाह बन जाएं और देश को गृह युद्ध की आग में झोंक दे!
परंतु वास्तविकता ये है की हम गृह युद्ध की विभीषिका झेलने को तैयार ही नहीं है!
दिल्ली देखिए, बंगाल देखिए! क्या हुआ वहां ?
क्या हम अपनी रक्षा स्वयं करने में सक्षम नहीं है!
अरे हम एकजुट भी नहीं है!
हमारी बहुत बड़ी आबादी उन्मादी भीड़ व चंद गुंडों का मुकाबला तक नहीं कर सकती! हम भागते है, हम छिपते है! मदद की गुहार लगाते है!
यही तो हो रहा है!
कैराना वाले हिन्दुओ पोस्ट पढ़ रहे हो तो बताना