#BanAnoopMandal
जागो जैनियो अब तो जागो यह स्थान राता महावीर जी के पास आदिवासी इलाकों का है जहाँ पर कल रात्रि में इन आदिवासियों द्वारा आधी रात को यह जुलूस निकाला गया और जैन धर्म और जिनशाशन को जम कर शर्मनाक किया गया हमारे साधु संतों का पुतला जलाया गया जब प्रदेश में धारा 144 …
लगी हुई है फिर इतने व्यक्ति कैसे इक्कठे हो गए यह सोचनीय बात है और हम सिर्फ ज्ञापन देने जाते हैं तो 20 आदमियों को इक्कठे होने में हमे जोर आता है विचार करे सोचे मंथन करे अब तो ये पंथ वाद छोड़ दो और सब एक होकर हमारा शक्ति प्रदर्शन कर जिनशाशन का अपमान करने वाले ऐसे व्यक्तियों से…
लड़ाई लड़ने में सहयोग प्रदान करे 🙏🏻🙏🏻👏🏻👏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
पूरे देश की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है जैन समाज चाहे राजनीतिक दबाव हो या फिर इन से आमने सामने की टक्कर हम सब कुछ करने में समर्थ है फिर क्यों नहीं इनकी बेबाक और अवंचनीय हरकतों को हम रोक पा रहे हैं कल्पेश सिंघवी जैसे व्यक्तियों…
को खुले आम जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं हमारे आचाय विमल सागर जी महाराज जिन्होंने पूरी निडरता और पूरे मर्द रूप में इनकी सच्चाई उजागर की उनको गिरफ्तार करने की मांग की जा रही है इस से बड़ी हमारे लिए और क्या शर्मनाक बात और घटना होगी सोचिये विचार करीये कब तक हाथो में चुडिया…
#Jainism गोवा और कोंकण में जैन धर्म #Jainism_In_Goa
सप्तकोंकण का क्षेत्र कभी जैन धर्म का गढ़ और जैन बहुल क्षेत्र था। कदंब, चालुक्य, राष्ट्रकूट, यादव और शिलाहार जैसे जैन राजवंशों ने इस क्षेत्र पर शासन किया। जैन ग्रंथों में इस क्षेत्र के विभिन्न राजाओं के नामों का उल्लेख मिलता है…
जो जैन धर्म के महान श्रावक थे। प्राचीन जैन ग्रंथों में एक प्राचीन रत्न बहुत क्षेत्र का उल्लेख किया गया है जिसमें एक महान जैन राजा द्वारा नियंत्रित एक बड़ी हीरे की खान शामिल है।
गोवा और कोंकण की जैन जातियां जो आज धर्मान्तरित हो चुकी है
1.शेणवी गौडा/गौड़…
सारस्वत ब्राह्मण -भूस्वामी/व्यापारी समुदाय। यह सोंदा जैन मठ में अकलंक देव और उनके गुरुपीठ के अनुयायी थे। इस क्षेत्र के पारंपरिक अभिजात वर्ग और व्यापारी वर्ग होने के नाते इन्होने राष्ट्रकूट, शिलाहार और यादव जैसे जैन राजवंशों के राज्यकाल में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसा माना…
1----गौतम गणधर ----35 चरण है
24 तीर्थंकरो के व 10 पारसनाथ भगवान के गणधर के सफेद वर्ण के है व गौतम गणधर के श्याम वर्ण के है
विशेषता इस कूट की विशेषता है कि यह स्थान पर्वत पर समतल भूमि पर है
इस कूट से एक साथ 9 टोंक के दर्शन और
होते है
पॉच टोंक दायी और व चार टोंक बाई और है
2----इस टोंक पर 35 चरण बने है
जिनमे 34श्वेत वर्ण के व एक श्याम वर्ण के है
2----कुंथुनाथ जी ---ज्ञानधर कूट ----श्याम वर्ण के चरण है
3---नमि नाथ जी ------मित्रधर कूट
शंयाम वर्ण के चरण है ----
4----अरहनाथ जी ----नाटक कूट ---
श्याम वर्ण के चरण है
इस कूट से एक कम एक अरब मुनि मोक्ष गये !
5----मल्लिनाथ जी ----संवल कूट। श्याम वर्ण के चरण है
इस कूट से 96करोड़ मुनि मोक्ष गये
6----श्रेयांस नाथ जी -----संकुल कूट --श्याम वर्ण के चरण
7----सुविध नाथ जी (पुष्पदंत जी) ------सुप्रभ कूट ---सफेद वर्ण के चरण