आज मैने देखा कि कई लोग इस ⬇️ट्रेंड पे #ArrestBhimArmyWorker ट्वीट नही कर रहे थे।जबकि कई लोग #Active थे।फर्जी की ट्वीट कर रहे थे।
यह ट्रेंड इसलिय किया गया था कि एक भीम आर्मी के कार्यकर्ता ने
2):-ब्राह्मण और ठाकुर की बहन बिटियो को गलत बोला था और उनके साथ गलत करने को बोला था
कुछ लोग इस ट्रेंड पे इसलिय नही आये
क्योंकि उनको लगा कि ये ट्रेंड ब्राह्मण के लिय चलाया गया था
कई राजपुतो ने इस ट्रेंड पे सहयोग किया जबकि कई ने नही किये।जिसने किया उन्होंने इंसान होने का फर्ज निभाया
3):- मै it सेल के दलालों की बात करके टाइम खराब नही करूँगा।
यहाँ कई राजपूत और ब्राह्मण आपस मे गाली गलौच करते है।
इनमें तो कुछ पार्टी के होते है,
कुछ it सेल के और कुछ संगठन के।
जिनका मकसद मुद्दों से ध्यान भटकाना है।
आपस मे लड़ना है!ऐसे लोग किसी काम के नही है।
ऐसे लोगो से दूर रहो
4):- जो राजपूत समाज से है वो अपने समाज की बात रखने के लिय स्वतन्त्र है
और जो ब्राह्मण समाज से है
ब्राह्मणो की बात रखने के स्वतंत्र है।और रखना चाहिए।नाकि लड़ना और गाली गलौच करना
कुछ ही लोग है जो गंदगी मचाये है उन सबको ब्लॉक मारो।ना देखेंगे और ना उलझेंगे आपस मे।ये किसी काम के नही
5):- ब्राह्मणो और राजपूतो को सवर्ण एकता नही रखनी तो मत रखो।फर्जी एकता का मतलब नही
जो खुद के हक के लिय नही लड़ सकता है
गलत का विरोध नही करता है
दुसरो की कठपुतली बनकर नाचते रहो
अंत मे पार्टिया, संघठन और तुम्हारे नेता तुम्हे बेच देंगे चुनावो में
और तुम्हे SCST एक्ट के लिय छोड़ देंगे
🙏🏻*बुद्धि और भाग्य*
🙏🙏
एक बार बुद्धि और भाग्य में झगड़ा हुआ। बुद्धि ने कहा, मेरी शक्ति अधिक है। मैं जिसे चाहूँ सुखी कर दूँ। मेरे बिना कोई बड़ा नहीं हो सकता।’’ भाग्य ने कहा, मेरी शक्ति अधिक है। मैं तेरे बिना काम कर सकता हूँ। तू मेरे बिना काम नहीं कर सकती।’’
२)इस तरह दोनों ने अपनी-अपनी तरफ की दलीलें जोर-शोर से दीं।जब झगड़ा दलीलों से समाप्त न हुआ तो बुद्धिने भाग्यसे कहा कि यदि तुम उस गड़रिए को जो जंगल में भेड़ें चरारहा है,मेरी सहायता केबिना राजा बना दोतो समझूँ कि तुमबड़े हो।यह सुनकर भाग्य ने उसके राजा बनाने का यत्न करना आरंभ कर दिया।
३)उसने एक बहुत कीमती खड़ाऊँ की जोड़ी, जिसमें लाखों रुपए के नग लगे थे, लाकर गड़रिए के सामने रख दी। गड़रिया उनको पहनकर चलने फिरने लगा। फिर भाग्य ने एक व्यापारी को वहाँ पहुँचा दिया।
व्यापारी उन खड़ाउँओं को देखकर विस्मित हो गया। उसने गड़रिए से कहा। तुम ये खड़ाऊँ बेच दो।’
#सनातन_धर्म
जिस बातों का शाश्वत महत्व हो वही सनातन कही गई है, जैसे सत्य सनातन है, ईश्वर ही सत्य है, आत्मा ही सत्य है, मोक्ष ही सत्य है और इस सत्य के मार्ग को बताने वाला धर्म ही सनातन धर्म भी सत्य है, वह सत्य जो अनादि काल से चला आ रहा है और जिसका कभी भी अंत नहीं होगा वह ही
(2)सनातन या शाश्वत है, जिनका न प्रारंभ है और जिनका न अंत है उस सत्य को ही सनातन कहते हैं, यही सनातन धर्म का सत्य है।
वैदिक या हिंदू धर्म को इसलिये सनातन धर्म कहा जाता है क्योंकि यही एकमात्र धर्म है जो ईश्वर, आत्मा और मोक्ष को तत्व और ध्यान से जानने का मार्ग बताता है,
(3)आप ऐसा भी कह सकते हो कि मोक्ष का कांसेप्ट इसी धर्म की देन हैं। एकनिष्ठता, योग, ध्यान, मौन और तप सहित यम-नियम के अभ्यास और जागरण मोक्ष का मार्ग है, अन्य कोई मोक्ष का मार्ग नहीं है, मोक्ष से ही आत्मज्ञान और ईश्वर का ज्ञान होता है, यही सनातन धर्म का सत्य है।